लॉकडाउन के दौरान सूरत एपीएमसी ने 67 दिनों में एक लाख टन शाकभाजी बेचने का रेकॉर्ड दर्ज किया है। यह रेकॉर्ड सूरत में किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय हुई बिक्री से अधिक है। लॉकडाउन के दौरान सूरत एपीएमसी ने 250 करोड रूपए का व्यापार कर रेकॉर्ड बनाया है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान एपीएमसी 67 दिनों तक खुला रहा और यहां पर प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष ढंग से 35 हजार लोगों को रोजगार मिला।
सामान्य दिनों में सूरत एपीएमसी में लॉकडाउन के दौरान सूरत और तापी जिला के 15 हजार किसानो से लेकर 35 हजार छोटे-बडे व्यापारियों का आना-जाना होता था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान 40 प्रतिशत भीड रह गई थी।
सूरत एपीएमसी में दिल्ली, महाराष्ट्रस सिमला, आंध्रप्रदेश , पंजाब आदि राज्यों में से कांदा, बटाका, भिंडी, टमाटर, लौकी सहित कुल मिलाकर 150 से अधिक शाकभाजी और फल आते हैं। एपीएमसी मार्केट चालू रहने से किसानो का करोड़ो का नुकसान होने से बच गया।
मास्क बिना निकले तो घर आ जाएगा ई-मेमो
कोरोना के संक्रमण को देखते हुए अब प्रशासन ने सूरत में भी कड़े नियम का पालन अनिवार्य कर दिया है। अहमदाबाद के अब सूरत में भी यदि आप मास्क के बिना घर से बाइक पर निकल गए हैं तो आप के घर पर दो सौ रुपए का ई-मेमो आ जाएगा। फिलहाल इस पर विचार चल रहा है। जल्दी ही फैसला आ जाएगा।
अनलॉक-1 के दौरान जिस तरह से तेजी से शहर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसने सभी की नींद उडा़ रखी है। मनपा की ओर से कोरोना की रोकथाम के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं। मनपा की ओर से पहले से सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने और मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अब मनपा शहर में लगे सीसटीवी कैमरे फूटेज के आधार पर जो लोग मास्क नहीं पहन रहे उनके खिलाफ कार्यवाही करने को सोच रही है।
वाहनों के नंबर की मदद से मास्क नहीं पहनने वालों के घर पर दो सौ रुपए का ई-मेमो भेज दिया जाएगा। फिलहाल यह नियम अभी तक अहमदाबाद में अमल में हैं। सूरत शहर और जिला में अब तक कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 107 पर पहुंच गई है। सूरत में लिंबायत, कतारगाम, सेन्ट्रल जोन सहित कुछ क्षेत्रों में से कोरोना के मरीज बड़ी संख्या में दर्ज हो रहे हैं। मनपा प्रशासन की ओर से इनके लिए नई व्यूह रचना की जा रही है।