आज है अमोघ प्रदोष व्रत- संतान सुख एवं सौभाग्य प्राप्ति हेतु महत्वपूर्ण, जानिए!

Spread the love



भगवान शिव जी की कृपा एवं संतान एवं सौभाग्य प्राप्ति हेतु किया जाने वाला प्रदोष व्रत आज (18 जून ) को ही है । प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा अमोघ मानी गई है।

दिनभर व्रत रहने के पश्चात शाम को भगवान शिव का पार्थिव लिंग अर्थात मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उसका विशेष रूप से रुद्राभिषेक आदि के द्वारा पूजन करें भगवान शिव की आरती एवं प्रसाद वितरण करें एवं ब्राह्मणों को भोजन कराएं इस व्रत से संतान एवं सौभाग्य की प्राप्ति सुनिश्चित मानी गई है ।

18 जून बृहस्पतिवार सन 2020 का पंचांग विवरण।
विक्रम संवत 2076
शक संवत 1942
ईसवी सन 2020
अंग्रेजी दिनांक 18
अंग्रेजी महीना जून
सूर्य की गोलीय स्थिति उत्तरायण
सौर पंचांग अनुसार मास शुक्ल पक्ष
चंद्र पंचांग अनुसार मास आषाढ़ कृष्ण पक्ष
तिथि मुंबई के पंचांग अनुसार द्वादशी प्रातः 8:40 तक तदोपरांत त्रयोदशी।
तिथि काशी के पंचांग अनुसार प्रातः 8:57 तक द्वादशी तदोपरांत त्रयोदशी।
नक्षत्र भरणी प्रातः 8:30 तक तदुपरांत कृतिका
वार बृहस्पतिवार
योग शुक्रवार दोपहर 14:49 तक तदुपरांत धृति ।
करण तैतिल प्रातः 8:40 तक तदुपरांत गज ।
स्थानीय सूर्योदय ०6:00:48
स्थानीय सूर्यास्त 19:18:01
काशी का सूर्योदय 05:13
काशी का सूर्यास्त सायं06:47
स्थानीय पंचांग अनुसार प्रातः 5:30 की ग्रह स्थिति
सूर्य मिथुन राशि में ।
चंद्र मेष राशि में ।
मंगल कुंभ राशि में
बुध मिथुन राशि में ।
बृहस्पति मकर राशि में (वक्री) ।
शुक्र वृष राशि में (वक्री )
शनि मकर राशि में (वक्री )
राहु मिथुन राशि में (वक्री)
केतु धन राशि में (वक्री)
नेप्चून कुंभ राशि में
प्लूटो मकर राशि में
यूरेनस मेष राशि में

विशेष :- प्रातः 8:31 के पश्चात यमघंट योग। शुभ कार्यों के प्रारंभ हेतु वर्जित।
प्रातः 8:31 तक भरनी नक्षत्र सैया एवं आसन आदि के प्रयोग का आरंभ वस्तु विक्रय एवं फसल निकालने का आरंभ का मुहूर्त तथा इसके बाद कृतिका में गाय बैल के क्रय विक्रय एवं वस्तुओं के क्रय विक्रय का मुहूर्त है।


आज है किसानों के लिए शुभ भरणी एवं कृतिका नक्षत्र । किसान भाई जरूर कर लें अपने ये काम ।
18 जून को ससुबह 8:31 तक भरनी नक्षत्र है जो की फसल निकालने फसल के विक्रय का शुभ मुहूर्त है ।
घर में पहले से रखी हुई नई खाट तख्त का प्रयोग इस नक्षत्र में अति उत्तम माना जाएगा।
8.31 के पश्चात कृतिका मुहूर्त प्रारंभ हो रहा है जो कि गाय बैल के क्रय विक्रय एवं वस्तुओं के क्रय विक्रय के लिए अत्यंत उत्तम मुहूर्त है।

सुबह 8:31 के बाद है यमघंट योग , ना करें किसी विशेष शुभ कार्य का प्रारंभ ।
दिनांक 18 जून को सुबह 8:31 के पश्चात यमघंट युग का प्रारंभ हो रहा है जो कि पूरे दिन भर रहेगा । विद्वानों ने यमघंट योग को किसी भी शुभ कार्य के लिए उचित नहीं माना है , अतः 831 के पश्चात किसी विशेष शुभ कार्य का प्रारंभ ना करें।


पंडित श्री शरद चंद्र मिश्र
m.a. संस्कृत साहित्य
ज्योतिष एवं कर्मकांड विशारद