सकारात्मक सोच और मानवीय हित के संदेश को मनोरंजन के साथ प्रस्तुत करता है तिवारी प्रोडक्शंस

मुंबई। ‘तिवारी प्रोडक्शन्स’ के सीईओ एस के तिवारी जिन्हें तिवारी सरकार के नाम से जाना जाता है। उनके प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले तीन यूट्यूब चैनल ‘सनातन वर्ल्ड’, ‘टीपीएस म्यूजिक’ और ‘तिवारी प्रोडक्शन्स’ का एंटरटेनमेंट चैनल कई वर्षों से लगातार चल रहा है। तिवारी प्रोडक्शन्स के सभी यूट्यूब चैनल एक सकारात्मक सोच और मानवीय हित के संदेश को मनोरंजन के साथ एक सुंदर छवि में प्रदर्शित करते हैं। सनातन वर्ल्ड यूट्यूब चैनल सनातन हिन्दू धर्म से ओतप्रोत एक भक्ति चैनल है जिसमें वेद, उपनिषद, भागवत, वेदांग, पुराण आदि हिन्दू धर्म से जुड़े पवित्र पुस्तकों में लिखित ज्ञान को भजनों, विवरण गीतों और आरती को समस्त सनातनियों के लिए गीत संगीत के माध्यम से मनोरंजन के साथ धर्म का सार प्रदान करता है।

टीपीएस म्यूजिक चैनल भी बॉलीवुड गीतों, सदाबहार गानों, हिंदी या अन्य प्रदेशिक भाषा के गीतों और म्यूजिक वीडियो का निर्माण और प्रदर्शन करता है। तिवारी प्रोडक्शन्स के तीसरे चैनल में तिवारी प्रोडक्शन्स के बैनर तले बनने वाली शॉर्ट फिल्म, फीचर फिल्म, फिल्म टीज़र और सीरीज को फैमिली मनोरंजन के साथ प्रदर्शित किया जाता है।

विदित हो कि एस के तिवारी (तिवारी सरकार) बेहद सुलझे, समझदार, कर्मठ और जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं। वह अपने नियमों और सिद्धांतों के साथ कार्य करना पसंद करते हैं, जिससे उन्हें आत्म संतुष्टि मिलती है। तिवारी सरकार कर्म करने पर विश्वास रखते हैं फल की इच्छा पर नहीं। अपने प्रोजेक्ट के शूटिंग के समय कलाकारों और अपनी टीम मेंबर्स के सम्मान का ख्याल रखते हैं, उनके पेमेंट वह शूटिंग समाप्त होने के घंटे भर पहले ऑन द स्पॉट दे देते हैं।

फिल्म, सीरीज या म्यूजिक वीडियो आदि निर्माण कार्य के समय सभी कलाकार, तकनीशियन और प्रोडक्शन से जुड़े अन्य लोग भी शुद्ध सात्विक और शाकाहारी आहार ही ग्रहण करते हैं। किसी भी आर्टिस्ट या टीम मेंबर को कार्य के दौरान मदिरापान या धूम्रपान की आज्ञा नहीं है और यदि इस नियम को तोड़ा जाता है तो तिवारी सरकार उनके साथ आगे कार्य नहीं करते चाहे इसके लिए उन्हें हानि ही क्यों न उठानी पड़ जाए। परिधानों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है कि वह फिल्मी ना हो बल्कि शालीन हो। तिवारी सरकार जिस कर्मठता से लगातार काम कर रहे हैं वह बेहद सराहनीय है, क्योंकि जैसे नियम और परिस्थियां है अगर कोई दूसरी कंपनी का सीईओ या चेयरपर्सन होता तो निश्चय ही वह हार मान लेता।

तिवारी प्रोडक्शंस बहुत जल्दी हिंदी फिल्म तिवारी सरकार प्रदर्शित करेगा, जो एक बड़ी फिल्म है जिसमें प्रमुख भूमिका तिवारी सरकार यानि कि एस के तिवारी हैं।

तिवारी सरकार अपने सिद्धांतों के पक्के हैं किसी अन्य कंपनी के साथ साझा कार्य नहीं करतेक्योंकि वह अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं करना चाहते। जितने वे सक्षम हैं वह उतना ही कार्यभार लेते हैं। अपने आत्मसम्मान और स्वाभिमान को ताक में रखकर तिवारी प्रोडक्शन्स कोई कार्य नहीं करता, उनके कार्यों को देखकर कई ओटीटी चैनल उन्हें अपने साथ काम करने का ऑफर दे रहे हैं किंतु उन्होंने इस ऑफर को अस्वीकार कर दिया। क्योंकि वे नहीं चाहते कि उनके वीडियो में ऐसा कोई भी दृश्य का समावेश हो जो अश्लीलता की श्रेणी में आता हो। उनका चैनल मनोरंजन के साथ राष्ट्र हित, मानव हित और सनातन हिन्दू धर्म के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है।

तिवारी प्रोडक्शन्स एक मात्र ऐसा प्रोडक्शन हाउस है जिसके सारे चैनल उनके लिए धन कमाने का साधन नहीं अपितु लोक कल्याण और धर्म के प्रचार का माध्यम है, जिसमें वह आर्थिक हानि सहकार भी केवल राष्ट्रहित और धर्म हित में काम करते हैं। इनके चैनल के लेख सामग्री मानव सभ्यता, मर्यादा, रीति रिवाज और परंपराओं से भरी हुई, पारिवारिक और अश्लीलता विहीन होती है।

वर्तमान समय में पश्चिमी और कोरियाई सभ्यता की ऐसी आंधी आई है जो आधुनिकता के नाम पर हमारी युवा पीढ़ी को गुमराह कर रही है। हमारी संस्कृति, रीति रिवाजों, परंपराओं और खासकर परिवार से एक दूसरे को दूर कर रही है। बुजुर्गों का सम्मान, सनातन हिन्दू धर्म का ज्ञान और हमारे भारत की प्राचीनतम सभ्यता और धरोहर से सब परे होते जा रहे हैं। ऐसे कलयुगी समय में तिवारी प्रोडक्शन्स अपने सिद्धांतों के साथ अडिग खड़ा है। तिवारी प्रोडक्शन्स के सभी चैनलों से जुड़कर हम अपनी सभ्यता, संस्कृति और वैदिक ज्ञान जैसी कई अन्य जानकारियों के साथ जुड़ सकेंगे।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें हमारी वेबसाइट: WWW.TIWARIPRODUCTIONS.com  

पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा के लिए यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स को दो प्रतिष्ठित पुरस्कार

