सूरत
लॉकडाउन के कारण लाखों लोग बेरोज़गार हो गए हैं। खाने पीने का ठिकाना नहीं है। ऐसे में वलसाड के पारडी में रहने वाला एक दंपति सतना जाने के लिए पैदल ही निकल पड़ा। सूरत से सतना लगभग 1100 किलोमीटर दूर है!
यह दंपत्ति मंगलवार को अपने डेढ़ वर्ष के बच्चे के साथ चला था। वहाँ से निकलकर बीआरसी के पास पहुँचते पहुँचते वह इतना थक गए थे कि फूटपाथ पर ही गिर पड़े। इतने में वहाँ से पेट्रोलिंग कर रही पुलिस की नज़र जब उन पर पड़ी तो पुलिस ने गाड़ी रोक कर उन से पूछा कहाँ जा रहे हो? पुलिस को अचानक देखकर डर गई औरत अपने पति और बच्चे की ओर देखने लगी और आँखों में पानी भर आया। इस दौरान उसके पति ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान व्यापार धंधा बंद हो जाने से खाने पीने के लिए रुपया नहीं है ऐसे में वह अपने वतन जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े।
पुलिसवालों ने ज़्यादा पूछताछ की तब पता चला कि वह लोग वलसाड की पारडी से आए हैं, और सतना जाना चाहते हैं। युवक ने बताया कि उसका नाम मोहन कौशल है। वह वलसाड के पारडी में मज़दूरी करता है। लेकिन लॉकडाउन के बाद काम धंधा बंद हो जाने से रोज़गार बंद हो गया है। उनकी इतनी कमाई नहीं है कि वह कुछ बचत करता कर सकें।
अभी तक सेवाभावी संस्था से मिलने वाली सहायता से कुछ दिन पर निकल गए लेकिन, अब दिन निकालना मुश्किल हो रहा था ।इसलिए उन्होने सोचा कि यहाँ भूखे प्यासे रहने से अच्छा 1100 किलोमीटर की दूरी धीरे धीरे काटकर अपने वतन पहुँच जाएँगे। यह सुनकर महिला पुलिस कर्मचारी भी दंग रह गयी।
यह परिवार दो दिन पहले से वलसाड से निकला है और एक दिन से भूखा था। इतनी बातें सुनकर पुलिस के कर्मचारियों ने उन्हें शेल्टर होम में भेज दिया वहाँ उनके भोजन की व्यवस्था की।दूसरे दिन उन्हें अपने वतन भेजने की व्यवस्था कर दी और मध्य प्रदेश जाने वाली बस में बैठाकर मानवता धर्म निभाया।