गुरूवार को कोरोना की नहीं चली! आई अच्छी खबर

सूरत
गुरूवार का दिन सूरत के लिए अन्य दिनों की अपेक्षा ठीक रहा। गुरुवार को सूरत में 13 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज आए जो कि अन्य दिनों की अपेक्षा कम है। अब तक शहर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 594 पर पहुंची है। मृतकों की संख्या कुल 24 पर पहुंची है। अब तक 55 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। बाकी के उपचाराधिन है। गुरूवार को कुल 27 जनों को एक साथ डिस्चार्ज किया गया।

13 नए मरीज

जगदीशभाई सुरेशभाई गोहिल (43) पुरुष,जलाराम सोसाइटी, अमरोली
काजलबेन विनोदभाई वेगड़ (32) महिला ,उदयनगर -2, कतरागाम
सलमा इल्याश खत्री (31) महिला ,सानिया रेजीडेंसी, न्यू रांदेर रोड
वनिता अवजुभाई कंसिया (26) श्री सतश्रृंगी भवन -2, रुस्तमपुरा
वसुमती विनोद भगत (65)  गजानंद शेरी, अम्बानगर, अठवा
मुस्कान राजू कुरैशी (31) आनंदनगर, उमरवाड़ा
रमेश दिनकर तिड़के (31) पुरुष सुभाषनगर, लिम्बायत
मांगीलाल गुलाबचंद कलाल (54) पुरुष संतनगर, परवत गाम
रणछोड़भाई दुलाभाई परमार (62) पुरुष धरतीननगर, कोसाड
जितेन्द्र बृजलाल कुशवाहा (28) पुरुष मारुतिधाम सोसाइटी, कतारगाम
दिनेशभाई त्रिकम भाई परमार (56) पुरुष शास्त्रींगर, खटोदरा कॉलोनी
अनाम जोहानसन (50) महिला शिवनगर, उधना
भीम मोर्या (32) पुरुष उपासना चैंबर, मोदी महलो, वराछा

तीन की मौत

सुलेमान रहमान शेख (48) किडनी की बीमारी से पीड़ित मानद रवाजा टेनामेंट 
सुनील कन्हैयालाल बजाज (38) पुरुष रामनगर, रांदेर को किडनी की बीमारी थी
भगवानदास राणा (60) मानदरवाजा टेनमेंट

समरस के क्वारन्टाइन में योग क्लास

मनपा समरस हॉस्टल और कोविद केयर सेंटर में भर्ती मरीजों के लिए विभिन्न सुविधाएं शुरू करेगा ताकि उन्हें घर का माहौल मिले और वे अकेलापन महसूस न करें। सूरत के नगर आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कहा कि वर्तमान में 505 लोग विकेंद्रीकृत क्वारन्टाइन में, 1873 होम क्वारन्टाइन और 225 समरस छात्रावास में हैं।

क्वारन्टाइन में रहने वाले मरीज़ अकेले रहते हैं, वे किसी से नहीं मिल सकते हैं या उनसे बात नहीं कर सकते हैं, वे अकेला महसूस नहीं करते हैं मनपा उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विशेष देखभाल कर रही है। समरस और कोविद केयर सेंटर के मरीजों के लिए एक ऑनलाइन योग क्लास शुरू की जाएगी और लाइब्रेरी से उनकी पसंद की किताबें भी मंगवाई जाएंगी। समरस हॉस्टल में वाई-फाई की भी शीघ्र ही व्यवस्था की जाएगी, उन्होंने कहा कि सूरत कोविद केंद्र देश के सबसे अच्छे केंद्रों में से एक है, जहाँ डॉक्टरों के साथ-साथ चिकित्सा दल ने रोगियों की विशेष देखभाल करने का दावा किया है।

कोरोना को लेकर आई कुछ अच्छी खबर पढें…


सूरत
कोरोना के कारण भय में जी रहे सूरत के लोगों के लिए थोडी राहत के समाचार हैं। सूरत में कोरोना के संक्रमितों की संख्या के डबलिंग रेशियों में सुधार आने की जानकारी मनपा कमिश्नर ने गुरुवार को दी। 

