सूरत मुंबई के एक दंपत्ति ने सूरत के कपड़ा व्यापारी से 61.42 लाख रुपए के कपड़े खरीदने के बाद समय पर पेमेन्ट नहीं चुकाया। पीडित व्यापारी ने मुंबई के दंपत्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।मूलत: जूनागढ के केशोद के निवासी और हाल में पांच वर्ष से वराछा के सुदामा चौक रिवेरा रेजीडेन्सी में किराए के मकान में रहने वाले 32 साल के दर्शन हरसुख वेकरिया अवध टैक्सटाइल मार्केट में भागीदार हितेश रामाणी के साथ कपड़े का कारोबार करते हैं। दर्शन की इसके पहले सचिन में कपडा बुनने का काम करते थे। तब अडाजण में रहने वाले विशाल सुशील तयाल उनसे माल खरीद समय पर पेमेन्ट दे देता था।
कुछ दिनो बाद विशाल सुशील तयाल और उसकी पत्नी ध्वनी मार्च 2021 में दर्शन की दुकान पर आए। उन्होंने कहा कि श्याम संगिनी मार्केट में उनकी दुकान है। 1 मार्च से अगस्त तक 63.38 लाख रूपए के कपड़े लिए। इसमें से 196273 रूपए चुकाए और बाकी 6142680 का पेमेन्ट नहीं किया। घटना के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
बताया जा रहा है कि यह दंपत्ति मुंबई का है और व्यापारी को गलत जानकारी दी थी। व्यापारी ने जब पेमेन्ट के लिए दंपत्ति के सूरत के अडाजण स्थित घर पर जाकर जांच की तो पता चला कि वह लोग घर पर ताला फरार हो गए है। इसके पश्चात जब व्यापारी मुंबई उनके निवास पर पहुंचा तो वहां उनके परिवारजन मिले, उन्होंने कहा कि दोनो वहां भी नहीं थे।
सूरत शहर के उगत क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना सामने आ रही है। इस घटना में माता ने तीन साल के बच्चे को मार कर खुद भी आत्महत्या कर ली। पति से अलग रहने वाली महिला ने सुसाइड नोट लिखा है। इसमें अपनी पति के दूसरी महिला के साथ संबंध के आरोप लगाए हैं। मृतक महिला के पिता अरविंद परमार ने बताया कि मेरी 31 साल की बेटी वंदना उर्फे पिंकी और तीन साल का उसका बेटा रिशु सबेरे उठे नहीं। तब मैने अपनी पत्नी को उन्हें जगाने भेजा। रूम का दरवाजा खुलने पर दोनो मृत हालत में पड़े थे।
घटना के बारे में उन्होने 108 को सूचित किया। अरविंद परमार का आरोप था कि मृतक पिंकी के पति का दूसरी महिला के साथ संबंध था। साढे तीन साल से वह अलग रहते थे। मेरी बेटी का पति उसे शारिरिक और मानसिक प्रताडना देता था। मतक पिंकी ग्रेज्युएट थी और होटेल मेनेजमेन्ट का कोर्स किया था।
मृतक पिंकी ने लिखा था कि काश, सतीष तुम मुझे समझ सकते। मुझे और रिशु को तुम्हारी बहुत जरूरत है। तुम और भावना कभी नही सुधरोगे। तुम्हे सपोर्ट करने वाली तुम्हारी मा और मेरा घर त़ोडने वाली तुम्हारी मां. यदि घर बसाना ही नहीं था तो शादी क्यों करवाई। भावना और तुम्हारे बारे में जिस दिन पता चला उसी दिन मैं आत्महत्या करनेवाली थी, लेकिन मा-पिता के ख्याल के कारण रूक गई। मै भावना और तुम्हारी मा से बहुत नफरत करती हु।मृतक पिंकी ने बेटे के बारे में लिखा कि मेरा हीरो मर गया। मेरी ढींगली आइ लव यु सो मच रिशु, तु जिंदा रहता तो तेरी जिंदगी बरबाद हो जाती। मेरे हांथ काप रहे थे। मे बहुत रो रही थी। मेरे दिल का टुकड़ा, मेरी जान रिशु, सोरी बेटा, तुझे मारने के लिए
दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और फियास्वी ने सोमवार को संयुक्त रूप से सोमवार 28 राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों और वित्त सचिवों पत्र भेज कर कपड़ों पर जीएसटी कर की बढ़ी हुई दर को वापस लेने की माँग की गई।