– अहमदाबाद में आयोजित गुजरात टूरिजम अवॉर्ड 2024 में सम्मानित किया गया

अहमदाबाद गांधीनगर स्थित यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स को पर्यटन क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों के लिए हाल ही में अहमदाबाद में आयोजित गुजरात टूरिजम अवार्ड्स 2024 – सीजन -6 में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए पूर्व राज्य पर्यटन सचिव श्री विपुल मित्रा और भारत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों श्री गंगाधरन, श्री कीर्ति ठाकर, श्री अनिल मूलचंदानी और श्री अनुजभाई सहित एक प्रतिष्ठित पैनल द्वारा चुना गया था। विभिन्न मूल्यांकन करने के बाद, पैनल ने यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स को सर्वश्रेष्ठ आउटबाउंड कॉर्पोरेट टूर ऑपरेटर और सर्वश्रेष्ठ टिकटिंग एजेंट के रूप में दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों की घोषणा की।

इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का श्रेय यशवी टूल्स एंड ट्रैवल्स की अद्वितीय ग्राहक सेवा और असाधारण यात्रा सोल्यूशंस को दिया जाता है। यह पुरस्कार यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स की पर्यटन क्षेत्र में उत्कृष्टता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

यशवी टूर्स एंड ट्रैवेल्स को यह सम्मान न केवल कंपनी की उपलब्धियों के लिए बल्कि उसकी टीम के लिए भी है जो कॉर्पोरेट ग्राहकों और व्यक्तिगत यात्रियों की विविध आवश्यकताओं को समझती है और उन्हें पूरा करती है। यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स की टीम भी प्रेरणा के एक जबरदस्त स्रोत के रूप में काम करती है।

पर्यटन क्षेत्र में इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए, यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स के संस्थापक राजन भाटला ने कहा, “हमारी पूरी टीम इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए बहुत उत्साहित है क्योंकि यह टीम हमारे ग्राहकों की सेवा करने और हमारे ब्रांड के निर्माण के लिए समर्पित है। यह समर्पण है।” हमारी टीम भविष्य में भी अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से प्रेरित करेगी।

इन दो पुरस्कारों के अलावा, यश्वी टूर्स एंड ट्रैवल्स को अन्य शहर में सर्वश्रेष्ठ आउटबाउंड टूर ऑपरेटर, अन्य शहर में सर्वश्रेष्ठ पारिवारिक टूर ऑपरेटर और अन्य शहर में सर्वश्रेष्ठ टिकटिंग एजेंट सहित कई अन्य श्रेणियों में नामांकित किया गया था। जो पर्यटन उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्टता साबित करता है।

इस वर्ष का पुरस्कार गुजरात के पर्यटन क्षेत्र में यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स की सफलता पर आधारित है, कंपनी ने इससे पहले कई पुरस्कार जीते हैं जो साबित करता है कि यह पर्यटन क्षेत्र में अग्रणी है। इस प्रकार गुजरात में पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले संगठनों और व्यक्तियों को गुजरात पर्यटन पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

यशवी टूर्स एंड ट्रैवेल्स के बारे में:

2015 में स्थापित, यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स का मुख्यालय गांधीनगर, गुजरात में है। और एक प्रमुख ट्रैवल एजेंसी है। न केवल यह यात्रियों को असाधारण यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि यशवी टूर्स एंड ट्रैवल्स प्रत्येक ग्राहक की प्राथमिकताओं और जरूरतों को पूरा करने के लिए यात्रा उद्योग की गहरी समझ का लाभ मिलता है।

यशवी टूर्स एंड ट्रैवेल्स द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रमुख सेवाएँ:

कॉर्पोरेट ट्रावेल: कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए अनुकूलित सेवाएं, व्यावसायिक आवश्यकताओं के लिए निर्बाध और कुशल यात्रा सुनिश्चित करना।

आउटबाउंड टूर: अनुकूलन योग्य अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पैकेज जो विभिन्न गंतव्यों में यादगार अनुभव प्रदान करते हैं।

डोमेस्टिक ट्रावेल पैकेज: भारत में परिवहन, आवास, दर्शनीय स्थलों की यात्रा और साहसिक गतिविधियों सहित एक व्यापक यात्रा पैकेज प्रदान करता है।

टिकटिंग सेवाएँ: उड़ानों, ट्रेनों और बसों के लिए एक विश्वसनीय टिकटिंग समाधान।

वीज़ा सहायता: विभिन्न देशों में वीज़ा आवेदनों के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन और समाधान।

परिवार और समूह यात्रा: पारिवारिक छुट्टियों और समूह यात्रा के लिए विशेष पैकेज, सुखद और तनाव मुक्त अनुभव सुनिश्चित करते हैं।

यशवी टूर्स एंड ट्रैवेल्स सेवा के उच्चतम मानकों को अपनाने और अविस्मरणीय यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए समर्पित है। इसकी टीम यात्री को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है जिसे कभी नहीं भुलाया जाएगा। यह ग्राहक अनुभव भी सुनिश्चित करता है।

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डॉक्टर हर्षमीत अरोड़ा को हाल ही में नया भारत गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया

दिल्ली की विख्यात डाइटिशियन डॉक्टर हर्षमीत अरोड़ा को हाल ही में नया भारत गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया.

आप को बता दे की वैसे हर्षमीत अरोड़ा को काफी अस्पतालों और संस्थाओं से उनके कार्य के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है हाल ही में उन्हे नया भारत गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया जो कि भारत में एक गौरवशाली सम्मान है आपको बता दें कि डॉक्टर हर्षमीत अरोड़ा डाइटिशियन होने के साथ-साथ न्यूट्रिशन और साइकोलॉजिस्ट भी है जो दिल्ली में ही नहीं बल्कि देश विदेश में भी हेल्दी ग्रेसफुल लाइफ स्टाइल की सहायता से अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं 

डॉ हर्षमीत अरोड़ा का कहना है की जीवन मे चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों ना आए हमें अपने लक्ष्य की और बढ़ते रहना चाइए क्योंकि लक्ष्य अगर आप का उचित है तो आप को कामयाबी जरूर मिलेगी बस आप को निस्वार्थ भाव से उसके लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा… 

हर्षमीत अरोड़ा का जन्म 16 जनवरी 1991 मे हुआ  उन्होने अपनी MSc in Nutritionist and Dietetics, University of Delhi (DU) से पूरी की हर्षमीत मे दिल्ली के बड़े बड़े हॉस्पिटल मे अपनी सेवाएं प्रदान की… जिसके बाद उन्होने हेल्दी ग्रेसफुल लाइफस्टाइल नाम से वेट लॉस कंपनी का शुभारंभ किया और वर्तमान में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं…

हर्षमीत अरोड़ा ने अपनी सेवाएं काफी बॉलीवुड और टीवी आर्टिस्ट को भी दी है और उनके कार्य की प्रशंसा उन सभी ने की है….

