सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट में फ़र्ज़ी पेढियो के ख़िलाफ़ अभियान शुरू किया है।इसके अंतर्गत सीजीएसटी डिपार्टमेंट ने बीते दिनों 10 सूरत मे बोगस पेढी पर कार्रवाई करते हुए दो सौ करोड़ रूपए के बोगस बिल ने घोटाले का पर्दाफ़ाश किया। इन पेढियो के संचालकों ने 200 करोड़ रुपये के फ़र्ज़ी बिल 100 से अधिक पेढियो को बेचकर 30 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल कर ली थी। इस मामले मे जीएसटी ने पुलिस मे शिकायत की थी। जिसके आधार पर एक को गिरफ़्तार किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार सेंट्रल जीएसटी डिपार्टमेंट को इंटेलिजेंस यूनिट से मिली जानकारी के आधार पर डिपार्टमेंट ने कार्रवाई शुरू की है। बीते साल भी जीएसटी विभाग ने सैकड़ों शंकास्पद पेढियो के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी और करोड़ों रुपए के आईटीसी घोटाले का पर्दाफ़ाश किया था। इस सिलसिले में डिपार्टमेंट ने एक बार फिर से शंकास्पद पेढियो को निशाना बनाना शुरू किया है। मिली अधिक जानकारी के अनुसार आगामी दिनों में भी विभाग की कार्रवाई जारी रहेगी।
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स्क्रैप, केमिकल तथा लकड़ी के बोगस बिल बेचे
GST विभाग में बीते दिनों जिन 10 पेढियो पर कार्रवाई की थी। इन पेढियो ने स्क्रैप, केमिकल तथा लकड़ी के 200 करोड रूपए के बोगस बिल बनाए थे। जब विभाग ने पेढियो के पते पर जा कर जाँच की तो कोई पेढी बताए गए पते पर नहीं चल रही थी। नक़ली आधार कार्ड, लाईटबिल तथा रेन्ट एग्रीमेन्ट के आधार पर जीएसटी नंबर लिया गया था।
बोगस बिलिंग किस तरह होता है
बोगस बिलिंग अर्थात की जिस सौदे में सिर्फ़ बिल ही लिए दिए जाते हैं। अर्थात कि इस प्रकार के सौदे में कोई माल सामान नहीं ख़रीदा - बेचा जाता।जैसे की कोई व्यापारी बोगस बिल बेचने वाले से मात्र बिल ख़रीदता है। इसके बदले में वह बोगस बिल बेचने वाले को बिल की रक़म का 1 या 2 प्रतिशत रक़म देता है।