आयुक्त ने कहा कि अब तक कोरोना का डबलिंग रेशियो, जो पांच दिन था,  वह बढ रहा है। पहले वह पांच दिन का था, धीरे धीरे सात दिन का हुआ फिर नौ दिन का और अब 12 दिन हो गया है। जो शहर के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने आगे कहा कि आज शहर में 13 और पॉजिटिव मरीज आए हैं और कोरोना क के कुल मरीजों की संख्या 594 तक पहुंच गई है। जिनमें से 39 रोगियों को अब तक छुट्टी दे दी गई है उसमें 16 की वृद्धि हुई है। कुल 55 रोगियों को आज छुट्टी दी गई है,  कोरोना के कारण भर्ती मरीजों को छुट्टी देने के दर में भी 14 प्रतिशत तक सुधार हुआ है।

उन्होंने बताया कि गुरुवार को लिंबायत में से तीन मरीज आए। अब तक सबसे अधिक कोरोना के मरीज लिंबायत से ही दर्ज हुए हैं जो कि कुल 234 हैं। इसके बाद सेन्ट्रल जोन में 88 और वराछा जोन में कोरोना पीडितों की संख्या 71 है।

अब तक कुल 11220 केस की जांच हुइ है। इसमें से 594 पॉजिटिव आए हैं। 10341 केस नेगेटिव आए है। सूरत महानगर पालिका ने स्लम क्षेत्रों में कोरोना के बढते केसों को देखते हुए अब ज्यादा ध्यान स्लम क्षेत्रों मे दिया है और अब तक कुल 26 फीवर क्लीनिक स्लम क्षेत्रों में खोले जा चुके हैं। मनपा आगामी दिनों में 100 एमबीबीएस डॉक्टर्स की भर्ती करेगी।

सूरत मनपा शहर में अब कोरोना से मरीज़ों की संख्या के अनुसार शहर को रेड ज़ोन, ओरेंज ज़ोन और ग्रीन ज़ोन में बाँटने जा रही है। जिस क्षेत्र में ज़्यादा मरीज होगें वह रेड ज़ोन जहां कुछ कम मरीज होंगे वह ओरेंज और जहां मरीज नहीं है वह ग्रीन ज़ोन में दर्शाया जाएगा। रेड ज़ोन को लॉकडाउन के कोई छूट नही दी जाएगी।

सूरत के हीरा उधमियों के लिए बड़ी खुशखबर!

डेस्क
कोरोना के लॉकडाउन के दौरान सूरत के हीरा उद्योगपतियों के लिए अच्छी खबर है। जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल की  कड़ी मेहनत के कारण, हीरे का निर्यात सूरत  के इच्छापोर स्थित हीराबर्स से शुरू हुआ है। बुधवार को पहली बार 10 शिपमेंट का निर्यात किया गया था।
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल के सूत्रों के अनुसार, सूरत में हीराबर्स से हीरे का निर्यात शुरू करने के लिएजेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल द्वारा 20 अप्रैल से प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को इसमे सफलता मिली।

मुंबई तक सडक मार्ग के लिए भी प्रयास शुरू
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवाडिया ने कहा कि जीजेईपीसी सूरत से हांगकांग के लिए उड़ानों के कार्यक्रम के अनुसार सप्ताह में एक या दो बार निर्यात पार्सल स्थानांतरित करने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक शुल्क की कोशिश कर रहा था। जीजेईपीसी सूरत से मुंबई तक हीरे के पार्सल के अंतर-राज्य परिवहन के लिए जिला अधिकारी के साथ भी समन्वय कर रहा है।

सूरत के हीरा उधमियों को मिली राहत
उल्लेखनयीय है कि सूरत के हीरा उद्योगपतियों को सूरत हीराबर्स से हीरे का निर्यात शुरू किए जाने पर बड़ी राहत मिलेगी। अब तक, सूरत के हीरा उद्योगपतियों को हीरे के निर्यात के लिए मुंबई पर आधार रखना पड़ता था। कुछ हीरा उद्योगपतियों ने विशेष निर्यात के लिए भी वहां ऑफिस बनाइ है। आने वाले दिनों में सूरत से निर्यात बढ़ने की संभावना है।
एसईजेड में छह इकाइयाँ शुरू
जीजेईपीसी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवाडिया ने कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्र की छह इकाइयां लॉकडाउन के समय शुरू की गई हैं और वहां हीरा उत्पादन शुरू हो गया है