चैंबर के अध्यक्ष आशीष गुजराती ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 19 नवंबर 2012 को जारी एक सर्कुलर जारी कर कपड़ा क्षेत्र में जीएसटी कर की दर में बदलाव किया गया है। टेक्सटाइल और गारमेंट्स पर जीएसटी टैक्स की दर पहले 5 फीसदी थी, उसे बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है. जीएसटी परिषद में मंत्रियों के समूह के सभी सदस्यों को चैंबर और फियासवी द्वारा इस नए परिपत्र के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई है क्योंकि इससे कपड़ा उद्योग के विकास में बाधा उत्पन्न होने का खतरा है। वहीं, केंद्र सरकार के इस सर्कुलर को वापस लेने का अनुरोध किया है।
सबमिशन में उठाए गए मुद्दे मुख्य रूप से हैं कि जीएसटी कर अधिभार का पावरलूम क्षेत्र के साथ-साथ उस क्षेत्र पर भी बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है जो भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 14 करोड़ लोगों को रोजगार देता है। 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जीएसटी कर ढांचे में बदलाव से भारत की 40 करोड़ की आबादी प्रभावित होने की संभावना है।
भारत का कपड़ा बाजार, विशेष रूप से अंतिम उपभोक्ताओं के लिए है इसका मतलब है कि जैसे-जैसे कीमतें बढ़ती हैं, वैसे-वैसे मांग घटती है, और जैसे-जैसे मांग घटती है, वैसे-वैसे उत्पादन भी घटता है। इसके तहत वित्त मंत्रालय द्वारा वर्तमान में संशोधित जीएसटी ढांचे से उपभोक्ता तक पहुंचने वाले सामान की कीमत में 21 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। नतीजतन, मांग में 5 फीसदी से 10 फीसदी की गिरावट से भी पूरे भारत में लगभग 24 से 25 लाख लोगों के रोजगार का नुकसान हो सकता है और लगभग 4 करोड लोगों के लिए गंभीर समस्या हो सकती है। वहीं, देश के आर्थिक विकास में रुकावट आ सकती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था का 70 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित हो सकता है।
भारत द्वारा साफ्टा और आसियान मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसलिए, यदि स्थानीय वस्त्र अधिक महंगे हो जाते हैं, तो बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम, थाईलैंड, इंडोनेशिया और नेपाल से वस्त्र आयात में वृद्धि होगी। इसलिए, कपड़ा बुनाई और परिधान क्षेत्र में भारत का उच्च स्तरीय निवेश कम होने की संभावना है, जिससे हमारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी।
अतीत में हमेशा एक अनुभव रहा है जहां व्यापारियों द्वारा किसी भी सामान और कर चोरी पर उच्च कर लगाया जाता है। जिससे सरकार के कर राजस्व का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए, चैंबर और फियासवी ने संयुक्त रूप से भारत के लगभग 28 राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों और वित्त सचिवों को अभ्यावेदन प्रस्तुत किए हैं।
कोरोना के दौरान लॉकडाउन में व्यापार उद्योग बंद होने के कारण सभी उद्यमी लाचार हो गए थे।सभी के लिए आर्थिक समस्या खड़ी हो गई थी। कई उद्यमियों ने अपना कामकाज घटा दिया तो कईयों को बिलकुल बंद कर देने की नौबत आ गयी है। पूरे देश नहीं बल्कि दुनिया में यही माहौल था जिसके चलते हैं गुजरात में भी कई उद्यमियों को अपनी कंपनियां बंद करनी पड़ी।
