स्वामी Sehjananda Saraswati: पर्यावरण को बचाने की जिद पर अड़ा एक साधु; बड़े नेताओं ने किया समर्थन

नई दिल्ली ,भारत, 6 दिसंबर: स्वामी Sehjananda Saraswati जी, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने जीवनभर के समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं, ने पर्यावरण को बचाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। यह पहल न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। पुर्तगाल के उस बिंदु से, जहां पृथ्वी समाप्त होती है, स्वामी जी ने प्रकृति की सुरक्षा और संवर्धन के महत्व को जोर दिया। उनके नेतृत्व में World Climate Change Foundation का गठन अगले कुछ महीनों में 150 देशों में किया जाएगा, जो पर्यावरण जागरूकता के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
स्वामी Sehjananda Saraswati जी का कहना है, “यह समय है जब हम सभी मिलकर प्रकृति को पुनर्जीवित करें।” उन्होंने सभी से अपील की है कि वे प्लास्टिक से आज़ादी का संकल्प लें और कपड़े के थैलों का उपयोग शुरू करें। उनका यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वच्छ भविष्य सुनिश्चित करने का है।
स्वामी जी की पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योग गुरु बाबा रामदेव, प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौर्वल, वरिष्ठ राजनेता मनोज तिवारी सहित कई उच्चस्तरीय हस्तियों का समर्थन प्राप्त हुआ है। इन हस्तियों के समर्थन से यह अभियान और भी मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
स्वामी Sehjananda Saraswati जी के नेतृत्व में मिशन ग्रीन फाउंडेशन ने अब तक 6.5 मिलियन पेड़ लगाए हैं और लाखों कपड़े के थैले वितरित किए हैं, जिन पर “मेरी शान, मेरा थैला” संदेश लिखा गया है। यह पहल दुनिया भर के पर्यावरणविदों को एकजुट करेगी और भारत के नेट-जीरो कार्बन लक्ष्य को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगी।
2025 के महाकुंभ में प्रयागराज के संगम किनारे एक बड़ा महामृत्युंजय यंत्र स्थापित किया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण के संदेश को और भी व्यापक बनाएगा। कुम्भ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होगा, और यह महाशिवरात्रि पर समाप्त होगा।
स्वामी Sehjananda Saraswati जी के इस प्रयास से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले वर्षों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी, और इससे धरती के बचाव के प्रयासों को बल मिलेगा।

धर्ममय हो जीवन – युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण**- पूज्यप्रवर ने ध्यान की महत्ता को किया

08.12.2024, रविवार, लुवारा, भरूच (गुजरात)*

वर्तमान युग में भी प्राचीन भारतीय ऋषि परम्परा के जीवन्त उदाहरण, परोपकार के लिए समर्पित संत शिरोमणि युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी जन चेतना में अहिंसा का संदेश देते हुए अविरल गतिमान है। भरूच में एक दिवसीय प्रवास संपन्न कर आचार्य प्रवर ने प्रातः विहार किया। पूर्व में सन् 2023 में सूरत आगमन के दौरान यही मार्ग विहार पथ का था वहीं अब सूरत से प्रस्थान करने के पश्चात पुनः द्वितीय बार इन क्षेत्रों में गुरुदेव का पदार्पण हो रहा है। आराध्य का प्रवास प्राप्त कर भरूच वासी आराध्य के प्रति कृतज्ञ भावों से श्रद्धा समर्पित कर रहे थे।

मार्ग में कई जगह श्रद्धालुओं के आवास के शंख मंगलपाठ प्रदान कर गुरुदेव गंतव्य हेतु गतिमान हुए। प्रभात वेला में जहां हल्की ठंड दस्तक दे रही है वहीं सूर्य की तेजस्विता भी घड़ी की सुइयों के साथ तेजस्विता का रूप ले रही है। हर परिस्थिति में अप्रतिबद्ध विहारी आचार्य प्रवर लगभग 10 किमी विहार कर लुवारा के एमिकस इंटरनेशनल स्कूल में प्रवास हेतु पधारे। आज सूरत सहित आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रावक समाज गुरु चरणों में उपासना हेतु उपस्थित था।मंगल प्रवचन में गुरूदेव ने कहा – मनुष्य के पास मन है, यह एक प्रकार की उपलब्धि है। संसार में अनेकानेक प्रकार के प्राणी है, कुछ मन वाले संज्ञी तो कुछ असंज्ञी भी होते है। जिसमें मनुष्य मन वाला प्राणी है।

मन से समृति, कल्पना व चिंतन का कार्य किया जाता है। मन की चंचलता भी होती है।ध्यान मन की एकाग्रता का एक माध्यम है। प्रवृति है तो ध्यान निवृति की साधना है। ध्यान साधना की अनेक पद्धतियाँ हैं। आचार्य तुलसी ने आज से पच्चास साल पूर्व जिस ध्यान पद्धति को जन्म दिया वह है प्रेक्षा ध्यान। जिसका अभी 50 वर्षों के संदर्भ में प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष भी चल रहा है। मन में विचारों का प्रवाह चलता रहता है व कई बार अनपेक्षित विचार भी आते रहते हैं। कार्य कुछ और कर रहे है और मन कही ओर चलने लग जाता है।

गुरुदेव ने आगे कहा कि आगम में चार प्रकार के ध्यान बताए गए हैं, जैसे आर्त ध्यान, रौद्र ध्यान, धर्म ध्यान व शुक्ल ध्यान। इनमें शुरू के दो तो अशुभ ध्यान है तथा बाद के दो शुभ ध्यान की श्रेणी में आते है। शरीर में जैसे शिर का महत्व है, वृक्ष में जैसे मूल का महत्व है उसी प्रकार साधना में ध्यान का महत्व होता है। व्यक्ति भावक्रिया का अभ्यास करे। अर्थात जो भी कार्य कर रहे है उसमें दत्त चित हो जाना। इस प्रकार चलते फिरते, हर कार्य के साथ ध्यान जुड़ सकता है। ध्यान के साथ साथ अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रम्हचर्य, अपरिग्रह जैसे गुण भी साधना के लिए जरूरी है।

