डेढ साल से गोता खा रहे कपड़ा उद्योग को बचा लेने की माँग, क्या सुनेगी सरकार?

कोविड -19 की दूसरी लहर के बाद कपड़ा व्यापारी परेशान है। एक साल से अधिक समय से व्यापार अच्छे से नहीं चलने के कारण सभी की आर्थिक हालत पतली होते जा रही है। ऐसे में व्यापारी चाहते है कि सरकार उनके लिए कुछ राहत जारी करे। सूरत मर्कन्टाइल एसोसिएशन ने इस बारे में वित्तमंत्री को पत्र लिखकर गुहार लगाई है।


एसोसिएशन ने पत्र में बताया है कि कोरोना के कारण व्यवसाय में टिके रहना और जीवित रहना बहुत मुश्किल हो गया है। लॉकडाउन और रात के कफ्यू के कारण व्यवस्था में धन की आवाजाही का पूरा चक्र ठप हो गया है। इस बात का सबसे ज्यादा असर छोटे और मझोले कारोबारियों पर देखने को मिला है जो सीमित संसाधनों और फंड से काम करते हैं. उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए हम सभी आपसे ऐसी राहत देने की अपील करते हैं जिससे व्यवसाय की कार्यशील पूंजी की आवश्यकता कम होगी और अंततः अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।

कपड़ा व्यापारियों ने लगाई यह गुहार

– केंद्रीय माल और सेवा कर नियम, 2017 के नियम 36(4) के अनुसार इनपुट टैक्स ऑडिट का दावा करने की शर्त को मई 2021 से मार्च 2022 तक की अवधि के लिए टाल दिया जाए।

– वर्तमान में संचित इनपुट टैक्स क्रेडिट की वापसी की अनुमति केवल निर्यात और व्यापार के उल्टे शुल्क ढांचे के तहत आने के मामले में है। सूरत में, बड़ी संख्या में ऐसे व्यवसाय हैं जिन्होंने इलेक्ट्रॉनिक लेज़र में इनपुट टैक्स क्रेडिट जमा किया है, जो जीएसटी कानून की स्थापना के बाद से उनके द्वारा की गई खरीद की अजीबोगरीब प्रकृति के कारण अप्रयुक्त पड़ा हुआ है।


– इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को अभी तक कानून में परिभाषित नहीं किया गया है और हम व्यापारियों को पैकिंग सामग्री, स्टोर, स्पेयर के रूप में इनपुट खरीदने के लिए 18% की दर से जीएसटी के तहत सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस एक्ट 2017 की धारा 54 के तहत रिफंड के हकदार है। पर वर्तमान में विभाग ऐसे मामलों के लिए रिफंड आवेदन स्वीकार नहीं कर रहा है। इसलिए इस संबंध में निर्देश जारी करने और पात्र व्यापारियों को रिफ़ंड का दावा करने की अनुमति देने की मांग की।


– हम आपसे अनुरोध करते हैं कि अप्रैल 2021 से जून-जुलाई 2021 की अवधि के लिए धारा 39 के तहत जीएसटीआर 3बी की रिटर्न प्रस्तुत करने और केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 37 के तहत जावक आपूर्ति का विवरण प्रस्तुत करने की देय तिथि का विस्तार करें। करदाताओं के सभी वर्ग के लिए ब्याज की कोई वसूली किए बिना।


– आपसे व्यक्तिगत, एचयूएफ, एओपी और बीओआई के लिए आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर दर और स्लैब में संशोधन करने का अनुरोध करते हुए शुद्ध आय 5 लाख और 7.5 लाख के बीच के करदाताओं पर 20% की जगह 10% कर लिया जाए।


-आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 208 के तहत निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए पहली किश्त के लिए अग्रिम कर के भुगतान की देय तिथि b15 जून 2021 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2021 कर दी गई है।

सूरत: कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए गंभीर, क्या कर रहा है प्रशासन!!


