अरिहंत टैक्सटाइल मार्केट के व्यापारी से धोखाधडी


रिंगरोड पर अरिहंत मार्केट के व्यापारी से मेट्रो टावर के दो व्यापारियों ने दो साल पहले 92610 रुपए का माल खरीदा था। बाद में पेमेन्ट दिए बिना फरार हो गए।


भटार रोड पर आशिर्वाद पैलेस में रहने वाले दिलीप कुमार जुगलकिशोर गाडोदिया की दुकान रिंगरोड पर अरिहंत टैक्सटाइल मार्केट मे दुकान नंबर 103-104 में राजश्री सिल्क मिल्स नाम की दुकान है। 2018 में मई महीने में दो व्यापारी धनंजय करशन राठोड(नेचरवेली होम्स, सारोली) तथा अंकित पवन कुमार काबरा(सुमन सागर, वेसु) उनकी दुकान पर आए।

उन्होनें एक दलाल का परिचय देते हए कहा कि हम रिसेल में कपडा खरीदकर उस पर डाइड, एम्ब्रायडरी वर्क कराकर कोलकाता, अहमदाबद और मुबंई में बेचते हैं। हमारा रिंगरोड पर किन्नरी सिनेमा के सामने मेट्रो टॉवर में यु 33-34 में तुलसीमंत्रा प्रा.लि. नाम से बड़ा काम है। हमारे साथ व्यापार करोगे को लाभ में रहोगे ऐसा लालच दिया।

इसके बाद दिलीप कुमार ने 90 दिन की उधारी की शर्त पर इनसे ब्याज शुरू किया था। दिलीप कुमार ने2 मई को 92610 रूपए की 600 प्लैन साडी उनके दुकान पर भेज दिया। 90 दिन बीत जाने पर जब पेमेन्ट मांगा तो दोनों ने 50 हजार रुपए का चेक भेज दिया। जो कि बैलेंस नहीं होने से बाउन्स हो गया। इसकी शिकायत जब दिलीप भाई ने की तो धनंजय भाई ने फिर से तीन महीने का समय मांगा। इसके बाद भी रुपए नहीं दिए और एक साल का समय मांगा।

यह समय बीत जाने पर दिलीप भाई ने जब पेमेन्ट मांगा तो दोनो ने पेमेन्ट देने से इनकार कर अपना मोबाइल भी बंद कर दिया। जब दिलीपभाई उनकी दुकान पर गए तो दुकान बंद थी। दिलीप कुमार ने दोनो व्यापारियों के खिलाफ सलाबतपुरा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है

सूरत में कोरोना दो सौ के पार, आरोग्य सचिव सूरत में!


कोरोना के केसों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। मंगलवार को सूरत शहर और ज़िले में कोरोना पॉजिटिव के के 200 के ऊपर पहुंच गई।इसमें की सूरत शहर में 183 पॉजिटिव केस दर्ज हुए और सूरत जिले में 22 केस दर्ज हुए।

सूरत में लगातार बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों ने राज्य प्रशासन की नींद उड़ा दी है। इस बीच सूरत मनपा कमिश्नर ने वराछा और महिधरपुरा क्षेत्र को कंटेंटमेंट क्षेत्र घोषित करते हुए दोनों जगह हीराबाजार बंद करने की घोषणा की है। हालांकि हीरा उद्यमियों ने मनपा के इस फैसले का विरोध किया है।

सूरत में इतने तेजी से बढ़ रहे केस को देखते हुए प्रशासन ने राज्य की आरोग्य अग्र सचिव डॉक्टर जयंती रवि को परिस्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा है। वह आगामी दो-तीन दिनों तक सूरत में परिस्थिति पर रखेंगी। शहर में अब तक 4713 पॉजिटिव दर्ज हो चुके हैं। मंगलवार को 4 मौत के साथ अब तक सूरत में कुल 1 लोगों की मौत हो चुकी है।

सूरत में मंगलवार को जो केस दर्ज हुए इनमें सेंट्रल जॉन में 15 वराछा में 26 वराछा बी में 17, रांदेर में 18,कतारगाम में 60, लिंबायत में 15, उधना में 7, अठवा में 25 केस दर्ज हुए। इसके सामने आज 136 मरीज डिस्चार्ज हुए। अब तक कुल 2958 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।