लॉकडाउन ने कई हीरा श्रमिकों की नौकरी छीनी

एक ओर भले ही हीरा बूर्स से निर्यात शुरू हो जाने से ख़ुशी की खबर है लेकिन लॉकडाउन के कारण शहर में हीरा कारोबार बंद हो जाने से लाखों हीरा श्रमिक बेरोज़गार बन गए हैं। हीरा श्रमिकों के लिए यह बुरा दौर माना जा रहा है।

श्रमिकों का पलायन कपड़ा उद्योग के लिए दोहरी मार!!


सूरत
कपड़ा उद्योग के लिए कोरोना ने बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। इस पर भी अन्य राज्यों के श्रमिकों का पलायन कपडा उधोग के लिए दोहरी चोट साबित हो सकता है। क्योंकि अब की वतन गए श्रमिक दिवाली के पहले नहीं लौटेंगे। कुछ श्रमिकों तो शायद लौटे ही नही !यदि कोरोना दिवाली तक ठीक भी हो जाए तो भी श्रमिकों की कमी के कारण व्यापार शून्य ही रहेगा।

सूरत के कपड़ा उधोग में है लाखों अन्य राज्यों के श्रमिक
सूरत के कपड़ा बाज़ार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर १५ लाख लोगों को रोजगारी मिलती है। इसमें कपड़ा बाज़ार, लूम्स कारख़ाने, एम्ब्रॉयडरी, डाइंग प्रोसेसिंग मिल सभी शामिल है। इनमें ज़्यादातर श्रमिक यूपी, बिहार ओड़िशा आदि राज्यों से हैं। लॉकडाउन के कारण जीवन व्यापन मुश्किल होने से श्रमिकों में वतन की राह पकड़ी है। एक बार जैसे ही यातायात शुरू हुआ बचे हुए श्रमिक भी वतन चले जाएँगे।
वेतन के लिए हुए परेशान हुए कपड़ा श्रमिक
कपड़ा उद्योग में काम करने वाले कई श्रमिकों की शिकायत है कि उन्हें लोग गांव के दौरान एक बार मार्च महीने में वेतन तो मिला लेकिन दोबारा जब लोग डाउन बढ़ाया गया तब उसके बाद का वेतन नहीं मिला कई मालिकों ने आधा तिहा पैसा चुका कर पीछा छुड़ा लिया इस कारण वह दुखी हैं बड़े मालिक तो जैसे तैसे चला लेंगे लेकिन छोटा श्रमिक जिसके माथे सूरत में परिवार का खर्च और गांव में माता पिता और भाई बहन का खर्च है वह बिना वेतन के कितने दिन सूरत में टिक सकता है इस कारण कई श्रमिकों ने मन सूरत से खट्टा हो चुका है अबकी वह यहां से जाने के बाद शायद ही सूरत लौटेंगे

सब की अपनी मुसीबत

केंद्र सरकार ने सभी संस्थानों के मालिकों से श्रमिकों को पूरा वेतन चुकाने की अपील की थी लेकिन स्थानों की भी अपनी मर्यादा है उनका कहना है कि उत्पादन बंद है व्यापार बंद है ऐसे में वह एक साथ कितने खर्च वह कर सकते हैं सरकार ने नाही बैंक ब्याज माफ किया है नाही लोन की किस्त छोड़ने का कोई वादा किया है बिजली खर्च भी चल रहा है अन्य खर्च भी चल रहे हैं हम कहां से इतने रुपए ले आएं कुल मिलाकर बात यह है कि दोनों रिकी लाचारी के कारण कपड़ा उद्योग को नुकसान का सामना करना पड़ेगा

