कोरोना महामारी के कारण देशभर में कई हिस्सों में माल पहुंचाना अभी भी मुश्किल है। इसके पहले कई व्यापारियों ने जिन्होंने कि मार्च महीने के दौरान ऑर्डर बुक कर ई-वे विल जनरेट किए थे. लेकिन लॉकडाउन के कारण माल नहीं भेज पाए या माल ट्रांसपोर्ट में ही फंस गया। इस दौरान 20 मार्च या उसके बाद जिनके ई- वे बिल की एक्सपायरी डेट समाप्त हो गई उनके लिए सरकार की और से राहत वाली खबर है। सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम की ओर से नौ जून को जारी किए गए परिपत्र में यह जानकारी दी गई है।
इस फैसले से सूरत के हजारो व्यापारियों को लाभ मिलेगा। इसके पहले सरकार ने 20 मार्च से 15 अप्रेल तक की समय सीमा वाले ई-वे बिल की समय सीमा 30 अप्रेल तक की थी। उसके बाद नौ जून को नया परिपत्र आया है। इसके अनुसार 20 मार्च या उसके बाद जिन ई-वे बिल की समय सीमा समाप्त हो रही है। उनकी मियाद बढाकर 30 जून कर दी गई है।
सूरत का कपड़ा व्यापार लॉकडाउन के एक-दो दिन पहले ही बंद हो जाने के कारण कई व्यापारियों ने माल का पार्सल ट्रांसपोर्ट में तो भेज दिया लेकिन वह ट्रांसपोर्ट तक पहुंचा नही, कई मामलों में ट्रांसपोर्ट में अटक गया। इस तरह से ई-वे बिल तो जनरटे हो गए थे, लेकिन माल नहीं भेजा जा सका। ऐसे मामले बड़़ी संख्या मं हैं उन्हें राहत होगी।
सीए सुशील काबरा ने बताया कि सरकार की ओर से नौ जून को परिपत्र जारी कर 20 मार्च के बाद जिन ई-वे बिल की एक्सपायरी डेट थी उनका समय 30 जून कर देने से बड़ी संख्या में व्यापारियों को लाभ होगा। बीते दिनों में बड़ी संख्या में व्यापारियों का माल नहीं जाने से उनकी दिक़्क़त बढ गई थी।
फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के रंगनाथ सारडा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कई व्यापारियों ने ऑर्डर के अनुसार माल तो भेज दिया लेकिन वह माल या तो यहां के गोडाउन या तो रास्ते में अथवा अन्य राज्यों के गोडाउन में फंस गया। इस दौरान उनकी एक्सपायरी डेट समाप्त हो गई।
ऐसे माल के लिए हमें फिर से ई-वे बिल बनाना पड़ता और कई प्रकार की माथापच्ची करनी पड़ती। लेकिन ई-वे बिल की समय सीमा बढाने से व्यापारियों को बहुत राहत होगी। शारडा ने बताया कि उन दिनों लग्नसरा के सीजन मं लगभग 1400 करोड रुपए का माल इस तरह से प्रभावित हुआ।