शहर में चार लोगों की मौत हुई उनमें सेंट्रल जोन के 52 वर्षीय वृद्ध, लिंबायत के 70 वर्षीय वृद्ध, वराछा में कापोद्रा के 68 वर्षीय वृद्ध और लिंबायत की 45 वर्षीय महिला का समावेश होता है। सूरत में आज भी कतारगाम जोन में कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा रही। अब तक कुल 600 से अधिक श्रमिक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।


मनपा प्रशासन की ओर से बार-बार लोगों को सोशल डिस्टेंस पालन करने और मास्क पहनने सहित अन्य कई चीजों की सावधानी रखने को कहा जा रहा है। इसके बावजूद लोग लापरवाही बरत रहे हैं जिसके चलते शहर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज बढे रहे हैं।

चातुर्मास के दौरान करें यह काम, अन्न-धन से भरे-पूरे रहेंगे!

आज मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र , यहां तक कि परिवार में भी निरंतर विपत्तियों का सामना करता रहता है ।कहीं व्यक्ति की माता-पिता से नहीं बनती तो कहीं पत्नी से नहीं बनती । और कहीं कहीं उस व्यक्ति के जीवन में अन्न एवं धन का भी अभाव रहता है ।इन सब से मुक्ति प्राप्त करने के लिए यह छोटा सा अनुष्ठान बताया जा रहा है।


आर्य जनों, श्रद्धा हर कार्य में प्रधान होती है । अतः जो हम बताने जा रहे हैं उसे तभी करें जब मन में आस्था हो। श्रावण में कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि के दिन श्रवण नक्षत्र में प्रातः भगवान श्री हरि विष्णु का चिंतन करते हुए उठें । पापी पतित आदि से वार्तालाप न करें । केवल कंद मूल आदि सेवन करें ।


फिर दोपहर में स्नान करके धुले वस्त्र पहनकर पवित्र होकर भगवान की क्षीर सागर में शयन करती मूर्ति या चित्र के समक्ष जाकर इस मंत्र से उनका पूजन करें …
श्रीवत्सधारी श्रीकान्त
श्रीधाम श्रीपतेsव्यय ।
गार्हस्थं मा प्रणाशं मे यातु धमार्थकामदं ।।
पितरौ मा प्रणश्येतां मा
प्रणश्यन्तु चाग्रय: ।
तथा कलत्रसंबंधो देव मा मे प्रणश्यतु ॥
लक्ष्म्या त्वशून्यशयनं तथा ते देव सर्वदा ।
शय्या ममाप्यशून्यास्तु तथा जन्मनि जन्मनि ।।


अर्थात श्रीवत्स चिन्ह धारण करने वाले लक्ष्मीकांत!श्रीधाम !श्रीपते !अविनाशी परमेश्वर! धर्म अर्थ काम देने वाला मेरा गृहस्थ आश्रम नष्ट ना हो ।मेरे माता-पिता नष्ट ना हों। मेरे अग्निहोत्र गृह की अग्नि कभी ना बुझे ।मेरा स्त्री से संबंध विच्छेद ना हो ।हे देव जैसे आप का शयन गृह लक्ष्मी जी से कभी शून्य नहीं होता उसी प्रकार प्रत्येक जन्म में मेरी भी शैय्या धर्मपत्नी से शून्य न रहे ।


इस प्रकार कहकर अर्ध्य दें । अर्ध में तुलसी पत्र, हल्दी गंगाजल आदि से युक्त जल भगवान विष्णु के ऊपर या उनके सामने चढ़ाएं ‌। अपने शक्ति के अनुरूप ब्राह्मण की पूजा करें ।


इसी प्रकार भाद्रपद आश्विन एवं कार्तिक मास में भी तिथि के अनुसार जल में शयन करने वाले भगवान विष्णु का व्रत करें हर व्रत के दिन नमक रहित अन्न का भोजन करें ।व्रत समाप्त होने पर श्रेष्ठ ब्राह्मण को जौ, गेहूं वस्त्र आदि का दान दें। जो मनुष्य एकाग्र चित्त होकर इस प्रकार भली-भांति व्रत का पालन करता है उसके ऊपर जगतगुरु भगवान विष्णु बहुत संतुष्ट होते हैं।

  • नोट – दान आदि अपने सामर्थ्य के अनुसार ही करें।

सूरत: बढते कोरोना के कारण मनपा अब इनका उपयोग भी होस्पिटल के तौर पर करेगी?