कपड़ा श्रमिकों के साथ होने का दावा

फेडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर एसोसिएशन के महामंत्री चंपालाल बोथरा ने बताया कि कपड़ा मार्केट में काम करने वाले श्रमिकों को हमने पूरा वेतन दिलवाया है ।किसी भी श्रमिक ने कभी भी शिकायत की तो हमने दुकान के संचालक से बात कर लॉकडाउन डाउन के दौरान दुकानें खुलवा कर भी श्रमिकों का वेतन दिलवाया है ।इसके बावजूद एक बार मार्केट खुल जाए फिर हम दुकान संचालकों के साथ बैठकर श्रमिकों की वेतन की अन्य समस्या भी सुलझा लेंगे ।कपड़ा व्यापारी हमेशा से श्रमिकों के साथ खड़े हैं ।अभी भी कपड़ा व्यापारियों की ओर से श्रमिकों की मदद के लिए राशन किट की और भोजन की व्यवस्था की जा रही है ।बीते दिनों इस सिलसिले में हमने सरकार से यह भी गुहार लगाई थी कि श्रमिकों के वेतन का 50% हिस्सा सरकार वाहन करें 25% श्रमिकों के मालिक वाहन करें इस तरह से भी श्रमिकों के लिए व्यवस्था हो सकती है लेकिन ,सूरत में ज्यादातर पेढीयां संगठित होने के कारण श्रमिकों को यह लाभ भी नहीं मिल सकता ।इस सिलसिले में सरकार को सूरत में कपड़ा उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों का सर्वे करवाना चाहिए ताकि सही परिस्थिति का ख्याल आता आ सके।

नहीं रूकना चाहते श्रमिक
साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन के प्रमुख जीतू वखारिया का कहना है कि श्रमिकों को इस माहौल में रोक पाना मुश्किल है। वह किसी भी शर्त पर रोक पाना असंभव है। उनकी माँग है कि उन्हें एक बार गाँव जा तक आना है।

बॉलीवुड के बड़े अभिनेता ऋषि कपूर नहीं रहे


डेस्क
दो दिन में दिल को दुखी कर देने वाली दो दुखजनक खबरें बॉलीवुड से आई है। बुधवार को अभिनेता इरफान खान की मौत के बाद गुरुवार को बॉलीवुड के बड़े कलाकार ऋषि कपूर की मौत हो गई| वह मुंबई के एनएच हॉस्पिटल में दाखिल थे ।कैंसर के कारण उन्हें बुधवार की रात हॉस्पिटल में दाखिल किया गया था ।
बताया जा रहा है कि वह कैंसर का सामना कर रहे थे। इस दुखद घटना पर बॉलीवूड के कई कलाकारों में दुख की प्रतिक्रिया व्यक्त की है ।ऋषि कपूर ने कई बड़ी फिल्में दी हैं ।जिनमें की अमर अकबर एंथनी, प्रेम रोग, चांदनी, दामिनी, चाँदनी सहित कई फिल्मों की लंबी सूची है ।बताया जा रहा है कि बीते दिनों ही वह न्यूयॉर्क से कैंसर का उपचार करवाकर लौटे थे ।

बॉलीवुड कलाकार रवि किशन ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना के कारण अंतिम दर्शन भी नहीं कर पा रहे हैं ।इस पर बड़ा दुख व्यक्त किया ।अमिताभ बच्चन ने ट्विटर के माध्यम से कहा कि मैं बुरी तरह टूट गया हूं ।67 वर्षीय कलाकार ऋषि कपूर के मौत पर बॉलीवुड के सभी बड़े कलाकारों ने बॉलीवुड को बहुत बड़ा नुकसान हुआ इस तरह से अपना दर्द व्यक्त किया ।
आपको बता दें कि एक दिन पहले ही अभिनेता इरफान खान की मौत ने बॉलीवुड को झकझोर दिया और आज ऋषि कपूर की मौत ने फिर एक बहुत बड़ा झटका दे दिया।


बोलीवूड के अलावा राजनेता, खिलाड़ी और अन्य क्षेत्रों से भी लोगों ने बॉलीवूड अभिनेता की मौत पर गहरा दर्द व्यक्त किया और दो दिन में दो अभिनेता की मौत को आघातजनक बताया। ऋषि कपूर की मौत के कारण पूरा बॉलीवूड दुख में डूब गया है।

यूपी और बिहार के लोगों ने फिर पैदल और साइकल पर वतन की राह पकड़ी


सूरत
लॉकडाउन के कारण जीवन जीना मुश्किल होने से अब यूपी और बिहार के लाचार श्रमिकों ने सड़क और रेलवे ट्रेक के रास्ते से वतन जाने की राह पकड़ ली है ।कुछ श्रमिकों ने साइकिल को ही अपना सहारा बनाया है।


मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के कारण सूरत में रहने वाले श्रमिकों की हालत दयनीय हो गई है ।कपड़ा उद्योग, हीरा उद्योग सहित तमाम उधोग बंद हो जाने से लाखों श्रमिक बेरोज़गार हो गए हैं ।अब तक सामाजिक संस्थाओं की ओर से मिल रही सहायता पर जी रहे थे लेकिन, कई क्षेत्रों में सामाजिक संस्थाओं का सेवा कार्य बंद हो गया है । प्रशासन की ओर से मिल रही राशन की किट भी उन तक तक नहीं पहुँच रही है ।इसलिए उनके खाने के लिए भी कुछ नहीं है। डेढ महीने से कम्पनी बंद होने के कारण उनका वेतन भी अब समाप्त हो चुका है ।ऐसे में वह क्या करें ?

राज्य सरकार को बार बार अपने वतन लौट जाने की गुहार लगाने के बाद भी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आखिर लाचार होकर श्रमिकों ने रात के अंधेरे में पैदल ही निकलने का फ़ैसला किया है । उधना, पांडेसरा, लिंबायत आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रमिक रात को पैदल ही निकल लेते हैं ।जो कि आगे रेलवे या सड़क मार्ग पकड़कर चलते हैं जाते हैं । कुछ श्रमिक साइकल का सहारा ले रहे हैं। पांडेसरा पुलिस में बुधवार की रात को कई लोगों को पकड़कर वापिस भेज दिया।पुलिस की नज़र में आ जाते हैं वह वापस आ जाते है नही तो फिर राम भरोसे अपने आगे का रास्ता तय करते हैं ।

आपको बता दें कि सूरत में इन दिनों लॉकडाउन के चलते अपने दयनीय हालत अन्य राज्यों के श्रमिकों की है काम बंद होने से वेतन नहीं मिल रहा दूसरी ओर घर के खर्च लगे हैं । इन समस्याओं के बीच श्रमिक घिरे हुए हैं ।उड़ीसा सरकार में वहाँ के श्रमिकों के लिए लौटने की मंज़ूरी दे दी है, लेकिन UP और बिहार के श्रमिकों और वहाँ की सरकारों ने अभी कुछ जवाब नही दिया है ।बात यहीं पर अटकी हुई है ।वहीं कई श्रमिकों का कहना यह है कि अगर मंजूरी मिल भी जाती है तो बस वाले 5 हज़ार रुपया पर मांगते हैं इतने रुपये उनके पास नहीं है ।अगर इतने रुपए होते तो वतन जाते ही क्यों ?कुल मिलाकर अन्य राज्यों के श्रमिकों की हालत दयनीय है ।प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर एक बार सूरत से श्रमिक चले गए तो जल्दी नहीं लौटेंगे।

कोरोना के कारण देश में 32000 के क़रीब संक्रमित, मृतांक 1080 पर पहुंचा


सूरत
एक ओर लॉकडाउन समाप्त होने में कुछ दिन बचे हैं दूसरी ओर कोरोना के मरीजों की संख्या देश में बढ रही है। अब तक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 32000 के करीब पहुंच गई है और संक्रमण की वजह से मृतांक 1080  पहुंच गया है।

महाराष्ट्र में मरने वालों की संख्या ज़्यादा

अब तक मृतकों की संख्या में महाराष्ट्र सबसे आगे हैं। यहां पर 425 लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद गुजरात में 197 मध्यप्रदेश में 130 तथा दिल्ली में 54 लोगों की मौत हो चुकी है।

रोज़ाना 60000 टेस्ट हो रहे

इस बीच देश में कोरोना की परिस्थित के बार में बताते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि रोजाना 60 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। 288 गवर्मेन्ट लेबोरेटरी और 97 प्राइवेट लेबोरेटरी की चेन के साथ मिलकर काम कर रही हैं और 16 हजार कलेक्शन सेंटर पर सैंपल इकट्ठा किए जा रहे हैं। अगले कुछ दिनों में हम अपनी टेस्ट क्षमता एक लाख रोजाना करने पर काम कर रहे हैं। कोरोना की दवा आने में अभी वक्त है, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन प्रभावी सामाजिक दवा के तौर पर काम कर रहे हैं।  