ध्यान के साथ साथ इन गुणों का विकास भी पहले आवश्यक है। व्यक्ति अपने हर कार्य में धर्म को जोड़े। ऑफिस में है तो वहां भी धर्म हो। ईमानदारी, किसी के साथ बेईमानी नहीं करनी चाहिए। हर कार्य में जब धर्म जुड़ जाता है तो चलते फिरते भी धर्म एक प्रकार से जीवन में आ गया समझना चाहिए। ट्रेन में है, कही जा रहे है और समय है तो स्वाध्याय, ध्यान आदि में समय का नियोजन किया जा सकता है। इस अवसर पर एमिकस इंटरनेशनल स्कूल की कॉर्डिनेटर श्रीमती जया चौरसिया ने स्वागत वक्तव्य दिया।

विश्व मृदा दिवस” : AM/NS इंडिया और GPCB ने मृदा स्वास्थ्य पर प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाई

इस दौरान आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कंपनी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ समाधान और सामुदायिक सहभागिता के महत्व पर भी प्रकाश डाला

हजीरा-सूरत, 7 दिसंबर, 2024 : आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS इंडिया) ने गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (GOCB) के सहयोग से गुरुवार को “विश्व मृदा दिवस” के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ प्रथाओं और प्लास्टिक प्रदूषण के ज्वलंत मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया गया।

हजीरा में AMNS टाउनशिप के उत्सव हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में एक आकर्षक कार्यशाला और नाट्य नाटक का आयोजन किया गया, जिसका विषय “अति सर्वत्र वर्जयेत” था, जिसका अर्थ “किसी भी चीज की अधिकता बुरी होती है” होता है।

GPCB की क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. जिग्नासा ओझा के दिमाग की उपज इस कृति, कार्यक्रम में एकल-उपयोग प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों और मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण पर उनके हानिकारक प्रभाव पर जोर दिया गया।

अपने संबोधन में डॉ. ओझा ने प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने की तत्काल आवश्यकता तथा टिकाऊ समाधान और सामुदायिक सहभागिता के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि, “प्लास्टिक प्रदूषण आज हमारे सामने सबसे बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है। प्लास्टिक प्रदूषण मिट्टी के स्वास्थ्य पर भी भारी असर डालता है। विश्व मृदा दिवस एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर निर्भरता कम करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए मिट्टी, पानी और पृथ्वी की सुरक्षा के लिए संधारणीय प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता के बारे में एक शक्तिशाली रिमाइन्डर है। खरीदारी करते समय प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े के थैले या अन्य बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बने थैलों का उपयोग करने जैसे छोटे-छोटे उपाय भी प्लास्टिक के उपयोग को कम करने में काफी मददगार हो सकते हैं।”

AM/NS इंडिया सस्टेनेबल डेवलपमेंट(पर्यावरण संरक्षण के साथ निरंतर विकास) को बढ़ावा देने और अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट और पर्यावरण संरक्षण इसके व्यावसायिक संचालन के लिए मौलिक हैं और इसने इसके लिए कई पहल की हैं जिनके शानदार परिणाम मिले हैं। “विश्व मृदा दिवस” इवेंट भावी पीढ़ियों के लिए मृदा और पर्यावरण की रक्षा करने की अपनी साझा जिम्मेदारी तथा जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करने के अपने प्रयासों को दर्शाता है।

इस पहल में जलवायु परिवर्तन से निपटने और जैव विविधता की रक्षा में मृदा स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया गया तथा नागरिकों से पर्यावरण अनुकूल समाधान अपनाने का आग्रह किया गया। इस प्रयास ने सूक्ष्म प्लास्टिक द्वारा वायु, मिट्टी और जल के प्रदूषण सहित पर्यावरण पर प्लास्टिक के दीर्घकालिक प्रभावों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।


आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS इंडिया) के बारे में जानकारी :

आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS इंडिया), दुनिया के दो अग्रणी स्टील उत्पादक संगठन आर्सेलरमित्तल और निप्पॉन स्टील के बीच एक संयुक्त उद्यम है। भारत में एक अग्रणी एकीकृत फ्लैट कार्बन स्टील उत्पादक, इस कंपनी के पास अत्याधुनिक डाउनस्ट्रीम सुविधाओं के साथ प्रति वर्ष 9 मिलियन टन कच्चे स्टील की उत्पादन क्षमता है। यह मूल्य-संवर्धित स्टील सहित फ्लैट स्टील उत्पादों की पूरी तरह से विविधीकृत श्रृंखला का उत्पादन करता है, तथा इसकी पेलेट उत्पादन क्षमता 20 मिलियन टन है।

