सूरत: वेसू क्षेत्र में एक फ्लैट के दसवीं मंजिल पर लगी आग, फिर…

शुक्रवार की देर रात शहर के वेसू क्षेत्र में स्थित रॉयल रीजेंसी में आग लगने के कारण अफरा तफरी का माहौल हो गया।स्थानीय लोगों ने आग लगने की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी आनन-फानन में पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया और कुछ देर के बाद क़ाबू पाया।


मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात 9:00 बजे के करीब शहर के वेसू क्षेत्र में स्थित सूडा आवास के पास रॉयल रीजेंसी में दसवीं मंजिल पर आग लग गई। दसवीं मंजिल के एक फ्लैट में लगी आग धीरे-धीरे दूसरे फ्लैट में भी फैल गई। बताया जा रहा है कि बिजली के तार में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने से घर के सोफे आदि जल गए। लेकिन समय पर ही फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच जाकर आग पर काबू पा लिया।

वहां पर मौजूद तमाम लोगों को आग वाले स्थान से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया।आसपास के लोगों और फायर ब्रिगेड की सतर्कता के कारण कोई जनहानि नहीं हुई। बताया जा रहा है कि इस दौरान पूरी बिल्डिंग में भय का माहौल फैल गया। हालांकि जब फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया और सब को सुरक्षित बचा लिया तब यहां के लोगों ने राहत की सांस ली। वायरों को पकड़कर देखते-देखते भर में आग दूसरे फ़्लैट तक पहुंच गई।

नीचे सड़क से गुजर रहे लोगों ने इस आग का वीडियो वायरल कर देने से पूरे शहर में चर्चा का माहौल बन गया और लोगों में आंख को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी।फ़ायर ब्रिगेड के अधिकारियों के अनुसार रात के नौ बजे के क़रीब आग लगी थी।

आसपास के लोगों ने फ़ायर ब्रिगेड को आग लगने की जानकारी दी। इस पर कुछ देर में ही दमकल विभाग वहाँ पहुँच गया और आग पर क़ाबू पाया। शोर्ट सर्किट के कारण आग लगी होने की बात सामने आ रही है।

सूरत के इस जोन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2400 के पास पहुंची, आप के जोन में कितने है? जानिए


कोरोना शुक्रवार को भी सूरतीओं पर हावी रहा। सूरत में शुक्रवार को को कुल 284 कोरोना पॉजिटिव मरीज दर्ज हुए। इसमें सूरत सिटी के 219 हैं और जिले के 65 हैं। अब तक कोरोना के कारण शहर में कुल शहर में 10976 और जिले में 2687 केस दर्ज हुए हैं। कुल मिलाकर शहर और जिले में कोरोना संक्रमितो की संख्या 13663 पर पहुंच गई है।

आज कुल 11 लोगों की मौत के साथ कुल 597 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें शहर के 489 और जिले के 108 मरीज हैं। इसके अलावा शहर में 169 और जिले में 60 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक कुल 9365 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।इस बीच सेन्ट्रल जोन में बीते 24 घंटे में 31, वराछा ए में 37, वराछा बी में 23, रांदेर में 20, कतारगा में 27, लिंबायत में 19, उधना में 17, अठवा में 45 केस दर्ज हुए।


अब तक जोन के अनुसार कुल संक्रमितों की बात की जाए तो सेन्ट्रल जोन में 1286, वराछा ए में 1489, वराछा-बी में 1061, रांदेर में 1347, कतारगाम में सबसे अधिक 2345, लिंबायत में 1517, उधना में 833 और अठवा में 1098 मरीज दर्ज हुए।


सूरत महानगर पालिका कमिश्नर ने शुक्रवार की शाम सूरत के लोगों को फिर से एक बार कोरोना के बढ़ते रोग के प्रति जागृत करते हुए कहा कि सूरत के आठवां, रांदेर और उधना क्षेत्रों में कोरोना संक्रमितो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।इसके कारण उन्होंने यहां पर रहने वाले सभी लोगों को सावधानी बरतने को कहा।

