पैमेन्ट का चेक 45 दिन बाद जमा किया तो बैंक में बैलेन्स था कि नहीं इसकी जाँच होगी

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परचेज बिल पर यदि 45 दिन का उल्लेख है तो तय अवधि में पेमेंट करना जरूरी

एसजीटीटीए ने जूम मीटिंग कर एमएसएमई के नए प्रावधानों पर आयोजित की चर्चा

सूरत. साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (एसजीटीटीए) की ओर से 24 जनवरी को सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के एक्ट में नए बदलावों को लेकर जूम मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग में सूरत के प्रतिष्ठित 4 सीए के पैनल ने सूरत समेत देशावर की मंडियों के व्यापारियों के सवालों के जवाब दिए।

पैनल सदस्यों ने सवालों के जवाब में बताया कि एमएसएमई के नए प्रावधानों से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। इसमें व्यापार हित को ध्यान में रखकर ही चीजों का समावेश किया गया है। पैनल सदस्यों ने पेमेंट संबंधी शंकाओं का समाधान करते हुए कहा कि यदि गुड्स के बिल पर कुछ भी नहीं लिखा हो तो 15 दिन में पेमेंट करना अनिवार्य होगा, और यदि 45 दिन का उल्लेख है तो इस अवधि में पेमेंट करना जरूरी होगा। एक अन्य सवाल के जवाब में बताया गया कि 31 मार्च को जिस पेमेंट की देनदारी आती है, उसे 14 मई तक क्लियर करना अनिवार्य होगा। इसमें विफल होने पर बाकी की रकम को आयकर में जोड़कर उस पर टैक्स की लाइबिलिटी चुकानी होगी।

सीए पैनल ने बताया कि सप्लायर से एमएसएमई में सर्टिफिकेट लेना बायर का काम है, वह अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकता है। केवाईसी सप्लायर और कस्टमर दोनों का लेना या देना एमएसएमई एक्ट में फायदेमंद होगा, यह जरूरी हो गया। पेमेंट संबंधी एक अन्य सवाल पर पैनल ने बताया कि पेमेंट की चेन को सुधारने के लिए बायर सप्लायर से लोन भी ले सकता है। इसके अलावा यदि रिसीव होने वाले गुड्स में समस्या आती है तो 15 दिन के अंदर डेबिट नोट रेज करें और जिस दिन सेटलमेंट होगा, उस दिन से ही बिल डेट माना जाएगा । इसके अलावा एक अन्य सवाल के जवाब पर पैनल सदस्य के सीए ने कहा कि यदि कोई चेक दिया गया है और वो चेक 45 दिन के बाद में बैंक में भरा जाता है तो ऐसी स्थिति में ये जांच की जाएगी कि उस अवधि में बैंक में प्रयाप्त अमाउंट जमा था या नहीं।


जूम मीटिंग का संचालन सचिन अग्रवाल ने किया वहीं सवाल-जवाबों के लिए 4 सीए के पैनल में सीए राजेश भाउवाला, सीए सुधीर सुराणा, सीए सुमित कुमार गर्ग, सीए श्रेयांस शाह शामिल हुए। जूम मीटिंग में एसजीटीटीए के अध्यक्ष सुनील कुमार जैन ने बताया कि एमएसएमई के नए प्रावधानों से व्यापारी चिंतित हैं, इसे लेकर नवसारी के सांसद और भाजपा के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल को भी अवगत कराया गया है। साथ ही सुप्रीम और हाईकोर्ट के वकील सीए अविनाश पोद्दार के साथ भी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विशेष चर्चा का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें व्यापारियों की जिज्ञासाओं एवं समस्याओं के समाधान की कोशिश की गई है। एसजीटीटीए अति शीघ्र सम्बन्धित मंत्रालय के साथ मीटिंग कर उचित संशोधन कराने हेतु प्रयासरत है। इस दौरान आए सवालों के जवाब सीए पैनल ने दिए। सवाल पूछने वालों में सूरत समेत देशावर मंडियों से करीब 200 से अधिक व्यापारी जुड़े और एसजीटीटीए के सुनील मित्तल, सुरेंद्र जैन, संतोष माखरिया, महेश जैन, प्रदीप केजरीवाल, मोहन अरोरा, जय प्रकाश छापरिया, प्रहलाद गर्ग, आशीष मल्होत्रा भी शामिल रहे l

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