शहर में कोरोना के मरीज जिस तरह तेजी से बढ़ रहे हैं।उसे देखते हुए प्रशासन ने शहर में हर क्षेत्र में आए कम्युनिटी हॉल को कोरोना हॉस्पिटल के तौर पर बनाने का विचार कर रही है।

मिली जानकारी के अनुसार सूरत में प्रतिदिन 200 के करीब कोरोना के मरीज दर्ज हो रहे हैं। अनलॉक में व्यापार उद्योग खुलने के बाद कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।


इसके कारण सूरत महानगर पालिका ने सरकारी सिविल अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में भी कोरोना के मरीजों को इलाज करने की छूट दे दी है।


साथ ही सरसाणा में चेंबर ऑफ कॉमर्स में एग्जीबिशन हॉल को भी कोरोना हॉस्पिटल के लिए तय करने के बाद अब प्रशासन की नजर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में कम्युनिटी हॉल को भी कोरोना हॉस्पिटल बनाने की दिशा में विचार करना शुरू किया है।

सूरत महानगर पालिका की ओर से कोरोना को लेकर हर संभव प्रयास किया जा रहा है। पालिका ने कोरोना की रोकथाम के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। ऐसे में शहर में बढ़ते हुए कोरोना की संख्या को देखते हुए प्रशासन कम्यूनिटी हॉल को भी कोरोना की अस्पताल के तौर पर उपयोग करने का विचार कर रहा है।

हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं आया है। जल्दी ही इस पर मनपा प्रशासन फैसला ले सकता है। सूरत में लगातार कोरोना के बढते केस को देखते हुए राज्य सरकार की पूरी नज़र सूरत मे कोरोना और इसके लिए हो रहे इंतज़ाम पर है।

सूरत : महिधरपुरा और वराछा हीरा बाज़ार बंद, व्यापारियों ने किया विरोध


सूरत में हीरा उद्योग में लगातार हीरा श्रमिकों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ते हुए देख प्रशासन ने महिधरपुरा और वराछा में हीराबाजार बंद करने का फैसला किया है।

सूरत महानगर पालिका ने घोषित किए क्ल्स्टर जोन में तमाम प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इसमें वराछा मीनीबाजार और महिघरपुरा हीरा बाजार का भी समावेश होता है। यहां पर कोई गतिविधि ना हो सके इसके लिए पुलिस की ओर से भी पाबंदी लगा दी गई है।

आपको बता दें कि अनलॉक बंद के दौरान सरकार की ओर से आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए कपड़ा बाजार और हीरा बाजार को कई शर्तों के साथ खोलने की छूट दी गई थी। लेकिन इसके बाद हीरा बाजार में श्रमिकों को लगातार कोरोना की शिकायत आ रही थी। अब तक हीरा बाजार में 500 से अधिक हीरा श्रमिकों को कोरोना संक्रमण लग चुका है।

इनके कारण उनके घर में रहने वाले लोगों को भी कोरोना का भय है। इन सब चीजों को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही हीरा उद्योग को सावधानी रखने के लिए अपील की थी। इसके बावजूद हीरा उद्योग में काम करने वाले श्रमिक पूरी सावधानियां नहीं बरत रहे थे। इसके बावजूद वहाँ पर केस रोज-रोज बढ़ रहे थे। प्रशासन ने अब वराछा और महिधरपुरा क्षेत्र को क्लस्टर घोषित कर वराछा मिनी बाजार और बाजार को बंद रखने का निर्णय किया है।

दोनों हीराबाजार आज से बंद करा दिए गए हैं।कोरोनावायरस पॉजिटिव और उनके कांटेक्ट में आने वाले हिरा श्रमिकों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। पालिका की ओर से अभी यह नहीं स्पष्ट किया गया है कि। यह बाजार कब से खुलेंगे हालांकि यह तो तय है कि जब तक यहां पर स्थिति सामान्य नहीं होगी तब तक अब प्रशासन हीरा उद्योग को खुलने की छूट नहीं देगा।

उल्लेखनीय है कि हीरा उद्योग में काम करने वाले श्रमिक बड़ी संख्या में अभी उत्तर गुजरात में है जो कि लॉकडाउन के दौरान अपने गांव गए थे और अभी तक नहीं लौट कर आए हैं कुछ श्रमिक जो आने वाले थे वह भी बंद की जानकारी पाने के बाद नहीं लौटेंगे।

