सूरत
कोरोना के कारण शहर के कपड़ा उद्योग की कमर टूट गई है । पहले से ही कपड़ा उद्योग मंदी से जूझ रहा था। ऐसे में कोरोना के कारण लगभग एक महीने तक कारख़ाने बंद रहने के कारण पूरे बाज़ार में आर्थिक संकट छा गया है। कपडा उद्यमी चाहते हैं कि, ऐसे बुरे समय में सरकार उनकी मदद करे ।कपड़ा उद्यमियों ने राज्य सरकार से उनकी सब्सिडी की रक़म जल्द ही देने की गुहार लगायी है ।
साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार से कैपिटल सब्सिडी और इंटरेस्ट सब्सिडी सहित अन्य कई सब्सिडी जो कि पिछले लंबे समय से सरकार के पास फँसी है ।वह इन दिनों देने की माँग की है ।कपड़ा उद्यमी कमल विजय तुलस्यान ने बताया कि कोरोना के कारण कारख़ाने लूम्स, ड्राइंग प्रोसेसिंग यूनिट और एम्ब्रॉयडरी कारखाने आदि सभी कुछ बंद हो गए हैं ।अन्य राज्यों के श्रमिक भी पलायन कर गए हैं ।कोरोना के बाद उधोगों की परिस्थिति और गंभीर हो सकती है ।ऐसे में कपड़ा उद्योग के लिए विकट समय आ रहा है ।यदि सरकार मदद करें तो हम संकट से उबर सकते हैं ।
राज्य सरकार के पास हमारे कैपिटल और इंटरेस्ट सब्सिडी के अदाजन १००० करोड़ रुपया से अधिक की राशि जमा पड़ी है हम चाहते हैं कि यदि सरकार हमारी सब्सिडीजल्द ही दें तो वह रुपया बाज़ार में आएंगे और लिक्विडिटी बढ़ेगी ।कपड़ा उद्योग को तो लाभ होगा ही साथ में पूरे व्यापार जगत को इसका लाभ मिलेगा ।
इस सिलसिले में साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने गुरुवार को गुजरात सरकार को पत्र लिखकर गुहार लगायी है। उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण कई दिनों तक कारख़ाने बंद रहने के बाद जब कारख़ाने शुरू होंगे तो भी उनके साथ रहे श्रमिकों के और नए ऑर्डर कहाँ से लाएँ इसके समस्या आ सकती है।
बताया जा रहा है कि सूरत के कपड़ा उधोग में काम करनेवाले ज़्यादातर श्रमिक अनिता राज्यों से है जो कि इन दिनों कोरोना से डर के कारण वतन चले गए हैं अब वह दो महीना बाद ही लौटें ऐसी आशंका है।