साथ ही कुछ क्षेत्रों में रहने वाले विशेष तौर पर बुजुर्गों को संक्रमण ज़्यादा होने से उन्हे में क्वारंटाइन यानी कि घर में रहने की सलाह दी। बिन जरूरी घर से बाहर नहीं निकलने की भी अपील की। मनपा कमिश्नर ने कहा कि यह देखा गया है कि कई लोगों के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 95 से कम हो जाता है फिर भी वह जानबूझकर भी हॉस्पिटल तक नहीं जाते और अंतिम समय में केस बिगड़ जाता है। ऐसे लोगों से उन्होंने अपील की कि वह समय पर अपनी जांच करवा लें।

इसके अलावा उन्होंने ने बताया कि शहर के हीरा उद्योग में एक तारीख से एक हीरा की घंटी पर दो जन बैठ सकेंगे।लेकिन इसके लिए दोनों का ही कोरोना नेगेटिव होना जरूरी है। जिस व्यक्ति का पहले कोरोना पॉजिटिव हुआ हो अब ठीक हो गया हो और कोरोना कि जांच में नेगेटिव आया हो तभी वह घंटी पर काम के लिए बैठ सकेगा। साथ ही कंपनी संचालक ने जिन श्रमिकों का टेस्ट करवाया हो टेस्ट के दौरान वह कोरोना पॉजिटिव ना हो और उनके अंदर कोई लक्षण नहीं हो। ऐसे लोग भी घंटी पर काम कर सकेंगे।


कमिश्नर ने बताया कि कई लोग बाहर से आने वाले श्रमिकों को बिना किसी जांच के नौकरी पर रख रहे हैं। यह उचित नहीं है। उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। शहर में प्रतिदिन 4000 लोग अन्य राज्यों से आ रहे हैं। इन लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट कराना आवश्यक है और यदि एंटीबॉडी टेस्ट में इनके शरीर में एंटीबॉडी हो तो वह काम कर सकते हैं।

यदि एंटीबॉडी टेस्ट ना हो तो 7 दिन क्वॉरेंटाइन में रहना होगा 7 दिनों के दौरान यदि उनके अंदर कोई लक्षण आए तो उन्हें तुरंत ही ट्रीटमेंट की व्यवस्था करनी चाहिए और 7 दिन में कोई लक्षण नहीं आए तो वह काम पर चढ सकते हैं।

सूरत: कपड़ा व्यापारियों के लिए शनिवार से लागू होगी यह गाइडलाइन

कपडा व्यापारियों के लिए शुक्रवार को सूरत महानगरपालिका की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है। 1 अगस्त शनिवार से कपडा व्यापारियों को इन गाइडलाइन के साथ व्यापार करना पड़ेगा। कपड़ा बाजार में ओड-इवन पध्धति का अंत हो गया है। नई गाइडलाइन के अनुसार सभी दुकानें खुल सकेंगे।


फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिसएशन ने इस बारे में कपड़ा मार्केट एसोसिएशनो को सूचना दे दी है। इसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस (COVID-19) के सन्दर्भ में आज सूरत महानगरपालिका कमिशनर बंछानिधि पाणी के साथ हुई टेलीफोनिक बातचीत के अनुसार निम्न दिशा निर्देश की पालना मार्केट में कड़ाई से करना होगा। यह गाइडलाइन दिनांक 01/08/2020 से 15/08/2020 के लिए है

फोस्टा के रंगनाथ शारडा ने बताया कि नई गाइड लाइन के अनुसार ओड इवन प्रथा समाप्त हो गई है। इससे कपड़ा मार्केट पूर्ण तौर पर खुल जाएगा, लेकिन बीते दिनों में कई व्यापार के सीजन चले गए। अब दिवाली का सीजन ही सामने दिख रहा है। तब तक व्यापारियों को इंतजार करना होगा।

