सूरत
आप इसे कुदरत को कोप नहीं तो क्या कहेंगे? पिता की मौत के बाद सूरत से उनकी अंतिम विधी के लिए सूरत से यूपी के बाराबंकी जा रहे दो सगे भाईयों की अयोध्या हाइवे पर मार्ग अक्समात में मौत हो गई। साथ में जा रहे उनके चाचा की भी मौत हो गई।शुुुक्रवार की सुबह पांच बजे के करीब लखनउ- अयोध्या हाइवे पर हादसे में घायल जगदीश ने बताया कि वे लोग सूरत में सगे भाइयों जितेंद्र, शिशुपाल व उनके चाचा मोहन निषाद के साथ सचिन जीआईडीसी में लूम्स कारखाने में काम करते थे।
लॉकडाउन के कारण उद्योग में उत्पादन 20 मार्च से ही बंद था। इस कारण सभी लोग बेरोजगार हो गए थे। उन लोगों का वहीं पर रुकने का इरादा था। हालांकि, पिछले सप्ताह अचानक जितेंद्र और शिशुपाल के पिता की बहराइच में तबीयत बिगड़ी और 12 मई की सुबह उनकी मौत हो गई।
इस पर उन लोगों ने पहले टिकट के लिए प्रयास किया लेकिन टिकिट नहीं मलने के कारण उसी दिन शाम 5 बजे घर के लिए निकलने का फैसला कर लिया। लॉकडाउन के कारण वे लोग उस रात ही पैदल चलकर शहर से बाहर आ गए। वहां पर एक ट्रक मिल गया। वहाँ से जैसे पहुँचकर शुक्रवार सबेरे अपने गाँव जाने के लिए बाराबंकी नगर कोतवाली के पास वाहन का इंतज़ार कर रहे थे उस दौरान लखनऊ अयोध्या हाइवे पर तेज़ी से आ रहे ट्रक ने एक साथ सात जनों को कुचल दिया।
उल्लेखनीय है कि शहरों से गांव की ओर जा रहे श्रमिकों के साथ दुर्घटना का सिलसिला तेजी से चल रहा है। शनिवार को भी यूपी में एक मार्ग अकस्मात में 24 लोगों की मौत हो गई। इसके पहले महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन से कुचलकर कई लोगों की मौत हो गई।