हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी में फंस गया था सूरत का परिवार, जान की बाजी लगाकर बचाई…


हिमाचल प्रदेश में ट्रेकिंग करने गए सूरत का परिवार ट्रेकिंग के दौरान फंस गया था। उनको वडोदरा शहर के युवक ने बचाया है। वह माइनस आठ डीग्री में 8600 फीट उंचाई पर फंस गए थे। सूरत के परिवार के लिए देवदूत बनकर आए युवाओं ने कहा कि ट्रेकिंग किसी अनुभवी गाइड से ही करनी चाहिए। क्योंकि ट्रेकिंग का शौक और रोमांच खतरनाक साबित होता है। सूरत परिवार के लिए यह एक बुरा सपना साबित होते रह गया ।


वडोदरा के धैवत पंड्या ने कहा कि सूरत के परिवार को हिमाचल प्रदेश में खाजीआर झील के पास जमीन से 8600 फीट ऊपर पहुंचना था। लेकिन, खराब मौसम के कारण परिवार ज्योत नामक स्थान पर रुक गए। परिवार सहित निर्मलभाई रात के समय माइनस 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में अपने परिवार के साथ फंस गए थे। उनके परिवार में उनका एक 4 साल का बेटा भी था। यह इतनी बर्फबारी थी कि एक आदमी 1.5 फीट तक बर्फ में घिर सकता था।


ऐसे में थ्रिल ब्लेजर्स के सीनियर इंस्ट्रक्टर अक्षय भट्ट और मुख्य ड्राइवर सुभाषभाई ने कार की बैटरी निकालकर ट्रैवलर को स्टार्ट किया टायर बर्फ में फंस गए थे। तब भी बर्फबारी में वे 10 किमी का सफर तय कर सूरत परिवार को बचाने में कामयाब रहे।

पिछले साल केदारनाथ में फंसे 100 लोगों को बचाने के लिए युवाओं ने अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। हमने कई स्थानों पर ट्रेकर्स को बचाया है और प्रत्येक ट्रेकर को ट्रेकिंग के लिए जाने वाले गाइड के बारे में पता होना चाहिए। चाहे वह सरकार द्वारा अनुमोदित गाइड हो या नहीं।

रोमानिया की सीमा पर फंसे बच्चे, न पानी है ना भोजन,


रशिया और यूक्रेन बीच युद्ध के कारण वहां पढाई करने वाले कई विद्यार्थी फंस गए है। इसमें सूरत के भी कई बच्चे शामिल है। रविवार को सूरत के छह बच्चे लौटकर आए थे। इसके बाद अभी भी कई बच्चे फंसे है। सूरत से मेडिकल की पढाई करने के लिए गई दो बच्चियों के पिता ने बीते 48 घंटे से उनका संपर्क नहीं होने की गुहार लगाई।

सूरत कलेक्ट्रेट में 180 अभिभावको ने अपने बच्चों के फंसे होने की जानकारी दी है। बच्चियों के पिता ने कहा कि रविवार सबेरे उनसे अंतिम बार बात हुई थी इसके बाद से कोई संपर्क नहीं हो सका है। दोनो अभिभावको ने चिंतित स्वर में अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए विनंती की। फैनी पटेल नाम की विद्यार्थिनी के पिता मनीष पटेल ने बताया कि 48 घंटे से उनकी बेटी रोमानिया के बॉर्डर पर फंसी है। वहां खुले आसमान के नीचे वह और उसके साथ के लोग खड़े है। बर्फ की बारिश हो रही है। पानी और भोजन की सुविधा भी नही है। सिर्फ चॉकलेट खा कर वह लोग समय बीता रहे है। उनका फोन भी बंद होने से संपर्क नहीं हो पा रहा।

किंजल चौहाण के पिता मुकेश चौहाण ने बताया कि उनकी बेटी मेडिकल के पहले वर्ष मे पढाई कर रही है। एम्बेसी से अॉर्डर मिलने के बाद उनकी बेटी और उसके दोस्त रोमानिया के बॉर्डर पर पहुंचे लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्हें रोमानिया बॉर्डर पर एक दिन और एक रात का समय बीत चुका है। इस बीच सूरत के एक और विद्यार्थी के वापिस लौट आने की जानकारी सामने आई है।