  1. सभी कपड़ा मार्केट सोमवार से शनिवार खुले रहेंगे| मार्केट में सभी दुकाने खुलेंगी।
  2. मार्केट खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा|
  3. सूरत महानगरपालिका के गाईडलाईन के अनुसार मार्केट में दुकानों के सभी कर्मचारी/ स्टाफ/श्रमिक का रेपिड टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा किस मार्केट में रियायत दर में रेपिड टेस्ट के लिये केम्प लगाना हो वह पोस्ट ऑफिस में सम्पर्क करे।
  4. मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग की पालना फरजियात करनी होगी।
  5. सभी को आरोग्य सेतु एप को डाऊनलोड करना होगा।
    अतः मार्केट प्रबंधन से कहा गया है की आप व्यापारी/स्टाफ/कर्मचारी सभी को बार-बार अनाउंस कर कोरोना संक्रमण के बचाव/उपाय से लोगो को जागृत करावे तथा अपने स्वास्थ्य के हितार्थ हेतु नियमो का पालन का करना है।

इसके अलावा फोस्टा की ओर से अगस्त में इन दिनो मार्केट बंद रखने की घोषणा की गई है।

रक्षाबंधन :- 03 अगस्त 2020, सोमवार
कृष्ण जन्माष्टमी :- 12 अगस्त 2020, बुधवार
स्वतंत्रता दिवस :- 15 अगस्त 2020, शनिवार

हीरा बाजार का समय भी बदला

सूरत में हीरा उद्यमियों की बात आखिरकार प्रशासन में मान ली है। सूरत के हीरा उद्यमी मनपा प्रशासन से हीरा कारखाना खोलने का समय बदलने की मांग कर रहे थे। हीरा उद्यमियों ने हीरा बाजार खोलने का समय 2:00 बजे से शाम के 6:00 बजे का विरोध किया था उनका कहना था कि यह समय व्यापार के अनुकूल नहीं है। यह समय बहुत कम होने के कारण व्यापार नहीं चल पा रहा है। साथ ही में भी दिक्कत हो रही है।

इस को ध्यान में रखते हुए सूरत डायमंड एसोसिएशन की ओर से बीते दिनों में मनपा कमिश्नर को ज्ञापन दिया गया था। इस बारे में हीरा उद्यमियों की बात को सुनते हुए तथा भारत सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार उद्योग में हीरा बाजार खुलने का समय दोपहर के 12:00 बजे से 6:00 बजे तक कर दिया है।

मनपा कमिश्नर ने शुक्रवार की शाम को सूरतीओं को क्या अलर्ट किया!

सूरत महानगर पालिका कमिश्नर ने शुक्रवार की शाम सूरत के लोगों को फिर से एक बार कोरोना के बढ़ते रोग के प्रति जागृत करते हुए कहा कि सूरत के आठवां, रांदेर और उधना क्षेत्रों में कोरोना संक्रमितो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

इसके कारण उन्होंने यहां पर रहने वाले सभी लोगों को सावधानी बरतने को कहा। साथ ही कुछ क्षेत्रों में रहने वाले विशेष तौर पर बुजुर्गों को संक्रमण ज़्यादा होने से उन्हे में क्वारंटाइन यानी कि घर में रहने की सलाह दी। बिन जरूरी घर से बाहर नहीं निकलने की भी अपील की। मनपा कमिश्नर ने कहा कि यह देखा गया है कि कई लोगों के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 95 से कम हो जाता है।

फिर भी वह जानबूझकर भी हॉस्पिटल तक नहीं जाते और अंतिम समय में केस बिगड़ जाता है। ऐसे लोगों से उन्होंने अपील की कि वह समय पर अपनी जांच करवा लें। इसके अलावा उन्होंने ने बताया कि शहर के हीरा उद्योग में एक तारीख से एक हीरा की घंटी पर दो जन बैठ सकेंगे।लेकिन इसके लिए दोनों का ही कोरोना नेगेटिव होना जरूरी है। जिस व्यक्ति का पहले कोरोना पॉजिटिव हुआ हो और अब वह ठीक हो गया हो तथा कोरोना कि जांच में नेगेटिव आया हो तभी वह घंटी पर काम के लिए बैठ सकेगा।