वेदांत एल्युमिनियम का सप्ताह भर चलने वाला एचआईवी-एड्स जागरूकता अभियान

भुवनेश्वर, 07 दिसंबर: भारत के सबसे बड़े एल्यूमीनियम उत्पादक, वेदांत एल्युमीनियमने विश्व एड्स दिवस पर एक सप्ताह का जागरूकता अभियान शुरू किया। इस पहल में, वेदांता ने एचआईवीके बारे में जागरूक होने के लिए सही रास्ते का अनुसरण करने के लिए ‘मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार है’ विषय पर स्थानीय समूहों को एक संदेश दिया।
वेदांत ने झारसुगुड़ा, लांजीगढ़ और इसके खनन स्थलों में 11,400 से अधिक लोगों के साथ कार्यक्रम शुरू किया। जागरूकता सत्र, रैलियां, नुक्कड़ नाटक और स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम छात्रों, ट्रक चालकों, पुलिस कर्मियों और स्थानीय लोगों तक पहुंचे।
झारसुगुडा जिले में, जिला मजिस्ट्रेट श्री किशोर कुमार स्वैन द्वारा एनसीसी और एनएसएस कैडेटों, वेदांत के कर्मचारियों और स्थानीय छात्रों सहित 350 से अधिक प्रतिभागियों के साथ एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया था।स्कूलों, कॉलेजों और थानों का यह जागरण एक सप्ताह तक जारी रहेगा। ओडिशा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी और जिला स्वास्थ्य प्रशासन के साथ साझेदारी में वेदांत की पहल का उद्देश्य लगभग 5,000 लोगों को रोकथाम, उपचार और उन्मूलन के बारे में जागरूक करनाहै।
कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, कोयला और बॉक्साइट खनन परियोजनाओं में काम करने वाले कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के लिए विभिन्न प्रभावी कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इस आयोजन में 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया। सुंदरगढ़ में, छात्रों और ट्रक ड्राइवरों के लिए नुक्कड़ नाटक और शैक्षिक सत्रआयोजित किए गए और 600 से अधिक लोगों तक पहुंचे। रैली को कालाहांडी जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी निहेंद्र पांडा ने सिजिमली क्षेत्र में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कंपनी की स्वास्थ्य पहलों पर टिप्पणी करते हुए, श्री सुनील गुप्ता, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने कहा, “वेदांता एल्युमीनियम में, हम दृढ़ता से मानते हैं कि समुदाय का स्वास्थ्य और कल्याण सतत विकास की नींव है। इस विश्व एड्स दिवस पर, हम अपने जागरूकता अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

हाफले इंडिया ऐसटेक 2024 दिल्ली में दिखाएगा ‘स्थान का अधिकतम उपयोग, एक साथ’

दिल्ली, 06 दिसंबर: हाफले इंडिया ऐसटेक 2024 में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार है, जो हर दिन के स्थानों की वैल्यू बढ़ाने के लिए इसके समाधान की प्रतिबद्धता को फिर से पुष्ट करेगा । उत्कृष्टता की एक लंबी विरासत और रहने और काम के माहौल को बदलने की निरंतर प्रतिबद्धता के साथ, हाफले ग्राहकों को आधुनिक जीवन की उभरती जरूरतों के अनुरूप बहुमुखी, कुशल समाधान प्रदान करता है। ऐसटेक मुंबई की शानदार सफलता के बाद, हाफले भविष्य के लिए नवीन स्थानों को आकार देने में अग्रणी बना हुआ है।
इस साल, हाफले का बूथ ब्रांड उद्देश्य, “स्थान का अधिकतम उपयोग। एक साथ। ” के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जिसे पिछले साल पेश किया गया था। यह उद्देश्य हाफले को कार्यात्मक, बुद्धिमान, वातावरणीय और संगठित परिवेश बनाने में मार्गदर्शन करता है जो आज की जीवन शैली की अनूठी जरूरतों के अनुकूल होते हैं। यह उद्देश्य सामूहिक रूप से अधिकतम क्षमता को बढ़ाने के साझा मूल्य को उजागर करने के लिए सोच-समझकर तैयार किया गया है, जो हाफले के ब्रांड एंबेसडर, श्री सचिन तेंदुलकर द्वारा द्वारा बढ़ावा दिया गया है। बूथ पर आने वाले आगंतुक अलग-अलग जगहों के माध्यम से एक आकर्षक यात्रा पर निकलेंगे, जहां वे विभिन्न स्थानों के माध्यम से एक इमर्सिव अनुभव का आनंद लेंगे, जो हाफले के नवाचार, कार्यक्षमता और शैली के सहज मिश्रण को दर्शाता है, और यह देखेंगे कि कंपनी के समाधान प्रत्येक कमरे/स्थान के लिए कैसे अनुकूलित हैं।
हाफले साउथ एशिया के प्रबंध निदेशक श्री फ्रैंक श्लोएडर ने कहा, “भारत एक बेहद आशाजनक और गतिशील बाजार है जो अवसरों से भरा हुआ है। साल दर साल, हाफले ने यहां शानदार वृद्धि की है, और हम आगे विस्तार करने के लिए उत्साहित हैं। ऐसटेक 2024 का हिस्सा बनने से हमें अपने कई उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा जिसमें हमारे कर्टेन रेजर और उभरते नवाचारों सहित कई उत्पादों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ एक ब्रांड के रूप में हमारी समग्र क्षमता को उजागर करने का अवसर मिलेगा।”

