20 महीने से न्याय की उम्मीद, लाश शौचालय में रखी!

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पुत्र को मारने वालों के खिलाफ न्याय की मांग कर रहे हैं एक पिता ने अपने बच्चे की लाश को 20 महीने से एक शौचालय में बोरे में बांधकर रखा है। मृतक के पिता को पूरा भरोसा है कि एक ना एक दिन उसके बेटे के हत्यारों को सजा जरूर मिलेगी।


घटना की वास्तविकता इस प्रकार है कि पालनपुर के डूंगराण क्षेत्र में बात दाता तालुका के जामरू गांव में रहने वाले नटूभाई की लाश दो हजार 2018 में एक खेत में से मिली थी। मृतक के पिता ने हत्या की शिकायत की थी। उन्हें पड़ोस में रहने वाले ही एक युवक पर शक था।उन्होंने इस बारे में पुलिस में 10 जनों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।

जांच के बाद अभी तक वह परिणाम से असंतुष्ट हैं। बताया जा रहा है कि मृतक का फॉरेंसिक पोस्टमार्टम किया गया था। जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं दी गई मृतक के पिता ने हगरा भाई जामरू ने एक बंद कमरे में 20 महीने से लाश को एक बोरे में बंद रखा है।

आसपास के लोगों का कहना है कि आगरा भाई ने शौचालय में मृत देह को रखकर ताला मार दिया है। हगरा भाई को अभी भी पुलिस से न्याय की उम्मीद है। इसीलिए उन्होंने अपने पुत्र के शव की अंतिम विधि भी नहीं की। आसपास के कई लोगों ने इस बारे में उन्हें समझाया भी लेकिन वह अपनी बात पर अडग हैं।

सूरत में डॉक्टर्स भी नहीं बचे कोरोना से, सिविल के १० डॉक्टर चपेट में

सूरत में कोरोना दिन-प्रतिदिन बेकाबू होता जा रहा है। सूरत में कोरोना का उपचार करने वाले सरकारी सिविल हॉस्पिटल में अब तक कुल 14 डॉक्टर भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।


मिली जानकारी के अनुसार सूरत में अब तक कुल 2600 से अधिक पॉजिटिव मामले आ चुके हैं।सूरत की सरकारी हॉस्पिटल में बड़े पैमाने पर मरीजों का उपचार चल रहा है।

कोरोना का उपचार करने वाले डॉक्टर दिन रात डरे बिना फ्रंटलाइन वारियर की तौर पर कोरोना के मरीजों का उपचार कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी संक्रमण लग रहा है।

शनिवार को सिविल हॉस्पिटल की मेडिसिन विभाग के सीनियर डॉक्टर कम दक्षिण गुजरात रीजनल कोरोनावायरस नोडल ऑफिसर को भी कोरोना का संक्रमण लग गया। उन्हें उपचार के लिए सिविल हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल किया गया है। सिविल हॉस्पिटल में अब तक 14 जनों को कोरोना का संक्रमण लग चुका है।

इसमें इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के एक, गायनेक विभाग के दो मेडिसिन विभाग के पास 5, एनेस्थीसिया विभाग के एक तथा चमड़ी विभाग के एक और मेडिसिन विभाग के हेड डॉक्टरों को समावेश होता है।