हर्षमीत सिर्फ भारत देश मे ही नही अपितु वर्ल्ड वाइड अपनी सेवा दे रही है…. हाल ही मे उन्हें अपने कार्यों के लिए एक मैगजीन में भी जोड़ा गया है भारत देश के बेस्ट डाइटिशियन में हर्षमीत अरोड़ा का नाम है

यतीश कुमार की बहुप्रशंसित पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ पर परिचर्चा का कार्यक्रम का आयोजन किया गया

बीसी रॉय इंस्टिट्यूट, सियालदाह में यतीश कुमार की बहुप्रशंसित पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ पर परिचर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हिंदी के सुपरिचित कवि-लेखक  देवी प्रसाद मिश्र, प्रो. हितेन्द्र पटेल, प्रोफेसर वेदरमण, प्रो. संजय जायसवाल, ऋतु तिवारी और योगाचार्य भूपेन्द्र शुक्लेश वक्ता के तौर पर उपस्थित थे। स्मिता गोयल ने अंगवस्त्र प्रदान कर सभी वक्ताओं का स्वागत व सम्मान किया।

लेखक, यतीश कुमार, मूलतः बिहार के मुंगेर जिले से हैं। भारतीय रेलवे सेवा के प्रशासनिक अधिकारी हैं और 22 वर्ष की उत्कृष्ट सेवाओं के फलस्वरूप इन्हें भारत के ‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम’ का सबसे युवा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बनने का गौरव प्राप्त है। साहित्य सृजन के साथ-साथ विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं से भी सक्रिय रूप से जुड़े हैं। पिछले कुछ वर्षों में, चर्चित उपन्यासों, कहानियों, यात्रा-वृतान्तों पर अपनी विशिष्ट शैली में कविताई और काव्यात्मक समीक्षा के लिए इन्होंनें अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

कार्यक्रम का कुशल संचालन आलोचक विनय मिश्र नें बड़े ही सधे हुए अंदाज में किया। यतीश जी के बचपन के मित्र और इस किताब के किरदार लाभानंद जी राँची से आकर कार्यक्रम में शरीक हुए। निर्मला तोदी, कथाकर विजय शर्मा, मृत्युंजय श्रीवास्तव, मंजू रानी श्रीवास्तव, अनिला रखेचा, पूनम सोनछत्रा, रचना सरण, मनोज झा, आनंद गुप्ता, पूनम सिंह,कवि सुनील शर्मा के साथ  रेलवे के और भी अधिकारीगण अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। ऑडिटोरियम प्रबुद्ध श्रोताओं से अंत तक भरा रहा।

अपनी बात रखते हुए प्रो. संजय जायसवाल ने कहा कि ‘यह किताब व्यक्तिगत सत्य से सामाजिकता का सफर तय करती है। यह सिर्फ कथा नहीं है नई पीढ़ी को शिक्षा देने वाली किताब है। यह किताब सिर्फ अपने व्यक्तिगत पारिवारिक बखान नहीं करती हैं अपितु उस वक्त की सामाजिकता, राजनीतिकरण का सकारात्मक आख्यान है।’

भूपेंद्र शुक्लेश ने कहा कि ‘यह किताब आत्म-कथात्मक दस्तावेज है। इसे किसी प्रचलित श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए। कोई नई श्रेणी ही तय की जानी चाहिए। किताब जीवन का साझा दस्तावेज है। जीवन को इतना खरा रख दिया कि जीवन अंगारे सा लगे। स्पष्टता, सत्यता, विनम्रता इस किताब की जान है। आध्यात्मिक जीवन में अच्छे-बुरे को किसी मापदंड में नहीं तौला जाता। इस किताब में बहुत कुछ ऐसा है कि आपको जीवन मुफ्त में जीने मिलेगा। आग्रह करुंगा कि जीवन में किसी चीज से वंचित न रह जाएं तो इस किताब से गुज़रे। वृहत रूप में कहें तो इस किताब को पढ़ना जीवन को जीना सिखाता है।’

ऋतु तिवारी ने ‘बोरसी भर आँच’ को एक बाइस्कोप बताते हुए कहा कि लेखक ने अपने अतीत में जाकर लिखा है। इस किताब की खास बात यह है लेखक की ईमानदारी। हमें अपने जीवन के प्रति, लेखन के प्रति ईमानदार होना चाहिए। ईमानदारी हमें संवेदनशील बनाती है। आप जब इस किताब से गुज़रेंगे तो देखेंगे कि रेल की पटरियों की तरह ही चीकू के व्यक्तित्व का विस्तार हुआ है। चीकू का संघर्ष कई मायने में मानवीय है, प्रेरणा तो ले सकते हैं पर क्या हम यह कर पायेंगे कि जब हम उस संघर्ष में हो तो उतने ही मानवीय रह पायेंगे। ‘बोरसी की आँच’ विस्तार की प्रतिबद्धता की, जीवन दर्शन की आँच है। ये किताब हमें ये सोचने के लिए मजबूर करेगी कि हम भी अपने जीवन के प्रति, अपने समाज के प्रति इतने ही ईमानदार हो सकते हैं चाहे परिस्थितियों कैसी भी हो।

प्रोफेसर, आलोचक वेद रमण ने अपनी बात रखते हुए कहा कि यह यतीश जी की पद्य से गद्य की, अतीत से बाइस्कोप की यात्रा है। इस पुस्तक में जीवन संघर्ष अगर किसी का है तो वह माँ का है। जीवन साहस अगर किसी का है तो दीदी का है। जीवन मेधा अगर किसी की है तो बड़े भाई की, जीवन प्रेम  अगर किसी का है तो स्मिता का है, तब इस पुस्तक में चीकू क्या है ? दरअसल गो-रस की तरह चीकू ने अपने जीवन को धीरे-धीरे पकाया और इन सबको ले चीकू इस पुस्तक के केंद्र में आ गया। एक नक्षत्र बन गया, एक सितारे की तरह चमक गया। आज के समय में जब सब अपनी-अपनी स्मृतियों को लिखने में लगे हैं, यह पुस्तक साझी स्मृतियों की बात कहती है। इस पुस्तक से सूक्तियों का एक संकलन तैयार किया जाए तो एक अलग पुस्तिका निकाली जा सकती है।

साहित्य में सफलता के लिए क्या चाहिए, व्यवहार कुशल होना चाहिए, प्रबंध कौशल होना चाहिए, संसाधन कौशल भी होना चाहिए। सभी से ऊपर कौशल को क्रियान्वित करने की कुशलता भी होनी चाहिए। यह किताब एक व्यक्ति के,आज की युवा पीढ़ी के स्वपन व संघर्ष की गाथा है।

प्रो. हितेंद्र पटेल ने कहा कि ‘एक समाज के रूप में हम बहुत पीछे हैं बल्कि हमारा समाज अभी बन रहा है। अब हम एक ऐसे समाज में आ चुके हैं जहां सभ्य बनने की गुंजाइश ख़ुद पैदा करनी होगी। साहित्य दर्द का ही एक बड़ा आख्यान बन कर ही आता है।  इस किताब की ईमानदारी व्यक्तिगत ईमानदारी नहीं है। समाज-गत ईमानदारी है।

ये किताब आत्मकथा तो नहीं है। आत्म-कथात्मक है, आत्मकथा के लिये खोजबीन में जाना होगा और ये किताब सैरबीन है। इस किताब में सब कुछ है बस उसे खोजना होगा। सत्य संरचना का पर्याय यश कभी नहीं हो सकता। यतीश जी ने अचूके ही सही उस समय के यथार्थ को छू दिया है जो टप-टप बूंद के रुप में किताब में झर रहा है और हमें चाहिए कि उस यथार्थ से अपने यथार्थ को जोड़े। जीवन बनाना नहीं समझना है।

देवी प्रसाद मिश्र जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ‘साहित्य में हम अपनी वैधता ढूँढते हैं, सामाजिक सांस्कृतिक वैधता… इसके  बिना फिर हम अपने जीवन में कुछ भी नहीं है। इस अर्थ में देखो तो यह किताब एक स्ट्रैटेजिक संरचना सी लगती है। एक इकनॉमिक काम लगता है एक सुचेतिक काम लगता है। इसमें बहुत कुछ अनकॉन्शियस है बहुत कुछ अवचेतन से भरा हुआ है जो कि जाहिर है की अवचेतन और स्मृतियों के बीच एक गहरा संबंध देखा गया है।

लेकिन यहां जैसे की ये अपने को विखंडित कर रहा हो। एक तरह से रिवर्सल ऑफ पावर स्ट्रक्चर हो रहा हो कि दरअसल हमारे मुख्य भूमि मानो भूमि क्या है…और मूलतः ये एक जो बुनियादी मार्मिकता है उसके पावर स्ट्रक्चर की जो लेयर है उसको मिटा नहीं सकती और इस तरह से दारिद्रय की ओर जाना अपने को मुक्त करना है इस पूरे पैराफरनेलिया से… हो सकता है इतने स्थूल तरीके से इस किताब में ना सोचा गया हो लेकिन लगता है शक्ति संरक्षण को लेकर शायद पश्चात है कोई जो इसे अतीत की ओर ले जाता है यह जाहिर करने के लिए की दरअसल मैं ये हूं… एक अमिटता है इसमें… तो यह अपने को इस तरह से उल्लेख करना मात्र अपनी जड़ों की ओर जाने का नॉस्टैल्जिया नहीं है बल्कि यह एक आयत बोध है, इस बात को उपलब्ध करने के लिए कि भारत एक इस तरह की विपन्नता, पारस्परिकता, परिवारिकता, कौटुंबिता और इस तरह की आपबीती से बना हुआ है और जो आपबीती है वह परबीती भी है। इस अर्थ में देखें तो यह किताब भारत को, अपने को, अपने परिवेश, समाज को पुनराविशित करने की किताब है। जो की बेहद पठनीय है, उदार है, समावेशी है सूक्तियों से भरी एक कवि की किताब है।

यह पूरी सामाजिक आर्थिक गहरे इतिहास बोध से भरी किताब है। इस तरह से इसमें एक सामाजिक राजनैतिक संगम हमें दिखाई देता है। इसमें निर्मलता और अकलुषता का दस्तावेज है। उम्र की मासूमियत है। बहुत सारे दुराव, निंदा, पतन के बावजूद एक इंसान इन सभी चीजों को बटोर देख रहा है ऐसा प्रतीत होता है इस किताब में… मेरे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण किताब है।’

हाई 5 यूथ फाउंडेशन का परिवर्तनकारी ग्रीष्मकालीन स्लैम (बास्केटबॉल ग्रीष्मकालीन शिविर) एक बड़ी सफलता थी।

मुंबई: मोतीलाल नगर बीएमसी स्कूल ने महाराष्ट्र में 10 से 16 साल के बच्चों के लिए एक महीने तक चलने वाले बास्केटबॉल ग्रीष्मकालीन शिविर को समाप्त करने के लिए आयोजित हाई 5 यूथ फाउंडेशन के ग्रीष्मकालीन स्लैम टूर्नामेंट में उल्लेखनीय जीत दर्ज की। इस शिविर को समर स्लैम, संयुक्त बास्केटबॉल प्रशिक्षण, अंग्रेजी को दूसरी भाषा (ईएसएल) कक्षाओं के रूप में जाना जाता है, और आवश्यक जीवन कौशल, छात्रों को एक अद्वितीय और परिवर्तनकारी ग्रीष्मकालीन अनुभव प्रदान करता है। इन शिविरों ने भाग लेने वाले युवाओं के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला।

समर स्लैम में आवासीय और एक दिवसीय शिविर दोनों थे। पहली बार महाराष्ट्र के वसिंद में संत गड़े महाराज आश्रमशाला में 10 दिवसीय आवासीय शिविर था। हर दिन, छात्रों ने 6 घंटे के कठोर बास्केटबॉल प्रशिक्षण और अतिरिक्त सत्रों में काम किया, जो टीम वर्क, अनुशासन और जीवन बदलने वाले अन्य कौशल विकसित करने पर केंद्रित थे। हाई 5 यूथ फाउंडेशन के लंबे समय से चले आ रहे संत गड़े महाराज आश्रमशाला वसिंद और वज्रेश्वरी के आदिवासी छात्रों ने भी आवासीय शिविर में भाग लिया।

दूसरा भाग 18 दिवसीय शिविर था, जिसमें बास्केटबॉल कौशल को सम्मान देने, ईएसएल कक्षाओं के माध्यम से अंग्रेजी प्रवाह में महारत हासिल करने और बास्केटबॉल कोर्ट से परे सफलता के लिए एक ठोस नींव बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था। यह शिविर कई स्कूलों में आयोजित किया गया, जिसमें मोतीलाल नगर बीएमसी स्कूल, गोशाला मार्ग यूपीएस, केन नगर सीबीएसई स्कूल और पूनम नगर सीबीएसई स्कूल शामिल हैं। इन केंद्रों में जहां हाई 5 यूथ फाउंडेशन ने अदालतों का निर्माण किया था, उन्होंने अकादमिक और एथलेटिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक आदर्श स्थापना प्रदान की थी।

समर स्लैम के बाद, समर्पित छात्रों को अत्यधिक प्रत्याशित इंट्रा हाई 5 ग्रीष्मकालीन स्लैम टूर्नामेंट में भाग लेने का अवसर मिला। इस चार दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न आयु वर्ग के 627 बच्चों के साथ 60 से अधिक हाई 5 टीमों को शामिल किया गया, जिनमें यू12, यू14, यू17 और पुरुषों और महिलाओं के डिवीजनों शामिल हैं, जो छात्रों की अविश्वसनीय प्रतिभा और कड़ी मेहनत को प्रदर्शित करते हैं। इस टूर्नामेंट में, मोतीलाल नगर बीएमसी स्कूल ने यू12 लड़कों और लड़कियों की श्रेणियों के साथ-साथ यू14 लड़कों और लड़कियों की श्रेणियों को भी जीता। यू17 डिवीजनों में, वज्रेश्वरी (संत गड़े महाराज आश्रमशाला) ने लड़कों की श्रेणी जीती, जबकि दीक्षित (विले पार्ले (ई) स्कूल) ने लड़कियों की श्रेणी जीती।

टूर्नामेंट में प्रतिष्ठित अतिथियों में भारतीय टीम हॉकी खिलाड़ी युवराज वाल्मीकि, वेक्टर एक्स के देश प्रमुख बलजिंदर सिंह, एनर्जाल इंडिया के ब्रांड मैनेजर करण शर्मा, एकलव्य बास्केटबॉल के संस्थापक गोपालकृष्णन आर, खेल 18 में सहायक निर्माता केविन सोमानी और भारतीय खेल प्रबंधन संस्थान के कॉरपोरेट संबंध प्रबंधक पार्थ पंड्या शामिल थे।

ग्रीष्मकालीन स्लैम की सफलता के बारे में बात करते हुए, तकनीकी प्रमुख, केविन फ्रांसिस ने कहा, “ग्रीष्मकालीन स्लैम केवल बास्केटबॉल खेलने के बारे में नहीं था, यह जीवन भर की सफलता के लिए एक नींव बनाने के बारे में था।” उन्होंने कहा, “छात्रों को अदालत के भीतर और बाहर बढ़ते देखना और टूर्नामेंट के दौरान उनकी अविश्वसनीय प्रतिभा और समर्पण को देखना वास्तव में प्रेरणादायक था। हमें सभी प्रतिभागियों पर गर्व है और खेलों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने के अपने मिशन को जारी रखने के लिए तत्पर हैं।”

MIFF 2024, Toonz Media Group और Billion Readers (BIRD) ने बधिर, श्रवण बाधित और दृष्टिबाधित दर्शकों के लिए मीडिया सुलभता को बढ़ावा देने हेतु अभिनव प्रयोगों और तकनीकों का प्रदर्शन किया

समान भाषा उपशीर्षक, भारतीय सांकेतिक भाषा और ऑडियो विवरण से सज्जित एनिमेटेड शॉर्ट्स समझने और याद रखने में सुलभ हुए ताकि बच्चों की पढ़ने की क्षमता सुधर सके।

मुंबई, प्रेस विज्ञप्ति 21 जून: मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (MIFF) 2024, बधिर और श्रवण बाधित (DHH) और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए सुलभ ऑडियो-विजुअल मीडिया का प्रदर्शन कर रहा है। कई एनिमेटेड शॉर्ट्स को समान भाषा उपशीर्षक (SLS), भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) और ऑडियो विवरण (AD) जैसी सुलभता सुविधाओं के साथ दिखाया जा रहा है।

हालांकि, यह सोचना गलत होगा कि सुलभता केवल श्रवण और दृष्टिबाधित व्यक्तियों तक सीमित है। IIT-Delhi, त्रिवेंद्रम में स्थित भारत की प्रमुख एनिमेशन कंपनियों में से एक, Toonz Media, और PlanetRead की बिलियन रीडर्स (BIRD) के संयुक्त तत्वाधान में की गई पहल के पीछे तर्क दिया जाता है कि SLS का उपयोग बच्चों द्वारा देखे जाने वाली कार्टून श्रृंखलाओं पर करने से, बड़े पैमाने पर उनके पढ़ने के कौशल में सुधार हो सकता है।

BIRD का नेतृत्व कर रहे, IIT-Delhi के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के ऐडजंक्ट प्रोफेसर बृज कोठारी के अनुसार, “बच्चों के दिमाग समान भाषा के शब्दों और ध्वनियों का मिलान करने में अत्यधिक निपुण होते हैं। कार्टून श्रृंखला के दृश्यों के साथ चल रहा SLS उन्हें पढ़ने का अभ्यास साथ ही साथ करवा देगा। इस वजह से उनकी पढ़ने की क्षमता और भाषा ज्ञान में उल्लेखनीय सुधार हो सकते हैं। इस तथ्य की पुष्टि के लिए कई प्रमाण उपलब्ध हैं।”

MIFF में Pogo टीवी पर प्रसारित, ELE एनिमेशन्स और Toonz द्वारा रचित एनीमेशन शो “जय जगन्नाथ” को SLS और AD के साथ सज्जित करके, सभी दर्शकों के लिए मीडिया सुलभता, साक्षरता और भारतीय भाषाओं के प्रचार के उद्देश्य के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है।

Toonz के सीईओ, पी. जयकुमार ने कहा, “यह सिर्फ अनुपालन का विषय नहीं है। SLS तकनीक हमारी विशाल एनिमेशन लाइब्रेरी का उपयोग सभी भारतीय भाषाओं में बच्चों के संपूर्ण मनोरंजन और शिक्षा के लिए कर सकती है।”

भारत के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे 200 मिलियन बच्चे, जो अपनी भाषाओं में कार्टून फिल्म को बड़े चाव से देखते हैं, अब उनका भाषा ज्ञान और पढ़ने की क्षमता स्वतः ही सुधर जाएगी। बड़ी बात यह है कि उन्हें पता ही नहीं चलेगा कि यह कब हो गया।

Toonz Media Group के बारे में

दो दशकों का बेजोड़ अनुभव और प्रतिवर्ष 10,000 मिनट से अधिक 2D और CGI माध्यमों में बच्चों और परिवार के लिए मनोरंजन सामग्री बना रहा Toonz निस्संदेह दुनिया के सबसे सक्रिय एनीमेशन स्टूडियोज में से एक है। Toonz के पास वूल्वरिन, एक्स-मेन, मार्वल की स्पीड रेसर: द नेक्स्ट जेनरेशन लायंस गेट, मोस्टली घोस्टली और यूनिवर्सल की गमी बियर और फ्रेंड्स जैसी कई एनिमेशन श्रृंखलाएं, लाइव-एक्शन श्रृंखलाएं और फीचर फिल्में भी हैं जो इसे 360 डिग्री मीडिया पावरहाउस बनाती हैं। हाल ही में Toonz ने AR, VR, और गेमिंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों की दुनिया में भी कदम रखा है।

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बिलियन रीडर्स (BIRD) के बारे में

PlanetRead और IIT-Delhi के संयुक्त तत्वाधान में शुरू बिलियन रीडर्स (BIRD) पहल का लक्ष्य है भारत में एक अरब लोगों को जीवनभर पढ़ने का अभ्यास करने के लिए दैनिक स्तर पर सामग्री उपलब्ध करवाना। “हर भारतीय, एक धाराप्रवाह पाठक” का लक्ष्य पूरा करने के लिए मुख्यधारा में प्रचलित मनोरंजन सामग्री पर समान भाषा उपशीर्षक (SLS) जोड़कर टेलीविजन, फिल्म और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाया जा रहा है। SLS का मतलब है कि ऑडियो-विजुअल (AV) सामग्री में ‘समान’ भाषा में उपशीर्षक देना जैसा कि ऑडियो में होता है। SLS के साथ, दर्शक जो वे स्क्रीन पर देखते और सुनते हैं, उसे पढ़ सकते हैं। BIRD एक तंत्र परिवर्तन प्रक्रिया है जिसे Co-Impact का भी पूरा समर्थन प्राप्त है। इसका उद्देश्य है, साक्षरता, भाषा अध्धयन और मीडिया सुलभता के लिए भारत की सभी भाषाओं में बने वीडियो के साथ SLS का समावेश।
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संपर्क: श्री पार्थिबान अमुधन
parthibhan@planetread.org

व्यापारियों ने प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री सीतारामन को जीएसटी में राहत के लिए करी सराहना!

जीएसटी में राहत सरकार की सकारात्मक सोच को दर्शाती है, जिससे व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा मिलेगा

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और भाजपा सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन द्वारा जीएसटी में किए गए महत्वपूर्ण घोषणाएं केंद्रीय सरकार और जीएसटी काउंसिल का व्यापार करने में आसानी प्रदान करने की दिशा में बड़ा सकारात्मक कदम है। श्री खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन के नेतृत्व की सराहना की और आशा व्यक्त की कि जीएसटी कराधान को और अधिक सरल और तर्कसंगत बनाया जाएगा।

श्री खंडेलवाल ने कहा कि इन राहतों से व्यापारियों को भारी वित्तीय बोझ से मुक्ति मिलेगी और यह सरकार की व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक कदम उठाने की सोच को भी दर्शाता है।

उन्होंने आगे कहा कि ब्याज और पेनल्टी में छूट, इनपुट टैक्स क्रेडिट की समय सीमा का विस्तार और मुकदमेबाजी और पूर्व-डिपॉजिट आवश्यकताओं में कमी से करदाताओं को बहुत जरूरी राहत मिलेगी। ये उपाय अनुपालन को बढ़ावा देंगे और व्यापारिक समुदाय, विशेष रूप से एमएसएमई को समर्थन देंगे। आवश्यक सेवाओं की लागत को कम करने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त छूट और सिफारिशें आर्थिक वृद्धि और करदाता समर्थन के प्रति एक संतुलित और विचारशील दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।

जीएसटी काउंसिल ने छात्रों और कामकाजी पेशेवरों के लिए जीवन यापन की लागत को कम करने के लिए आवास सेवाओं से संबंधित कुछ छूटों की सिफारिश की है, जिससे छात्रों और कामकाजी पेशेवरों को राहत मिलेगी।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भारती ने कहा कि कैट ने लगातार पहले तीन वर्षों के दौरान जीएसटी कार्यान्वयन के तहत उठाए गए उच्च मांगों के लिए कुछ प्रकार की माफी या समझौते का आग्रह किया था

श्री खंडेलवाल ने कहा कि देश भर के कएमएसएमई और व्यापारी उच्च मांगों के मामलों में अपील के लिए नहीं जा सके क्योंकि अपील दायर करने से पहले पूर्व-डिपॉजिट की अनिवार्य आवश्यकता थी। जीएसटी काउंसिल ने अब जीएसटी के तहत अपील दायर करने के लिए आवश्यक पूर्व-डिपॉजिट की मात्रा को कम करने की सिफारिश की है। यह करदाताओं को महत्वपूर्ण वित्तीय राहत प्रदान करेगा और किसी भी अनिश्चितता को समाप्त करेगा।

जीएसटी काउंसिल ने 1 जुलाई 2017 से अधिकृत संचालन के लिए एसईजेड इकाई/डेवलपर द्वारा आयात पर लगाए गए मुआवजा उपकर को छूट देने की सिफारिश की है। इससे एसईजेड उत्पाद लागत-प्रतिस्पर्धी बनेंगे।

અલગ અલગ દેશોમાંથી રોજનું ૧ કરોડ મીટર કાપડ ઈમ્પોર્ટ થાય છે-રોક લગાડવાની માંગ

SGCCI વતિ પૂર્વ પ્રમુખ શ્રી આશીષ ગુજરાતીએ ટેક્ષ્ટાઇલ ઇન્ડસ્ટ્રીના વિકાસ માટે તેમજ તેમાં રોજગારીનું પ્રમાણ વધારવા માટે વિવિધ સૂચનો રજૂ કર્યા

સુરત. ભારતની ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રી હાલ ૪.પ કરોડ લોકોને રોજગારી પુરી પાડે છે. કૃષિ પછી સૌથી વધારે રોજગારી ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રી આપે છે. ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રીમાં રોજગારીનું પ્રમાણ કેવી રીતે વધારી શકાય તે એજન્ડા પર ભારતના માનનીય કેન્દ્રિય ટેક્ષ્ટાઇલ મંત્રી શ્રી ગિરીરાજ સિંઘ દ્વારા ગુરૂવાર, તા. ર૦ જૂન, ર૦ર૪ના રોજ નવી દિલ્હી ખાતે દેશના ટેક્ષ્ટાઇલ સંગઠનો સાથે મિટિંગનું આયોજન કરવામાં આવ્યું હતુ. જેમાં ધી સધર્ન ગુજરાત ચેમ્બર ઓફ કોમર્સ એન્ડ ઇન્ડસ્ટ્રી વતી પૂર્વ પ્રમુખ શ્રી આશિષ ગુજરાતીએ ભાગ લીધો હતો. તેમણે ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રીના વિકાસ માટે તેમજ તેમાં રોજગારીનું પ્રમાણ વધારવા માટે નીચે મુજબની રજૂઆત કરી હતી.

– ટફ યોજનામાં ૧ર૯૩૭ એકમોએ લાભ લીધો છે. જેમાં ૧૦૪૪ર યુનિટો એવા છે જેમનું રોકાણ રૂપિયા પ કરોડ કરતાં પણ ઓછું છે. જ્યારે તેમાંથી પણ ૯૦ ટકા એકમો એવા છે કે તેમનું રોકાણ રૂપિયા ૧ કરોડ કરતાં પણ ઓછું છે. એનો અર્થ એ થાય કે, ટફ યોજનાનો લાભ નાના અને એમએસએમઈ ઉદ્યોગકારો દ્વારા જ લેવામાં આવ્યો છે.

– પીએલઆઈ સ્કીમનો લાભ રૂપિયા ૧૦૦ કરોડનું રોકાણ કરનાર ઉદ્યોગકાર જ લઈ શકે તેમ છે. જો કે, પ્રાપ્ત થયેલી માહિતી પ્રમાણે સરકાર દ્વારા આ યોજનામાં ફેરફાર કરીને રૂપિયા ૧પ કરોડનું રોકાણ કરનાર ઉદ્યોગકાર પણ આ યોજનાનો લાભ લઈ શકશે તેવું આયોજન કરવામાં આવી રહયું છે, પરંતુ ટફના ડેટા પ્રમાણે એમએસએમઈના નાના યુનિટોનું રોકાણ રૂપિયા પ કરોડ સુધીનું છે, એટલા માટે નાના ઉદ્યોગકારોના અપગ્રેડેશન અને વિકાસ માટે કેપિટલ સબસિડી જેવી સ્કિમ લાવવી જરૂરી છે તો જ નાના યુનિટો કવર થઈ શકશે અને અપગ્રેડ પણ થઈ શકશે.

– વર્ષ ર૦૧૪થી ર૦ર૪ સુધીમાં ટફની સ્કિમમાં ૧૧ હજાર કરોડ રૂપિયાની સબસિડી આપવામાં આવી છે, તેમાં ૯ હજાર એકમોને લાભ મળ્યો છે. જ્યારે બીજી તરફ માત્ર પીએલઆઈ સ્કિમના બજેટ પ્રમાણે ૬પ યુનિટો જ આ યોજનાનો લાભ લઈ શકશે. એટલા માટે નાના યુનિટોને પણ ફાયદો થાય તેવું આયોજન સરકાર દ્વારા કરવું જોઈએ અને તેના માટે પીએલઆઈ અને કેપીટલ સબસિડી સ્કિમ પણ રાખવી જરૂરી છે, જેથી ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રીમાં રોજગારીનું પ્રમાણ વધી શકે.

– આ ઉપરાંત રો–મટીરીયલ આંતરાષ્ટ્રીય કોમ્પિટીશનના ભાવ પ્રમાણે મળવું જોઈએ અને ગ્લોબલ ક્‌વોલિટી પ્રમાણે હોવું જોઈએ.

– યાર્નનું રો–મટીરીયલ પીટીએની શોર્ટેઝને કારણે વિવિંગ યુનિટોને અઠવાડિયામાં બે બે દિવસ બંધ રાખવા પડે તેવી સ્થિતિનું નિર્માણ થયું છે.

– સ્પેશિયાલિટી યાર્ન જે ભારતમાં બનતા નથી તેના માટે સ્પેશિયલ પીએલઆઈ સ્કિમ લાવવી જોઈએ.

– ટફ સ્કિમ ન લાવવી હોય તો એમએસએમઈ માટે વિવિંગ અને નિટિંગ સેકટર માટે સ્પેશિયલ સ્કિમ લાવવી જોઈએ.

– હાલ વિશ્વના અલગ અલગ દેશોમાંથી રોજનું ૧ કરોડ મીટર કાપડ ઈમ્પોર્ટ થાય છે, ભારતની ફેબ્રિકસ અને ગારમેન્ટ ઈન્ડસ્ટ્રીને સપોર્ટ કરવા માટે આયાત થતા કપડાં પર પ્રતિબંધ મૂકવો જોઈએ.

– વોટર જેટ વિવિંગ મશીનો માટે CETP (કોમન ઈન્ફલ્યુએન્ટ પ્લાન્ટ) અને ZLD (ઝીરો લિકિવડ ડિસ્ચાર્જ) માટે સ્પેશિયલ સબસિડી આપવી જોઈએ.

– અત્યારે ટેક્ષ્ટાઇલ ઈન્ડસ્ટ્રીનું ટાર્ગેટ નક્કી કરવામાં આવ્યું છે, તેમાં ટેક્ષ્ટાઇલ ઇન્ડસ્ટ્રીનો એક્ષ્પોર્ટનો ટાર્ગેટ વર્ષ ર૦૩૦ સુધીનો નક્કી કરવામાં આવ્યો છે, જેમાં ભારતનો શેર સિંગલ ડીજીટમાં છે, પરંતુ તેની ક્ષમતા ૧પથી ર૦ હોઇ શકે છે, આ શેર વર્ષ ર૦૪૭ સુધીમાં રપથી ૩૦ ટકા સુધી વધારી શકાય તેમ છે.

– ટેક્ષ્ટાઇલમાં આવનારા પ વર્ષમાં જીએસટીની ઈન્કમ રૂપિયા ૩ લાખ કરોડ સુધી પહોંચશે તેની સામે આ સ્કિમ અંતર્ગત રૂપિયા ૩૦ હજાર કરોડની ફાળવણી કરવી જરૂરી છે.

