कोरोना से डर नहीं इन देशों को! खोल दिए लॉकडाउन?

Spread the love


डेस्क
शायद दुनिया के कई देशों को अब लगने लगा है कि कोरोना से पीछा छुड़ाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। इसीलिए तो दुनिया के कोरोना से प्रभावित 90 से अधिक देशों में से लगभग 35 देशों ने लॉकडाउन खोल दिया है। इन देशों में धीरे धीरे सब कुछ पहले की तरह शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि इन 35 देशों में से 26 यूरोपीय देश है।


एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए कई देशों ने एहतियात के तौर पर बड़े पैमाने पर सावधानी बरती थी और पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लागू कर दिया था लेकिन, धीरे धीरे कई देशों में 2 से 3 महीने बीत जाने के बाद भी कोरोना की स्थिति में विशेष परिवर्तन नहीं आने के कारण देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

एक ओर जहां कोरोना ठीक नहीं हो रहा है वहीं, दूसरी ओर देशों की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है। इसलिए अब देशों ने एहतियात के कदम बरतते हुए लोगों को सावधानी पूर्वक रहने का संदेश देते हुए लॉकडाउन हटाना शुरू कर दिया है। अमरीका और यूरोप में कई बड़े शहरों में लॉकडाउन हटा दिया गया है।


बताया जा रहा है कि आगामी दिनों में स्वीटजरलैंड और बेल्जियम जैसे देशों में तो पर्यटकों को आने की छूट भी मिल सकती है। क्योंकि वहाँ की इकॉनोमी भी चरमरा चुकी है।अमेरिका के 50 राज्यों में से 25 राज्यों में लॉकडाउन हटाया जा चुका है। चीन में तो पहले से लॉकडाउन हटाया जा चुका है। ग्रीस और पोलेन्ड भी इस दिशा में विचार कर रहे हैं। पाकिस्तान जो कि पहले से ही लॉकडाउन लगाने के मूड में नहीं था|

वहां तो कई शहरों में परिस्थिति सामान्य हो चुकी है। पाकिस्तान की ओर से बार-बार लॉकडाउन के पक्ष में नहीं होने की बात सामने आते रही है। हालाँकि अभी यह देश कोरोना मुक्त नहीं हुए हैं लेकिन, अर्थव्यवस्था की चिंता ने इन्हें बेहाल कर दिया है। भारत में भी लॉकडाउन-४ शुरू हो चुका है।

भारत सरकार ने भी राज्य सरकारों को रेड जोन एरिया की जिम्मेदारी सौंपी है। भारत के कई राज्य ऐसे हैं जिन्होंने की लोग शुरू होने के पहले ही केंद्र सरकार से लॉकडाउन की मांग की थी। भारत में महाराष्ट्र में कोरोना के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है।

इसके बाद गुजरात का नंबर आता है। भारत में अब तक कोरोन के कारण 100000 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। हालांकि भारत सरकार का दावा है कि भारत में करुणा की परिस्थिति अन्य देशों की अपेक्षा बेहतर है।