कोरोना को लेकर जहां दुनिया के बड़े बड़े देश दवाइ खोजने का प्रयास कर रहे हैं। वही भारत में पतंजलि ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना का मात देने वाली दवाई बना ली है।
मिली जानकारी के अनुसार अब तक कोरोना के कारण दुनिया में लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं और बड़ी तादाद में लोगों की जान जा चुकी है। दुनिया के कई देश इसकी दवा ढूंढने के प्रयास में लगे हुए हैं। वही बाबा रामदेव ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोनावायरस की दवाई ढूंढ निकाली है। आयुर्वेदिक आधार पर बनी इस दवाई का नाम कोरोनील है।
बताया जा रहा है कि अब तक 100 लोगों पर दवाई का टेस्ट किया जा चुका है 3 दिन के अंदर 65% का रिजल्ट नेगेटिव आया है। इस बारे में बाबा रामदेव ने अपने ट्विटर पर भी जानकारी दी है। उनका कहना है कि इस दवाई को पूरे रिसर्च के साथ तैयार किया गया है।इस दवाई के कारण 100% रिकवरी रेट है और डेथ रेट शून्य है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास इस दवा से जुड़े सभी सवालों का जवाब है। यह दवाई 1 सप्ताह के बाद मेडिकल स्टोर में उपलब्ध हो जाएगी इसके अलावा एक एप्लीकेशन भी लॉन्च किया जाएगा। जिसकी मदद से यह दवाई लोगों के घर तक पहुंचा दी जाएगी इस दवा का सॉन्ग पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर द्वारा किया गया है।
सूरत मे कोरोना बेक़ाबू, 114 केस सोमवार को दर्ज हुए!
सूरत में सोमवार को कोरोना के 114 नए मरीज दर्ज हुए। अब तक सूरत में कुरौना के संक्रमितो की संख्या 3337 पर पहुंच गई है।अब तक 2178 लोगों को पहले डिस्चार्ज किया गया था जिसमें सोमवार को 52 लोगों को और डिस्चार्ज करने से अब कुल 2230 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।
सोमवार को पांच जनों की मौत के साथ मौत का आंकड़ा 137 पर पहुंच गया है। मरने वालों में वराछा जोन एके रोड के 70 वर्षीय पुरुष, सेंट्रल जोन बेगमपुरा के 70 वर्षीय पुरुष, लिंबायत गोडादरा के 57 वर्षीय पुरुष, कतारगाम जोन बापा सीताराम चौक के 55 वर्षीय पुरुष तथा अठवा जोन के सरसाना गांव के 70 वर्षीय पुरुष का समावेश होता है.।
सभी मरीज डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से भी पीड़ित थे। सूरत शहर में जॉन के अनुसार मरीजों की संख्या देखी जाए तो सेंट्रल जोन में 447,वराछा में 382, वराछा बी में 169, रांदेर में 205 कतार गांव में 809, लिंबायत में 855,उधना में 354, और आठवां में 150 मरीज पाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि अब तक कोरोना पॉजिटिव की मामले में लिंबायत जोन बड़ी संख्या में मरीज दर्ज होते थे। लेकिन अब कतारगाम में बड़ी संख्या में मरीज हो रहे हैं। वहाँ पर अब तक लगभग 200 से अधिक श्रमिकों को कोरोना लग चुका है। कोरोना पर काबू पाने के लिए प्रशासन की ओर से एआरएक्स पद्धति के तहत काम किया जाएगा। इस पद्धति में डोर टू डोर सर्वे करके सर्दी खांसी और बुखार जैसे लक्षण वालों के घर के बाहर ए लिख दिया जाएगा।
जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हो और बुजुर्गों उनके घर के बाहर पी और दोनों में से एक भी ना हो तो उनके घर के आगे एक्स लिख दिया जाएगा। अभी तक इस पद्धति का अमल लिंबायत जॉन में किया गया। अब पूरे शहर में किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य जो लोग पहले से ही बीमारी से पीड़ित हैं। बुजुर्ग हैं ऐसे लोगों की पहचान करना है। ताकि उनका इलाज जल्दी हो सके। एपीएक्स सर्वे के दौरान 2078 टीम द्वारा निरीक्षण किया गया।
जिसमें कि 4003 सदस्य हैं। इनके द्वारा 17 लाख 62 हजार 448 घर में का सर्वे किया गया। सर्वे के दौरान 254159 लोग 50 वर्ष से अधिक के पाए गए। पी चिह्न वाले 200882 घर पाए गए। आज आर वाले 4038 घर पाए गए तथा ए चिह्न वाले 357 घर पाए गए