यूपी से मरकज़ में पहुँचे थे 155 लोग, 90 प्रतिशत से अधिक ट्रेस

सूरत
दिल्ली के निज़ामुद्दीन में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में देशभर से लोग पहुँचे थे। मध्य प्रदेश से 107, हैदराबाद के 186 तथा यूपी से मरकज जाने वाले 157 लोग शामिल हुए थे। उनमें से 95% को ट्रेस कर लिया गया है।
सभी राज्यों ने दिल्ली प्रशासन से उनके राज्यों से कितने लोग गए थे इसकी जानकारी माँगी है।राजस्थान ने भी उन लोगों की लिस्ट मंगवाई है, जो मरकज में शामिल हुए थे। हालांकि, राज्य सरकार के पास अभी यह जानकारी नहीं है कि कितने लोग यहां से मरकज में गए थे।

बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के चलते देश भर में लगाए गए लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए धार्मिक सम्मेलन आयोजित किये जाने पर आयोजनकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं, मरकज को सील कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
सरकार का कहना है कि 21 मार्च तक हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1 हजार 746 लोग ठहरे हुए थे। इनमें 216 विदेशी और 1530 भारतीय थे।
मरकज के कार्यक्रम के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में 824 विदेशी 21 मार्च तक तब्लीगी की गतिविधियों में शामिल थे। राज्यों की पुलिस को देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद 824 विदेशियों की जानकारी दे दी गई थी, ताकि उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग और क्वारैंटाइन के इंतजाम किए जा सकें।

इसके बाद 28 मार्च को सभी राज्यों को भारतीय तब्लीगी जमात के लोगों की जानकारी इकठ्ठा करने की सलाह दी गई थी, ताकि उन्हें जांच के बाद क्वारैंटाइन किया जाए।
मरकज में शामिल होने के लिए करीब 2100 विदेशी पहुंचे। इनमें श्रीलंका, बांग्लादेश इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, नेपाल, म्यांमार, और किर्गिस्तान के लोग शामिल हैं।

अब तक मरकज में शामिल होने वाले लगभग 2100लोगों की मेडिकल जांच की जा चुकी है। 1340 लोगों को में क्वारैंटाइन किया गया है। लगभग 280 में कोरोना के लक्षण पाए गए थे, जिन्हें दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया है। उल्लेखनीय है कि यहाँ पर कई राज्यों के लोग होने के कारण कई राज्यों पर कोरोना का ख़तरा मंडराने लगा है।
अब तक मरकज से 1500 लोगों को निकाला जा चुका है।

तबलीगी जमात के कार्यक्रम में सूरत से भी गए थे 73 लोग, सब की तलाश

सूरत
तबलीगी जमात की ओर से दिल्ली के निज़ामुद्दीन में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में सूरत से 73 लोग गए थे। यह जानकारी सामने आने के बाद सूरत महानगर पालिका ने उनका संपर्क करने का प्रयास कर रही है।
बताया जा रहा है कि बीते दिनों दिल्ली के निज़ामुद्दीन में आयोजित मरकझ कार्यक्रम में शामिल कई कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इस कार्यक्रम में सूरत से 73 लोग गए थे।महानगर पालिका ने उन तमाम लोगों का सम्पर्क करने की कार्रवाई शुरू की है ।

दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तबलीगी जमात की ओर से 13-15 मार्च के दौरान आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में लगभग 2500 लोग इकट्ठा हुए थे। इनमें से 10 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 20 से अधिक लाोग कोरोना से संक्रमित हैं ।और कइयों के संक्रमण होने की जाँच की जा रही है । सूरत के लोग भी 73 लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने की बात सामने आते ही प्रशासन सतर्क हो गया है।

प्रशासन को डर है कि इन लोगों पर भी कोरोना संक्रमण ना हो।इसलिए सूरत महानगर पालिका ने आनन फ़ानन में निज़ामुद्दीन प्रशासन का संपर्क कर ऐसे तमाम लोगों की जानकारी माँगी थी इसके बाद सम्पर्क करने का प्रयास किया ।
मनपा अधिकारियों ने फ़िलहाल सावधानी के तौर पर सब का पता लगने पर कोरोना जाँच आदि कर सकता है। अभी तक प्रशासन ने कोरोना पीड़ितों के संपर्क में आने वाले कई मामलों में जो लोग संपर्क में आए हैं उन्हें होम क्वारन्नंटाइन में रहने का आदेश दे दिया है ।आपको बता दें कि सूरत महानगर पालिका ने कोरोना से पीडितों के संपर्क में आने वाले लोगों को हम क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिए हैं ।सूरत में अब तक तीन हज़ार लोगों को हम क्वारन्टाइन में रहने का निर्देश दिया जा चुका है।