पिछले आठ माह में गुजरात में 1,585 रजिस्टर्ड कंपनियों को ताला लग गया। कोरोनाकाल में कंपनियां बंद होने के मामले में गुजरात देश में छठे नंबर पर है। 1 अप्रेल 2021 से 29 नवंबर 2021 तक आठ माह का यह आंकड़ा है। हालांकि इन्हीं दिनों गुजरात में नई 5,727 कंपनियां रजिस्टर्ड होने का केंद्र के कॉर्पोरेट मंत्रालय के लेटेस्ट रिपोर्ट में बताया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में गुजरात में 353 कंपनियों को ताले लगे लेकिन इसके पहले के आठ माह दौरान 1,585 कंपनियां बंद हुई। इससे पहले वर्ष 2019-20 में 1245 कंपनियों के शटर पड़े थे। इसी तरह 2018-19 में 13, 2017-18 में 11,973 और 2016-17 में 909 कंपनियां बंद हो गई। पौने छह साल में गुजरात में 16,078 कंपनियां बंद हो गई। कंपनियों को ताला लगने के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए।
इस सरकारी अहवाल का दावा के मुताबिक गुजरात में साल 2020-21 के दौरान नई 8,188 कंपनियां रजिस्टर्ड हुई है। इससे पहले 2019-20 में 5,780 नई कंपनियां दर्ज हुई। मंत्रालय के मुताबिक कंपनियों की सरलता के लिए रिपोर्ट फाइलिंग सहित अवधि में कोरोना की स्थिति को देखते हुए राहत दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में 5390, पश्चिम बंगाल में 4230, दिल्ली में 2054, तमिलनाडू में 1684, कर्नाटक में 1593, गुजरात में 1585, तेलंगना में 1498 और उत्तर प्रदेश 990 में कंपनियाँ बंद हुई।
उल्लेखनीय है कि अभी भी उद्यमियों का मानना है कि कोरोना के बाद परिस्थिति सुधार तो रही है लेकिन व्यापार उद्योग की हालत कोरोना के पहले जैसी नहीं है।इसलिए सरकार को उद्यमियों के लिए कोई राहत पैकेजों करने की घोषणा करनी चाहिए ताकि उद्यमी इस मुसीबत से उबर सके।
वापी के बिल्डर का सूरत में रहने वाले उसके भागीदार बिल्डर के साथ विवाद चल रहा है। इस बीच वह सूरत आए थे तब वापी के बिल्डर को युएसए के मोबाइल नंबर से किसी सुरेश पुजारी ने जान से मारने की धमकी के बाद बिल्डर ने शिकायत दर्ज करवाई।
सलाबतपुरा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वापी जीआईडीसी में श्रद्धा को.ऑप .हाउसिंग सोसायटी में रहनेवाले कीर्ती कुमार जैन सन 2015 में सूरत के वेलेन्जिया कोर्पोरेशन में भागीदार के तौर पर जुड़े थे। उनके साथ अन्य भागीदार कुमारेश किशोर भाई अगरबत्ती वाला, देव्यानी प्रकाश अगरबत्ती वाला, मुकेश पूनमचंद रूपावाला, चेतन प्रवीणचंद्र रूपावाला, और अमर अरविंद रावल ने कीर्ती कुमार के साथ धोखाधड़ी की शिकायत 2018 में उमरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। वेलेन्जिया प्रोजेक्ट में कुमारेश और कीर्ती कुमार के हस्ताक्षर से दस्तावेज होते थे। यह दस्तावेज कुमारेश अपने नाम से नहीं करवा ले।
इसलिए अर्जी देने हेतु 7 अक्टूबर को कीर्ती कुमार सूरत आए थे और बहुमाली मंजिल में रजिस्ट्रार कार्यालय जा रहे थे। इस दौरान वह उधना दरवाजा पर थे, तब उन्हें किसी ने फोन कर धमकी दी कि वेलेन्जिया प्रोजेक्ट में तेरे को कुछ नहीं मिलेगा। तु ज्यादा मगज मारी करेगा तो तेरे को ठोक दूंगा, मेरा आदमी तेरे पीछे हैं। कुमारेश और प्रकाश अगरबत्ती जहां बोले वहां साइन कर और चुपचाप निकल जा। इसमें तेरी भलाई है, तेरे भागीदार के खिलाफ जो केस किया है वापिस ले ले। यह सुनकर कीर्तीभाई डर गए और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