कक्षा 8वीं के छात्र के बैग से निकला तंमचा और रैम्बो छुरी

ग्रीष्मा वेकारिया हत्याकांड के बाद पुलिस ने सड़क पर गुजरने वाले शंकास्पद लोगों की जाँच शुरू की है। सूरत पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के लिए एक्शन के मूड में है। गश्त के दौरान खटोदरा पुलिस को गुप्त सूचना पर एक युवक और कक्षा आठ के छात्र के बैग में किताबों की जगह हथियार मिले। पुलिस को एक देशी तमंचा और एक रेम्बो चाकू सहित हथियार मिले, अब पुलिस यह पता लगा रही है कि उन्हें हथियार किसने और किसको दिए थे।


खटोदरा पुलिस ने बताया कि उनकी टीम के सर्विलांस स्टाफ के पीएसआई आर.एस. पटेल टीम के साथ गश्त पर थे। इसी बीच हेड कांस्टेबल जयराज सिंह अंडुजी चेतन भाई रमनलाल को पक्की सूचना मिली थी कि दो युवक आलथन सोहम सर्किल से हथियार लेकर लौट रहे हैं. पीएसआई आरएस पटेल ने टीम के साथ सोहम सर्कल के पास निगरानी की और एक बच्चे सहित एक युवक को दबोच लिया। उसके स्कूल बैग से किताबों की जगह घातक हथियार, देसी वार और चाकू बरामद किया गया।


आरोपियों से आगे की पूछताछ में पता चला कि यह हथियार वह लोग वांछित आरोपी राज कृपालसिंह (उधना) से लाए गए थे। पुलिस फिलहाल जांच कर रही है।माता-पिता को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं, किसके साथ जा रहे हैं, कहां घूम रहे हैं और किसके साथ रह रहे हैं। खतोदरा पुलिस ने कानून का उल्लंघन करने वाले आरोपी जावेद जमीर शेख (एसएमसी आवास, खटोदरा निवासी) और नाबालिग को से पूछताछ शुरू की है.

सूरत के 100 धनकुबेरो को आयकर का नोटिस, विदेश मे किए निवेश पर छुपाई जानकारी!

अब करचोरी करनेवालों की खैर नहीॉ। सूरत मे आयकर विभाग ने सूरत और दक्षिण गुजरात के 100 से अधिक करदाताओं को विदेश में निवेश करने की जानकारी आयकर विभाग से छुपाने का नोटिस दिया है। इनमे जिन करदाताओं ने विदेश के बैंक में अकाउंट है, जमीन खरीदी की है, दुकान खरीदी है या मकान खरीदे हैं एेसे लोग शामिल है। डिपार्टमेन्ट ने इनसे जानकारी मांगी है कि यह रूपए कहां से आए और क्या विदेश में निवेश की जानकारी उन्होंने अपने इन्कम टैक्स रिटर्न में दिखाई है। डिपार्टमेन्ट ने जल्द से जल्द इस बारे में करदाताओं को अपना जवाब देने को कहा है यदि करदाताओ के जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं होता तो उनसे 84 प्रतिशत टैक्स और सालाना 12 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स की वसूली होगी।

सूरत सहित दक्षिण गुजरात में बड़ी संख्या मे लोग विदेश आते जाते रहते है। सूरत के ग्राम्य क्षेत्रो में बारड़ोली सहित कई स्थान एेसे है जहां कि बड़ी संख्या में लोग विदेश में ही रहने लगे है। उनका पूरा परिवार वहीं स्थायी हो गया है। हालाकि उनका आना-जाना लगा रहता है, उनके परिवारजन भी विदेश में मिलने आते-जाते रहते है। एेसे में सूरत और दक्षिण गुजरात के लोगो का विदेश में निवेश का रास्ता सरल बन गया है। एेसे में विदेश में निवेश करने वालो की जानकारी पता लगाने और जांच कार्रवाई के लिए सूरत में कोरोनाकाल के दौरान फॉरेन एसेट इन्वेस्टिगेशन यूनिट बनाया गया है।


भारत की कई देशो के साथ आर्थिक अपराधो को लेकर जानकारी साझा करने की संधि है। इसमें टैक्स से जुड़ी जानकारियां भी साझा की जाती है। इसी के तहत सेन्ट्रल बोर्ड अॉफ डायरेक्ट टैक्स को विदेश में निवेश करने वालो की जानकारी मिली है। इसी तरह भारत से भी उन्हें उनके नागरिको की जानकारी साझा की जाती है।