सूरत में विदेश से आए 42 लोग हुए संपर्क विहीन, प्रशासन की नींद हराम

सूरत
एक और सूरत प्रशासन और राज्य प्रशासन विदेश से आए नागरिकों को होम क्वॉरेंटाइन में रहने की सलाह दे रहा है ,और लोगों को भी उनसे सोशल डिस्टैंस रखने की अपील कर रहा है ताकि कोरोना का संक्रमण न फैल सके ऐसे में विदेश से आए 42 नागरिक बताए गए पता पर नहीं मिलने के कारण स्वास्थ्य विभाग की नींद हराम हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 42 लोगों की सूची बनाई है और लोगों से अपील की है कि यदि उनकी जानकारी हो तो प्रशासन को दें ।

मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने 42 लोगों की सूची घोषित की है ।बताया जा रहा है कि बीते दिनों में यह सभी विदेश से आए थे, और उन्होंने सूरत में रहते होने का अपना पता लिखायाथा ।यह सभी इन दिनों अपने पता पर उपस्थित नहीं है ।स्वास्थ्य विभाग को भय है कि यदि इनमें से किसी को संक्रमण हुआ तो इनके कारण अन्य को भी संक्रमण हो सकता है ।इसलिए विभाग आकाश पाताल कर इनको ढूंढने के प्रयास में जुट गया है ।

उल्लेखनीय है कि सूरत महानगर पालिका ने 15 फरवरी के बाद विदेश से आए 235 लोगों की सूची घोषित की थी ।इनमें से कई लोगों को ढूंढ लिया गया है ।

जबकि सूरत जिले के 42 लोगों ने डिक्लेरेशन दिए होने के बावजूद नहीं मिल रहे हैं ।आरोग्य विभाग चाहता है कि यदि वह मिल जाए तो उनकी जांच की जाए और यदि लक्षण मिले तो, उनके उपचार और अन्य लोगों को क्वारेन्टाइन में रहने की व्यवस्था की जाए ।सूरत महानगर पालिका की ओर से विदेश से आए तमाम लोगों को क्वॉरेंटाइन में रहने की सूचना दी गई है ।यदि वह घर के बाहर निकलते हैं तो ₹25000 तक के दंड का प्रावधान किया गया है।

तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल 10 की कोरोना से मौत, कइयों में जाँच जारी

डेस्क
कोरोना का संक्रमण गंभीर ढंग से पूरे देश में फैला है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की अपील कर रहे हैं ।इसके बावजूद दिल्ली के पास निजामुद्दीन में तबलीगी जमात की ओर से आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल लोगों में से 10 लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है ।मृतकों में सबसे अधिक तेलंगाना के लोग हैं ।

बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में लगभग 2500 लोग शामिल थे| इनमें से 20 विदेश से भी आए थे। एक की मौत की जानकारी सामने आ रही है। कार्यक्रम का आयोजन 13 से 15 मार्च के दौरान किया गया था |बताया जा रहा है कि इस धार्मिक कार्यक्रम में शामिल 20 से अधिक लोगों का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव भी है। अभी इन सब का उपचार चल रहा है । आशंका है कि 200 लोगों को कोरोना का संक्रमण हो कहा है। इस आयोजन में युपी से भी कई लोग आए थे। इसलिए युपी प्रशासन भी सतर्क हो गया है।

यह कार्यक्रम जिस जगह हुआ था वहाँ भी प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है। इसके अलावा कई लोगों की जांच की जा रही है कि उनमें कोरोना का संक्रमण है या नहीं ।उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही बड़े चिंतित हैं लोगों तक करो ना नहीं पहुंचे इसके लिए सारी सावधानियां बरती जा रही हैं लेकिन शायद लोगों की गलती के कारण ही करो ना अभी तक आगे बढ़ता जा रहा है ।

लॉकडाउन के दौरान भी कई शहरों में लोग बाहर निकलते हैं और पुलिस से विवाद करके नियम कानून का उल्लंघन कर रहे हैं।सरकार अभी भी परिस्थिति को नियंत्रण में लाने में सक्षम है ।सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दे दिए हैं राज्य सरकारों ने भी सभी सरकारी अस्पतालों और कई प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना पीड़ितों के लिए आवश्यक तमाम उपचार की तैयारी पूरी करने का है ।