सूरत नवसारी के एक गांव में एक विधर्मी युवक ने अपना नाम बदलकर किशोरी से दोस्ती कर ली। इसके बाद उसने उसके साथ शारिरिक संबंध बनाया। किशोरी ने युवक की इंस्टा आईडी देखी तो उसकी पोल खुली । इसके बाद किशोरी ने युवक के साथ संबंध बनाने से इनकार कर दिया। हालाँकि, विधर्मी युवक ने किशोरी को डराकप इच्छा के विरूद्ध बलात्कारक किया। किशोरी के माता-पिता को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत एक बदमाश युवक को गिरफ्तार किया है।
नवसारी के एक गांव में, एक विधर्मी युवक हुसैन वोरा ने एक किशोरी को अपनी पहचान लालू के रूप में दी थी। इसके बाद मैसेज से बातचीत शुरू हुई। बातचीत से शुरू हुआ प्यार शारीरिक संबंध तक पहुंच गया। फिर किशोरी ने विधर्मी युवक की इंस्टाग्राम आईडी मांगी। प्रोफाइल चेक से पता चला कि युवक का नाम लालू नहीं बल्कि हुसैन वोरा था, जिससे किशोरी के पैर जमीन से फिसल गए और किशोरी ने एक विधर्मी युवक के साथ संबंध बनाने से इनकार कर दिया, इसलिए युवक नाराज हो उठा। उसने किशोरी को उसके माता पिता को जान से मारने की धमकी दी। इस तरह से मामला सामने आया आप को बता दे कि खेरगाम में एक परप्रांतिय परिवार 17 साल से रहता है। कक्षा 8 में पढ़ने वाली 14 वर्षीय किशोरी कोरोना के दौरान मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई कर रही थी। इस बीच, पिछले नवरात्र से दो दिन पहले, इंस्टाग्राम आईडी से हुसैन वोहरा के नाम से एक टेक्स्ट संदेश और मोबाइल पर एक टेक्स्ट मेसेज आने किशोरी का परिवार चौंक उठा था। पूछताछ करने पर उसने कहा कि वह उससे 20-1-2021 को गैरेज में मिला था। उस समय उसने अपना नाम लालू कहकर मुझसे दोस्ती की थी। उसके बाद फोन नंबर की अदला-बदली की। बाद में उसने किशोरी ने मैसेज कर उसकी इंस्टाग्राम आईडी मांगी और देखा तो मैसेज में आईएम हुसैन वोहरा का नाम था।
किशोरी ने तब कहा कि तुम एक विधर्मी युवक हो, इसलिए तुमसे संबंध नही रखना। जब हुसैन मनोहर वहोरा (रह., पटेल फलिया, हार्डवेयर स्ट्रीट, खेरगाम) की पोल खुल गई, तो उसने किशोरी व उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी, जिससे भयभीत किशोरी ने संबंध जारी रखा।
हुसैन मनोहर वोहरा फिर किशोरी के माता-पिता की अनुपस्थिति में महीने में 4 से 5 बार उसके घर आया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बेटी की कहानी सुनकर परिवार के पैर जमीन से फिसल गए और परिवार ने प्रतिष्ठा खोने के डर से शिकायत दर्ज नहीं कराई।
शहर के सलाबतपुरा मालिनीवाड़ी में सीवी क्रिएशन नाम के कपड़ा गोडाउन में रविवार रा 12 बजे से आसपास गोडाउन में अचानक आग लग गया, देखते ही देखते आग गोडाउन के बड़े में फैल गया। घटना की जानकारी होते ही घांची शेरी, मान दरवाजा, नवसारी बाजार, कतारगाम और डुंभाल दमकल स्टेशनों से दमकलकर्मियों का काफिला मौके पर पहुंच गया और आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए गए।