2024 में नई दिल्ली के एसटेक में हाफले बूथ एक इंटरैक्टिव अनुभव का वादा करता है जो आगंतुकों को हमारे समाधानों के करीब लाएगा। यह सुलभ सेटअप सभी स्तरों पर समानता को प्रोत्साहित करता है, चाहे वह घर का मालिक हो, डिज़ाइनर या आर्किटेक्ट हो ।
हाफले लगातार विकसित हो रही ग्राहक की आवश्यकताओं और डिज़ाइन रुझानों में सबसे आगे रहकर रहने की जगहों को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हाफले के एसटेक बूथ पर हमेशा प्रतिबद्धता दिखाई देती रही है, और इस वर्ष हम आपको हमारे बूथ पर आमंत्रित करते हैं, जहां आप हमारे गुणवत्ता, नवाचार और डिज़ाइन उत्कृष्टता के प्रति समर्पण को महसूस कर सकते हैं।
हम आपको हमारे बूथ और हमारे उद्देश्य “स्थान का अधिकतम उपयोग। एक साथ।” का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करते हैं।
हमसे मिलें:
दिनांक: 12 से 15 दिसंबर 2024
पता: हाफले बूथ, हॉल 4, बूथ संख्या A4 3,4,5,6, प्रगति मैदान, नई दिल्ली।
हाफले ग्लोबल नेटवर्क की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी के रूप में स्थापित हाफले इण्डिया वर्ष 2003 से भारत में काम कर रही है। आर्किटेक्चरल हार्डवेयर, फर्नीचर और किचन फिटिंग और एक्सेसरीज के क्षेत्र में एक प्राधिकरण, कम्पनी के पास होम अप्लायंस, इंटीरियर और फर्नीचर लाइटिंग, सैनिटरी सॉल्यूशंस और सरफेस जैसी समन्वित उत्पाद श्रेणियों में भी मजबूत उपस्थिति है, जो खुद को भारत और दक्षिण एशिया में इंटीरियर समाधानों के लिए एक पूर्ण समाधान प्रदाता के रूप में स्थापित करती है। हाफले इंडिया की देश भर में फैले अपने कार्यालयों और डिज़ाइन शोरूम के माध्यम से एक मजबूत राष्ट्रव्यापी उपस्थिति है। शोरूम सभी होम इंटीरियर और सुधार आवश्यकताओं के लिए वन-स्टॉप-शॉप के रूप में कार्य करते हैं।
हमारे नजदीकी हाफले शो रूम या डिज़ाइन सेंटर को जानने के लिए लॉग ऑन करें: https://www.hafeleindia.com/en/info/service/contact-us/410/
वेबसाइट: https://www.hafeleindia.com/en/
केयर टोल-फ्री नंबर: 1800 266 6667
कस्टमर केयर व्हाट्सएप: +91 97691 11122
कस्टमर केयर ईमेल आईडी: customercare@hafeleindia.com

इंटरनेशनल साईं सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित दो दिवसीय साईं महोत्सव की शुरुआत आज से

दिल्ली, 06 दिसंबर: कौशांबी- इंटरनेशनल साईं सेवा ट्रस्ट द्वारा अयोजित दो दिवसीय महिला एवं बाल सशक्तिकरण कार्यक्रम की शुरुआत आज से होगी, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक बृजेश श्रीवास्तव, एवं मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव उपस्थित होंगे।

श्री साईं मंदिर, को भव्य तरह से गेंदे के पुष्पों से सजाया गया है।

साईं मंदिर साईं सेवा मित्र मंडली ने सजाया जिसके निदेशक प्रशांत द्विवेदी है, साईं मंदिर (ज़िला न्यायालय के पास) साईं धाम मंझनपुर कौशांबी में स्थित है।

कार्यक्रम का शुभारंभ 11 बजे के डी द्विवेदी एडवोकेट द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया जाएगा, तत्पश्चात कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ होगी।

महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत जागरूकता अभियान में महिला कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान से आयोजित (बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ) जागरूकता रैली जिसमें बालिकाएं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर आधारित बैनर एवं स्केच लेके जिला न्यायालय कौशांबी से होते हुए मुख्यालय तक जाएगी।

जागरूकता रैली कार्यक्रम की शुरुआत बाल कल्याण समिति, कौशांबी के द्वारा कार्यक्रम स्थल से की जाएगी, महिला सशक्तिकरण एवं बाल कल्याण पर कार्यशाला 2:30 बजे से होगा, जिसमें पुलिस अधीक्षक, कौशांबी बृजेश श्रीवास्तव, मुख्य न्यासी इंटरनेशनल साईं सेवा ट्रस्ट के डी द्विवेदी, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, कौशांबी कमलेश चंद्र, और सोशल जस्टिस फोरम के अध्यक्ष डॉ. अरुण केसरवानी मुख्य रूप से मंच पे उपस्थित होके “राउंड टेबल डिस्कशन” में प्रतिभाग करेंगे और कार्यशाला के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं बाल कल्याण पर आधारित कानूनों एवं प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।

बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत 11:45 A.M. से होगी।

दो दिवसीय कार्यक्रम की थीम

“बेटियाँ है देश की शान, उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य का रखें पूरा ध्यान”

चित्रकला- थीम एवं रंगोली – थीम

(बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ)

कार्यक्रम में सोशल जस्टिस फोरम का शुभारंभ बाल कल्याण समिति एवं महिला कल्याण विभाग, कौशांबी करेगी।

यह कार्यक्रम का 13वां वर्ष है, और कुछ दिन पूर्व आईएसएसटी ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, उत्तर प्रदेश के साथ मओयू किया है। इसके माध्यम से कौशांबी ज़िले में बाल कल्याण को बेहतर करने के लिए आईएसएसटी अपना योगदान दे रहा है।

एडवोकेट के डी द्विवेदी, पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कौशांबी जो कि साईं धाम के संस्थापक है,

एडवोकेट सुशीला द्विवेदी, अध्यक्ष इंटरनेशनल साईं सेवा ट्रस्ट, कौशांबी।

सुगात्सुने जापान, नवीन हार्डवेयर समाधानों के साथ रोजमर्रा की जगहों की उन्नत कर रहा है

