दो राज्यों के श्रमिकों के लिए वतन जाने की बसें शुरू!

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सूरत
सूरत में रहने वाले अन्य राज्यों के श्रमिकों ने अपने गांव जाने की हठ पकड़ने के कारण सूरत प्रशासन अब उन्हें वतन जाने की व्यवस्था कर रहा है।सोमवार को सूरत से ओड़िशा जाने के लिए चार बसों को मंजूरी दी गई थी ।इसी तरह शेल्टर रूम में रहने वाले लोगों के लिए गुजरात के बॉर्डर तक भेजने के लिए एसटी की दो बसें दौडाई गई थी। राजस्थान, बिहार सहित अन्य कई राज्यों ने अपने श्रमिकों को लेने से इंकार कर दिया है
मिली जानकारी के अनुसार सूरत में लाखों की संख्या में अन्य राज्यों के श्रमिक रहते हैं ।लॉकडाउन के कारण वह शहर में फंस गए हैं बेरोजगार होने के कारण उनके पास घर घर चलाने के रूपए भी नहीं है ।इसलिए वह बार-बार वतन जाने की डिमांड कर रहे हैं ।आए दिन पुलिस और उनके बीच छुटपुट घर्षण के समाचार आते रहते हैं इस बीच प्रशासन ने कई राज्यों के श्रमिकों को वतन भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। कल ओडिशा के श्रमिकों के लिए चार बसों को मंजूरी दी गई ।यह निजी बसें उन्हें उनके गांव तक छोड़ कर आएंगी। इसी तरह अन्य राज्यों के भी प्रयास जारी हैं । हालांकि प्रशासन में प्राइवेट कार या टु व्हीलर या बाईक को मंजूरी देने से इंकार कर दिया है ।कई लोगों ने प्रशासन से अपनी बाइक कार या टेंपो से जाने की गुहार लगाई थी ।अभी लग्जरी बस को मंजूरी दी है ।आपको बता दें कि पिछले 2 दिनों से बड़ी संख्या में लोग गांव जाने के लिए फॉर्म भर रहे हैं ।

bus इस बीच पांडेसरा जीआईडीसी एसोसिएशन ने वहां पर काम करने वाले श्रमिकों को गांव जाने के लिए खर्च के तौर पर ₹1000 देने का कहा है ।इस सिलसिले में सोमवार को पांडेसरा जीआईडीसी के पदाधिकारियों तथा पांडेसरा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर के साथ मीटिंग हुई थी।