सूरत
पश्चिमी महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज, एग्रो एंड एजुकेशन (WESMEC) द्वारा बुधवार की शाम 4.45 बजे ‘ब्राइट फ्यूचर ऑफ इंडियन इकोनॉमी पोस्ट-कोविद -18’ पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया।
भारत सरकार के वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ एक विशेष इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में फ़िक्की महाराष्ट्र स्टेट काउन्सिल की चेयर पर्सन सुलजा फिरोदिया-मोटवानी, फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के एमडी और सीईओ मोतीलाल ओसवाल, क्रेडाई के नेशनल प्रेसिडेन्ट शांतिलाल कटारिया, महाराष्ट्र चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख संतोष मांडलेचा तथा अतिथि विशेष के तौर पर केतन देसाई उपस्थित थे।
मंत्री अनुराग ठाकुर ने अतिथियों को उद्योग के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के बारे में अवगत कराया और उनसे उद्योग विशिष्ट सुझावों का अनुरोध किया।
उद्योग के प्रतिनिधियों ने विभिन्न क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर मंत्री को जानकारी दी। दक्षिण गुजरात के चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख केतन देसाई ने टेक्सटाइल, डायमंड, एक्वाकल्चर, कृषि, रसायन, रियल एस्टेट और एमएसएमई के सेक्टर में मदद के लिए गुहार लगाई।
- वर्तमान में उद्योग की पूरी दुनिया लॉकडाउन, तरलता और श्रम के बुनियादी मुद्दों से ग्रस्त है।
- उद्योगों को तीन-छह महीने के बजाय 31 मार्च, 2021 तक एक साल के लिए राहत दी जानी चाहिए।
- एमएसएमई को बैंकों से कार्यशील पूंजीके ऋण की २५ प्रतिशत सीमा बढ़ाकर 100 प्रतिशत तक सरल ऋण दिया जाना चाहिए।
- निजी बैंकों द्वारा RBI के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
- एमएसएमई और कपड़ा और हीरे के लिए वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा जल्द से जल्द की जानी चाहिए।
- चूंकि सूरत के एमएसएमई उद्योगपति मजदूरी देने की स्थिति में नहीं हैं, इसलिए इस संबंध में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
- व्यापारियों को 5 लाख रुपये से अधिक का आयकर रिफंड, जीएसटी रिफंड और टफ और अन्य सब्सिडी जो पहले मंजूर की गई हैं, उन्हें तुरंत जारी किया जाना चाहिए।
- बुनकरों की रिफंड को लेकर सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका को वापस लेना। इससे व्यापारियों को काफी मदद मिलेगी।
- लॉकडाउन के बाद लेबर वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जाए, ताकि उद्योग फिर से पनप सकें।
- कपड़ा और हीरा उद्योग के लिए उपभोक्ता नहीं। इसलिए, हीरा उद्योग के लिए बाजार खोजने के लिए सरकार द्वारा अभी से प्रयास किए जाने चाहिए।
- कच्चे माल की समस्या को रोकने के लिए सरकार द्वारा उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
- एक वर्ष के लिए विभिन्न विभागों द्वारा बिना किसी कार्रवाई के उद्योगों के लिए छूट दी गई है।
- चीन तथा अन्य देशों से आनेवाली कंपिनयों को सूरत और आसपास के क्षेत्रों मे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, डीएमआईसी कॉरिडोर और बंदरगाह आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं यहाँ अच्छी हैं।
- उद्यमियों के साथ ही व्यापारियों के लिए बिल डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना चाहिए।
- डीलरों की दुर्दशा को कम करने के लिए बैंकों को चैनल फायनान्सिंग के लिए सरकार द्वारा आदेश दिया जाना चाहिए।
- यदि अक्षय ऊर्जा के लिए लंबित सब्सिडी, बिजली जल्द से जल्द जारी की जाती है, तो छोटे व्यवसायों को राहत मिलेगी।
- उद्योग के लिए बिजली की लागत को कम करने के उद्देश्य से नवीकरणीय ऊर्जा के कैप्टिव पावर प्लांटों पर सब्सिडी का प्रावधान करें
- किसी भी प्रकार के मोर्गेज डीड पर एक वर्ष के लिए स्टैंप ड्यूटी की छूट।
दक्षिण गुजरात में विभिन्न उद्योगों पर चैंबर की प्रस्तुति पर टिप्पणी करते हुए, मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधान मंत्री भी स्वीकार करते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान छोटे उद्योगों का है। MSME देश भर में १२ करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। इसलिए, एमएसएमई क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हम रेड जोन के कारण उद्योग को होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए गृह मंत्रालय से बात करेंगे। हम उद्योगों को दी जाने वाली तीन या छह महीने की रियायतों को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाने पर भी विचार करेंगे।
मंत्री ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में दक्षता लाने के प्रयास किए जाएंगे। हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि उद्योगों को दिए जाने वाले ऋण रुपये तक की मुद्रा योजना से कैसे जोड़कर २५ लाख तक का लोन दिया जा सकता है है। इसपर विचार कर रहे है।सरकार अचल संपत्ति और निर्माण के लिए भी काम कर रही है। अन्य देशों की इकाइयाँ भारत आने का इंतज़ार कर रही हैं।लेकिन सरकार का पहला प्रयास स्थानीय इकाइयों को संरक्षित और मजबूत करना होगा।
चैंबर के वेबिनार के लिए चैंबर के अध्यक्ष केतन देसाई द्वारा मंत्री अनुराग ठाकुर को भी आमंत्रित किया गया था। आज के वेबिनार को पूरी तरह से Wesmec के अध्यक्ष ललित गांधी द्वारा प्रबंधित किया गया था।
चूक गए मौका
फोस्टा के महामंत्री चंपालाल बोथरा ने बताया कि कल चैम्बर को कोरोना के बाद सर्जित परिस्थितियों की जानकारी देकर संबंधित उधोग के लिए गुहार लगानी थी, कई चीजे तो कोरोना के पहले से है वह बाद में माँग लेते। इसके अलावा जो चीजे पहले से एक स्तर पर पहुँच चुकी है उसके बारे में फिर से गुहार लगाने की ज़रूरत नही थी। कल के वेबिनार में कपड़ा व्यापारियों के लिए कोई माँग नही की गई। चैम्बर यह मौक़ा चूक गया।