श्री हरि सत्संग समिति के 25 वर्ष पूर्ण होने पर देश भर में रजत जयंती महोत्सव का आयोजन आगामी 6 एवं 7 मार्च को किया जाएगा। 7 मार्च को सायं 5 बजे भारत संग एकल के रंग का कार्यक्रम होगा। इसके बाद ऋतंभरा दीदी का उद्बोधन होगा, जिसका सीधा प्रसारण सुभारती चैनल पर होगा। समिति के पहले अध्यक्ष साधुरामजी बंसल थे।
शनिवार को हरि सत्संग सूरत इकाई ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स में महेश मित्तल ने समिति के 25 वर्षों में किए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि समिति 1996 से लेकर आज तक वनवासी युवक-युवतियों को अयोध्या, वृन्दावन में तकरीबन 9 महीने तक प्रशिक्षण देकर कथाकार बनाते है। अभी तक 4 हजा वनवासी कथाकार बनाए गए हैं, जो पिछले 25 सालों से वनवासी क्षेत्रों में राम-कृष्णा की कथायें कर लोगों को संगठित कर रहे हैं।
वनवासी क्षेत्रों में अब साप्ताहिक सत्संग शुरु किया गया है। कई वनवासी गांव में मंदिर नहीं थे और आज भी अधिकांश क्षेत्रों में नहीं है। परिणाम स्वरुप वनवासी लोग राम, हनुमान, श्रीकृष्ण के स्वरुप को ही भूल गये थे। लेकिन समिति द्वारा श्रीहरि मंदिर रथ बनाकर वनवासी गांवों में चलाया जा रहा है। अब तक समिति के 52 श्रीहरि मंदिर रथ हैं, जो गांव-गांव जाते हैं।
उन्होंने कहा कि एक रथ महीने में 40 गांव में जाता है, जहां गांव के लोग स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहन कर पंक्ति में खड़े होकर मंदिर रुपी रथ में प्रस्थापित राम,कृष्ण, हनुमान आदि देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं। जिसका प्रभाव यह हुआ कि आज अपनी संस्कृति एवं धर्म के प्रति वनवासी बंधुओं का निष्ठा बढ़ी। अब कोई भी व्यक्ति उन्हें बहला फुसला कर धर्म परिवर्तन नहीं करा सकता।
उन्होंने कहा कि समिति हर वर्ष नव यात्रा का आयोजन करती है, जिसमें शहर के लोगों को वनवासी क्षेत्रों में ले जाते हैं, ताकि वनवासी का शहर और शहरवासियों का वनवासियों के प्रति लगाव हो सके। साथ ही शहर के लोग वर्ष में कई बार नव यात्रा कर वनवासी बंधुओं का हर संभव सहयोग करते हैं।
समिति ने गोपाष्टमी के दिन 22 नवंबर को वृन्दावन में एकल गौ ग्राम योजना का उद्घाटन किया गया। एकल अभियान ने ठाना है कि दूध नहीं देने वाली गायें अब नहीं बिकेगी, जब बिकेगी नहीं तो कटेगी नहीं। हाल में पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के गो शालाओं से 8 हजार गायों को लेकर वनवासी किसानों के घर भेजा जाएगा। साथ ही गोबर एवं मूत्र को उपयोग में लाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिस दिन गाय कटना बंद हो जाएगा, उस दिन भारत पुनः विश्व गुरु का स्थान प्राप्त करेगा।
इस अवसर पर विश्वनाथ सिंघानिया, रमेश अग्रवाल, रतनलालभाई, कपीश खाटुवाला के अलावा महिला इकाई के विजयलक्ष्मीबेन प्रेरणा भाउवाला, कांता सोनी, सहित अन्य लोग उपस्थित थे।