सरकार ने लाखों लोगों को दी राहत

लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग कोने में फंस गए लोगों के लिए अच्छी खबर है। केन्द्र सरकार ने उनके लिए घर जाने की छूट दी है। प्रवासी, मजदूर और छात्रों के लिए जारी इस छूट के कारण लाखों लोगों को लाभ  होगा। इसके लिए राज्य सरकारें बसों का इंतजाम करेंगी। गृह मंत्रालय ने इसका आदेश बुधवार को जारी कर दिया है। मंत्रालय ने गाइडलाइन राज्यों को भेजी है। इसमें बताया गया है कि कैसे सरकारें इन फंसे हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का काम कर सकती हैं।
हालाकि सरकार ने इस बात का ध्यान भी रखा है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने जाने के कारण कोई नई समस्या न हो जाए।
केन्द्र सरकार की ओर से दी गई  निर्देशिका के अनुसार  अगर किसी राज्‍य में फंसा व्यकित अपने राज्‍य में जाना चाह रहा है तो इसके लिए दोनों राज्‍यों की सरकारें आपस में चर्चा कर जरूरी कदम उठाएं। रोड टांसपोर्टेशन के माध्यम से ले जाने-ले आने की व्यवस्था होगी। लोगों को भेजने से पहले सभी की मेडिकल जांच  की जाए। अगर कोरोना वायरस संक्रमण का कोई लक्षण नहीं पाया जाए तो ऐसे लोग यदि वतन जाना चाहते हैं तो उनके लिए व्यवस्था करने को कहा है।  
 

लॉकडाउन में फंसे लोग जा सकेंगे अपने वतन!

सूरत
लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग कोने में फंस गए लोगों के लिए अच्छी खबर है। केन्द्र सरकार ने उनके लिए घर जाने की छूट दी है। प्रवासी, मजदूर और छात्रों के लिए जारी इस छूट के कारण लाखों लोगों को लाभ  होगा। इसके लिए राज्य सरकारें बसों का इंतजाम करेंगी। गृह मंत्रालय ने इसका आदेश बुधवार को जारी कर दिया है। मंत्रालय ने गाइडलाइन राज्यों को भेजी है। इसमें बताया गया है कि कैसे सरकारें इन फंसे हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का काम कर सकती हैं।


हालाकि सरकार ने इस बात का ध्यान भी रखा है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने जाने के कारण कोई नई समस्या न हो जाए।
केन्द्र सरकार की ओर से दी गई  निर्देशिका के अनुसार  अगर किसी राज्‍य में फंसा व्यकित अपने राज्‍य में जाना चाह रहा है तो इसके लिए दोनों राज्‍यों की सरकारें आपस में चर्चा कर जरूरी कदम उठाएं। रोड टांसपोर्टेशन के माध्यम से ले जाने-ले आने की व्यवस्था होगी। लोगों को भेजने से पहले सभी की मेडिकल जांच  की जाए। अगर कोरोना वायरस संक्रमण का कोई लक्षण नहीं पाया जाए तो ऐसे लोग यदि वतन जाना चाहते हैं तो उनके लिए व्यवस्था करने को कहा है।

साथ ही यह भी कहा है कि बसों की व्‍यवस्‍था की जाए। इन बसों को अच्‍छी तरह से सैनिटाइज किया जाए। साथ ही इसमें बैठने के दौरान शारीरिक दूरी के नियम अपनाए जाएं।लोगों के उनके गंतव्‍य स्‍थान पहुंचने पर सबसे पहले स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम को उनकी जांच करनी होगी। इसके बाद उन्‍हें घरों में अलग रहना होगा।

आवश्यकता पड़ने पर उन्‍हें क्‍वारंटाइन सेंटर में भी रखा जा सकता है। इन सभी लोगों की समय-समय पर मेडिकल जांच की जाएगी। इसके लिए लोगों को आरोग्‍य सेतू एप भी डाउन लोड करने को कहा जाएगा। इससे उन की परिस्थिति पर नजर बनी रहेगी। 