मुंबई, 04 दिसंबर: मेटल हार्डवेयर विनिर्माण में वैश्विक अग्रणी सुगात्सुने अपनी जापानी विरासत और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता से प्रतिष्ठित है। 1930 में जापान में स्थापित, सुगात्सुने सटीकता, टिकाऊपन और नवीनता लाता है जो जापानी कारीगरी की पहचान है। लगभग एक सदी का अनुभव होने के कारण, ब्रांड ने विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्ता का एक उच्च मानक स्थापित किया है, जिसमें घर, कार्यालय, वास्तुकला और औद्योगिक अनुप्रयोग शामिल हैं। सुगात्सुने के उत्पादों को उनकी दीर्घायु, कम रख-रखाव की आवश्यकता और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सराहा जाता है, जो जापानी निर्माण की उन्नत तकनीक और सावधानीपूर्वक इंजीनियरिंग को दर्शाते हैं।
भारत में, सुगात्सुने अपने उत्पादों के माध्यम से जगहों को अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और अद्वितीय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी हर साल नए उत्पाद पेश करती है जो नवीनतम डिजाइन प्रवृत्तियों और प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ मेल खाते हैं। 20,000 से अधिक उत्पादों की विविध श्रेणियों, जैसे हिंग्स, पॉकेट डोर सिस्टम, हैंडल्स, लॉक, ड्रॉअर स्लाइड और हुक्स, के साथ सुगात्सुने का हार्डवेयर अपने सटीकता और विश्वसनीयता के लिए प्रसिद्ध है।
सुगात्सुने भारत में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए उत्साहित है, जो बढ़ते ग्राहक के लिए उन्नत हार्डवेयर समाधान पेश कर रहा है। जैसे-जैसे कंपनी देश में अपनी स्थिति को मजबूत कर रही है, वैसे-वैसे अधिक आर्किटेक्ट्स, इंटीरियर्स डिजाइनर और औद्योगिक निर्माता सुगात्सुने के नये उत्पादों का चयन कर रहे हैं ताकि घरों, कार्यालयों और औद्योगिक स्थानों को बेहतर बनाया जा सके।
सुगात्सुने के प्रबंध निदेशक, श्री अनिल राणा ने कहा, “हम भारत में अधिक एक्सपीरियंस सेंटर खोलने को लेकर बहुत उत्साहित हैं, ताकि ग्राहक हमारे उत्पादों से सीधे जुड़ सकें। वर्तमान में, हमारे पास मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई और पुणे में एक्सपीरियंस सेंटर हैं, और जल्द ही हैदराबाद में नया केंद्र खोला जाएगा। 80 डीलर अब हमारा समर्थन कर रहे हैं, हम मजबूत संबंध बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सुगात्सुने अत्याधुनिक हार्डवेयर के लिए एक पसंदीदा विकल्प बना रहे। हमारा ध्यान जगहों को अधिक कुशल, सुरक्षित और सौंदर्यपूर्ण रूप से आकर्षक बनाने पर है, जबकि भारतीय बाजार की बढ़ती आवश्यकताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।”
उच्च-गुणवत्ता, टिकाऊ समाधान प्रदान करने के लिए ब्रांड की प्रतिष्ठा पेशेवरों के बीच विश्वास पैदा कर रही है, जो अपनी परियोजना की जरूरतों को पूरा करने के लिए सुगात्सुने पर भरोसा करते हैं। हर गुजरते साल के साथ, भारत में ग्राहकों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि लोग ब्रांड पर कितना भरोसा करते हैं।
भारत में सुगात्सुने के सबसे लोकप्रिय उत्पादों में से एक पेटेंटेड लैपकॉन तकनीक है। यह अत्याधुनिक सुविधा दरवाज़ों, दराजों और फ्लैप्स को सुचारू और बिना आवाज़ के बंद करना सुनिश्चित करती है, जिससे बंद होने के दौरान तेज आवाज और दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है। यह भारतीय घरों और कार्यस्थलों के लिए एक आदर्श समाधान है जहां सुरक्षा और शांति महत्वपूर्ण है।
सुगात्सुने ने भारत में ग्राहकों की मदद करने के लिए प्रशिक्षित सेल्स टीम तैयार की है, जो उन्हें उनके प्रोजेक्ट के लिए सर्वोत्तम उत्पाद चुनने में सहायता प्रदान करती है। चाहे घर के नवीनीकरण, कार्यालय सेटअप, या औद्योगिक डिजाइन पर काम कर रहे हों, टीम ग्राहकों को उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से मार्गदर्शन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है कि वे सही विकल्प चुनें।
सुगात्सुने गर्व महसूस करता है कि वह ऐसे उत्पाद पेश करता है जो बैकग्राउंड में चुपचाप काम करते हैं, लेकिन रोज़मर्रा की जिंदगी को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं – चाहे वह घर में हो, काम पर हो, या औद्योगिक सेटिंग्स में। जैसे-जैसे कंपनी भारत में विस्तार कर रही है, यह और भी अधिक नवीन समाधान पेश करने के लिए तत्पर है जो भारतीय ग्राहकों के लिए जीवन को आसान, सुरक्षित और अधिक आरामदायक बना देगा।
Website – https://global.sugatsune.com/in/en/

सिनर्जी वेन्चर के रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. से बाकी 12.5 करोड़ मिलने का रास्ता साफ

नई दिल्ली [भारत], 4 दिसंबर:  केन्द्र की मोदी सरकार का लाभार्थी, समाज का हर वो वर्ग है, जो देश के उत्थान में सहगामी है, अर्थ जगत के व्यापारी, कारोबारी, उद्यमी इससे अलग नही है। जिनके कारोबार में सुगमता के लिए मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण एवं नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया। जिसके लाभार्थी होने का एक ज्वलंत उदाहरण काशी के प्रतिष्ठित व्यापारी रजत मोहन पाठक के प्रतिष्ठान सिनर्जी वेन्चर है। जिसके 12.5 करोड़ रूपये जो रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. से ऐसे सख्त एवं फास्टट्रैक कानून के अभाव में वापस नही मिलने की स्थिति में था, वो अब नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के 19 नवम्बर 2024 के आदेश से सिनर्जी वेन्चर को मिलने की राह पर बढ़ चला है।

राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) भारत में एक अर्ध-न्यायिक निकाय है, जो कंपनी अधिनियम के तहत भारतीय कंपनियों के विवादों का समाधान करते हुए न्यायिक कार्यवाही के तहत सभी मध्यस्थता, समझौता, व्यवस्था, पुनर्निर्माण और कंपनियों के समापन के माध्यम से निर्णय लेता है। जिसका गठन कंपनी अधिनियम 2013 के तहत 2016 में केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा किया गया था। यह केन्द्र की मोदी सरकार का कम्पनियों को दिया एक बड़ा वरदान है, जिससे अपने पूंजी ही नही बल्कि उस पूंजी से हजारों लोगों के रोजगार की सुरक्षा दीवार बना दी है, ताकि उनके घरों के चूल्हे जलते रहे और परिवार आगे बढ़े।