सूरत सहित पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। प्रशासन दूसरी लहर का सामना करने के साथ ही तीसरी लहर के लिए तैयारी कर रहा है। तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जताई गई है। ऐसे में सूरत में पी़डियाट्रिक एसोसिएशन ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

प्रशासन के अधिकारियो से मुलाकात के बाद आगे की तैयारी शुरू कर दी गई है।  सूरत में पी़डियाट्रिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों और प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। शहर के करीब 300 निजी अस्पतालों में कितने बाल रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ हैं, इस पर चर्चा हुई। साथ ही इलाज की रणनीति भी तैयार की जा रही है।

इसके अलावा सूरत में पी़डियाट्रिक एसोसिएशन स्टाफ प्रशिक्षण के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। साथ ही माता-पिता और बच्चों को जागृत करने के लिए एक मॉडल विकसित किया जा रहा है। सूरत के निजी अस्पताल में 100 और सिविल और स्मीमेर अस्पतालों में एनआइएसयु, पीआईएसयु सहित कुल 128 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं।

सूरत पीडियाट्रिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. कार्तिक सिसोदिया ने कहा कि सरकारी अस्पताल में बाल रोग विभाग के अलावा शहर में करीब 200 बाल चिकित्सा अस्पताल हैं और अगर हम एक अस्पताल में अनुमानित 15 आईसीयू बेड की गणना करें अगर 3000 बच्चे भर्ती हैं तो उपचार किया जा सकता है इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है।

आम तौर पर कुल आबादी में 40 फीसदी बच्चे (18 साल से कम उम्र के) के हैं, लेकिन शहर से बाहर के मरीज भी इलाज के लिए आते हैं, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए तैयारी की जा रही है. डॉक्टर सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन जागरुकता फैला रहे हैं सूरत में पी़डियाट्रिक एसोसिएशन की ओर से स्लम क्षेत्रों में रहने वाले माता-पिता को लक्षणों पर, अस्पताल कब जाना है, साथ ही तंत्र के सहयोग से आंगनवाड़ी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे लक्षणों की पहचान कर सकें और लोगों को जागरूक कर सकें। इसके अलावा एसोसिएशन और डब्ल्यूएचओ। साथ में एक ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया जा रहा है।

सिविल अधीक्षक प्रभारी डॉ. रागिनी ने कहा, ”हमें राज्य सरकार द्वारा निर्देश दिया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर में 100 बेड की व्यवस्था की जाए। .” इन 100 बेड में 20 बेड का आईसीयू, 20 बेड का टेप डाउन और 20 बेड का ऑक्सीजन फैसिलिटी शामिल है। यह सुविधा सिविल अस्पताल  में स्टेम सेल भवन की 7वीं मंजिल पर स्थापित की जाएगी। जिसके लिए आवश्यक उपकरणों की सूची तैयार कर राज्य सरकार को भेजी गई है।

पांच बेटे लेकिन मां को दो जून की रोटी भी नहीं, रोती आंखो से मां ने की शिकायत


मध्यप्रदेश की एक वृद्ध महिला की कहानी सुनकर किसी की आंखो मे आंसु आ जाएंगे। जिन बच्चों को बड़े लाड़ से ममता की आंचल में मां ने पाल कर बड़ा किया। वही बच्चे अब माता को रखने के लिए तैयार नही और मां को दर-बदर ठोकर खानी पड़ रही है।

बच्चों ने शादी कर अपना घर बसा लिया, वे अपनी बूढ़ी मां को दो रोटी भी देने को तैयार नहीं हैं। एक मां जिसे एक समय में 5 बेटे होने पर गर्व होता था, अब वह अपने बेटों के खिलाफ थाने जा रही है। मा ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि वह बेटो से दो जून की रोटी दिलवा दें। 

मध्य प्रदेश के राजगढ़ के देवाखेड़ी गांव की रहने वाली रामकुंवर बाई पति लक्ष्मण सिंह की मौत के बाद अकेली रहती हैं। उनके 5 बेटे हैं लेकिन शादी के बाद सभी अलग हो गए और बूढ़ी मां को रखने को कोई तैयार नहीं है। आखिर में लाचार मां खिलचीपुर थाने गई और शिकायत की है ।

एसपी प्रदीप शर्मा ने पांचों बेटों को समझाने की कोशिश की लेकिन कोई भी बूढ़ी मां का सहारा बनने को तैयार नहीं हुआ। इसी को लेकर प्रदीप शर्मा ने पांचों पुत्रों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे और उनके खिलाफ सीनियर सिटीजन केयर एक्ट की धारा 24 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने वृद्ध के 3 पुत्रों को गिरफ्तार कर लिया है और 2 को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