महिधरपुरा डायमंड मर्चन्ट एसोसिएशन का विरोध
हीरा बाज़ार बंद करने से महिधरपुरा डायमंड मर्चन्ट एसोसिएशन ने मनपा के इस फ़ैसले का विरोध किया है। एसोसिएशन का कहना हि महिधरपुरा की अपेक्षा अन्य क्षेत्रों में कोरोना के मरीज़ों की संख्या ज़्यादा होने के बाद भी खुले है।

इतने दिनों के बाद जैसे तैसे हीरा उद्योग का काम शुरू होने से व्यापार की गाड़ी पटरी पर आ रही थी ऐसे में फ़िर से बंद हो जाने के कारण सब चौपट हो जाएगा। जहां पर लेबर वर्क है और श्रमिकों से कोरोना फैलने का भय है वहाँ तो ठीक है लेकिन जहां ऑफिस का काम हो रहा है। वहाँ क्यों बंद कराया जा रहा है।

हीरा उद्यमी सेनेटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टैंस का पालन करते हैं। महिधरपुरा हीरा बाज़ार को कन्टेनमेंट ज़ोन से मुक्त करने की माँग की है।

गुजरात डायमंड वर्कर यूनियन के उपप्रमुख भावेश टाँक ने कहा कि उन्होंने सरकार से पहले ही हीरा श्रमिकों को एक माह का वेतन देकर छुटूटी देने की बात कहीं थी।यूनियन ने आरोप लगाया कि हीरा कंपनियों ने लॉकडाउन के दिनों का वेतन नहीं चुकाया। लाचारी से हीरा श्रमिकों को काम करना पड रहा है।

हीरा श्रमिकों को कोरोना से बचाना है तो सरकार को नई गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।मनपा कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर तथा कलक्टर के संकलन में एक टीम गठित करनी चाहिए ताकि वह सरकार के नियमों का सख़्ती से पालन करवा सके।

गुजरात: 1 जुलाई से अनलॉक-2 में क्या छूट मिली जानिए!

गुजरात सरकार ने कोरोना के बढ़ रहे मामलों के बीच मंगलवार को अनलॉक टू की नई गाइडलाइन जारी की है।


नई गाइडलाइन के अनुसार सरकार ने दुकानों और होटलों को कुछ और समय तक खुला रखने की छूट छूट दी है। 1 जुलाई से दुकाने रात 8:00 बजे तक खुली रख सकते हैं। होटल और रेस्टोरेंट 9:00 बजे तक खुले रहेंगे। अनलॉक टू के अंतर्गत रात के 10:00 बजे से सवेरे 5:00 बजे तक कर्फ्यू रहेगा।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अनलॉक टू के अंतर्गत बुधवार से कई घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य में रात के 10:00 बजे से सवेरे 5:00 बजे तक रहेगा।

केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से अनलॉक के अंतर्गत जो नियम दिए हैं उसका पालन सभी को करना होगा। कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रण में लेने के लिए केंद्र सरकार ने लागू किए लोक डाउन के बाद देशभर में अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई है। बुधवार से देशभर में अनलॉक का फेस वन खत्म होगा और फेस टू शुरू होगा।

इस दौरान मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वक्तव्य में लोगों को नियम का पालन करने की अपील की। साथ ही कंटेनमेंट जोन पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना की संख्या जिस तरह बढ़ रही है लोगों को कंटेनमेंट जोन पर विशेष ध्यान देना पड़ेगा और जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे उनको नियमों का पालन करने के लिए कहना पड़ेगा।


उल्लेखनीय है कि दुकानें और रेस्टोरेन्ट का समय बढ़ाने के लिए बार-बार व्यापारिक संगठनों और बॉटल एसोसिएशनों की और के राज्य के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी

कपडा मार्केट की 20 फीसदी दुकानें अभी भी बंद, क्यो नही आ रहे व्यापारी?