यहां मिले न्याय से संतुष्ट न होने पर  अपील के लिए नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) का गठन किया गया है। एनसीएलएटी दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 (आईबीसी) की धारा 61 के तहत एनसीएलटी (एस) द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण भी है, जो 1 दिसंबर, 2016 से प्रभावी है। जो इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ भी न्यायिक अधिकार रखती है।

इस राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण कानून की ताकत का अन्दाजा इसी बात से लगा सकते है कि 40 कम्पनियों में हिस्सेदारी रखने वाले मुकेश खुराना जो कि गोदरेज, एसीई (एस) जैसी कम्पनियों का पार्टनर है। वही दिग्गज क्रिकेटर और पूर्व सांसद गौतम गंभीर रुद्र बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक रह चुके है। खुराना परिवार मुकेश खुराना, पत्नि बबीता खुराना, पुत्र रूद्र खुराना की केवल 23 कम्पनियों की बात करें तो मिनिस्ट्री आफ कारपोरेट अफेयर्स (एमसीए) के डाटा के अनुसार ये कम्पनियां बीते पांच वर्षों में औसतन लगभग 110 करोड़ रूपये सालाना टीडीएस के रूप में जमा करती है। जबकि यह परिवार 53 कम्पनियों का मालिकाना हक रखता है। वही 2000 करोड़ की रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. के मालिक मुकेश खुराना पर बेइमानी का आरोप लगाने वाली सिनर्जी वेन्चर ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) कोर्ट में 12.5 करोड़ बेइमानी का आरोप लगाते हुए पैसा दिलाने का अनुरोध किया है।

सिनर्जी वेन्चर के पक्षकार एवं सुप्रीमकोर्ट के सिनियर एडवोकेट शिवम कुमार ने बताया कि राजेन्द्र मोहन पाठक एवं रजत मोहन पाठक दो लोगों की एसोसिएशन आफ पर्सन (एओपी) सिनर्जी वेन्चर द्वारा रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. में इनवेस्ट किये गये पूंजी के बदले सिनर्जी वेन्चर को रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. से रिटर्न मिलता रहा, इस दौरान 07 नवम्बर 2014 को सिनर्जी वेन्चर (एओपी) के एक सदस्य राजेन्द्र मोहन पाठक के निधन के बाद यह जानकारी उसी समय रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. को आधिकारिक रूप से दे दी गई और यह भी बताया गया कि अब यह एओपी, एकल स्वामियत्व वाली प्रोपराइटरशिप प्रतिष्ठान हो गई है और अब इसके प्रोपराइटर स्व.राजेन्द्र मोहन पाठक के इकलौते पुत्र एवं सिनर्जी वेन्चर (एओपी) के दूसरे सदस्य रजत मोहन पाठक है। जिसके बाद भी रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. ने वर्ष 2016-17 तक रिटर्न देना जारी रखा। वर्ष 2017-18 में अचानक से बेईमानी पर पैर रखते हुए रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. ने रिटर्न देने से मना कर दिया। कई दौर की वार्ता के बाद भी जब बात नही बनी, तब रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. से अपने बकाया राशि दिलाने के लिए सिनर्जी वेन्चर 19 सितम्बर 2021 को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) कोर्ट में अर्जी लगाई। 07 फरवरी 2022 से सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान रूद्रा बिल्डवेल प्रोजेक्ट प्रा.लि. ओर से कहा गया कि एकल मालिकाना हक  होने के कारण उन्होने रिटर्न देना बन्द कर दिया है, जो कि कम्पनी अधिनियम के अनुसार है। विगत 22 सुनवाइयों के बाद 19 सितम्बर 2023 को अपना फैसला देते हुए कहा कि जब एओपी सिनर्जी वेन्चर ने पूंजी इनवेस्ट किया था, तब उसमें दो सदस्य थे। लेकिन अब एओपी के प्रोपराइटशिप में तब्दिल हो जाने से यह याचिका उचित नही है। एनसीएलटी के इस फैसले को दस दिन के बाद ही नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में सिनर्जी वेन्चर द्वारा चुनौती दी गई।

सिनर्जी वेन्चर के पक्षकार एवं हाइकोर्ट के सिनियर एडवोकेट उदय चन्दानी ने बताया कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) नई दिल्ली के बेंच-6 के फैसले के विरूद्ध नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) कोर्ट में 19 फरवरी 2024 को अपील की गई। बीते नौ महीने में हुए सुनवाई के बाद 19 नवम्बर 2024 को जस्टिस योगेश खन्ना एवं अजय दास मेहरोत्रा ने सिनर्जी वेन्चर के अर्जी को सही ठहराते हुए पुनः एनसीएलटी कोर्ट, नई दिल्ली में प्रोपराइटर रजत मोहन पाठक के नाम से पुनः याचिका दाखिल करने का आदेश पारित किया है, ताकि गुण दोष के आधार पर सिनर्जी वेन्चर के साथ न्याय हो सके।

