मार्केट में सस्ते दामों पर मिर्ची बेचने को मजबूर किसान
एक्सपोर्ट पूरी तरह
से ठप्प
नवसारी। कोरोना का असर अब विदेश के साथ व्यापार पर भी दिखने लगा है। मरोली से अरब देशों में निर्यात की जाने होने वाली इगल मिर्ची पर इन दिनों कोरोना वायरस का ग्रहण लग गया है। मिर्ची एक्सपोर्ट बंद होने के बाद इस इलाके के किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। परिस्थिति यही रही तो उनकी हालत पतली हो जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार
मरोली इलाके के नडोद, अरथान, परुंजन, डालकी सहित अन्य गांवों में इगल मिर्ची का बड़े पैमाने पर फसल की जाती है। इस इलाके में लगभग 50 बीघा जमीन में इगल मिर्ची का उत्पादन किया जाता है। यहां की इगल मिर्ची दुबई सहित अरब देशों में एक्सपोर्ट होती थी। लेकिन इन दिनों कोरोना वायरस के चलते यहां की इगल मिर्ची का एक्सपोर्ट बंद हो गया है। इसका सीधा नुकसान यहां के किसानो को हो रहा है।
किसानों के अनुसार एक बीघा जमीन में एक फसल में 100 मन तक फसल का उत्पादन होता है। इस तरह इस इलाके में अंदाजन 6000 मन मिर्ची का उत्पादन होता है। दो सप्ताह मिर्ची निकाली जाती है। यहां की मिर्ची बीते कुछ वर्षो से एक्सपोर्ट हो रही है जबकि 6 मार्च से कोरोना वायरस के चलते एक्सपोर्ट होना पूरी तरह ठप्प हो गया है। जिसके चलते किसानों को स्थानीय मार्केट में ही कम दामों में मिर्ची को बेचा जा रहा है। यहां की इगल मिर्ची का उत्पादन अप्रैल अंत तक होता है। इसलिए अप्रैल तक होने वाले उत्पादन और इसकी स्थानीय मार्केट में कम दामों में होने वाली बिक्री के चलते किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
आधे से भी कम कीमत पर बेच रहे
एक किसान ने बताया कि हमारे इलाके की मिर्ची के लिए हमें 20 किलो के 800 रुपए भाव एक्सपोर्ट में मिलते है। लेकिन वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण एक्सपोर्ट पूरी तरह बंद हो गया है। इसलिए घरेलू मार्केट में ही मिर्ची को बेचा जा रहा है। यहां पर 400 रुपए के दाम में मिर्ची बेची जा रही है। इस दाम में मिर्ची पर होने वाला खर्च निकलना भी मुश्किल हो गया है।