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लॉकडाउन के बाद रिंगरोड स्थित कपड़ा मार्केट में अभी तक 20 प्रतिशत दुकानें नही खुली है। अभी तक तो दुकानें नहीं खुलने के पीछे लोगों का डर और क्वारंटाइन की लाचारी को जिम्मेदार माना जा रहा था, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे बंद दुकानों को लेकर व्यापारियों के मन में कई तरह के सवाल आ रहे है।


मिली जानकारी के अनुसार कपड़ा बाजार खुलने के लगभग तीन सप्ताह बीत चुका है। सभी मार्केट में धीरे-धीरे बड़ीं संख्या में दुकानें खुल गई है। हालाकि अभी श्रमिकों के अभाव में और अन्य राज्यों से ऑर्डर कम होने के कारण व्यापार रफ्तार नहीं पकड़ सका है। कपड़ा मार्केट में भी अभी कई लगभग 20 प्रतिशत दुकानें नहीं खुल सकी है। इसे लेकर व्यापारी, विवर, प्रोसेसर और एम्ब्राय़डरी संचालक चिंतित है।


हालाकि दुकानें नहीं खुलने के लिए व्यापारी कई कारण जिम्मेदार मान रहें हैं। जैसे कि अन्य राज्यों में गए व्यापारी अभी तक कोरोना के भय के कारणा कई व्यापारी नहीं लौट रहे (2) बड़ी संख्या में व्यापारी क्वारंटाइन होने के भय से नहीं आ रहे(3) कई व्यापारियों का मानना है कि दुकाने खुलते ही पेमेन्ट के लिए लोग परेशान करेंगे(4) जिनके पास पूंजी नहीं है और अब वह व्यापार ही नहीं करना चाह रहे।


इन तमाम परिस्थितियों के कारण कपड़ा मार्केट की कई दुकानें नहीं खुल सकी है। हालाकि विवर्स, प्रोसेसर और एम्ब्रायडरी संचालकों को भय है कि इस आर्थित संकट के समय में यदि दुकान नही खुली तो उनका पेमेन्ट फंस जाएगा


फोस्टा के रंगनाथ शारडा ने बताया कि अभी तक कपड़ा मार्केट में लगभग 20 प्रतिशत दुकानें नहीं खुली है। क्योंकि कई व्यापारी लौटे नहीं है। कुछ को लगता है कि अभी श्रमिकों की कमी है और व्यापार भी नहीं चल रहा। इसलिए वह नहीं आ रहे। साथ ही कइयों को लग रहा है कि दुकान खोलते ही सब पेमेन्ट की मांग करेंगे। फिलहाल यही नजर आ रहा है। पर जल्दी ही दुकानें खुलने और परिस्थिति साफ होने की उम्मीद है।

फोस्टा के प्रमुख मनोज अग्रवाल ने बताया कि कपडा बाजार में दुकानें खुल रही है। अंदाजन 15 से 20 प्रतिशत दुकाने बंद है। कई व्यापारी अभी लौट नही सके हैं। कुछ लोगों को क्वारन्टाइन का डर होने से वह अपने गांव से नहीं आ रहे हैं। श्रमिकों की कमी के कारण भी व्यापारी दुकानें जल्दी बंद कर देतें है। उम्मीद है कि जल्दी ही अन्य दुकानें खुल जाएगी।

सब्जी विक्रेताओं से हप्ता लेने वाले ट्रैफ़िक ब्रिगेड कर्मी एसीबी के चंगुल में !

एक ओर जहां लोग लॉकडाउन के कारण बीते दिनों व्यापार-उद्योगों के बंद होने से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहें है। वहीं दूसरी ओर अपनी नौकरी का ख़ौफ़ दिखाकर लोगों से हप्ता वसूली करने वाला ट्रैफ़िक ब्रिगेड कर्मी 4 हजार की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया। टीआरबी जवान सब्जी बेचनेवालों से मासिक 100 रुपये की रिश्वत की माँग कर रहा था।


मिली जानकारी के अनुसार वेडरोड क्षेत्र में अखंड आनंद कॉलेज के पास रहने वाला राकेश लालबाबु यादव सूरत ट्राफिक विभाग में टीआरबी के तौर पर काम करता है। अपनी नौकरी का ख़ौफ़ दिखाकर राकेश सब्जी मार्केट में छुटक सब्जीविक्रेताओं से हर महीने 100 रुपये की रिश्वत मांगता था।