उल्लेखनीय है कि इस फैसले के कारण देशभर में लाखो श्रमिको को लाभ होगा। क्योंकि लॉकडाउन के कारण देश भर में लाखो श्रमिक अलग-अलग राज्यों में फस गए थे। कुछ दिनो तक तो उन्होंने जैसे तैसे चला लिया, लेकिन अब उनके पास रूपए नहीं है। सामाजिक संस्थाओ और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली मदद के सहारे वह जीवन व्यापन कर रहे है।

देश के कई हिस्सों में श्रमिको ने प्रशासन से वतन जाने की गुहार भी लगा रखी थी। यह छूट मिलने के बाद दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, सूरत, हरियाणा, पंजाब जैसे कई शहरों में जहा कि ब़डी संख्या में श्रमिक है उन्हें वतन लौटने की उम्मीद जगी है।

24 घंटे में एक डॉक्टर सहित कुल 26 नए मामले, दो की मौत

सूरत
सूरत में बीते 24 घंटे में कोरोना के 26 नए मामले सामने आए। अब तक कोरोना पॉज़िटिव की संख्या 581 पर पहुँच गई। 24 घंटे में को दो जनो की मौत के साथ मृतांक 20 हो गया। समरस हॉस्टल से 20 लोगों को एक साथ डिस्चार्ज किया गया।

पॉजिटिव मामलों की संख्या 581
शहर में कुल कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या 581 तक पहुंच गई है। बीते 24 घंटे मे कुल 26 नए मामले सामने आए । सूरत नगर पालिका और जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मनपा क्षेत्र में सबसे आज सबसे अधिक केस लिंबायत में 6, सेन्ट्रल ज़ोन मे 6 , कतारगाम में पाँच, उधना में दो तथा वराछा बी में एक तथा अन्य ज़ोन में भी नए मामले दर्ज हुए।

बुधवार को दर्ज हुए मरीज
सबिहा तोसिफ़ शेख (31) महिला) अमन सोसाइटी लिम्बायत
नरेन्द्र भवशंकर चिचवाडे (58) पुरुष) लाभ मानदरवाजा, लिम्बायत
नक्शित रोहित वाविया (2) पुरुष) विष्णुनगर सोसाइटी, एके रोड वराछा
हरेश नंदलाल राजा (55) पुरुष) जॉली एनक्लेव वराछा
गणेश रामदुलार कोरी (36) पुरुष) कॉमन रूम, कोविड केयर सेंटर,पुणा
राजेश जियालाल यादव (24) पुरुष) कॉमन रूम कोविड केयर सेंटर, पुणा
प्रभाबेन किशोरभाई पनसरिया (47) महिला) अशोक वाटिका, वराछा
विपुल रमेश पंडित (22) पुरुष) रामनाथ ओवरा, वराछा
पूजा कैलाशचंद्र कलाल (25) पुरुष) दाभोली कतारगाम
राकेश पांडुरंग पाटिल (25) पुरुष) भवानीनगर, डभोली कटारगाम
मांगीबेन दह्याभाई पटेल (90) महिला स्मृति सोसायटी कतारगाम
योगेश गोविंदभाई वाघानी (49) पुरुष) जलाराम नगर अंबातलावड़ी
अशोकभाई लल्लूभाई विश्वकर्मा (49) पुरुष) कोसाड अवास कताररगाम
मोहम्मद मसूद रहमान (68) पुरुष) महाप्रभुनागर लिम्बायत
नयन गजानंद भट्ट (५६) पुरुष) नीता समाज, ताड़वाड़ी, रांदेर
केतन अरुणकुमार दलाल (42) पुरुष) शिवधारा रो-हाउस अदजान
आशीष हसमुखभाई राणा (27) पुरुष) जग्गूवल्लभनी पोल, गोपीपुरा
मेहुल प्रवीण मांडलिक (23) पुरुष) कर्मयोगी समाज -2 बमरौली
शिवाजी देवराम रहिराओ (47) पुरुष) असपसनगर -2 डिंडोली
शेख इरफान मस्तान (42) पुरुष) खटोदरा कॉलोनी, उधना
कैलाश शांताराम देशमुख (49) पुरुष) महादेवनगर डिंडोली
सुनील रतिलाल चौधरी (40) पुरुष जनरल स्टाफ क्वाटर, भागल
सूनी गिरीशभाई राणा (24) महिला) माँ कृपा सोसायटी, रुस्तपुरा
आदम अली असगर (18) पुरुष) हातिम परिसर, बेगमपुरा
नफीसा जमील सैयद (50) महिला) हनुमान शेरी, लिम्बायत
लभूबेन लखानी (58) महिला) रूपाली सोसाइटी हीराबाग
डॉ नयन भट्ट (ऑर्थो), नीता सोसाइटी, टाडवाड़ी के सामने, 
केतन दलाल (सब्जी व्यापारी), शिवधारा रो हाउस, टी जीबी स्ट्रीट, अडाजण