गोदाम के दरवाजे पर ताला होने से जवानों ने ताला तोड़कर अंदर घुस गये और आग को काबू पाने का प्रयास किया गया। आग और इससे हुए नुकसान को देखकर दंपति आघात में आ गये और वहीं बेहोश हो गये। दोनों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। दूसरी ओर दमकल कर्मियों द्वारा सतत पानी का बौछार मारकर साढ़े तीन घंटे से अधिक समय की मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित कर पाये।
दमकल के एक सूत्र ने आगे कहा कि ड्रेस मटीरियल्स, कपड़ा का जत्था और कंप्यूटर सहित अन्य सामान आग में जलकर खाक हो गया। हालांकि आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है। इसके दो दिन पहले पांडेसरा जीआईडीसी में राणीसति डाइंग मिल में आग लगने के कारण करोडो रुपए का नुकशान हो गया।
सूरत शहर के वेसू और पीपलोद क्षेत्र में स्पा की आ़ड़ में चल रहे देह व्यापार के धंधे अभी भी धडल्ले से चल रहे हैं। पुलिस की ओर से बार बार छापेमारी के बाद भी स्पा संचालक बाज नहीं आ रहे। सोमवार को पीपलोद क्षेत्र में इस्कोन मॉल में स्पा की आड़ में चल रहे देह व्यापार पर पुलिस ने यहां पर छापा मारकर पांच महिलाओं को छु़डवाया और मैनेजर, संचालक तथा तीन ग्राहको को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने स्पा संचालक के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।
मिली जानकारी के अनुसार बीते कुछ महीनो से शहर पुलिस ने स्पा की आड़ में चल रहे देह व्यापार के ठिकानो पर कड़ी नजर रखी है और कई स्थानो पर छापेमारी कर इसे बंद भी करवाया है। इसी क्रम में सोेमवार की शाम को पुलिस ने पीपलोद क्षेत्र मेंे इस्कोन मॉल में स्पर्श स्पा में छापा मारा और संचालक प्रज्ञेश कंथारिया मैनेजर और तीन ग्राहक पकड़े गए थे।
इसके अलावा चार थाइलेन्ड की और स्थानीय महिला को छुडवाया। पुलिस ने स्पा के संचालक के खिलाफ जांच कार्रवाई शुरू की है। उल्लेखनीय है कि शहर के वेसू, पीपलोद और वराछा क्षेत्र में स्पा के आड़ में देह व्यापार के अड्डे चल रहे हैं। पुलिस की ओर से कई स्थानो पर छापेमारी कर संचालको के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की है। इसके बावजूद स्पा संचालक अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे।
कपड़े पर जीएसटी का दर पांच प्रतिशत से बढाकर 12 प्रतिशत करने का देशभर में कपड़ा व्यापारी विरोध कर रहे है। सोमवार को इस सिलसिले में चैम्बर ऑफ कॉमर्स में आयोजित फिआस्वी, फोगवा, फोस्टा, एसएमए सहित तमाम कपड़ा संगठनो की मीटिंग में उद्यमियों ने आने वाले दिनों में एक कोर कमेटी बनाने का फैसला किया है। 1 तारीख को गुजरात के वित्त मंत्री के पास प्रेजेंटेशन देने जाएंगे। व्यापारियों का कहना था कि 5% जीएसटी के साथ उद्योग व्यवस्थित कारोबार कर रहा है, लेकिन 12 फीसदी के बाद व्यापार को भारी नुकसान होने की संभावना है।
कपड़ा उद्यमियों ने कहा कि एक तरफ सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाने का ऐलान कर रही है तो दूसरी तरफ साड़ी पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने के बाद इन गरीब लोगों को साड़ी पर 30 से 40 रुपये ज्यादा देने होंगे. देश का कपड़ा उद्योग आत्मनिर्भर है लेकिन 12% GST लगने से समय को भारी नुकसान होगा। उद्योग अभी भी कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है ऐसे में सरकार ने 12% जीएसटी लगाने का फैसला किया है जो कि कपड़ा उद्योग के लिए घातक साबित होगा। कपड़ा उद्योग से लाखों महिलाएं जुड़ी हैं। इसका असर उनके रोजगार पर भी पड़ेगा। कई प्रोसेस हाउस बंद रहेंगे और बाजारों में दुकानें होने की आशंका उद्यमियों ने व्यक्त की। उद्यमियों ने कहा कि इसका असर रोजगार पर पड़ने वाला है।
