वित्त मंत्रालय द्वारा बुधवार, 30 दिसंबर को जारी की गई सूची के अनुसार, आयकर रिटर्न (गैर-ऑडिट) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर से बढ़ाकर 10 जनवरी, 2021 कर दी गई है। यदि स्व मूल्यांकन कर 1 लाख रुपये तक है, तो देर से रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज नहीं लगाया जाएगा। अनिवार्य ऑडिटेड आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर से बढ़ाकर 15 फरवरी 2021 कर दी गई है।
सीए का कहना है कि भले ही अनिवार्य ऑडिट वाले आयकर रिटर्न की तारीख 15 फरवरी तक बढ़ा दी गई है, तो भी इससे बहुत फायदा नहीं होगा। क्योंकि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट 15 जनवरी, 2021 से पहले दाखिल की जानी है। विवाद से विश्वास योजना के लिए आवेदन की तारीख 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 जनवरी 2021 कर दी गई है।
जीएसटी रिटर्न फॉर्म -9 और 9-सी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया। इसका मतलब है कि 31 दिसंबर 2020 आखिरी तारीख होगी। 2019-20 के फॉर्म -9 और 9-सी की समय सीमा 31 दिसंबर से बढाकर 28 दिसंबर कर दी गई है।
हालांकि, वित्त मंत्रालय द्वारा अभी तक एक आधिकारिक परिपत्र जारी नहीं किया गया है।
कैट ने समय बढ़ाने की माँग की
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने हाल ही में जीएसटी नियमों में जोड़े गए अनेक नियमों को स्थगित रखने की मांग को आज फिर दोहराया है और वित्त मंत्री निर्मला सीताराम से आग्रह किया है की जीएसटी एवं आयकर दोनों के तहत ऑडिट रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जाए ! कैट ने विवाद से विश्वास स्कीम को भी 31 मार्च तक आगे बढ़ाने की मांग की है !
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को आज भेजे एक पत्र में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि किसी भी जीएसटी नियम के तहत आने वाले व्यापारियों की संख्या, इस नियम को स्थगित करने का कोई कारण नहीं हो सकती बल्कि वास्तव में सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नियम प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुरूप है या नहीं।
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि हाल ही में व्यापारियों के साथ कोई परामर्श किए बिना जीएसटी में विभिन्न नियम जोड़े गए हैं। इसके अलावा नियम 22 दिसंबर, 2020 को अधिसूचित किए गए थे और उनको लागू करने की तिथि 1 जनवरी, 2021 है। केवल 9 दिनों के थोड़े समय में इलेक्ट्रॉनिक सॉफ़्टवेयर पर आधारित नियमों को समझना और उनका पालन करना बेहद मुश्किल है !
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि अधिक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जीएसटी में हाल ही में जोड़े गए उक्त नियम कर प्रणाली को जटिल बना रहे हैं और व्यापारियों पर अधिक अनुपालन बोझ डाल रहे हैं तथा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के “इज ऑफ़ डूइंग बिजनिस” के स्पष्ट आह्वान के तुरंत विरुद्ध हैं !
भरतिया और खंडेलवाल ने वित्त मंत्री सीतारमन से आग्रह किया की जीएसटी एवं आय कर ऑडिट रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 के 31 मार्च 2021 तक आगे बढ़ाया जाए !चालू वर्ष में कोरोना ने व्यापारिक वर्ग के अनेक दर्द दिए हैं और हम व्यावसायिक गतिविधियों को फिर से जीवंत करने के लिए बिना किसी सरकार सहायता के अपने स्वयं के स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विवाद से विश्वास ” योजना सरकार का एक बड़ा क्रांतिकारी कदम है लेकिन कोरोना के कारण अधिकतम व्यापारी उक्त योजना का लाभ नहीं उठा सके और इसलिए इस योजना की अंतिम तिथि भी 31 मार्च 2021 तक बढ़ाई जाए !