वेडरोड के युवक की मौत
वेडरोड पंडोल में रामेश्वर सोसायटी का निवासी रामकेश फागु निषाद (22) मजदूरी करता था। 25 अप्रेल को कोरोना के लक्षणों के साथ इलाज के लिए सिविल में भर्ती रामकेश की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से उसका इलाज चल रहा था। शराब के कारण लिवर और अन्य बीमारियों से कोरोना से जूझ रहे रामकेश की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके साथ, शहर में कोरोना की कुल मृत्यु 20 हो गई है।

39 मरीजों ने कोरोना को हराया


शहर के लिए खुशखबरी है। सिविल अस्पताल और समरस अस्पताल में कोरोना को हराने वाले 20 रोगियों को एक साथ छुट्टी दे दी गई है। अब तक कुल 39 मरीजों कोरोना से ठीक हुए है है।

बिना लक्षण वाले पॉज़िटिव लोगों के लिए हॉम क्वारेन्टाइन
मंगलवार को कमिश्नर ने बताया कि जिन लोगों को कोरोना है लेकिन कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे, यदि उनके यहाँ उचित व्यवस्था रही तो उन्हें होम केवारेन्टाइन में रहने दिया जाएगा। इसके लिए उन पर देखरेख के लिए एक मेडिकल ऑफ़िसर को ज़िम्मेदारी दे जी जाएगी। यदि जिसके यहाँ घर पर व्यवस्था नहीं रही उसके लिए समरस हॉस्टल में रहना होगा।

बोलीवुड कलाकार इरफ़ान खान नही रहे!


डेस्क
बॉलीवुड के जाने माने कलाकार इरफान खान ने बुधवार इस दुनिया को अलविदा कर दी।मंगलवार को कोलन इनफेक्शन के चलते उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बुधवार को मिली खबरों के मुताबिक इरफान खान का देहांत हो गया है। इरफान खान बोलीवुड के अच्छे कलाकारों में जाने जाते थे। उन्होंने कुछ हिंदी सीरियल और एडवर्टाइज के साथ कई शानदार हिंदी फ़िल्मों में अपने अभिनय से छाप छोड़ी है।

पहले न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का ईलाज कराया
बताया जा रहा है कि दो साल पहले वर्ष 2018 में इरफान खान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था। लंदन में उनका इलाज चल रहा था। इसके बाद उनकी तबीयत में सुधार होने के बाद वह भारत वापस आ गए थे।

कोलन इंफेक्शन की समस्या
मंगलवार सुबह वे अपने घर के बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी कोलन इंफेक्शन की समस्या बढ़ गई थी। 53 साल के इरफान को इससे पहले न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था।

बोलिवूड ने दुख जताया
बोलीवूड कलाकार अजय देवगन ने कहा कि इरफान खान की मौत बोलीवूड का बड़ा नुक़सान है। इसी तरह से फ़िल्म कलाकार अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अनुपम ख़ैर, गायक लतामंगेशकर ने उनकी मौत पर दुख जताया।

इरफान खान की कुछ यादगार फ़िल्में
इरफान की मशहूर फ़िल्में द लंच बॉक्स, पीकू,पान सिंह तोमर,तलवार, लंच बॉक्स आदि है। इसके अलावा भी कई मूवी में उन्होनें दिल को छू जाने वाला रोल निभाया है। उनकी अंतिम फ़िल्म अंग्रेज़ी मीडियम थी