सरकारी महकमा इन दिनों कोरोना की परिस्थिति पर नजर बिछाए बैठा है ।फिलहाल अभी तक कोरोना से ज्यादा प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र केरल आदि राज्यों का नाम आता है धीरे धीरे कई अन्य राज्यों में भी कोरोना के मरीजों की संख्या अपेक्षा से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है।

कोरोना संकट :5,900 करोड़ रुपये की मदद देगा गूगल, CEO सुंदर पिचाई ने किया ये ट्वीट

डेस्क
कोरोना से बचने के लिए दुनिया के सभी देश संघर्ष कर रहे हैं। कोरोना के कारण विश्व की अर्थ व्यवस्था चौपट हो गई है। करोड़ों लोग बेरोज़गार हो गए है। सरकार की तिजोरी पर भी बड़ा फटका पड़ा है। ऐसे में बड़े बड़े कोर्पोर्ट भी अब इस लड़ाई में देश वासियो की मदद कर रहे हैं।
गूगल और उसकी मूल कंपनी अल्फाबेट के मुख्य सीईओ सुंदर पिचाई ने छोटे एवं मध्यम इकाइयों,स्वास्थ्य संगठनों और सरकारी एजेंसियों तथा स्वास्थ्यकर्मियों का के लिए 80 करोड़ डॉलर (करीब 5900 करोड़ रुपये) से अधिक की मदद देने की बात कही है। यह जानकारी उन्होेने ट्विटर पर भी साझा की है।

पिचाई के आधिकारिक ब्लॉग के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और विश्व की सौ से ज्यादा सरकारी एजेंसियों के लिए करीब 1,800 करोड़ की सहायता अनुदान राशि की घोषणा की गई है। इसके अलावा 150 करोड़ रुपये सामुदायिक वित्तीय संस्थानों एवं गैरसरकारी संगठनों, 2,500 करोड़ छोटे एवं मध्यम उद्यमों को उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। जबकि 1,500 करोड़ रुपये के निवेश कोष का मकसद दुनियाभर के गैर सरकारी संगठनों और वित्तीय संस्थानों की मदद करना है।
उल्लेखनीय है कि भारत में कोराना वायरस से जंग के लिए भारत में टाटा समूह से जुड़े टाटा ट्रस्‍ट ने 500 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की। बाद में ट्रस्‍ट से जुड़े टाटा संस की ओर से एक हजार करोड़ रुपये और देने की घोषणा की है नहीं अन्य बड़े कोर्पोरेट घरानों से भी सरकार और लोगों को बड़ी उम्मीद है

कपड़ा बाज़ार के श्रमिकों को आज से मिल सकेगा दो घंटे वेतन


सूरत
लॉकडाउन के कारण कपड़ा बाज़ार में काम करने वाले जिन श्रमिकों का वेतन फँस गया है या मार्केट एसोसिएशन वेतन नहीं कर पा रहे। उनके लिए अच्छी खबर है।फेडरेशन ऑफ़ सूरत टैक्सटाइल एसोसिएशन और कलेक्टर की मीटिंग में यह फ़ैसला हुआ कि मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारी फोस्टा से कूपन लेकर अपने मार्केट में दो घंटे तक श्रमिकों को वेतन दे सकेंगे। यह नियम मंगलवार से लागू हो जाएगा फोस्टा के पदाधिकारियों की कलेक्टर के साथ मीटिंग हुई। जिसमें कि कपड़ा बाज़ार में काम करने वाले श्रमिकों के वेतन के विषय में भी चर्चा हुई ।कलेक्टर ने कूपन देने को कहा है। यह कूपन लेकर मार्केट एसोसिएशन दो घंटे तक अपने मार्केट में काम करने वाले श्रमिकों को वेतन देने सकेंगे।आपको बता दें कि लॉकडाउन के कारण इन दिनों कपड़ा बाज़ार में काम करने वाले लाखों श्रमिक बेरोज़गार हो गए हैं ।इन श्रमिकों में ज़्यादातर UP बिहार झारखंड उड़ीसा से हैं जो कि वेतन पर ही निर्भर करते हैं। लॉकडाउन के कारण इनके पास वेतन नहीं होने के कारणश्रमिक परेशान हो गए हैं। साथ ही इन दिनों शहर में लॉकडाउन के चलते वह अपना वेतन भी लेने नहीं आ पा रहे हैं ।ऐसे में श्रमिकों की समस्या को देखते हुए फोस्टा ने कलेक्टर से मीटिंग कर यह रास्ता निकाला ।कलेक्टर और फोस्टा के बीच हुई इस मीटिंग का कपडा बाज़ार में काम करने वाले लाखों श्रमिकों को लाभ मिलेगा ।उल्लेखनीय है कि लूम्स कारख़ाने में भी लाखों पर प्रांतीय श्रमिक काम करते हैं। पगार के दिनों में ही लॉक डाउन हो जाने के कारण वह भी परेशान हो गए हैं ऐसे में कारखानों में भी यही व्यवस्था शुरू की गई है ।बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण से फैलने वाला रोग है इसलिए सरकार ज़्यादा लोग इकट्ठा न हो इसलिए बारी बारी से लोगों को बुलाकर वेतन देना उचित समझ रही है इसके चलते कूपन का नियम बनाया गया है।

