बुजुर्गो को कोरोना से बचाने के लिये क्या करना होगा जवानों को? जानिए

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सूरत में आज कोरोना के 89 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए। इसके साथ ही सूरत मे कुल कोरोना के 1958 कोरोना के केस दर्ज हुए है। इनमें से दो लोगों की मौत हो गई। सूरत में अब तक कोरोना से मरनेवालों की संख्या 78 पर पहुँच गई है।


मृत्यु का दर चार प्रतिशत है।आज कुल 35 लोगों को डिस्चार्ज किया गया।अब तक कुल 1276 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है।इस बीच सेन्ट्रल ज़ोन में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण 13 नए क्षेत्रों को क्ल्स्टर घोषित किया गया है। इस क्षेत्र की १३ शाकभाजी, मटन और मछली मार्कट बंद कराई गई है।


सबसे अधिक कतारगाम में केस दर्ज हुए। मनपा कमिश्नर बंछानिंधी पानी ने कहा कि रांदेर और अठवा ज़ोन में कई दिनों के बाद केस मिल रहे है। लोग सोशल डिस्टैंस का पालन नहीं करने के कारण केस बढ रहे हैं। कमिश्नर ने कहा कि कल से जो लोग बुजुर्ग ओर पहले से ही डायबिटिज या अन्य बिमारी से पीड़ित है उन्हें कल से घर जा कर मनपा टीम कोरोना से कैसे बचा जा सकता है वह समझाएगी।

उन्होंने कहा कि युवान लोगों को बिन ज़रूरी बाहर नहीं निकले क्योंकि उन्हें बाहर से चेप लग भी जाए तो भी पता नही चलता लेकिन उनके कारण उनके घर पर रहे बुजुर्ग लोगों को चेप लग जाता है। उन्होंने बुजुर्गो से आयुष मंत्रालय से सूचित दवा लेने का आग्रह किया ।

मास्क और सेनेटाइजर के साथ मनाया वट सावित्री का व्रत

कोरोना बिमारी ने लोगों की जीवन शैली बदल दी है ।लोगों को इसी नई जीवनशैली के साथ जीना पड़ेगां कोरोना के कारण अब तो ना ही शादी ब्याह में भीड़ लग सकती है ना ही किसी धार्मिक आयोजन में। कोरोना के कारण लोगों को अपनी जीवनशैली बदल लेनी पड़ेगी।

शुक्रवार को सुहागन औरतों के लिए वट सावित्री का व्रत मनाया गया।इस व्रत को सुहागन औरतों ने मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मनाया।हिंदू धर्म के अनुसार सुहागन औरतों के लिए वट सावित्री का व्रत बहुत मायने रखता है।अपने पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं पूजा करती हैं।

आज भी महिलाओं ने व्रत किया वट सावित्री के दिन वट के पेड़ के चारों ओर महिलाएं प्रदिक्षणा कर पूजा की। इस मौके पर महिलाओं की बड़ी भीड़ रही। कोरोना के संभावित को देखते हुए महिलाओं ने सोशल डिस्टेंस रखते हुए और मास्क पहनकर इस व्रत को मनाया।


कई महिलाओं ने तो भीड़ की आशंका देखते हुए सोसाइटी में पूजा करना उचित समझा घर के समीप ही पेड़ पर पूजा की। पूजा कराने वाले पंडित के हाथ में भी सैनिटाइजर जीवन शैली के अनुसार लोगों पर रहना पड़ेगा और पूजा-पाठ भी करनी पड़ेगी।