सूरत मे गुरूवार को कोरोना के 88 केस, शहरीजन चिंतित

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सूरत
सुरत में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ रहे हैं उसके कारण शहरीजनों की चिंता में बढ़ोतरी हो गई है। बीते दो दिनों में तो कोरोना के आँकड़े खुब तेज़ी से बढ़े है।
देशभर मे अनलॉक-1 में औधोगिक गतिविधियों को तेज करने के लिए सरकार ने कई शर्तो के साथ व्यापारिक इकाइया और उधोगो को खोलने की छूट देने के साथ ही कोरोना के केस में बढोतरी हो रही है। गुरूवार को सूरत में कोरोना के 88 नए मामले दर्द हुए है। इसक पहले बुधवार को 85 केस दर्ज हुए थे।


इतनी बड़ीं संख्या में कोरोना के मरीजो के कारण प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। अब तक सूरत में कुल पॉजिटिव केस की संख्या 1869 है। इनमें मृतकों की संख्या 76 है। डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 1208 है।।

सूरत के लिंबायत, कतारगाम और उधना क्षेत्र में अभी भी बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज बढ रहे हैं। एक ओर सरकार ने अनलॉक-1 में कई शर्तो के साथ व्यापारिक इकाइयों को खोलने की छूट दी है और दूसरी ओर कोरोना के केस तेजी से बढ रहे है। यह चिंता का विषय है। मनपा ने बारबार लोगों से सोशियल डिस्टेंस का पालन करने और जरूरी एहतियात बरतने को कहा है इसके बावजूद कई क्षेत्रों में लोगों की लापरवाही के कारण केस बढ रहे हैं।

जून महीने मे रफ हीरा नहीं खरीदेगें हीरा उद्यमी
कोरोना के कारण दुनियाभर में व्यापार उधोग बंद होने के कारण मंदी का माहौल है। अब धीरे-धीरे व्यापार उधोग खुल रहे हैं तब सभी उधमी अपने हिसाब से तालमेल बिठाने का प्रयास कर रहे हैं। कोरोना के कारण सर्जित परिस्थति में हीरा उधमियों ने जून में रफ हीरों की खरीद नहीं करने का फैसला किया है।


हीरा उधमियों का कहना है कि कोरोना के कारण दो महीने से हीरा उधोग बंद है ऐेसे में कई हीरा उधमियों के पास पॉलिश्ड की स्टोक प़ड़ा है। कुछ के पास रफ हीरों की स्टॉक पड़ा है। ऐसे में एक बार हीरा उधोग में सबके पास बैलेंस सही हो जाए और व्यापार सुचारू ढंग से व्यापार शुरू हो जाए तब नए रफ हीरों की खरीद होगी। इसलिए जून की रफ हीरों की खरीद पर रोक लगाई गई है।कई हीरा संगठनों ने मिलकर स्वैच्छिक तौर पर रफ हीरे नहीं लेने का फैसला किया है।


हीरा उधमी निलेश बोडकी ने बताया कि इससे लाभ और नुकसान दोनो की संभावना है। उन्होंने कहा कि रफ हीरों की खरीद रोकने से हीरों का ओवर प्रोडक्शन घटेगा। इससे पॉलिश्ड हीरों की कीमत बनी रहेगी। हीरे पर्याप्त मांत्रा में रहने से हीरा श्रमिकों का उचित काम मिलेगा और सोशल डिस्टेंस का पालन हो सकेगा।


इसके अलावा इसका नुकसान बताते हुए उन्होंने कहा कि जहां बड़ी संख्या में लोग हीरा नहीं खरीद रहे। ऐसे में कुछ लोगो ने हीरे खरीद लिए तो वह अपने मनमानी दिनों से आने वाले दिनों में हीरों का उत्पादन कर बेंचेगे। जबकि छोटे हीरा उधमियों को रफ हीरे नहीं मिलने से उनके लिए खराब परिस्थिति खड़ हो सकती है।