दर्दनाक: गुजरात में 100 से अधिक पुलिस जवानों की कोरोना से मौत

जब कोरोना के कारण लोग अपने घरों में रहना पसंद करते हैं और परिवारजनों के बीच समय बीताना मुनासिब मान रहे है। ऐसे में दिन रात व्यवस्था में लगे रहने वाले कई पुलिस कर्मी भी कोरोना संक्रमित हुए है।  गुजरात में कोरोना के कारण 107 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की मौत हो गई। इसमे आर्म्स युनिट के डीआईजी एम. के नायक तथा  और अहमदाबाद के दरियापुर के पीआई जे बी चावड़ा की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई।

पुलिस के साथ ड्यूटी निभाने वाले भाई होम गार्ड और टीआरपी के जवानो में भी कोरोना तेजी से फैला। उनमें भी 22 जवान संक्रमण के कारण नहीं बचे। कोरोना ने भारत में मार्च के 2020 से दस्तक की है। इसके बाद से प्रशासन की जिम्मेदारी लगातर बढती जा रही है। इसमें पुलिस ने कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है। इसके बावजूद मनपा की और पंचायत के चुनाव किए गए थे इन दिनों भी सरकारी विभागों के साथ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी दिन-रात ड्यूटी पर तैनात थे।  

Corona

कोरोना के कारण लगभग 80 से अधिक पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। अहमदाबाद में 20 और वड़ोदरा में 13 पुलिस कर्मचारियों की मौत हुई है और कई कर्मचारी उपचाराधीन है। कोरोना काल में एक और जहां लोग घरों में रहना पसंद करते हैं वहीं बंदोबस्त के नाम पर पुलिस को दिन-रात दौड़ाया जाता है। गांधीनगर पुलिस कर्मचारी का एक मामला सामने आया था।

वह कोरोना संक्रमित होने के बाद उनके परिवार जनों ने एक उच्च अधिकारी का संपर्क करके हॉस्पिटल में बेड दिलाने के लिए कहा लेकिन उन्हें हॉस्पिटल में बेड नहीं मिला और ऑक्सीजन नहीं होने के कारण उनकी मौत हो गई।एक सीनियर आईपीएस अधिकारी का बेटा कोरोना संक्रमित हो जाने के बाद पुलिस अधिकारी हॉस्पिटल में लेकर गए थे लेकिन उन्हें भी बेड की व्यवस्था नहीं मिली और उन्होंने बेटे को घर पर ही जाकर उपचार शुरू करवाया था। 

कोरोना के कारण कितने पुलिसकर्मी की मौत हुई
अहमदाबाद -20 
सूरत में 08
 राजकोट 03 
वडोदरा 13
 गांधीनगर  05

कपड़ा मार्केट में तीन बजे बाद पुलिस की कार्रवाई से त्रस्त व्यापारी, लगाई यह गुहार

कपड़ा बाज़ार में तीन बजे के बाद दुकान खुली रखने वालों से पुलिस दंड वसूल कर रही है। इस पर कई व्यापारियों ने विरोध किया है सोमवार को साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल सलाबतपूरा पी आइ किकानी से मिल कर मार्केट विस्तार में चेकिंग का समय 3 बजे की बजाए 4 बजे करने के लिए पत्र सौंपा।


पत्र में जिक्र किया गया कि सूरत के सभी टेक्सटाइल मार्केट प्रशासन के आदेशानुसार दिन में 3 बजे बंद हो जाते हैं लेकिन जब व्यापारी बंधु अपनी अपनी दुकानें बंद कर अपने सहयोगी, कर्मचारी, स्टाफ आदि के साथ एक ही समय पर निकलते हैं तो लिफ्ट में वेटिंग,साइकिल, बाइक, कार आदि की लाइन के कारण मार्केट के मेन गेट तक पहुंचने में छोटे बड़े मार्केट जिनमें दुकानों की संख्या 1000 से 3500 तक है।

इसके हिसाब से करीब आधे से एक घंटे का अतिरिक्त समय लग ही जाता है lअतः उपरोक्त वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखते हुए टेक्सटाइल मार्केट विस्तार में चेकिंग का समय दिन में 3 बजे से बदल कर 4 बजे करने की कृपा करें l