आयकर विभाग को अभी जो सूची मिली है। इसमे सूरत, बारडोली, नवसारी, वलसाड, वापी और वडोदरा के लोगो के नाम शामिल है। एेसे तो कई देशो में से निवेश की जानकारी सामने आई है लेकिन ज्यादातर अमरिका, कनाड़ा और एन्टवर्प के है। माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में गुजराती यहां बसे हैं साथ ही उनका कारोबार भी जुड़ा है। इसलिए वहां निवेश ज्यादा हुआ है। सूरत के हीरा उद्यमी रफ हीरो की खरीद-बिक्री के लिए एन्टवर्प आते-जाते रहते है। इसलिए वहां शोप आदि खरीदे हैं।

कंपनी मैनेजर की मीठी मीठी बातों में फँस गई महिला,बलात्कार कर फरार!

सचिन जीआईडीसी कंपनी में एक कंपनी मैनेजर ने त्यक्त के साथ बलात्कार किया था। मैनेजर उसके घर गया और उसे शादी का लालच दिया और उसके साथ संबंध बनाए। गोडादरा थाने से मिली जानकारी के अनुसार 32 वर्षीय मीना (बदला हुआ नाम) इस समय गोडादरा इलाके में रह रही है।


वह पिछले आठ साल से जीआईडीसी की कंपनी में काम कर रहे हैं। कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत 31 वर्षीय आरोपी हिमालय चंद्रकांत परमार (रेस. मधुवन सोसाइटी, कराडवा झील के पास, डिंडोली) ने मीना से कहा, ”वह उसे पसंद करता है, वह उससे शादी करना चाहता है.।


फिर एक दिन हिमालय मीना के घर गया और उसकी मांग पर मंगलसूत्र में सिंदूर भरकर मीना के साथ संबंध बनाया। उसके बाद, हिमाचल वहीं रहा और अक्सर यौन संबंध रखता था। 6 महीने पहले मीना ने हिमालय से कहा था कि हमें शादी कर लेनी चाहिए और सबको बता देना चाहिए। हिमालय ने तब उसे बताया कि अब हमारे बीच कोई संबंध नहीं है।तब से हिमालय मीना से दूर भाग रहा है। मीना ने गोडादरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने उसे शादी का लालच दिया और उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने शिकायत ली और जांच शुरू की।

पोलेन्ड बोर्डर पर भारतीय विद्यार्थियों से मारपीट


यूक्रेन में फंसे सूरत के विद्यार्थी रविवार को लौटकर आए। सभी विद्यार्थियो का कहना था कि उन्हें भारत लौटने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई लेकिन शाम होते होते कुछ दुखजनक जानकारी भी सामने आ रही है। कुछ रिपोर्ट के अनुसार वहां फंसे स्टूडन्टन्स के साथ मारपीट की गई।


यूक्रेन की एलवीआईवी से मेडिकल का कोर्स कर रहे टोंक के आयुष ने मारपीट की जानकारी देते हुए कहा पोलैंड के अधिकारियों ने कहा कि बॉर्डर पार कर आ जाओ, फिर इंडिया भेज देंगे। वह पैदल चलकर दो अन्य साथियों के साथ 79 किमी दूर बीती रात पोलैंड बॉर्डर पर पहुंच चुका था। सुबह वहां के अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था कि उन्हें पोलैंड के अंदर भेज दिया जाएगा। मैं और मेरे 30 साथी चेक पॉइंट पर ही इस उम्मीद में बैठे थे। शाम को यूक्रेन की सेना ने उन्हें वापस अपने-अपने कॉलेज में जाने के लिए कह दिया। हमलोगों ने इससे इनकार किया तो लाठीचार्ज किया।