मीटिंग में फैसला किया गया कि देश भर के कपड़ा उद्योगपति एक डेटाबेस तैयार करेंगे और इसे राज्य के वित्त मंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने पेश करेंगे। व्यापारी कोर कमेटी बनाकर व्यवस्थित डेटाबेस बनाकर सरकार को छोटी से छोटी जानकारी देने की तैयारी कर रहे हैं। सचिन के अग्रणी विवर मयूर गोलवावा ने बताया कि डेटाबेस के माध्यम से जीएसटी 12 प्रतिशत लगाने से कपड़ा उद्योग में कितना नुकसान हो रहा है, इसका विवरण दिया जाएगा। कई व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद से रिटेलर उद्योग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। फिलहाल गांव का छोटा व्यापारी जो ईमानदारी से 5% जीएसटी पर कारोबार कर रहा है, उसे 12 प्रतिशत जीएसटी के कारण ज्यादा पूंजी लगानी पडेगी। इससे दो नंबरी व्यापार को वेग मिलेगा।
सूरत। डिंडोली के श्री चमत्कारी हनुमान मंदिर निर्माण हेतु आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा का रसपान कराते हुए कथा वाचक व्यास अनादि जी ने बताया कि सभी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे हैं वहां आपका अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान न हो यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर नहीं जाना चाहिए चाहे वह स्थान अपने जन्मदाता पिता का ही घर क्यों ना हो।
कथा के दौरान सती चरित्र के प्रश्न को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाहा होना पड़ा था।कथा में उत्तानपाद के वंश ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए बताया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उनकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया। जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया ।परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य व संयम की नितांत आवश्यकता रहती है।
भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं बाधा नहीं है, भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए। क्योंकि बचपन कच्ची मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहें वैसा पात्र बनाया जा सकता है ।उसी क्रम में कथा वाचक अनादि जी महाराज ने भक्त प्रहलाद की भक्ति भगवान नरसिंह का अवतार हिरण्यकश्यप बध तथा भक्त प्रहलाद की प्राण रक्षा की कथा का रसपान अपनी मधुर संगीत में पीरोते हुए तमाम भागवत प्रेमियों को कराया ।
दूसरे दिन की कथा में चौर्यासी विधानसभा विधायक श्रीमती झंखना बेन पटेल,उत्तर ब्राह्मण समाज के प्रमुख राजाराम मिश्रा,पूर्व पार्षद यजुवेंद्र दुबे के साथ कई उत्तर भारतीय सामाजिक अग्रणीओं ने कथा पंडाल में उपस्थित होकर भागवत भगवान की कथा का रसपान किया। इन सभी के बीच चौर्यासी विधानसभा विधायक झंख़ना बेन पटेल ने बड़े ही सादगी से महिलाओं के बीच नीचे बैठकर कथा का श्रवण किया जो लोगों के बीच उत्साह का विषय बना रहा।