सूरत
लॉकडाउन 3 के दौरान धीरे धीरे कुछ औघोगिक इकाइयों को कड़ी शर्ते रखकर कारखाना शुरू करने की अनुमति दी जा रही है। दो दिन पहले सचिन जीआईडीसी में कलक्टर की मंज़ूरी के बाद कुछ कारख़ाने शुरू हुए थे। इसके बाद अब अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट में कुछ लूम्स कारखाना शुरू होने की जानकारी सामने आ रही है।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत से लगभग 20 किलोमीटर दूर अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट में लगभग 20 लूम्स यूनिट शुरू की गईं। कारखाना संचालकों में दो दिन पहले कलेक्टर को सौंपकर इकाइयों को शुरू करने का आग्रह किया था।
अंजनी एस्टेट में और इसके आसपास कई औद्योगिक क्षेत्र हैं। यह क्षेत्र बड़ी संख्या में अन्य राज्यों कारीगरों के है। जो लोग अपने घर वापस नहीं जा सके। वीवर्स का कहना है कि उनके लिए रोजगार प्रदान करने के लिए विभिन्न इकाइयाँ शुरू की गई हैं।
अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट के वीवर विजय मांगुकिया में बताया कि कलक्टर और ज़िला उधोग केन्द्र से मंज़ूरी लेने के बाद अब से वहाँ पर लगभग २० लूम्स कारख़ाने शुरू हो चुके है। यहाँ पर अंदाज़न १००० लूम्स यूनिट है।
रेडजॉन के बाहर 585 यूनिट शुरू करने की ईजाजत मिली!!
सूरत के लोगों के लिए अच्छी खबर है।लॉकडाउन के कारण पचास दिन से अधिक दिनों तक कारख़ाने बंद रहने के बाद ज़िला उधोग केन्द्र के डिप्टी कमिश्नर के मंज़ूरी के बाद 485 यूनिट फिर से शुरू हो गए। इन्हें कई शर्तों के साथ मंज़ूरी दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी कमिश्नर ने सूरत के रेडजॉन के अलावा 585 इकाइयों को खोलने की अनुमति दी है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सचिन ने जीआईडीसी के पूर्व सचिव मयूर गोलवाला ने कहा कि जीआईडीसी में 185 इकाइयां चालू हैं। इसमें 20 लूम्स इकाइयां भी शामिल हैं। 15 मई को, सूरत जिले में 585 इकाइयाँ शुरू की गई हैं। यह यूनिट शुरू हो जाने से श्रमिकों के पलायन पर रोक लगेगा।
सचिन जीआईडीसी में मांगी गई 419 इकाइयों में से 185, पांडेसरा में 12 में से 11, इच्छापोर -भाटपोर में 61 में से 42, सूरत अेपेरल पार्क में 8 में से 6, हजीरा में 26 में से 17, बारडोली में 6 में से 6, ओलपाड में 8 में से 8 और सचिन सेज में 45 में से 35 इकाइयां चालू हैं। इन सभी इकाइयों में कुल 17,840 कर्मचारी काम कर रहे हैं।