रिश्वत के 100 रुपये जो सब्जीविक्रेता नही देता था उसे राकेश यादव हैरान परेशान करके मार्केट के आसपास बैठने नहीं देता था। उसके इस रवैये के कारण कई सब्ज़ी विक्रेता परेशान हो गए थे और कइयों ने तो वहाँ सब्ज़ी बेचना छोड़ दिया।

राकेश से बचना हो तो लोगों को उसे हप्ता देना ही पड़ता था। राकेश ने सब्ज़ी विक्रेताओं में से एक सब्ज़ी विक्रेता को अपना काम सौंप दिया और तमाम सब्जी विक्रेताओं से हर महिने 100-100 रुपये जमा करके प्रति माह 4 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। जब उसने यह बात अन्य 40 जितने सब्ज़ी विक्रेता को कही तो सब नाराज हो गए और एसीबी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी।

सब्ज़ी विक्रेताओं की शिकायत के आधार पर एसीबी की टीम ने सींगणपोर कोजवे रोड पर सिल्वर स्टोन आर्केड एसबीआई के सामने रास्ते पर टीआरबी जवान राकेश लालबाबु यादव को सब्जीविक्रेता से 4000 रुपये कि रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया।


सूरत में फंसे 323 हीरा उद्यमियों के परिवार को स्पेशल फ्लाइट से भेजा हांगकांग
चीन के नए साल की शुरुआत के कारण वहां स्थाई हो गए सूरत के उद्यमी जनवरी में अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने सूरत आए थे। लेकिन मार्च में लॉकडाउन के कारण उद्यमियों का परिवार यही फस गया था। आखिर सोमवार को सूरत और हांगकांग के हीरा उद्यमियों ने मिलकर स्पेशल फ्लाइट की व्यवस्था कर उन्हें हॉन्ग कोंग पहुंचा दिया।


इस बारे में हीरा उद्यमी निलेश बोडकी ने जानकारी देते हुए बताया कि हांगकांग में व्यापार के लिए बड़ी संख्या में सूरत के लोग वहीं स्थायी हो गए हैं जोकि, साल भर में जनवरी में चीन के नए साल के वेकेशन के दौरान वापस आते हैं। इस दौरान वहां पर जनवरी से 15 से 25 तारीख तक चीन का नया साल का वेकेशन होने के कारण भी वह अपने परिवार के साथ सूरत आए थे। मार्च में हांगकांग का मार्केट खुल जाने से हीरा उद्यमी खुद तो वापस चले गए लेकिन उनका परिवार यहीं पर था। इसी दौरान लॉकडाउन शुरू हो जाने से उनका परिवार यहां फस गया।

बीते 4 महीने से हीरा उद्यमियों का परिवार यहीं पर फंसा था। बार-बार सूरत में फंसे हीरा उद्यमियों के परिवार उन्हें वापस ले जाने की बात कर रहे थे लेकिन, यह संभव नहीं था। आखिरकार सूरत से ही राज्य में होने हॉन्ग कोंग की सरकार से संकलन करना शुरू किया और हीरा उद्यमी विजय, जेमिस,हरीश,किरण और संजय भाई ने मिलकर वहां से एयरलाइंस के लिए परमिशन ले ली।कई दिनों तक परमिशन की प्रक्रिया के बाद सोमवार की शाम सूरत से कुल 343 लोगों को जिसमें कि 115 बच्चे और 189 बड़े लोग थे उन्हें पहले मुंबई ले जाया गया और मुंबई से इथोपियन एयरलाइंस की फ्लाइट से हांगकांग भेजा गया।

हांगकांग के हीरा उद्यमियों ने अपने परिवारजनों को ले जाने के लिए की विशेष विमान की व्यवस्था!


चीन के नए साल की शुरुआत के कारण वहां स्थाई हो गए सूरत के उद्यमी जनवरी में अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने सूरत आए थे। लेकिन मार्च में लॉकडाउन के कारण उद्यमियों का परिवार यही फस गया था।

आखिर सोमवार को सूरत और हांगकांग के हीरा उद्यमियों ने मिलकर स्पेशल फ्लाइट की व्यवस्था कर उन्हें हॉन्ग कोंग पहुंचा दिया। इस बारे में हीरा उद्यमी निलेश बोडकी ने जानकारी देते हुए बताया कि हांगकांग में व्यापार के लिए बड़ी संख्या में सूरत के लोग वहीं स्थायी हो गए हैं जोकि, साल भर में जनवरी में चीन के नए साल के वेकेशन के दौरान वापस आते हैं।