अन्य एक विद्यार्थी पंचशील अजमेर निवासी कृष्ण पाल सिंह राठौड़ ने बताया कि पोलैंड व रोमानिया बॉर्डर पर साथी गए हुए थे। उस दौरान उनके साथ यूक्रेन के बॉर्डर गार्ड ने मारपीट की। भारत जाने के लिए वह 30 किलोमीटर की दूरी 10 घंटे तक पैदल चलकर तय की और बार्डर पहुंचे। वहां लाइन लगी है। उनके साथ बॉर्डर पर मारपीट हुई। वहां से वापस भगा दिया। एक विदेशी छात्र की तो चोट लगने से जान भी चली गई। कृष्ण ने बताया कि एम्बेसी ने कहा कि जब तक नोटिस नहीं आए, तब तक बाहर नहीं निकले। हम पांच दोस्त हैं। जब भी सायरन बजता है तो बंकर में चले जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रिक्वेस्ट है कि ज्यादा से ज्यादा फ्लाइट अरेंज कर बच्चों को बाहर निकालें। उल्लेखनीय है कि रशिया और युक्रेन के बीच का विवाद अब और गहरा होता जा रहा है। इसलिए वहां फंसे बच्चे और डर गए है।

पांच करोड़ से कम टर्न ओवरवाले ज्यादातर व्यापारी उधारी से परेशान, एसएमए ने सुझाए रास्ते


सूरत मर्कनटाइल ऐसोसिएशन के तत्वावधान में रविवार सुबह 9 से 10बजे मनभरी फार्म हाउस के प्रांगण में आयोजित मीटिंग में 125 व्यापारी उपस्थित थे। इसमें 135 आवेदन समस्या समाधान आए। जिनमे कि 12 मामले हाथों हाथ सलटारा किया तथा बकाया मामलें SMA पंच पैनल तथा लीगल टीम को सौंप दिए गए।


  प्रमुख नरेंद्र साबू ने बताया सूरत के 80% व्यापारी भाइयों का टर्नओवर 50000000(पांच करोड़) या उनसे कम है और उनका जो सबसे बड़ा तकलीफ है उनकी अनियमित उधारी है। इस अनियमित उधारी की सुरक्षा के लिए सभी व्यापारी भाईयों को अपने बिल या चालान तथा आर्डर फार्म पर सूरत मर्केंटाइल एसोसिएशन का लोगो लगाना चाहिए और व्यापार की कड़क शर्तें लिखनी चाहिए जिससे कि व्यापारी भाईयों  का पैसा सुरक्षित रहे। सामने वाला खरीदार सोचने पर मजबूर हो जाए अगर व्यापारी को पैसा सही टाइम पर नहि  पहुंचाया तो सूरत के व्यापारियों के साथ एक मजबूत संगठन खड़ा है। उनको भय होना चाहिए कि अगर बात संगठन में जायेंगी तो हमारी इज्जत तथा सुरत का व्यापार खराब होगा।


*”आर्बिटेशन एक्ट की धारा”*
*इस अनुबंध से सम्बंधित या पार्टियों के बीच उत्पन्न होने वाले सभी विवादों या मतभेदों को “SMA” की “मध्यस्थता नियमों” के तहत हल किया जायेगा ओर इसके अनुसार दिया गया फैसला सभी पक्षों पर मान्य तथा बाध्यकारी होगा।*
SMA प्रमुख नरेन्द्र साबू जी ने सभी व्यापारियों से आह्वान किया है कि उपरोक्त शर्त वह अपने चालान कॉपी और बिलो पर SMA के लोगो सहित  जरूर से लिखवाए। यह आपके व्यापार में  सुरक्षा कवच का काम करेगा।।

आज के  आयोजन में  सूरत मर्केंटाइल एसोसिएशन के लीगल सेल के जीएसटी व इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के CA आकाश जी अग्रवाल ने भी व्यापारी भाइयों को संबोधित किया और जो 1 अप्रैल से ई वे बिल बनाने के नियम में जो फेरफार हुआ है उसके संबंध में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी और आधे घंटे में पूर्ण विस्तार रूप से बताया:-

१- गवर्नमेंट नोटिफिकेशन 01/2022  CT जो की 24/02/2022 को इश्यू किया है उसके अंतर्गत e-invoicing प्रोसीजर को कॉम्प्ली करने की लिमिट को  50 करोड़ से घटाकर 20 करोड़ कर दिया है यह नियम 1/4/2022 से लागू होगा.