SGTTA के अध्यक्ष सांवर प्रसाद बुधिया एवं महामंत्री सुनील कुमार जैन ने बताया कि पी आइ किकानी साहब ने उक्त विषय पर सकारात्मकता जताते हुए कमिश्नर श्री से चर्चा कर आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया l


प्रतिनिधिमंडल में SGTTA के कोषाध्यक्ष सुरेंद्र जैन के अलावा हंसराज जैन,दिनेश कटारिया,मोहन अरोरा, महेश जैन,अर्जुन नारंग,संतोष माख़रिया और अशोक मुंडेल भी शामिल रहें l

क्या झारखंड में सच मे दिखा एलियन? वीडियो हुआ वायरल

पिछले तीन दिन से सोश्यल मीडिया पर’‘एलियन इन हजारीबाग’नाम से एक वीडियो वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो झारखंड के हजारीबाग चतरा रोड पर कटकमसांडी के के पास स्थित छ़डवा डैम के नजदीक बना है। 30 सेकंड के वीडियो में एलियन जैसी प्रतिकृति वाला कोई सजीव दिख रहा है। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर हर किसी को हैरत में डाल दिया है।

allian


वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों में फिर से एलियन को के वजूद को लेकर असमंजस मं आ गए है। कोई इस वीडियो में जो दिख रहा है उसे एलियन कह रहा है तो उसे चुड़ैल कह रहा है। इस वीडियो के कारण बीते दो दिन से हजारीबाग शहर लोगों में एलियन को लेकर सभी में काफी चर्चा चल रही है। वीडियो वायरल होने के बाद कई लोगों ने इस स्थान पर जाकर फिर से उस प्रतिकृति वाले शख्स को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं दिखा।

स्थानीय निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि एलियन इन हजारी बाग नाम के वीडियो में जो मानव जैसा दिख रहा है वह एक महिला है वह सडक से जा रही थी तब उसे देखा गया था। जो कि सामान्य लोगों की अपेक्षा अलग थी। कई लोगों का कहना है कि यह वीडियो छड़वा डैम के पास का नहीं है। वीडियो के सामने आने के बाद एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि उसने भी महिला जैसी इस आकृति को एक महीने पहले भी देखा था। तो कई लोगों ने उस आकृति के साथ यूएफ़ओ देखने होने की बात भी कही थी।

हालांकि अभी तक किसी को कोई नुकसान आए हो ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। फिलहाल इस वीडियो को लेकर कई तरह की चर्चा विचारणा चल रही है लेकिन क्या वाकई यह वीडियों बताए गए स्थान का है और एलियन की बात सच है यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

रिक्शे में सटकर बैठने के बाद चोरी करने वाली महिला सहित तीन पकडाए


चौकबाजार पुलिस व एसओजी ने एक दलाल की जेब से एक लाख के हीरों की चोरी का राज पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत तीन जनों को गिरफ्तार किया है। जबकि एक अन्य फरार हैं। पकड़े गए पुलिस सूत्रों के मुताबिक डिंडोली भेस्तान आवास निवासी मोइन शेख, एक महिला अडाजण बापूनगर बोरड़ी निवासी सुमैया पटेल, होडी बंगला मुसीबतपुरा निवासी गुलाम मलेक व फरार ईकबाल उर्फ ईबु के साथ मिल जहांगीरपुरा माधव प्लेटिना निवासी हीराभाई करथिया की जेब से एक लाख रुपए के हीरे व मोबाइल फोन चुराया था।गत 22 मई को डभोली से हीरा भाई महिधरपुरा हीरा बाजार जाने के लिए उनकी ऑटो रिक्शा में सवार हुए थे।

पिछली सीट पर बैठे तीन जनों ने रिक्शा में बैठने में दिक्कत होने का बहाना कर हीराभाई का ध्यान भटकाया। महिला ने दलाल को थोडी दूरी बनाकर बैठने को कहा और आगे पीछे सरकने को कहा। उसी दौरान उनकी जेब से हीरे चुरा लिए थे। फिर उन्होंने बिना किराया लिए हीरा भाई को आधे रास्ते में उतार दिया और फरार हो गए थे। इस संबंध में हीरा भाई से शिकायत मिलने पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज आदि के जरिए पड़ताल शुरू की।