साथ ही कंपनी संचालक ने जिन श्रमिकों का टेस्ट करवाया हो टेस्ट के दौरान वह कोरोना पॉजिटिव ना हो और उनके अंदर कोई लक्षण नहीं हो। ऐसे लोग भी घंटी पर काम कर सकेंगे।

कमिश्नर ने बताया कि कई लोग बाहर से आने वाले श्रमिकों को बिना किसी जांच के नौकरी पर रख रहे हैं। यह उचित नहीं है। उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। शहर में प्रतिदिन 4000 लोग अन्य राज्यों से आ रहे हैं।

इन लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट कराना आवश्यक है और यदि एंटीबॉडी टेस्ट में इनके शरीर में एंटीबॉडी हो तो वह काम कर सकते हैं। यदि एंटीबॉडी टेस्ट ना हो तो 7 दिन क्वॉरेंटाइन में रहना होगा 7 दिनों के दौरान यदि उनके अंदर कोई लक्षण आए तो उन्हें तुरंत ही ट्रीटमेंट की व्यवस्था करनी चाहिए और 7 दिन में कोई लक्षण नहीं आए तो वह काम पर चढ सकते हैं।

अगस्त में बैंको से जुड़े काम के लिए ज़रूरी है यह पढना

rbi

अगस्त महीने में बैंकिंग संबंधित कामकाज के लिए अन्य महीनों की अपेक्षा कम समय मिलेगा। इसलिए आप को अभी से सभी काम का प्लान बना लेना चाहिए। लॉकडाउन के कारण कई बैंकों का काम का समय घटाया गया है ऐसे में इस महिना में कई छुट्टियों के कारण बैंकों का काम प्रभावित हो सकता है।


बैंकिंग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगस्त महीने में पांच रविवार की छुट्टियों के साथ छह त्यौहार होने के कारण 11 दिनों का अवकाश रहेगा । राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से इस महीने में ११ दिन की छुट्टियां घोषित की गई हैं। इस महीने में पांच रविवार हैं। इसके अलवा छह त्यौहार है।

1 तारीख को शनिवार के रोज बकरी ईद के कारण बंद रहेगा। इसी तरह रविवार और सोमवार को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। 8 तारीख को शनिवार और 9 को रविवार होने के उपरांत 12 को बुधवार के दिन जन्माष्टमी की छुट्टी रहेगी।15 अगस्त को शनिवार तथा 16 अगस्त को रविवार की सार्वजनिक छुट्टियां हैं। इनके कारण भी बैंक बंद रहेंगे।

बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि इस महीने में छुटिटयां अधिक है। त्यौहारों के साथ ही 22 और 23 अगस्त को क्रमश: चौथे शनिवार और रविवार की छुट्टी है। अगस्त महीने में 11 दिन तक बैंकों के कामकाज प्रभावित होंगे इसके कारण चेक क्लीयरिंग सहित अन्य बैंकिंग कार्यों में लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के कारण बैंकों में लोगों को भीड़ नहीं लगानी पडे इसलिए बैंकों में पहले से ही ग्राहकों से ऑनलाइन बैंकिंग की अपील की गई है। अब ज़्यादातर लोग ऑनलाइन बैंकिंग काम करने से बैंको में छुटियों का असर कम होगा।

बदल गया हीरा बाज़ार का समय, जानिए नया समय

सूरत में हीरा उद्यमियों की बात आखिरकार प्रशासन में मान ली है। सूरत के हीरा उद्यमी मनपा प्रशासन से हीरा कारखाना खोलने का समय बदलने की मांग कर रहे थे। हीरा उद्यमियों का कहना था कि हीरा बाजार खोलने का समय 2:00 बजे से शाम के 6:00 बजे का समय व्यापार के अनुकूल नहीं है। यह समय बहुत कम होने के कारण व्यापार नहीं चल पा रहा है। साथ ही में भी दिक्कत हो रही है।