२: जिस किसी भी टैक्सपेयर का “एग्रीगेट टर्नओवर” पिछले 5 फाइनेंशियल ईयर में से 20 करोड़ से ऊपर गया हो तो उस व्यापारी को अपने टैक्स इनवाइस की डिटेल “इनवॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल” पर अपलोड करके इनवॉइस रेफरेंस नंबर जेनरेटेड क्यूआर कोड इनवॉइस पर डालना जरूरी है.

३: “एग्रीगेट टर्नओवर” की डेफिनेशन को समझना बहुत जरूरी है यह टर्नओवर पेन बेस्टड होता है ना कि बिजनेस वाइज एग्रीगेट टर्नओवर में एक्सेंप्ट टर्नओवर भी इंक्लूड होता है जैसे कि इंटरेस्ट इनकम, ये टर्नओवर इनकम टैक्स की टर्नओवर से बहुत अलग होता.

४:  ई इनवॉइस का मतलब पोर्टल पर जाकर इनवॉइस बनाना नहीं है, इसका मतलब यह है कि आपको अपने इनवॉइस का डिटेल्स अपलोड करना है जिससे की क्यूआर कोड जनरेट हो जाएगा यह क्यूआर कोड जनरेट करना कंपलसरी है.

५: जिस भी टैक्पेयर के लिए ई इनवॉइस मैंडेटरी है उनके लिए नॉर्मल टैक्स इनवॉइस विदाउट क्यूआर कोड की कोई वैलिडिटी नहीं है अगर कोई टैक्स इनवॉइस बिना क्यूआर कोड जनरेट किया हुआ इश्यू हुआ है तो माना जाएगा कि वह इनवॉइस ही नहीं है और उस पर 10,000 और इनवॉइस का टैक्स अमाउंट जो भी ज्यादा है जितनी पेनल्टी लग सकती है जोकि बहुत हैवी अमाउंट है.

६: ई इनवाइसिंग कॉम्प्लाई  सप्लायर को करना है और बायर को नहीं डाक्यूमेंट्स जैसे कि b2b टैक्स इनवॉइस,एक्सपोर्ट इनवॉइस,क्रेडिट नोट और डेबिट नोट के लिए e-invoicing मैंडेटरी है b2cs ट्रांजैक्शंस और जॉब वर्क चालान के लिए अभी इनवॉइस  नहीं बनाना है.

७: यह प्रोसेस करने के लिए बिजनेस का अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर कैपेबल होना चाहिए मैन्युअल e-invoicing का प्रोसेस को कॉम्पली करना बहुत दिक्कत दे सकता है अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर अच्छा होगा तो वह आईआरपी(IRP) वेबसाइट से डायरेक्ट लिंक करके क्यूआर कोड इनवॉइस पर प्रिंट कर देगा जैसे अभी ई वे बिल जनरेट हो जाता है .

आज की मीटिंग में सूरत मर्कनटाइल ऐसोसिएशन के  आज की मीटिंग में आत्माराम बजारी,सुरेंद्र जी अग्रवाल,महेश पाटोदिया,हेमंत गोयल, राजकुमार  चिरानिया,  मनोज अग्रवाल, संजय अग्रवाल,  केवल भाई असीजा, अरविंद जैन, मुकेश अग्रवाल, दीपक अग्रवाल,  गौरव  भसीन,  जितेंद्र सुराणा, राजीव उमर, संदीप जी गुप्ता,की उपस्थिति रही है।।

યુક્રેનથી પરત આવેલા વિદ્યાર્થીઓએ કહ્યુ, પ્લીઝ અમારા મિત્રોની પણ મદદ કરો

સુરત:રવિવાર: યુક્રેનના યુદ્ધગ્રસ્ત વિસ્તારોમાં ફસાયેલા ભારતના અન્ય રાજ્યો સહિત ગુજરાતના વિદ્યાર્થીઓને એર ઇન્ડિયાની ખાસ ફ્લાઈટ દ્વારા હેમખેમ વતન પરત લાવવામાં આવ્યાં હતાં. જે પૈકી સુરતના છ વિદ્યાર્થીઓ ખાસ વાહન મારફતે આજે સવારે ૮.૩૦ વાગ્યે સુરત સરકીટ હાઉસ ખાતે આવી પહોંચ્યા ત્યારે આ વિદ્યાર્થીઓ અને તેમના માતાપિતા ભાવુક થતા લાગણીસભર દ્રશ્યો સર્જાયા હતાં. સંતાનો સાથે સુખદ પુન:મિલન થતાં વાલીઓના આનંદની કોઈ સીમા ન રહી હતી. સંતાનો પરત ફરતા જ પરિવારજનોને હાશકારો થયો હતો, અને સૌ વાલીઓએ ભારત પરત આવવાની વિમાની વ્યવસ્થા ગોઠવવા બદલ વડાપ્રધાન નરેન્દ્રભાઇ મોદી અને મુખ્યમંત્રી ભૂપેન્દ્રભાઈ પટેલનો હ્રદયપૂર્વક આભાર માન્યો હતો. તમામ વિદ્યાર્થીઓનુ કહેવુ હતુ કે અમારા મિત્રોને પણ પરત લાવાવની વ્યવસ્થા કરો.


