करुणा के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल (आईसीएमआर)ने बुधवार को बताया कि अब देश भर में जिन लोगों को कोरोना के लक्षण दिखेंगे ऐसे तमाम लोगों के जांच की जाएगी।
कोरोना को लेकर आईसीएमआर ने गत 23 जून को बताया कि कोरोना से बचने के लिए संक्रमण रोकना ही एकमात्र उपाय है। इसलिए अब से देश भर में जिन लोगों को शंका स्तर लक्षण दिखेंगे उनके लिए जांच की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।
आईसीएमआर ने जो लक्षण वाले हो ऐसे तमाम लोगों की 7 दिनों में जांच करने की सलाह दी है। विदेश से वापस आए प्रवासी हो ऐसे लोगों को यदि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी हो अथवा हॉस्पिटल में मरीज दाखिल हो ऐसे तमाम लोगों की जांच करने की सलाह दी।
यदि कोई स्वास्थ्य संबंधित सेवा से जुड़े हो अथवा अन्य सेवाओं से जुड़े हो तब भी जांच के लिए कहा गया है। निजी अस्पतालों और सार्वजनिक क्षेत्र के यूनिटों को एंटीबॉडी आधारित कोरोना की जांच क्षमता के लिए लेश करने को भी कहा गया।
इसके पहले भी आईसीएमआर की ओर से एक गाइडलाइन जारी की गई थी। इसमें प्रतिबंधित क्षेत्रों के अलावा भीड़भाड़ वाले क्षेत्र तथा इन्फ्लूएन्जा के लक्षण वाले लोगों की जांच करने की बात कही गई थी।
आईसीएमआर चाहता है कि केंद्र और राज्य सरकार तमाम मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल तथा नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड ऑफ टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरी संलग्न निजी अस्पताल और आइसीएमआर संलग्न निजी लेबोरेटरी में एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट के साथ आरटी पीसीआर टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि संदेहास्पद कोरोना के भी मरीज़ों की जाँच होने के बाद कोरोना के मरीज़ों का और जल्दी पता लग सकेग और उपचार भी हो सकेंगी।