इस को ध्यान में रखते हुए सूरत डायमंड एसोसिएशन की ओर से बीते दिनों में मनपा कमिश्नर को ज्ञापन दिया गया था। इस बारे में हीरा उद्यमियों की बात को सुनते हुए तथा भारत सरकार की ओर से जारी की गई अनुसार उद्योग में हीरा बाजार खुलने का समय दोपहर के 12:00 बजे से 6:00 बजे तक कर दिया है।

बताया जा रहा है कि मनपा प्रशासन की ओर से अब तक 1 घंटी पर एक ही हीरा श्रमिक बैठ सकता था। ऐसा फैसला किया गया था। दूसरा हीरा श्रमिक एक घंटी पर नहीं बैठ सकता था। लेकिन अब इस फैसले में परिवर्तन करते हुए मनपा ने यह कहा है कि यदि हीरा यूनिट के संचालकों ने हीरा श्रमिकों का एन्टिजेन टेस्ट करवाया हो और वह पॉज़िटिव नहीं हो तथा उसे कोई भी लक्ष्य ना हो तो एक घंटी पर दो हीरा श्रमिक बैठ सकते हैं।

हालांकि दोनों को कोरोना संक्रमण न फैले इस तरह से सावधानी बरतनी होगी। बताया जा रहा है कि हीरा उद्योग में आए इस फैसले के कारण हीरा उद्यमियों में खुशी का माहौल है। साथ ही हीरा श्रमिकों को भी इस फैसले से राहत होगी।

क्योंकि हीरा उद्योग का कामकाज का समय घट जाने के कारण हीरा उद्यमियों ने उन्हें समय के हिसाब से वेतन देना शुरू कर दिया था। जिसके कारण उन्हें बहुत कम वेतन मिल पा रहा था इस फैसले का मन 1 अगस्त से शुरू हो जाएगा।

कोरोना मृतक की अंतिमविधी करनी पड़ी एम्बुलेंस की लाइट में?

गुजरात का विकास मॉडल भले देशभर में प्रख्यात है लेकिन भरूच की इस घटना ने गुजरात विकास के मॉडल के सामनेप्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। बात ऐसी है कि अंकलेश्वर के भरूच में बुधवार को गोल्डन ब्रिज के पास बने स्मशानगृहपर ले जाई गइ एक लाश की अंतिमविधी एम्बुलेंस के प्रकाश में करनी पड़ी। इस स्मशान गृह में प्राथमिक सुविधाओं केभाव में मृतक को ले जाने वालों को भी परेशान होना पड़ रहा है।

भरूच और अंकलेश्वर में बने स्मशानगृहो में आसपास के लोगों की ओर कोरोना के मृतकों की अंतिमविधी के लिए विरोधकिए जाने से प्रशासन की ओर से कोरोना से मृतकों की अंतिमविधी के लिए विशेष स्मशान गृह बनाया गया है, लेकिनइस स्मशान गृह में लाईट, शेड की कमी होने के कारण लाश को जलाने के लिए लाई गई लकडियां भी गीली हो जातीहै।

बुधवार को कोरोना के कारण एक मृतक की लाश लाई गई, लेकिन यहां पर प्रकाश नहीं होने के कारण अंतिम संस्कारके लिए दिक्कक हो रही थी ऐसे में अंत में एम्बुलेंस की लाइट जलाकर अंतिम संस्कार किया गया।

फिलहाल कोरोना के मरीजों का अंतिम संस्कार सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेश सोलंकी और प्रशासन की ओर से नियुक्त किएगए पांच लोग कर रहे हैं। मृतदेहो को हो रही अंतिमविधी में दिक्कत को देखते हुए उन्होंने प्रशासन से स्मशानगृह मेंप्राथमिक सु‌‌विधा बनाने की मांग कर रहे हैं। अंकलेश्वर के एसडीएम ने बताया कि स्मशान गृह में प्राथमिक सुविधाओं केलिए काम चल रहा है, जल्दी ही वहां पर सभी व्यवस्था कर दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि कई स्थानों पर कोरोना से मृतको के अंतिम संस्कार का विरोध किए जाने से प्रशासन के लिए भीदुविधा हो जाती है। ऐसे में कई स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था बनानी पड़ी है।