પાંચ દીકરીઓ અને એક દીકરા સહિત છ વિદ્યાર્થીઓને આવકારવા માર્ગ અને મકાન મંત્રીશ્રી પૂર્ણેશભાઈ મોદી, મેયર શ્રીમતી હેમાલીબેન બોઘવાલા, ધારાસભ્ય વી.ડી. ઝાલાવાડિયા, વિવેક પટેલ, પ્રાંત અધિકારી જી.વી.મિયાણી, સ્થાયી સમિતિના ચેરમેન પરેશભાઈ પટેલ, શહેર સંગઠન પ્રમુખ નિરંજન ઝાંઝમેરા, કિશોર બિંદલ સહિતના મહાનુભાવો-અધિકારીઓ ઉપસ્થિત રહ્યાં હતાં. સૌએ વિદ્યાર્થીઓને પુષ્પગુચ્છ આપી ઉષ્માભર્યું સ્વાગત કર્યું હતું. મંત્રી પૂર્ણેશભાઈ મોદીએ જણાવ્યું હતું કે, વડાપ્રધાન નરેન્દ્રભાઈ મોદીના નેતૃત્વમાં ભારત સરકારના વિદેશ મંત્રાલય અને ઉડ્ડયન મંત્રાલય સતત સંપર્કમાં રહી યુક્રેનથી ભારતના નાગરિકો-વિદ્યાર્થીઓને પરત લાવવાનું કપરૂ કાર્ય ચાલી રહ્યું છે. મુંબઈ અને દિલ્હી એમ બે ફલાઈટોમાં નાગરિકોને લઈને સલામત રીતે આવી ચૂકી છે. હજુ પણ જે વિદ્યાર્થીઓ યુક્રેનથી આવવાના બાકી છે, તેમને ઝડપથી ભારત લાવવા માટે સરકાર પ્રયાસરત હોવાનું તેમણે જણાવ્યું હતું.


સુરત આવેલા વિદ્યાર્થીઓમાં તુલસી પરેશભાઈ પટેલ, પૂજા અશોકભાઈ પટેલ, ધ્વનિ પ્રમોદભાઈ પટેલ, સ્વીટી ગુપ્તા, ધોળા સાહિલ જગદીશભાઈ, આરશ્વી કલ્પેશભાઈ શાહનો સમાવેશ થાય છે. વિદ્યાર્થીઓ પોતાના માતા-પિતાને મળતા ભાવવાહી દ્રશ્યો સર્જાયા હતા.વિદ્યાર્થીઓએ યુદ્ધગ્રસ્ત વિસ્તારોમાં ફસાયા તે સ્થિતિની આંસુભર્યા ચહેરે આપવિતી વર્ણવી હતી. તા.૨૬મીએ-શનિવારે ભારત પહોંચેલા સુરતના ૬ વિદ્યાર્થીઓને સુરતમાં પરત લાવવા માટેની સંપૂર્ણ વ્યવસ્થા રાજ્ય સરકારે કરી હતી. દિલ્હી આવતા વિદ્યાર્થીઓ માટે ગુજરાતના રેસિડેન્ટ કમિશનર તેમજ મુંબઈ આવતા વિદ્યાર્થીઓ માટે રાજ્યના જીયોલોજી અને માઇનિંગ વિભાગના કમિશનરને ખાસ જવાબદારી સોંપવામાં આવી હતી.

