सब्जी विक्रेताओं से हप्ता लेने वाले ट्रैफ़िक ब्रिगेड कर्मी एसीबी के चंगुल में !

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एक ओर जहां लोग लॉकडाउन के कारण बीते दिनों व्यापार-उद्योगों के बंद होने से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहें है। वहीं दूसरी ओर अपनी नौकरी का ख़ौफ़ दिखाकर लोगों से हप्ता वसूली करने वाला ट्रैफ़िक ब्रिगेड कर्मी 4 हजार की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया। टीआरबी जवान सब्जी बेचनेवालों से मासिक 100 रुपये की रिश्वत की माँग कर रहा था।


मिली जानकारी के अनुसार वेडरोड क्षेत्र में अखंड आनंद कॉलेज के पास रहने वाला राकेश लालबाबु यादव सूरत ट्राफिक विभाग में टीआरबी के तौर पर काम करता है। अपनी नौकरी का ख़ौफ़ दिखाकर राकेश सब्जी मार्केट में छुटक सब्जीविक्रेताओं से हर महीने 100 रुपये की रिश्वत मांगता था।

रिश्वत के 100 रुपये जो सब्जीविक्रेता नही देता था उसे राकेश यादव हैरान परेशान करके मार्केट के आसपास बैठने नहीं देता था। उसके इस रवैये के कारण कई सब्ज़ी विक्रेता परेशान हो गए थे और कइयों ने तो वहाँ सब्ज़ी बेचना छोड़ दिया।

राकेश से बचना हो तो लोगों को उसे हप्ता देना ही पड़ता था। राकेश ने सब्ज़ी विक्रेताओं में से एक सब्ज़ी विक्रेता को अपना काम सौंप दिया और तमाम सब्जी विक्रेताओं से हर महिने 100-100 रुपये जमा करके प्रति माह 4 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। जब उसने यह बात अन्य 40 जितने सब्ज़ी विक्रेता को कही तो सब नाराज हो गए और एसीबी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी।

सब्ज़ी विक्रेताओं की शिकायत के आधार पर एसीबी की टीम ने सींगणपोर कोजवे रोड पर सिल्वर स्टोन आर्केड एसबीआई के सामने रास्ते पर टीआरबी जवान राकेश लालबाबु यादव को सब्जीविक्रेता से 4000 रुपये कि रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया।


सूरत में फंसे 323 हीरा उद्यमियों के परिवार को स्पेशल फ्लाइट से भेजा हांगकांग
चीन के नए साल की शुरुआत के कारण वहां स्थाई हो गए सूरत के उद्यमी जनवरी में अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने सूरत आए थे। लेकिन मार्च में लॉकडाउन के कारण उद्यमियों का परिवार यही फस गया था। आखिर सोमवार को सूरत और हांगकांग के हीरा उद्यमियों ने मिलकर स्पेशल फ्लाइट की व्यवस्था कर उन्हें हॉन्ग कोंग पहुंचा दिया।


इस बारे में हीरा उद्यमी निलेश बोडकी ने जानकारी देते हुए बताया कि हांगकांग में व्यापार के लिए बड़ी संख्या में सूरत के लोग वहीं स्थायी हो गए हैं जोकि, साल भर में जनवरी में चीन के नए साल के वेकेशन के दौरान वापस आते हैं। इस दौरान वहां पर जनवरी से 15 से 25 तारीख तक चीन का नया साल का वेकेशन होने के कारण भी वह अपने परिवार के साथ सूरत आए थे। मार्च में हांगकांग का मार्केट खुल जाने से हीरा उद्यमी खुद तो वापस चले गए लेकिन उनका परिवार यहीं पर था। इसी दौरान लॉकडाउन शुरू हो जाने से उनका परिवार यहां फस गया।

बीते 4 महीने से हीरा उद्यमियों का परिवार यहीं पर फंसा था। बार-बार सूरत में फंसे हीरा उद्यमियों के परिवार उन्हें वापस ले जाने की बात कर रहे थे लेकिन, यह संभव नहीं था। आखिरकार सूरत से ही राज्य में होने हॉन्ग कोंग की सरकार से संकलन करना शुरू किया और हीरा उद्यमी विजय, जेमिस,हरीश,किरण और संजय भाई ने मिलकर वहां से एयरलाइंस के लिए परमिशन ले ली।कई दिनों तक परमिशन की प्रक्रिया के बाद सोमवार की शाम सूरत से कुल 343 लोगों को जिसमें कि 115 बच्चे और 189 बड़े लोग थे उन्हें पहले मुंबई ले जाया गया और मुंबई से इथोपियन एयरलाइंस की फ्लाइट से हांगकांग भेजा गया।