आज से एक साल पहले शहर सहित देश को हिला देने वाली दर्दनाक घटना हुई थी। तक्षशिला अग्निकांड घटना में 22 विधार्थियों की मौत की घटना ने सूरत समेत पूरे देश की दिल पिघला दिया। सभी के मन में प्रशासन और यहाँ की व्यवस्था पर सवाल खडे हो गए थे।
इस घटना के एक साल बाद सूरत की महानगरपालिका की कार्य पध्धति में क्या क्या परिवर्तन हुआ और क्या क्या चींजे नई हुई। इस पर सूरत महानगर पालिका के कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दर्दनाक घटना के बाद मनपा ने दोबारा सावधानी के लिए बडे कदम उठाए हैं जैसे कि शहर में 13 नए फायर स्टेशन बनाए गए। फायर स्टेन्डिंग एडवाइजरी कमेटी के सिफारिश के अनुसार 560 स्टाफ की भर्ती की गई।
जगह-जगह पर रीफिलिंग सेन्टर बनाए गए। फायर ब्रिगेड में नई टैक्नोलॉजी वासे साधन जैसे कि वॉटर कम फोम टैन्डर, एरियल लैडर, लाइव बॉडी डिटेक्टकर मशीन, सेफ्टी नेट सहित अन्य कई साधन खरीदे गए। फायर स्टाफ की ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई। इसके अलावा जिन दुकाने या संस्थाओ में फायर सेफ्टी के नियमों का उल्लंघन होता था ऐसी 24259 लोगों को नोटिस दिया गया।
मास्क नहीं पहनने वाले कोरोना संक्रमित से 70 प्रतिशत कोरोना का भय
सूरत महानगर पालिका कमिश्नर ने रविवार को लोगों से मास्क पहनने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोगों को मास्क जरूर पहनना चाहिए। क्योंकि मास्क पहनने से कोरोना संक्रमण का भय घट जाता है।
मनपा कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने बताया कि किसी को कोरोना हो तो वह 11 दिनों तक अन्य लोगों को कोरोना का चेप लगा सकता है। यदि किसी को कोरोना हो और वह मास्क नहीं पहने तो उससे अन्य लोगों को कोरोना का चेप लगने की संभावना 70 प्रतिशत है। जबकि यदि कोरोना संक्रमित और उसके पास जाने वाले दोनो ने ही मास्क पहन रखा हो तो सिर्फ डेढ प्रतिशत कोरोना लगने की संभावना रहती है। कमिश्नर ने बताया कि सूरत में रविवार को कोरोना के 34 नए मामले सामने आए।
अब तक सूरत में कुल कोरोना के संक्रमितो की संख्या 1279 पर पहुंची है। आज कौशल्या राणा नाम कि महिला की मौत हो गई। उन्हें पहले से डायबिटिज और अन्य सम्स्याएं भी थी। अब तक कुल 891 उपचार के बाद लोगों को घर भेजा जा चुका है। 60 लोगों की मौत हो चुकी है। बाकी का उपचार चल रहा है।