कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने देशव्यापी चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की देशव्यापी मुहिम चलाई है।
10 जून से देशभर में शुरू हुई इस मुहिम में चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर रोक लगाकर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा। अभियान के प्रथम चरण में चीन से आयातित 3000 वस्तुओं की सूची बनाई गई है यह वस्तुएं भारत में भी बनती है। लोगों को इसकी जानकारी देकर इन वस्तुओं के आयात में कमी करने का प्रयास किया जाएगा।
चीन की ओर से देशभर के व्यापारियों को जागृत करने के लिए चीन की वस्तुओं की जगह भारत में उत्पादित वस्तुओं को बेचने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए स्वदेशी वस्तुओं की खरीदी के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का मैसेज देनेवाले मास्क और चाय की कप बनवाई है।
गुजरात चैप्टर के प्रमुख प्रमोद भगत ने कहा कि कोरोना वायरस से स्वस्थ बिगाडने एवं अर्थतंत्र इसके लिए चीन जिम्मेदार है। दुनिया के कई देश चीन के ख़िलाफ़ है।केट ने चीन में बनने वाली वस्तुओं का बहिष्कार करके स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन देने का अभियान शुरू किया है।
इसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वॉकल फ़ोर लोकल के आह्वान को भी साथ दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह अभियान टि्वटर, फेसबुक व्हाट्सएप एवं सोशल मीडिया के माध्यम से चलाया जाएगा। जिसमें 40000 से ज्यादा व्यापारी संस्थान के सात करोड़ व्यापारी भाग लेंगे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2001 में भारत में चीनी उत्पादों के आयात दो अरब डॉलर थी जो 70 अरब डालर पर पहुंच गई है 20 वर्ष में चीन से आयात का सिलसिला 35% बढ़ गया है। चीन की हमेशा यह चल रही है कि वह भारतीय बाजार पर किस तरह कब्जा पाए?
पिछली सरकारें यह बातें नहीं समझ पाई थी। लेकिन अब भारत में स्वदेशी अभियान शुरू हुआ है इस मुहिम को देशव्यापी ले जाने के प्रयास में जुटा है।