सूरत
दिल्ली के निज़ामुद्दीन में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में देशभर से लोग पहुँचे थे। मध्य प्रदेश से 107, हैदराबाद के 186 तथा यूपी से मरकज जाने वाले 157 लोग शामिल हुए थे। उनमें से 95% को ट्रेस कर लिया गया है।
सभी राज्यों ने दिल्ली प्रशासन से उनके राज्यों से कितने लोग गए थे इसकी जानकारी माँगी है।राजस्थान ने भी उन लोगों की लिस्ट मंगवाई है, जो मरकज में शामिल हुए थे। हालांकि, राज्य सरकार के पास अभी यह जानकारी नहीं है कि कितने लोग यहां से मरकज में गए थे।
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के चलते देश भर में लगाए गए लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए धार्मिक सम्मेलन आयोजित किये जाने पर आयोजनकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं, मरकज को सील कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
सरकार का कहना है कि 21 मार्च तक हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1 हजार 746 लोग ठहरे हुए थे। इनमें 216 विदेशी और 1530 भारतीय थे।
मरकज के कार्यक्रम के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में 824 विदेशी 21 मार्च तक तब्लीगी की गतिविधियों में शामिल थे। राज्यों की पुलिस को देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद 824 विदेशियों की जानकारी दे दी गई थी, ताकि उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग और क्वारैंटाइन के इंतजाम किए जा सकें।
इसके बाद 28 मार्च को सभी राज्यों को भारतीय तब्लीगी जमात के लोगों की जानकारी इकठ्ठा करने की सलाह दी गई थी, ताकि उन्हें जांच के बाद क्वारैंटाइन किया जाए।
मरकज में शामिल होने के लिए करीब 2100 विदेशी पहुंचे। इनमें श्रीलंका, बांग्लादेश इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, नेपाल, म्यांमार, और किर्गिस्तान के लोग शामिल हैं।
अब तक मरकज में शामिल होने वाले लगभग 2100लोगों की मेडिकल जांच की जा चुकी है। 1340 लोगों को में क्वारैंटाइन किया गया है। लगभग 280 में कोरोना के लक्षण पाए गए थे, जिन्हें दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया है। उल्लेखनीय है कि यहाँ पर कई राज्यों के लोग होने के कारण कई राज्यों पर कोरोना का ख़तरा मंडराने लगा है।
अब तक मरकज से 1500 लोगों को निकाला जा चुका है।