    યુક્રેનથી સુરત પરત ફરેલી ૧૯ વર્ષીય પૂજા અશોકભાઈ પટેલે પ્રતિભાવ આપતાં કહ્યું હતું કે, હું યુક્રેનના ચેનીવિત્સી શહેરમાં આવેલી બુકોવિન્યન સ્ટેટ મેડિકલ યુનિવર્સિટીમાં MBBS નો અભ્યાસ કરૂ છું. હું ગત ડિસેમ્બર મહિનામાં જ યુક્રેન અભ્યાસ માટે ગઈ હતી. રશિયા યુક્રેન વચ્ચે યુદ્ધ ફાટી નીકળતાં ભયના માહોલ વચ્ચે ભારત પરત ફરવા ખૂબ પ્રયાસો કર્યા. સુરતમાં રહેતાં માતાપિતા ખૂબ ચિંતિત હતાં. હજુ યુદ્ધ વધુ વણસે તેવા ભયના ઓથાર હેઠળ મારા ઘણાં મિત્રો, સહાધ્યાયીઓ જીવી રહ્યાં છે. કિવ એરપોર્ટની આસપાસના વિસ્તારમાં રશિયા દ્વારા બોમ્બમારો થઇ રહ્યો છે. ભોજન, પીવાના પાણી અને વિજળીની ખૂબ સમસ્યા અનુભવી હતી. ઇન્ડિયન એમ્બેસી દ્વારા અમને સહાય પૂરી પાડવામાં આવી રહી હતી, અને શક્ય તેટલા વિદ્યાર્થીઓને એમ્બેસી દ્વારા ભારત પરત મોકલવાના પ્રયાસો થઈ રહ્યા છે. કેન્દ્ર અને રાજ્ય સરકારે મુશ્કેલ પરિસ્થિતિ વચ્ચે અણીના સમયે મદદ મોકલીને ભારત આવવાની ખાસ વિમાન વ્યવસ્થા કરી હતી. જે બદલ અમે સરકારના આભારી છીએ.

        પૂજાના પિતા અશોકભાઈ પટેલ જણાવયુ હતુ કે મારી દીકરી પૂજાને હેમખેમ સુરત પરત આવેલી જોઇને અતિ આનંદ થઈ રહ્યો છે. અમે દીકરીના સતત સંપર્કમાં હતાં, અને સ્થાનિક ધારાસભ્યો-સાંસદશ્રીઓને રજૂઆત કરી, જેમણે ઉમદા સહયોગ આપી રાજ્ય અને કેન્દ્ર સરકાર સુધી અમારી ચિંતા જણાવી. કેન્દ્ર અને રાજ્ય સરકારના ખૂબ ઋણી છીએ કે જેમણે યુક્રેનથી ભારત લાવીને અમારા સંતાનોને ઉગારી લીધા છે 

અમારા ઘણાં સાથીમિત્રો યુદ્ધ નહીં થાય એવું માનતાં હતાં -આરશ્વી શાહ*
યુક્રેનના ચેનીવિત્સી શહેરમાં રહેતી અને બુકોવિન્યન સ્ટેટ મેડિકલ યુનિવર્સિટીમાં MBBS નો અભ્યાસ કરતી ૨૦ વર્ષીય વિદ્યાર્થિની આરશ્વી કલ્પેશભાઈ શાહ સુરત પરત આવતાં જ આંસુભર્યા ચહેરે માતાપિતાને ભેટી પડી હતી.
આરશ્વીએ ગળગળા અવાજે આપવિતી વર્ણવતાં કહ્યું કે, ભારતીય એમ્બેસી દ્વારા ગત તા.૧૫મી ફેબ્રુઆરીથી જ સમય ગુમાવ્યા વિના યુક્રેન છોડી દેવાની સૂચના આપવામાં આવી હતી, પરંતુ અન્ય દેશોની દરમિયાનગીરીથી યુદ્ધ નહીં થાય અને ભારતમાં રશિયા-યુક્રેન વચ્ચે યુદ્ધનો બિનજરૂરી અને નેગેટિવ પ્રચાર થાય છે તેવું ઘણાં વિદ્યાર્થીઓ માનતા હતા, પણ યુદ્ધની ભીતિ સાચી પડી, ઉપરાંત વિમાનની ટિકિટના ભાવ પણ વધતાં જતા હતા અને ટિકિટ મળતી નહોતી. આ સ્થિતિમાં અમુક વિદ્યાર્થીઓ સમયસૂચકતા વાપરીને ભારત પરત આવી ગયાં, ત્યારબાદ રશિયાના યુક્રેન પર હુમલાઓ વધતા ઘણાં સ્થળોએ રોડ- રેલવે માર્ગ બંધ થવાથી ભારત આવવામાં ખૂબ મુશ્કેલીનો સામનો કરવો પડ્યો હતો. યુક્રેનની ભારતીય એમ્બેસી અને કેન્દ્ર સરકારના સહયોગથી અમે ભારત પરત આવી શક્યા છીએ. તેમનો જેટલો આભાર માનીએ તેટલો ઓછો છે.