डॉक्टर्स में भी तेजी से बढ रहा कोरोना संक्रमण
सूरत में कोरोना के मरीज लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक सूरत में बड़ी संख्या में कोरोनावायरस सभी वर्ग के लोगों को अपने शिकंजे में लिया है। सरकारी अधिकारी हो या निजी ऑफिसों में काम करने वाले लोग सभी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। प्रतिदिन करो ना कि कारण 10 से अधिक लोगों की मौत हो रही है।

सूरत में आज जो लोग पॉजिटिव हुए हैं उनमें स्मीमेर हॉस्पिटल के 6 डोक्टर्स, दो नर्स, तीन आया तथा सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर, एक नर्सिंग स्टाफ़, एक अधिकारी, एक कर्मचारी, निजी हॉस्पिटल के एक डॉक्टर मिलाकर, डुम्मस हेल्थ सेन्टर के ऑफिसर, पालिका का स्टाफ, सफ़ाई कर्मचारी, हेल्थकेर होस्पिटल, एक पूर्व कॉरपोरेटर नरेंद्र गांधी और नगरसेवक को भी कोरोना का संक्रमण लगा है। सूरत शहर और जिले में अब तक कोरोनावायरस केस की संख्या 13300 के करीब पहुंची है।

सूरत: बड़ी संख्या में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ़ हो रहे कोरोना संक्रमित

सूरत में कोरोना के मरीज लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक सूरत में बड़ी संख्या में कोरोनावायरस सभी वर्ग के लोगों को अपने शिकंजे में लिया है। सरकारी अधिकारी हो या निजी ऑफिसों में काम करने वाले लोग सभी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। प्रतिदिन करो ना कि कारण 10 से अधिक लोगों की मौत हो रही है।

सूरत में आज जो लोग पॉजिटिव हुए हैं उनमें स्मीमेर हॉस्पिटल के 6 डोक्टर्स, दो नर्स, तीन आया तथा सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर, एक नर्सिंग स्टाफ़, एक अधिकारी, एक कर्मचारी, निजी हॉस्पिटल के एक डॉक्टर मिलाकर, डुम्मस हेल्थ सेन्टर के ऑफिसर, पालिका का स्टाफ, सफ़ाई कर्मचारी, हेल्थकेर होस्पिटल, एक पूर्व कॉरपोरेटर नरेंद्र गांधी और नगरसेवक को भी कोरोना का संक्रमण लगा है। सूरत शहर और जिले में अब तक कोरोनावायरस केस की संख्या 13300 के करीब पहुंची है।

जब लॉकडाउन था। तब सूरत में प्रतिदिन 70 के करीब केस दर्ज हो रहे थे लेकिन अनलॉक कौन के बाद जब से व्यापार उद्योग शुरू हुआ है तब से 200 से ढाई सौ के बीच कोरोना के मरीज दर्ज हो रहे हैं। सूरत में कोरोना के कारण अब तक छह सौ के करीब की मौत हो चुकी है। सूरत में गुरुवार को 271 नए पॉजिटिव केस दर्ज हुए। अब तक 9136 लोग इनमें से ठीक हो चुके हैं जबकि 586 लोगों की मौत हो चुकी है। और 3657 लोगों का उपचार चल रहा है।

बताया जा रहा है कि स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार की ओर से सूरत में कोरोनावायरस घटाने के हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसके बावजूद सूरत गुजरात में हॉटस्पॉट बन गया है। कुछ दिनों पहले की बात करें तो गुजरात में अहमदाबाद में सबसे अधिक कोरोना के केस दर्ज हो रहे थे लेकिन धीरे-धीरे सूरत में अहमदाबाद को पकड़ते हुए सबसे आगे पहुंच गया है। सूरत शहर ही नहीं बल्कि सूरत के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज दर्ज हो रहे हैं।