करोड़ों श्रमिकों को मिल सकती है ख़ुश खबर!!

नई दिल्ली
यदि ऐसा हुआ तो देश के करोड़ों श्रमिकों के लिए बड़ी राहत देने वाली खबर होगी। चर्चा है कि सरकार श्रमिकों को वेतन देने के बारे में सोच रही है!
लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हो रहे हैं।उनके पास खाने तक के पैसे नहीं है।अब सरकार इन्हें सीधे सैलरी देने पर विचार कर रही है। हालाँकि राज्य सरकार और कई औघोगिक संगठन उनकी मदद के लिए आगे आए हैं। पर वह नाकाफ़ी साबित हो रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक बेरोजगारों को सरकार वेतन देने पर विचार कर रही है। असंगठित क्षेत्र के बेरोजगार श्रमिकों को सीधे सैलरी देने के अलग-अलग विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है।

बताया जा रहा है कि लॉकडाउन से बेरोजगार हुए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उनके वेतन का 50 फीसदी हिस्सा देने का विकल्प अपनाया जा सकता है।इनको एकमुश्त न्यूनतम रकम देने का भी विकल्प है।
इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कम से कम 5000 रुपये दिये जा सकते हैं। तीसरे विकल्प के तहत सब्सिडी के तौर पर भी सैलरी दी जा सकती है या फिर सैलरी का एक हिस्सा इंटरेस्ट फ्री लोन के तौर पर संभव है।ये लोन कंपनियों को दिया जा सकता है।सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक PMO में इस मुद्दे पर नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के बीच बैठक हुई है। इंडस्ट्री राहत पैकेज का ऐलान इसी हफ्ते हो सकता है।

देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन लगा रखा है।प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा था कि देश से वह कुछ हफ्ते मांग रहे हैं ताकि इस गंभीर बीमारी से लड़ा जा सके।अगर लोगों की भीड़ रहेगी तो कम्युनिटी संक्रमण फैलने का खतरा है। इसलिए 21 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है।
उल्लेखनीय है कि सूरत सहित दक्षिण गुजरात में लाखों श्रमिक असंगठित क्षेत्र से हैं यदि योजना बनती है तो उन्हें इसका लाभ मिल सकता है।

अब कोरोना से लड़ाई करेगा रोबोट!!!!

corona

नेशनल डेस्क
कोरोना से लड़ने के लिए रोबोट का सहारा मिल सकता है।देश में इन दिनों कोरोना ने आफत मचा रखी है।लगातार कोरोना पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
कोरोना वायरस को रोकने के लिए आईआईटी ,खड़कपुर के पूर्व छात्र ने देवेंद्र शाह और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के पूर्व छात्र शशि रंजन ने एक रोबोट तैयार किया है उनका दावा है कि यह रोबोट शहरों में साफ सफाई कर सकता है, और सैनिटाइज भी करने में सफल है। इससे शहरों में फैली गंदगी दूर होगी और सैनिटाइज से कोरोना का सफाया हो सकता है। उन्होंने इस रोबोट का नाम एयरलेंस माइनस कोरोना दिया है|
हालांकि अभी तक इसे प्रायोगिक तौर पर नहीं उतारा गया है।लेकिन इस रोबोट को तैयार करने वाले दोनों विद्यार्थियों का कहना है कि कोरोना की लड़ाई में यह कारगर साबित हो सकता है।यह भी दावा किया जा रहा है कि ऑक्सीकरण ही किसी भी वायरस को मारने के लिए सबसे शक्तिशाली उपाय है।

