सूरत
माता के भक्तों का इंतज़ार आज से समाप्त हो रहा है। आज से कई त्यौहारों की शुरूआत भी हो रही है। हालाँकि कोरोना के कारण इस बार भक्तों को थोड़ी निराश है क्योंकि इस बार मंदिर भी बंद हैं और भक्त समूह में माता की आरती भी नहीं कर सकेगे। इस बार शहर की प्रमुख शक्ति पीठों में श्रद्धालुओं को दूर से दर्शन करने को कहा गया है। कहीं-कहीं इस दौरान मंदिरों के पट पूरी तरह से बंद कर दिये गये हैं। लोग घरों में ही इस बार पूजन-पाठ कर सकेंगे। क्योंकि बाहर निकलना मना है।
नौ-रात्र के साथ ही नवसंवत्सर २०७७, गुडी पडवा, चैटी चांद की भी शुरूआत हो रही है। विक्रम नवसंवत्सर का राजा बुध और मंत्री चंद्र रहेंगे।
बताया जा रहा है कि इस बार के नवसंवत्सर का नाम प्रमादी रहेगा। मान्यता है कि चैत्र माह की उसी दिन जो वार होता है, वही नवसंवत्सर का राजा माना जाता है। भक्तजन लॉक डाउन के कारण घर पर ही पूजन-पाठ कर सकेंगे। तिथि के क्षय न होने से इस बार पूरे नौ दिन की नवरात्रि रहेगी।
विश्व भर में फैल कोरोना वायरस सक्रंमण के कारण देश में भी इसका व्यापक प्रभाव देखा जा रहा है। शहर के प्रमुख मंदिरों में जहां नौ-रात्रि के पहले से तैयारियां शुरू हो जाती थी। इस बार कोरोना के कारण नहीं हो सका ।
सुबह ६.१६ बजे से १०.४७ बजे तक शुभ। दोपहर १२.२० से १.५१ बजे तक लाभ। दोपहर १.५१ से ३.२१ बजे तक अमृत। शाम ४.५२ बजे से ६.२३ बजे तक शुभ।
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चंचल- प्रात: ७.४८ से ९.१८ बजे तक।, लाभ-प्रात: ९.१८ से १०.४७ बजे तक। अमृत-प्रात: १०.४७ बजे से १२.१७ बजे तक। शुभ-दोपहर १.४७ बजे से ३.१६ बजे तक।
उल्लेखनीय है कि माता को घ्यान में रखकर किया गया हर कार्य शुभ होता है। पूरा देश जब कोरोना के साये में है तब पूरे देशवासी जल्दी से जल्दी माता देशवासियों को कोरोना से मुक्ति दिलाए यह चाहता है।