सूरत में कोरोनावायरस के लिए जहां स्थानीय प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जा रही है वहीं समाज के लोग भी अब आगे बढ़ रहे हैं। सूरत में कम्युनिटी कोविड-19 भी बनाए जा रहे हैं।सूरत में अब तक 8 समाजों की ओर से कम्युनिटी कोविड-19 जा चुका है।

सूरत का यह मॉडल राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को ही बहुत पसंद आया है। आगामी दिनों में सूरत के कम्युनिटी कोविड-19 देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के कोविड-19 बना पहल की जाएगी।

सूरत में प्लाजमा थैरेपी से ठीक हुए कई मरीज, अब से इस रक्तदान केंद्र को मिली प्लाजमा डोनेट सेंटर की मंजूरी

सूरत की लोक समर्पण ब्लड बैंक में पटेल सेवा समाज के सहयोग से कोविड-19 प्लाजमा सेंटर का शुभारंभ राज्य के मंत्री किशोर भाई कानाणी के हाथों किया गया। सूरत में बढ़ रहे कोरोनावायरस मरीज़ों की संख्या को देखते हुए शहर के ब्लड बैंक की ओर से प्लाज्मा सेंटर बनाने के लिए मांग की गई थी।

आज पहले ही दिन लोग समर्पण ब्लड बैंक में 12 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया। बताया जा रहा है कि कोरोना के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी बहुत सफल है। इसके कारण देशभर में कई शहरों में ही थेरेपी से इलाज किया जा रहा है। सूरत में अब तक लगभग 200 के करीब लोग प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हो चुके हैं।

खुद सूरत महानगरपालिका के कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने भी लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की थी। बताया जा रहा है कि प्लाजमा थेरेपी कोरना के उपचार में गंभीर मरीजों के लिए असरकारक साबित होती है। सूरत के कई रक्तदान केंद्र की ओर से राज्य सरकार को बीते दिनों प्लाज्मा डोनेशन सेन्टर के लिए अपील की गई थी। कई क़ानूनी प्रक्रियाओं के बाद राज्य सरकार ने लोक समर्पण रक्तदान केंद्र को इसकी मंजूरी दे दी गई।

उल्लेखनीय है कि लोक समर्पण रक्तदान केंद्र को प्लाजमा सेन्टर जाने से प्रशासन को भी राहत होगी। सूरत में प्रतिदिन 250 के करीब मरीज दर्ज हो रहे हैं। इनमें कई मरीज ऐसे भी रहते हैं जिन्हें की प्लाज्मा की जरूरत होती है। ऐसे में जब बड़ी संख्या में प्लाज्मा डोनेट होने लगेगा तो मरीजों के ठीक होने का औसत भी बढ़ जाएगा।

सूरत में कोरोना के मरीज बढ़ने से १० सिटीबस को एम्बुलेंस में बदलना पड़ा

सूरत में बढ़ रहे कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या को देखते हुए महानगर पालिका प्रशासन ने दस सिटी बस को एंबुलेंस में परिवर्तित कर दिया है।इसका संचालन पालिका का फायर विभाग करेगा।मिली जानकारी के अनुसार सूरत में कोरोनावायरस की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके कारण प्रशासन भी चिंतित हो गया है।

प्रशासन ने परिस्थिति से निपटने के लिए हर तरह के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रशासन ने द सिटी बसों को एंबुलेंस में बदल दिया हैं। बसों का उपयोग मरीजों को अस्पताल तक ले जाने और लाने के लिए किया जाएगा। इनको शहर के फायर स्टेशन में रखा जाएगा।


