सूरत
सूरत में कोरोना की रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं ,वर्तमान परिस्थिति में काम करने का ढंग और आगे की योजना जानने मंगलवार को केन्द्र सरकार ओर से पहुंची 15 सदस्यों की टीम सुरत मनपा के काम से खुश हो गई।
सूरत नगर निगम के आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कहा कि डॉ ढींगरा के नेतृत्व में 15-सदस्यीय टीम मंगलवार को सूरत दौरे पर थी उन्होने सूरत में कोविड-19 के तहत किस तरह से काम हो रहा है। एआरआई केस कैसे ढूंढे जाते हैं। उनमें से किन लोगों का टेस्ट किया जाता है और हम कैसे हॉट-स्पॉट, ग्रीन या रेड जॉन तय करते हैं किन मापदंड का ख्याल रखते हैं यह सब जानकारी ली। इसके बाद हमारे जिस तरह से सायन्टिफिक ढंग से काम किया जा रहा है। यह जानकार वह संतुष्ट नजर आए।
उल्लेखनीय है कि सूरत नगर निगम द्वारा मामलों की जांच के दो तरीके हैं, एक एक्टीव टेस्टिंग और दूसरा पैसिव टेस्टिंग है। एक्टिव टेस्टिंग में मनपा की टीम के लोग हॉट-स्पॉट या येलो जॉन अथवा रेड जॉन तथा संभवित क्षेत्रों में जाकर सैम्पल ले आते हैं और वॉर रूम आगे का काम करता है। इसी तरह से पैसिव टैस्टिंग में मनपा ने प्राइवेट क्लीनक संचालकों से डॉ जैमिनी अ्प्लीकेशन में मांगी जानकारी से संभवित केसों की जानकारी मिलती है। इसी तरह से मनपा की ओर से की गई टैस्टिंग की जानकारी के लिए डॉ. टैको अप्लीकेशन शुरू की है।इन दोनो अप्लीकेशन से भी मनपा एआरआई के केसों की जानकारी प्राप्त करती है। बाद में इन पर फॉलो अप किया जाता है।मनपा ने स्लम एरिया में जाँच के लिए फीवर क्लीनिक भी शुरू किया है।
डॉक्टरों पर हमले पर होगी कड़ी सजा
कोरोना में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमले को लेकर सरकार चिंतित है। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार ने सख्त रवैया अख्तियार करने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कैबिनेट ने बुधवार को 123 साल पुराने महामारी कानून में संशोधनों का अध्यादेश पास कर दिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि डॉक्टरों और किसी स्वास्थ्यकर्मी पर हमला अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब अगर किसी पर हमला किया जाता है तो अधिकतम 7 साल की सजा और 5 लाख जुर्माने का प्रावधान अध्यादेश में रखा गया है।