इस बीच एसओजी पुलिस ने मुख्य सूत्रधार मोइन को वेडरोड इलाके में प्राणनाथ अस्पताल के निकट से पकड़ा वहीं चौकबाजार पुलिस ने गुलाम व सुमैया को गिरफ्तार किया। इकबाल की खोज चल रही है। पुलिस ने आरोपियों को कब्जे से चुराए गए हीरे व मोबाइल फोन बरामद किया है।आरोपियों में एक शातिर भी हैं जिसे तड़ीपार किया गया था।

सेज की हीरा यूनिट में ड्यूटी चोरी मामले में अब ईडी की भी एन्ट्री होगी? बड़े उद्यमियों के नाम आने की शंका

सूरत कस्टम डिपार्टमेंट और डीआरआई यूनिट ने एक संयुक्त कार्रवाई में सचिन के स्पेशल इकोनोमिक जोन में एक हीरा यूनिट में से मिसडिक्लेरेशन कर नकली डायमंड के स्थान पर असली हीरो का एक्सपोर्ट किए जाने का करोड़ो रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया है। फिलहाल डिपार्टमेंट की जांच जारी है। इस मामले में विभाग को हवाले की आशंका के कारण इस मामले में एन्फोर्समेन्ट विंग की भी जल्दी एन्ट्री होने की संभावना है। विभाग का मानना है कि कंपनी संचालक असली हीरे नकली हीरे के नाम पर भेज रहे थे। वह असली हीरो के हवाला के अवेज में भेज रहे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीआरआई,सूरत और कस्टम के अधिकारियों ने तीन दिन पहले सचिन के स्पेश्यल इकोनोमिक जोन के हीरा यूनिट में गडबड़ चल रहे होने की आशंका से छापा मारा था। अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि कुछ लोगो विभाग को गुमराह कर लेबग्रोन डायमंड के नाम पर ओरिजिनल डायमंड एक्सपोर्ट कर रहे हैं।

इस जानकारी पर कई दिनों तक पूरा काम करने के बाद कस्टम डिपार्टमेंट की डायमंड यूनिट पर कार्रवाई की। अधिकारियों को देखते ही कंपनी संचालक वहां से फरार हो गया लेकिन डिपार्टमेंट ने कंपनी ने एक्सपोर्ट के लिए भेजे दो हीरो के कन्साइन्मेन्ट पकड़ लिए। इन दोनों कन्साइन्टमेन्ट में बड़े पैमाने पर डायमंड हैं। जिनमें की ओरिजिनल और लेबग्रोन दोनों ही मिले हैं। जबकि यूनिट संचालक ने अपने डिक्लेरेशन में सिर्फ लेबग्रोन डायमंड एक्सपोर्ट कर रहे होने की जानकारी दी थी। बताया जा रहा है कि पकडे गए कन्साइन्मेन्ट में 4 से 10 कैरेट के हीरे भी थे, जिनकी कीमत बहुत ज्यादा है। यह हीरे होंगकोंग के लिए भेजे जा रहे थे।


डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए हीरो का वैल्यूएशन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद हीरे सीज किए जाएंगे। संचालक ने पिछले दिनों कितने रुपए के हीरे विदेश में भेजे हैं इसकी भी जांच की जा रहा है। विभाग को शक है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा करने में कुछ अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। आगामी दिनों में डिपार्टमेंट इन सभी पर धीरे-धीरे कार्रवाई करेगा। डीआरआई और कस्टम डिपार्टमेंट की संयुक्त कार्रवाई के चलते फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मच गया है। जांच के बाद बड़े हीरा उद्यमियों के नाम भी सामने आने की संभावना है।