मनपा फायर ब्रिगेड से मिली जानकारी के अनुसार पहुंचाने के लिए एंबुलेंस में कन्वर्ट कर दिया है। जिसमें मरीजों को सुलाने के लिए बेड की व्यवस्था है।बेड के नीचे स्ट्रेचर रखा गया है।

एंबुलेंस में हेन्डवॉश बेजिन भी बनाया गया है। इसके अलावा 20 लीटर पानी का टैंक भी रखा गया है। पब्लिक को सूचना देने के लिए भी बनाई अनाउंस की व्यवसथा भी है। इसके अलावा भी अन्य व्यवस्थाए की गई है। महानगर पालिका के पास खुद की 11 एम्बुलेंस हैं बीते दिनों को देखते हुए 3 महीने के लिए 10 किराए पर भी ली थी। फिलहाल इनका उपयोग मरीज़ों को अस्पताल तक ले जाने के लिए मनपा कर रही है।

सूरत में कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि एम्बुलेंस की कमी हो गई है। इसको देखते हुए मनपा ने बस को भी एंबुलेंस में परिवर्तित करवा दिया है। बताया जा रहा है कि सूरत में प्रतिदिन 200 से ढाई सौ के करीब कोरोना के केस दर्ज हो रहे हैं। और 10 से अधिक लोगों की मौत हो रही है।

ऐसे में पहले से ही संभावित परिस्थितियों को देखते हुए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मनपा की ओर से जो प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक प्रशंसा के पात्र हैं मनपा ने हर संभव प्रयास किए हैं आने वाले दिनों में भी परिस्थिति के अनुसार हर संभव प्रयास के लिए समर्थ है।

बढ़ते कोरोना के चलते 10 सिटी बस को बना दी एम्बुलेंस

सूरत में बढ़ रहे कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या को देखते हुए महानगर पालिका प्रशासन ने दस सिटी बस को एंबुलेंस में परिवर्तित कर दिया है।इसका संचालन पालिका का फायर विभाग करेगा।मिली जानकारी के अनुसार सूरत में कोरोनावायरस की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके कारण प्रशासन भी चिंतित हो गया है।

प्रशासन ने परिस्थिति से निपटने के लिए हर तरह के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रशासन ने द सिटी बसों को एंबुलेंस में बदल दिया हैं। बसों का उपयोग मरीजों को अस्पताल तक ले जाने और लाने के लिए किया जाएगा।

इनको शहर के फायर स्टेशन में रखा जाएगा। मनपा फायर ब्रिगेड से मिली जानकारी के अनुसार पहुंचाने के लिए एंबुलेंस में कन्वर्ट कर दिया है। जिसमें मरीजों को सुलाने के लिए बेड की व्यवस्था है।बेड के नीचे स्ट्रेचर रखा गया है। एंबुलेंस में हेन्डवॉश बेजिन भी बनाया गया है। इसके अलावा 20 लीटर पानी का टैंक भी रखा गया है।

पब्लिक को सूचना देने के लिए भी बनाई अनाउंस की व्यवसथा भी है। इसके अलावा भी अन्य व्यवस्थाए की गई है। महानगर पालिका के पास खुद की 11 एम्बुलेंस हैं बीते दिनों को देखते हुए 3 महीने के लिए 10 किराए पर भी ली थी। फिलहाल इनका उपयोग मरीज़ों को अस्पताल तक ले जाने के लिए मनपा कर रही है। सूरत में कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि एम्बुलेंस की कमी हो गई है। इसको देखते हुए मनपा ने बस को भी एंबुलेंस में परिवर्तित करवा दिया है।

बताया जा रहा है कि सूरत में प्रतिदिन 200 से ढाई सौ के करीब कोरोना के केस दर्ज हो रहे हैं। और 10 से अधिक लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में पहले से ही संभावित परिस्थितियों को देखते हुए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

मनपा की ओर से जो प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक प्रशंसा के पात्र हैं मनपा ने हर संभव प्रयास किए हैं आने वाले दिनों में भी परिस्थिति के अनुसार हर संभव प्रयास के लिए समर्थ है।