रोबोट एयरलाइंस माइनस इलेक्ट्रिक ऊर्जा परमाणु करंट की टेक्नोलॉजी पर आधारित है।इसी टेक्नोलॉजी के आधार पर वह पानी की बूंद को थे ऑक्सीडेटिव तथा हाइड्रोसील रेडिकल्स बनाएगा। इससे करोना को खत्म करने मैं मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि यदि इन दोनों पूर्व छात्रों का दावा सब सफल होता है तो देश को और दुनिया को इस संकट की घड़ी से आजादी मिल सकती है।हालांकि अभी इसके उपयोग पर कोई बात नहीं बनी है कोरोना को लेकर अक्सर दवाई बन जाने के दावे सामने आते रहते हैं।हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने भी बीमारी का वैक्सीन बनाने का दावा किया है देखना यह है कि इन दावों के बीच सच्चाई किस में है।

श्री रंगीला श्याम सेवा समिति सूरत की ओर से 200 डॉक्टर के भोजन की व्यवस्था

भारत सहित पूरा विश्व इन दिनों कोरोना की महामारी से जूझ रहा है। लॉकडाउन के कारण लाखों लोग बेरोज़गार हो गए है। हर जगह चिंता का माहौल है। संक्रमण से फैलने वाले रोग से बचने के लिए लोगों को सोशल डिस्टैंस बनाए रखने की अपील की जा रही वहीं डॉक्टर और नर्स बिना किसी स्वार्थ के सब डॉक्टर और उनकी टीम मरीज़ों की सेवा कर रहे हैं। कोरोना के कारण इन दिनों यूनिवर्सिटी रोड पर क्वारन्टाइन होम बनाया गया है। उसमें डॉक्टर की टीम तैनात की गई है!
उनके लिए श्री रंगीला श्याम सेवा समिति सूरत की ओरसे SMC द्वारा अस्थाई बनाए गए कोरोटाइन स्थल यूनिवर्सिटी में कार्यरत 200 डॉक्टर एंड नर्सेज का 20 दिवस तक सुबह व शाम का खाना समिति द्वारा देने का तय हुआ है l
उल्लेखनीय है कि समिति की ओर से हमेंशा स समाजसेवा के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं।कोरोना के समय में समिति की ओर से किया गया यह कदम सराहनीय है।

लॉकडाउन में पुलिस को गुमराह करने का प्रयास कर रहे लोग, लेकिन नहीं बचेंगे:डीजीपी

लॉकडाउन में पुलिस को गुमराह करने वालों की अब ख़ैर नहीं है। बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आने के बाद पुलिस अब ऐसे लोगों को सबक़ सिखाने के मूड में है| पुलिस महानिदेशक ने प्रधानमंत्री के “घर में रहें सुरक्षित रहें” मंत्र का चरितार्थ करते हुए लॉकडाउन का पालन करने की राज्य के नागरिकों से अपील की है।ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके।

गुजरात के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने कहा कि एक-दो टमाटर जेब में डालकर सब्जी खरीदने निकले होने का बहाना बनाने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के साथ उनका वाहन डिटेइन किया जाएगा। इसलिए लोगों को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए।
उन्होंने मॉर्निंग वॉक के लिए भी घरों से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दी है।शिवानंद झा ने कहा कि कुछ अब भी लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे है।कुछ लोग एक-दो टमाटर जेब में डालकर सब्जी खरीदी के नाम पर बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने लोगों को ऐसा नही करने की अपील की है।बहाने बनाकर घर से बाहर निकलने वालों के वाहन जब्त किए जाएंगे।कोई कारण नहीं होने पर भी सड़कों पर घूम रहा है तो कई लोग क्रिकेट खेल रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।डीजीपी ने पुलिसकर्मियों को भी ड्यूटी के दौरान दिमाग शांत रखने और संवेदनशीलता के साथ काम करने का आदेश दिया है।शिवानंद झा ने सोशल डिस्टन्सिंग को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि अकेली रहने वाली महिलाओं की पुलिस मदद करेगी।
।शिवानंद झा ने बताया कि राज्य में अधिसूचना के उल्लंघन के 983 और कोरन्टाइन के उल्लंघन के 394 समेत आज तक कुल 5187 मामले दर्ज किए गए हैं।साथ ही आज तक 8773 लोगों को हिरासत में लिया गया है और 6104 वाहनों को जब्त किया गया है।