सिनर्जी वेन्चर के प्रोपराइटर रजत मोहन पाठक ने भारतीय न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए कहा कि यह लड़ाई महज दो कम्पनियों की नही वरन छोटे व्यापारियों, उद्योगपतियों, कम्पनियों के अस्तित्व की है। जिन्हे बड़े बड़े पूंजीपति कानूनी पेंचिदगी में उल्झाकर सालों परेशान और हताश ही नही आर्थिक व मासिक रूप से दिवालिया तक बना देते थे। केन्द्र की मोदी सरकार ने उद्योग और व्यापार जगत की इस सबसे बड़ी समस्या को समझा और बेईमान पूंजीपतियों पर नकेल कसकर अर्थ जगत को मजबूत करने के लिए एनसीएलटी एवं एनसीएलएटी के रूप में एक सधा और ताकतवर हथियार दिया है। जिसके लिए अर्थ जगत हम जैसे छोटे इन्वेस्टर, व्यापारी, उद्योगपति उनके आभारी है। अगर यह फास्ट ट्रैक कानून नही होता तो हम जैसे लोग अपनी पूंजी गवां बैठते, कोर्ट के चक्कर काट रहे होते या फिर दिवालिया हो जाते। उस पूंजी के माध्यम से रोजगार पाने वाले लाखों लोगों के चूल्हे की आंच पर असर होता सो अलग। इस कानून ने केवल व्यापारी, उद्योगपति, कम्पनियों को ही नही उनसे जुड़े लाखों लोगों के हाथों को एक अचूक ब्रम्हास्त्र दिया है, ताकि कोई उनके साथ बेइमानी न कर सके। जो दूसरों को कमजोर समझ कर उन्हे दिवालिया बनाने निकले, ऐसे बेईमानों को मोदी सरकार द्वारा गठित एनसीएलएटी का ‘‘दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 (आईबीसी) कानून’’ दिवालिया बना दे।

नुजिवीडू सीड्स और आचार्य नरेंद्र देव विश्वविद्यालय का कृषि स्थिरता के लिए सहयोग

दिल्ली, 04 दिसंबर: कृषि अनुसंधान, स्थिरता और कृषि उत्पादकता को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नुजिवीडू सीड्स लिमिटेड (NSL) और आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ANDUaT), फैजाबाद, उत्तर प्रदेश ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग का उद्देश्य कृषि पद्धतियों में सुधार करना, नई फसल किस्मों का विकास करना और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करना है, जिससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
इस ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर NSL और ANDUaT के अधिकृत प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन के मुख्य उद्देश्य यह सहयोग कृषि समुदाय को निम्नलिखित तरीकों से सहायता प्रदान करने के साझा दृष्टिकोण पर आधारित है: संयुक्त अनुसंधान और विकास: उत्तर प्रदेश और अन्य कृषि-जलवायु क्षेत्रों के लिए उपयुक्त उच्च उपज देने वाली, जलवायु-अनुकूल किस्मों और संकरों का विकास और व्यावसायीकरण। खेती के लिए उन्हें अनुशंसित करने के लिए आशाजनक किस्मों का परीक्षण और मूल्यांकन करना। स्थिरता और जलवायु कार्रवाई: संयुक्त रूप से नियोजित विस्तार कार्यक्रमों के माध्यम से टिकाऊ कृषि पद्धतियों और सीधे बोए गए चावल (DSR) को बढ़ावा देना।
मक्का, बाजरा, धान, गेहूं और सरसों जैसी फसलों में मशीनीकरण को संबोधित करना ताकि किफायती, स्वदेशी कृषि समाधान प्रदान किए जा सकें। समझौता निम्नलिखित में संयुक्त प्रयासों के लिए रूपरेखा तैयार करता है: व्यावसायिक अपनाने के लिए बेहतर प्रदर्शन करने वाली किस्मों का परीक्षण और पहचान करना। बासमती और गैर-बासमती चावल सहित घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए तैयार चावल की किस्मों को बढ़ावा देना। कृषि लाभप्रदता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए टिकाऊ कृषि पद्धतियों और आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना। किसानों के प्रति प्रतिबद्धता एमओयू उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उन्नत तकनीक और पैदावार और लाभप्रदता को अधिकतम करने के लिए व्यावहारिक समाधान प्रदान करके किसानों की आजीविका में सुधार करने के लिए दोनों संगठनों की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। इस साझेदारी के माध्यम से, ANDUaT और NSL का लक्ष्य भारतीय किसानों को सशक्त बनाना और कृषि क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता में योगदान देना है।

नुजिवीडू सीड्स लिमिटेड (NSL) के बारे में:
कृषि नवाचार में अग्रणी, NSL भारत की अग्रणी बीज कंपनियों में से एक है जो बेहतर गुणवत्ता वाले बीजों और संकरों के विकास, विपणन और वितरण में विशेषज्ञता रखती है। NSL कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ANDUaT) के बारे में:
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित, ANDUaT एक प्रमुख संस्थान है जो अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता, नवीन अनुसंधान और विस्तार सेवाओं के लिए जाना जाता है जिसका उद्देश्य राज्य और देश भर में कृषि विकास को बढ़ावा देना है।
यह सहयोग भारत में कृषि उन्नति के एक नए युग की शुरुआत करता है, जो किसानों के लिए एक स्थायी और समृद्ध भविष्य के निर्माण की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
Web site: www.nuziveeduseeds.com

मनक्षिया कोटेड मेटल्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने प्रिफरेंशियल इश्यू के माध्यम से ₹134.55 करोड़ जुटाने की योजना बनाई