सोशल मीडिया पर दोस्ती ले गई बलात्कारी तक, विवाहिता को कुंवारे से दोस्ती पड़ी भारी


अलथान में एक गुंडे ने पति और उसके बेटे को बंदूक से मारने की धमकी देकर उसके साथ बलात्कार किया। बलात्कार के बाद विवाहिता बूरी तरह से मानसिक तौर से टूट गई है। विवाहिता की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि विवाहिता का परिचय सोशल मीडिया से हुआ था। पुलिस ने बलात्कारी मितेश रमेश पटेल को गिरफ्तार कर लिया है। सोशल मीडिया पर 33 वर्षीय विवाहिता का परिचय बलात्कारी मिकेत पटेल से हुआ था।

परिचय होने के बाद विवाहिता से वह मीठी बाते करता था। चैटिंग कर रहा था। इसके बाद परिचय बढने के बाद दोनो के बीच की दोस्ती प्रगाढ हो गई। बात आगे बढी और उसने एक दिन विवाहिता से गंदी मांग की। विवाहिता के इन्कार करने पर उसने उसके पति और बच्चे को गोली से मार देने की धमकी दी। वह इस तरह से विवाहिता को परेशान कर रहा था।

इस पर विवाहिती ने खटोदरा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके आधार पर पुलिस ने मिकेत रमेश पटेल (27) ( आशीर्वाद सोसा, रूपाली नहर के पास) के खिलाफ दुष्कर्म और डराने-धमकाने का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।पुलिस ने आगे बताया कि परिणीता का पति मुंबई में काम करता है जबकि आरोपी बेरोजगार और अविवाहित है.

जीएसटी: जो व्यापारी ऐसा करते हैं वह हो जाए सावधान, अब


केन्द्र सरकार ने जीएसटी चोरी रोकन के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब तक कई व्यापारी मेन्युअली बिल बनाते थे और माल भेज देते थे। इसके बाद माल पहुंचने पर बिल फाड़ देते थे। इससे जीएसटी चोरी बड़े पैमाने पर हो रही थी, इसे रोकने के लिए सरकार ने 1 अप्रेल से ई-इन्वाइस अनिवार्य कर दिया है। जिन व्यापारियों का टर्नओवर 20 करोड़ रुपये से ऊपर है, उन्हें ई-चालान तैयार करना होगा। इस प्रणाली के लागू होने के बाद फर्जी बिलिंग पर भी अंकुश लगने की संभावना है।

फर्जीवाडा करने वाले व्यापारियो की अब तक 27 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। जानकारो का कहना है कि पहले ई-चालान की सीमा 50 करोड़ रुपये थी। जिसे हाल में हुए बदलाव के बाद घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है. व्यापारी को अपने सॉफ्टवेयर को जीएसटी पोर्टल से जोड़ना होगा। चालान जारी होते ही यह पोर्टल पर दिखाई देगा, साथ ही यह अधिकारी को भी दिखाई देगा।

अधिकारियों का कहना है कि कई व्यापारी माल के साथ ई-वे बिल और चालान भेजते हैं, ई-चालान को फाड़ देते हैं ताकि उन्हें माल की डिलीवरी के बाद कर का भुगतान न करना पड़े। कुछ व्यापारी बिल जनरेट करने के बाद उसे रद्द कर देते हैं। अब इन सभी घोटालो पर अंकुश लगेगा । क्योंकि ई-चालान डायरेक्ट पोर्टल पर दिखाई देगा। ईमानदार व्यापारियों के लिए राहत की बात यह है कि जो चालान पहले रिटर्न के साथ अपलोड किए गए थे, वे अब रिटर्न के साथ अपने आप दिखाई देंगे।