लोगों ने सोचा आत्महत्या है, पोस्टमार्टम करवाया तो हत्या का खुलासा हुआ

murder


सूरत के डिंडोली दीपकनगर में शुक्रवार को घर मे फांस देकर हत्या की हुई युवक की लाश मिली थी। लाश को सबसे पहले मा ने देखा और सब को बुलाया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या का खुलासा होने के बाद पुलिस ने अजनबी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस को शक है कि किसी अंदरूनी आदमी ने ही युवक की हत्या की है। इसी आधार पर पुलिस पूछताछ कर रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार सूरत के नवगाम डिंडोली चिंता चौक निवासी 35 वर्षीय मधुकर बाबूभाई सोनवणे पांडेसरा अपनी मां कलाबाई साथ पिछले दो माह से दीपकनगर मे रहते थे। वह प्रमुख पार्क में लूम्स फैक्ट्री में काम करते थे। वह बचपन से ही दाहिने हाथ से विकलांग था। इसके अलावा मधुकर के बाएं हाथ पर 20 दिन पहले नौकरी के समय एक बीम गिर गई थी। इस कारण नियमित रूप से काम पर नहीं जाते थे। उनका 15 साल का बेटा और 13 साल की बेटी है। मधुकर का पत्नी आशा से विवाद चल रहा था।

इस बीच गुरुवार रात 12 बजे मधुकर को दरवाजा नहीं खोला तब सबेरे सात बजे मधुकर की मां कलाबाई और अंदर से बंद दरवाजा खटखटाया। मधुकर ने दरवाजा नहीं खोला। धीरे धीरे लोग इकट्टा हो गए। जब दरवाजा तोडा गया तो मधुकर मृत हालत में था। पड़ोसी जीतू ने दरवाज़ा खोला तो देखा कि उसकी जीभ उसके मुंह से बाहर निकली हुई थी और उसके गले में एक तार था, कलाबाई को संदेह था कि उसने आत्महत्या की है।

डिंडोली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए स्मीमेर अस्पताल भेज दिया। मधुकर के भाई रवि की शिकायत के आधार पर डिंडोली पुलिस ने अजनबी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। पोस्टमॉर्टम में मधुकर की रस्सी से गला घोंटकर हत्या की गई थी। पुलिस हत्या के पीछे किसी वजह के होने की आशंका के आधार पर उनमें से कुछ से पूछताछ कर रही है।

सूरत: हीरा कारखाने में हत्या करने के बाद दोनो हत्यारे रैल्वे ट्रैक पकड अंकलेश्वर तक चले गए

वराछा पुलिस ने दस दिन पहले हीरा फैक्ट्री में हत्या के दो आरोपियों को भावनगर से गिरफ्तार कर लिया। हत्या के बाद से दोनों आरोपी कतारगाम में रह रहे थे। अगली सुबह अखबार में हत्या की खबर देख दोनों पकड़े जाने के डर से सूरत रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां से रैल्वे ट्रेक से अंकलेश्वर तक पैदल गए और बाद में वाहन से भावनगर भाग गए।

वराछा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सरथाना के रिवेरा अटलांटिक में रहने वाले 48 वर्षीय कालूभाई बेल्डिया वराछा मातावाड़ी में हीरे की फैक्ट्री के मालिक हैं। वहां काम करने वाले हीरा श्रमिक नरेश का शव 19 मई को एक फैक्ट्री में मिला था। नरेश चार दिन पहले बीपीन व मानसिंह दरबार को काम पर लाया था। उन दोनों ने नरेश को मार डाला। क्योंकि नरेश उन दोनों पर रौफ जमाता और उनसे सारा काम करवाता था। हत्या के बाद बीपीन और मानसिंह कतारगाम में परिजन वहां रह रहे थे।

हत्या के दूसरे दिन हत्या की खबर पढ़ने के बाद दोनों पुलिस द्वारा पकड़े जाने के डर से सूरत रेलवे स्टेशन पहुंचे। दोनों सूरत रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक से पैदल ही अंकलेश्वर पहुंचे। इसके बाद वे अंकलेश्वर हाईवे पर गया और जो कुछ भी मिला उसे ट्रक-टेम्पो से भावनगर पहुंचे। पुलिस ने बताया किएक को अस्पताल से और दूसरे को घर से गिरफ्तार किया गया।


वराछा पुलिस सीसीटीवी और जरिए दोनों आरोपियों की लगातार तलाश कर रही थी. इस बीच वराछा पुलिस की एक टीम दोनों आरोपियों के भावनगर के रहने का पता चलने पर भावनगर पहुंची. इस बीच, मानसिंह को उसके अस्पताल से और बिपिन के भावनगर स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया।