सूरत सहित देशभर में से एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए रूस गए भारत के 300 विद्यार्थी वहां लॉकडाउन में फंस गए हैं। बीते 4 महीने से वह भारत आने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन, उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां से घर वाले उनके लिए रुपए भेज रहे हैं लेकिन, अभी तक उनके आने का कोई ठिकाना नहीं होने से परिवार जनों की चिंता बढ़ गई हैं।
मिली जानकारी के अनुसार रसिया से 600 किलोमीटर दूर पेन्झा स्टेट यूनिवर्सिटी में चौथे और छठे साल में पढ़ाई कर रहे 300 गुजराती विद्यार्थी वहां पर फँस गए है। इस यूनिवर्सिटी में सूरत, वलसाड,नवसारी और तापी के लगभग 300 विद्यार्थी हैं।
सूरत के इंजीनियर जिग्नेश पटेल ने बताया कि पंजाब स्टेट यूनिवर्सिटी में गुजरात के 300 विद्यार्थी अभी पढ़ रहे हैं। इनमें से 50% दक्षिण गुजरात के हैं। लॉकडाउन के कारण 105 दिन से अधिक समय बीत गया है लेकिन, यह विद्यार्थी अभी तक नहीं लौट सके। विद्यार्थी एक हॉस्टल में ही फंसे हैं।
इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्री, रूस के भारतीय अंबेसडर और रूस एम्बेसेडर को भी गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि पेन्झा स्टेट यूनिवर्सिटी में कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण फरवरी तक पढ़ाई स्थगित कर दी गई है। मतलब कि होस्टल बंद कर दिया जाएगा। इस कारण यहां पर रहने वाले अभिभावकों की चिंता भी बच्चों को लेकर बढ़ गई है।
बताया जा रहा है कि 300 विद्यार्थियों में 40% लड़कियां हैं। जोकि धरमपुर, व्यारा, बारडोली नवसारी आदि स्थानों से हैं।उल्लेखनीय है कि वंदे भारत मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक रूस में सिर्फ दो फ्लाइट गई हैं।आगामी दिनों में फेस -4 मे 3 और फ्लाइट जानी है लेकिन, यह सब दक्षिण भारत की है।
इसलिए अभिभावकों की चिंता और बढ़ गई है। विद्यार्थी अपने अभिभावकों को फोन कर किसी भी तरह मास्को ले जाने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं। वंदे भारत योजना में भी गुजरात के बच्चों को फ्लाइट नहीं मिलने से नाराज हैं। सरकार ने कुल 170 फ्लाइट की घोषणा की है लेकिन इसमें अहमदाबाद से रूस से एक भी फ्लाइट नहीं है।