मुंबई 03, दिसंबर: मनक्षिया कोटेड मेटल्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (NSE: MANAKCOAT, BSE: 539046), उच्च गुणवत्ता वाले कोटेड मेटल उत्पादों का प्रमुख निर्माता और निर्यातक, ने ₹134.55 करोड़ जुटाने के लिए एक प्रिफरेंशियल वॉरंट इश्यू को मंजूरी देने की घोषणा की है। निदेशक मंडल ने 2 दिसंबर, 2024 को अपनी बैठक में ₹65 प्रति वॉरंट की दर पर 2,07,00,000 वॉरंट जारी करने को मंजूरी दी। यह कदम कंपनी की क्षमता विस्तार और महत्वपूर्ण तकनीकी उन्नति की महत्वाकांक्षी योजनाओं को समर्थन देगा। राशि का उपयोग एक तकनीकी उन्नति परियोजना को अंजाम देने के लिए किया जाएगा, जिसके तहत कंपनी अलु-ज़िंक कोटेड स्टील उत्पादों का उत्पादन शुरू करेगी। उत्पादन क्षमता 132,000 MTPA से बढ़ाकर 180,000 MTPA की जाएगी, जिससे उत्पादन में 36% वृद्धि और संबंधित राजस्व में वृद्धि होगी। कंपनी द्वारा योजना बनाई गई CAPEX में एक अग्रिम एकीकरण परियोजना भी शामिल है, जिसके तहत कंपनी एक नई और अत्याधुनिक स्टील कॉइल कोटिंग लाइन में निवेश करेगी, जिससे प्री-पेंटेड स्टील की क्षमता 86,000 MTPA से बढ़ाकर 236,000 MTPA हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, एक हिस्सा कार्यशील पूंजी चक्र को अनुकूलित करने और एक चरणबद्ध तरीके से एक कैप्टिव सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए आवंटित किया जाएगा, जो कंपनी की स्थिर और ऊर्जा दक्ष प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह रणनीतिक कदम कंपनी को अधिक मूल्य वर्धित और प्रीमियम उत्पादों की ओर बढ़ने में मदद करेगा, जिससे उच्च मार्जिन प्राप्त होंगे और उत्पादन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। विस्तारित क्षमता और ऊर्जा दक्षता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कंपनी का उद्देश्य बढ़ती बाजार मांग को बेहतर तरीके से पूरा करना है, जबकि इसके कार्बन फुटप्रिंट को कम किया जा सके। इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए, श्री करण अग्रवाल, व्होल टाइम डायरेक्टर, मनक्षिया कोटेड मेटल्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा, “हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि प्रिफरेंशियल इक्विटी वॉरंट इश्यू को मंजूरी मिल गई है, जो हमारे विकास और परिचालन सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जुटाई गई राशि से हमें अपनी उत्पादन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने में मदद मिलेगी, विशेष रूप से अलु-ज़िंक में, जो हमें बाजार में बढ़ती मांग को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करने की अनुमति देगा। यह विस्तार हमारे संचालन को भी सुव्यवस्थित करेगा, लाभप्रदता में सुधार करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि हम अपने ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करना जारी रखें। हमारे कार्यशील पूंजी चक्र को सुव्यवस्थित करने से हम तरलता में सुधार करेंगे और वित्तीय लचीलापन को मजबूत करेंगे। एक चरणबद्ध तरीके से एक कैप्टिव सोलर पावर प्लांट का विकास न केवल हमारे स्थिरता लक्ष्यों का समर्थन करेगा, बल्कि दीर्घकालिक ऊर्जा लागत को भी कम करने में मदद करेगा। बढ़ी हुई उत्पादन क्षमता के साथ, ये पहलकदमी बाजार स्थिति को बेहतर बनाएंगे, परिचालन दक्षता को बढ़ावा देंगे और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करेंगे, साथ ही पर्यावरण के लिए सकारात्मक योगदान देंगे।”

मनक्षिया कोटेड मेटल्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बारे में:

मनक्षिया कोटेड मेटल्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (MCMIL) उच्च गुणवत्ता वाले कोटेड मेटल उत्पादों, जिनमें प्री-पेंटेड गैल्वनाइज्ड स्टील और गैल्वनाइज्ड स्टील शामिल हैं, का प्रमुख निर्माता और निर्यातक है। ये उत्पाद निर्माण, ऑटोमोबाइल, उपकरणों और सामान्य इंजीनियरिंग उद्योगों में व्यापक रूप से उपयोग होते हैं। कच्छ, गुजरात में अपनी अत्याधुनिक सुविधा से संचालन करते हुए, MCMIL प्रमुख बंदरगाहों के पास रणनीतिक रूप से स्थित है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए कुशल लॉजिस्टिक्स सुनिश्चित होते हैं। दो निर्माण संयंत्रों, चार शाखा कार्यालयों, और भारत भर में तीन स्टॉक यार्ड और सेवा केंद्रों के साथ, कंपनी उत्कृष्टता प्रदान करने और अपने ग्राहकों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। नवाचार, गुणवत्ता और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध, MCMIL वैश्विक बाजार की मांगों को पूरा करने वाले मूल्य वर्धित स्टील उत्पादों को जारी रखने और वृद्धि को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है।

अधिक जानकारी के लिए लॉग ऑन करें: https://www.manaksiacoatedmetals.com/

H1 FY25 में, कंपनी ने ₹372 करोड़ की स्टैंडअलोन कुल राजस्व, ₹29 करोड़ का EBITDA और ₹5 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया।

अस्वीकृति:

इस दस्तावेज़ में कुछ बयानों को ऐतिहासिक तथ्यों के रूप में नहीं लिया जा सकता है, ये भविष्यवाणी करने वाले बयान हैं। ऐसे भविष्यवाणी करने वाले बयान कुछ जोखिमों और अनिश्चितताओं के अधीन होते हैं जैसे सरकारी कार्रवाइयां, स्थानीय, राजनीतिक या आर्थिक घटनाएँ, तकनीकी जोखिम, और अन्य कई कारक, जिनकी वजह से वास्तविक परिणाम संबंधित भविष्यवाणी करने वाले बयानों से भिन्न हो सकते हैं। कंपनी इस प्रकार के बयानों पर कोई कार्रवाई करने के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होगी और इन भविष्यवाणी करने वाले बयानों को सार्वजनिक रूप से अद्यतन करने का कोई दायित्व नहीं उठाती है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:

कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन एडवाइजर
किरिन एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड
सुनील मुद्गल – डायरेक्टर
sunil@kirinadvisors.com
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