कोरोना ने सामाजिक और धार्मिक तौर तरीक़े भी बदल कर रख दिए है। एक समय था कि जब शादी ब्याह जैसे आयोजन में हज़ारों लोग इकट्ठा होते थे, लेकिन अब तो मुठ्ठी भर लोगों को इकट्ठा करने से पहले प्रशासन की ईजाजत लेनी पड़ती है। इतना ही नहीं वर वधु और बारातियों को भी शादी ब्याह के दौरान कोरोना की गाइडलाइन का ख़्याल रखना होता है। लेकिन हाल में ही बिहार में हुई एक शादी लोगों में चर्चा का विषय बनी है।
बेगुसराय में हुई इस शादी में गिरिधारीलाल सुल्तानिया के पुत्र कृतेश कुमार की शादी बेगुसराय की ज्योति कुमारी के साथ हुई थी। कोरोना काल में सोशल डिस्टेन्सिंग और मास्क पहनने की जो गाईडलाइन दी गई थी उसका पालन करते हुये इस शादी में 50 से भी कम लोग हाजिर रहे थे। इसके अलावा शादी के दौरान वरमाला पहनाने के लिए भी डंडे का सहारा लिया गया था। स्थानीय लोगों ने भी इस शादी को अनोखा बताते हुये कहा की इस शादी के द्वारा समाज को कोरोना के गाईडलाइन का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया।
कोरोना के कारण ही शादियों के नियमों में काफी बदलाव आ गए है। शादी में मेहमानों का फूल की जगह मास्क और सैनीटाइजर से स्वागत किया जा रहा है। इसके अलावा कई लोग तो मात्र वीडियो कॉल से ही शादी के समारोह में शामिल हो रहे है। हाल में ही रात्रि कर्फ़्यू के दौरान शादी के आयोजन में पहुँचे एक डी एम ने सब को अपमानित किया था। हालाँकि बाद में उसने माफ़ी माँग ली