सूरत एयरपोर्ट पर 1.23 लाख डॉलर के साथ तीन धरे गए


सूरत
सूरत कस्टम डिपार्टमेंट की एयरपोर्ट इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारियों ने सीआईएसएफ की मदद से गुरुवार की रात एयरपोर्ट पर सूरत से दुबई जा रहे तीन पैसेंजरों की जांच कर उनके पास से बड़े पैमाने पर डॉलर ज़ब्त किए और आगे की कार्रवाई शुरू की है।


एयरपोर्ट के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरत एयरपोर्ट पर शारजाह और दुबई जाने के लिए विमान सेवा उपलब्ध है।गुरुवार की रात को सूरत से दुबई की फ्लाइट जाने वाली थी।तब तीन यात्री फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट के भीतर घुस रहे थे उस दौरान कस्टम विभाग के अधिकारियों को उनकी हलचल पर शक हुआ।इसके आधार पर अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान तीनों नेकोई भी गैर कानूनी वस्तु पास मे होने से इनकार कर दिया लेकिन अधिकारियों को पूरा विश्वास था की तीनों कुछ छुपा रहे हैं जिसके आधार पर अधिकारियों ने उन्हें एक तरफ़ रोक जांच पड़ताल शुरू की। जांच के दौरान तीनों के पास से 123000 डॉलर मिले जो की इंडियन करेंसी में एक करोड़ 48 लाख रुपए होते हैं।

नियम के अनुसार यदि किसी के पास 50000 से 100000 डॉलर मिले तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है लेकिन इन तीनों के पास कुल मिलाकर 123000 डॉलर था।जिसमे की एक शख्स के पास 50000 डॉलर था और बाकी के दो के पास अन्य रकम थी। कस्टम विभाग ने इनसे बॉन्ड की रकम जमा करवा ली और आगे की कार्रवाई शुरू की है।उल्लेखनीय है कि सूरत एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग के सतर्कता के कारण पहली बार एक लाख से अधिक रक़म डॉलर के तौर पर पकड़ी गई है।

कृष्ण के परामर्श ‘तुम योगी बनो’ का अनुकरण

अंतर्राष्ट्रिय योग दिवस के उपलक्ष्य में

“योगी को, शरीर पर नियंत्रण करने वाले तपस्वियों, ज्ञान पर चलने वालों तथा कर्म के पथ पर चलने वालों से भी श्रेष्ठ माना गया है; इसलिए हे अर्जुन, तुम योगी बनो!” भगवद्गीता के चतुर्थ अध्याय में अर्जुन को कहे भगवान् कृष्ण के ये शब्द हम सभी को यह परामर्श देते हैं कि अनिश्चताओं और विलासिता से भरे जीवन के महाभारत में अर्जुन की भाँति संघर्षरत रहते हुए, योगी का जीवन जीना सुख का मूल है।  

योग विज्ञान जो भारतवर्ष की धरोहर है, सम्पूर्ण संसार के लिए एक उपहार है; इसी कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी महत्ता को समझते हुए 2015 में, भारत सरकार के अनुरोध पर, 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में संघोषित करके सम्पूर्ण मानवजाति के कल्याण की पुष्टि की। पश्चिम में ‘योग के जनक’ कहे जाने वाले परमहंस योगानन्द जिन्होंने अपने जीवन के महत्त्वपूर्ण 30 वर्ष से भी अधिक समय पश्चिम में बिताया तथा भारत में योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इण्डिया और अमेरिका में सेल्फ़ रियलाईज़ेशन फ़ेलोशिप की स्थापना करके ध्यान का क्रियायोग विज्ञान, जो योग की एक उन्नत और विशिष्ट शैली है, की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार करके मानवजाति को एक सेतु प्रदान किया। 

योगानन्दजी, अपनी पुस्तक ‘योगी कथामृत’, जिसे मन और आत्मा के द्वार खोल देने वाली पुस्तक आँका जाता है, के 26वें अध्याय में क्रियायोग का अर्थ बताते हैं – “‘एक विशिष्ट कर्म या विधि (क्रिया) द्वारा अनंत परमतत्त्व के साथ मिलन (योग)।’ इस विधि का निष्ठापूर्वक अभ्यास करने वाला योगी धीरे-धीरे, कर्म-बंधन से या कार्य-कारण संतुलन की नियमबद्ध शृंखला से मुक्त हो जाता है।”
 
भगवान कृष्ण भगवद्गीता में इसका उल्लेख करते हुए कहते हैं, ”अपान वायु में प्राणवायु के हवन द्वारा और प्राणवायु में अपान वायु के हवन द्वारा योगी प्राण और अपान, दोनों की गति को रुद्ध कर देता है और इस प्रकार वह प्राण को हृदय से मुक्त कर लेता है और प्राणशक्ति पर नियंत्रण प्राप्त कर लेता है।” अर्थात् “योगी फेफड़ों और हृदय की कार्यशीलता को शांत कर प्राणशक्ति की उस अतिरिक्त आपूर्ति की सहायता से शरीर में होने वाले ह्रास को रोक देता है और अपान को नियंत्रण में कर शरीर में वृद्धत्त्व लाने वाले परिवर्तनों को भी रोक देता है।”

यह सब जान लेने के बाद इस महान् परिवर्तनकारी योग को सीखने की उत्कंठा का जगना स्वाभाविक है। इसका निदान भी विद्यमान है। पाठकगण योगदा सत्संग सोसाइटी की वेबसाइट पर जा सकते हैं, जो एक ऐसा द्वार है जहाँ से गृह अध्ययन की की पाठमाला प्राप्त कर, योग की इस वैज्ञानिक प्रविधि को सीखना अत्यंत सरल है। पाठमाला के लिए नामांकन करवाकर बुनियादी प्रविधियों का कुछ समय अभ्यास करके इस मानव देह को, जिसकी क्षमता 50 वाट के बल्ब जितनी है, क्रियायोग के अत्यधिक अभ्यास से उत्पन्न करोड़ों वाट की शक्ति को सहन करने योग्य बनाया जाता है।  

अंधकार युगों में लुप्त हो जाने के बाद फिर से इस सरल और निश्चित रूप से फल देने वाली क्रियायोग पद्धति को न केवल संसार का त्याग करने वाले संन्यासियों अपितु साधारण लोगों के लिए भी उपलब्ध करने वाले महामृत्युंजय बाबाजी और उनके शिष्य लाहिडी महाशय के प्रति मन कृतज्ञता से भर जाता है। 

इन महान् संतों की अनुकंपा को शिरोधार्य कर, आइए इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हम स्वयं के कल्याण हेतु क्रियायोगी बनें और अपने शरीर और मन को उस महाप्राणशक्ति, जो सम्पूर्ण सृष्टि की आधारशीला है, की अनन्त संभावनाओं को व्यक्त करने के योग्य बनाएँ। अधिक जानकारी : yssi.org 

लेखिका- डॉ. (श्रीमती) मंजु लता गुप्ता. डॉ. (श्रीमती) मंजु लता गुप्ता ने दिल्ली सरकारी स्कूल में शिक्षिका के रूप में काम किया।