इस दौरान वहां पर जनवरी से 15 से 25 तारीख तक चीन का नया साल का वेकेशन होने के कारण भी वह अपने परिवार के साथ सूरत आए थे। मार्च में हांगकांग का मार्केट खुल जाने से हीरा उद्यमी खुद तो वापस चले गए लेकिन उनका परिवार यहीं पर था। इसी दौरान लॉकडाउन शुरू हो जाने से उनका परिवार यहां फस गया। बीते 4 महीने से हीरा उद्यमियों का परिवार यहीं पर फंसा था।

बार-बार सूरत में फंसे हीरा उद्यमियों के परिवार उन्हें वापस ले जाने की बात कर रहे थे लेकिन, यह संभव नहीं था। ऐसे में हीरा उद्यमी रवि बोडकी को निजी फ़्लाइट से ले जाने का ख़्याल आया। इसके बाद हीरा उद्यमियों ने राज्य सरकार और हॉन्ग कोंग की सरकार से संकलन करना शुरू किया।हीरा उद्यमी विजय, जेमिस,हरीश,किरण और संजय भाई ने मिलकर वहां से एयरलाइंस के लिए परमिशन ले ली।

कई दिनों तक परमिशन की प्रक्रिया के बाद सोमवार की शाम सूरत से कुल 343 लोगों को जिसमें कि 115 बच्चे और 189 बड़े लोग थे उन्हें पहले मुंबई ले जाया गया और मुंबई से इथोपियन एयरलाइंस की फ्लाइट से हांगकांग भेजा गया।

कपड़ा उद्यमियों के लिए खुशखबरी: पीपीई किट कर सकेंगे निर्यात!

केंद्र सरकार ने देशभर में पीपीई बनाने वालों की गुहार सुन ली है। अब से पीपीई किट के विदेशों में निर्यात की जा सकेगी।


डायरेक्टरेट जनरल आफ फॉरेन ट्रेड की ओर से जारी किए गए नोटिस में बताया गया है कि कोरोना के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले सभी प्रकार के पीपीके को मर्यादित मंजूरी दी गई है।सूरत में भी बड़े पैमाने पर क्रिकेट का उत्पादन होता है।इसलिए सूरत से कपड़ा उद्यमियों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के दौरान जब कपड़ा उद्यमियों के व्यापार उद्योग बंद हो गए थे।साड़ी और ड्रेस मटेरियल का व्यापार नहीं चल रहा था। उस दौरान सूरत के कई उद्यमियों ने पीपीई का उत्पादन करना शुरू कर दिया था और अब उत्पादन का बड़ा केंद्र बन गया है।देशभर में कई उत्पादक का उत्पादन कर रहे थे लेकिन इसके निर्यात को मंजूरी नहीं होने के कारण उसके पास बड़े पैमाने पर हो गया था।

इसलिए उन्होंने सरकार से निर्यात की मंजूरी मांगी थी।सरकार ने उनकी बात मान ली है और फिट करने की छूट दे दी है।सूरत से मिली जानकारी के अनुसार पीपीई किट का समावेश प्रोहिबिटेड लिस्ट में था। लेकिन अब रिस्ट्रिकडेड लिस्ट में हो गया है।मतलब कि कई शर्तों के अधीन इसका निर्यात किया जा सकेगा।

कपड़ा उद्यमियों के अनुसार स्थानीय बाजार में बड़े पैमाने पर पीपीई किट का उत्पादन हो रहा है।इसके चलते यहां पर उद्यमियों के पास स्टॉक हो गया है।परिस्थिति को देखते हुए स्थानिक उद्यमियों ने सरकार से पीपीई किट के निर्यात की छूट मांगी थी।जो कि सरकार ने मान ली है।सूरत में 2 दर्जन से अधिक उत्पादक प्रतिमास 20 लाख से ज्यादा पीट का उत्पादन कर रहे हैं।

सूरत के लक्ष्मीपति ग्रुप सहित कई उद्यमियों ने कोरोना के दौरान शुरू में ही पीपीई किट का उत्पादन शुरू कर दिया था। यहाँ के उद्यमियों ने एंटीवायरल का उत्पादन भी शुरू कर दिया है निर्यात करने के लिए उसे भी शुरू कर दी हैं