कोरोना के कारण सूरत के कपड़ा उद्योग को तीन हजार करोड़ की खोट

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300 ट्रक पार्सल के स्थान पर बीते 20 दिन से जा रहे सिर्फ 100 ट्र्क

सूरत
कोरोना वायरस ने सूरत के कपड़ा उद्योग को अंदाजऩ तीन हज़ार करोड़ रुपये का नुक सान पहुँचाया है। बीते दिनों में मंदी के कारण परेशान कपड़ा उद्यमियों को लग्नसरा से अच्छे व्यापार की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कह सकता है कि लगभग तरह का पूरा व्यापार कोरोना की भेंट चढ़ गया। कपड़ा व्यापारियों को जितने व्यापार की उम्मीद थी। उसका 25 प्रतिशत व्यापार भी नहीं हो पाया है । कपड़ा बाजार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सामान्य तौर पर सूरत के कपड़ा बाज़ार में फरवरी से लेके मार्च तक साड़ी और ड्रेस दोनों में ही तगड़ा व्यापार होता है , लेकिन इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है । भारत में कोरोना के एंट्री फरवरी के अंत में हुई थी। इसके बाद देखते देखते ही यह रोग देश भर में कई राज्यों में फैल गया। । 7 मार्च के बाद से ही कपड़ा बाज़ार का व्यापार प्रभावित होने लगा था। डऱ के मारे लोगों ने आयोजन रद्द कर दिए और खरीद कम कर दी। इसका असर पडऩे लगा। कपडा व्यापारी बताते हैं कि जिन राज्यों में साड़ी और ड्रेस के लिए अच्छा व्यापार रहता था , वहाँ भी इन दिनों 25 प्रतिशत से भी कम आर्डर बुक कराए हैं ।
लग्नसरा के साथ रमजान और रक्षाबंधन की खरीद पर भी संशय
कपड़ा व्यापारी रंगनाथ शारड़ा ने बताया कि कपड़ा बाज़ार में सामान्य तौर पर 100 ट्र्क पार्सल अन्य राज्यों के लिए रवाना होते हैं, और लग्नसरा के दिनों में लगभग ढाई सौ से तीन पार्सल अन्य राज्यों के लिए रवाना होते हैं। कोरोना के कारण देश के कई हिस्सों मे शट-डाउन के परिस्थिति होने और बाज़ार बंद होने के कारण वहाँ व्यापार बिलकुल घट गया है । परिस्थिति यह है कि लग्नसरा होने के बावजूद इन दिनों अन्य राज्यों के लिए 100 ट्रक पार्सल ही निकल रहें हैं। कई व्यापारियों ने जिन्होने की चीन में कोरोना के कारण वहाँ का कपड़ा नही आएगा और यहां व्यापार बढ़ेगा यह सोचकर बड़े पैमाने पर उत्पादन कर राखा था उनका माल तो बिका नहीं साथ में पूँजी भी फँस गई। इसके अलावा लग्नसरा के के बाद रमज़ान रक्षाबंधन आदि की तैयारी भी शुरू कर दिए थे ।अब उन्हें ऐसा लग रहा है कि कोरोना के कारण आने वाले वह सब फ्लॉप हो जाएगा।
प्रतिदिन होता था दो करोड़ मीटर का व्यापार
लक्ष्मीपति ग्रुप के मैनेजिग डायरेक्टर संजय सरावगी ने बताया कि सूरत से प्रतिदिन दो करोड़ मीटर कपड़ों का कारोबार होता था, जो कि गत एक महीने से नहीं के बराबर हो गया है। एक महीने से यही हाल है। रिटेल मार्केट में व्यापार नहीं होने से आर्डर नहीं मिल रहा। सूरत के व्यापारियों की पूँजी फँस गई है। अन्य राज्यों से पैमेन्ट नहीं आ रहा। कोरोना के कारण व्यापारियों को बड़े पैमाने पर माल का स्टॉक करना पड रहा है। कई स्थानों पर उत्पादन बंद है।
व्यापारियों का मानना है कि कोरोना के कारण छ महीने का व्यापार चौपट हो गया है। एक अंदाज के अनुसार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष मिलाकर यह खोट तीन हज़ार करोड़ के आसपास होने का अनुमान कारोबारी लगा रहे हैं।