करोड़ों का माल है स्टॉक में, बर्बाद हो जाएँगे व्यापारी !!

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सूरत
डेढ़ महीने से भी लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन के कारण कारोबारियों की हालत खराब हो रही है। करोड़ों का नुक़सान होता देख कई कारोबारी तो कब व्यापार शुरू हो इसके लिए गुहार लगाने लगे है।

व्यापारियों की माँग को देखते हुए सूरत के चेंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से लॉकडाउन के बाद कारोबार शुरू करने और नियम के अनुसार ग्राहकों को आवश्यक छूट देने की अपील की है ।चेंबर ने कहा है कि कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर व्यापार और उद्योग को शुरू करने की छूट देनी चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग और जरूरी नियम कानून के साथ कारोबारियों को व्यापार उधोग शुरू करने की छूट देना चाहिए। लॉकडाउन डाउन के दौरान कारोबारियों को बड़ा नुकसान हुआ है ।उनके पास करोड़ों के स्टॉक पड़े हैं ।

यदि इस महीने भी व्यापार करने की अनुमति नहीं मिली तो उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा ।इसके अलावा इसमें पुलिस को भी साथ देने की मांग की है ।राज्य सरकार ने गुमास्ताधारा अधिनियम को निरस्त कर दिया है, लेकिन व्यापारी इससे अवगत नहीं है ।इसलिए व्यापारी को स्थानांतरण के लिए जीएसटी नंबर को वैध मानना चाहिए। चेंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि व्यापार हित को ध्यान में रखकर वह लोक डाउन के बाद नियम के अनुसार ग्राहकों को व्यापार शुरू करने की छूट दे ।ताकि कारोबारी जो नुकसान का सामना कर रहे हैं,उसमें कमी आ सके ।
उल्लेखनीय है कि डेढ़ महीने से शहर में छोटे से लेकर बड़े कारोबार बंद है ।इस कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं ।कई श्रमिक तो अपने वतन पलायन कर गए हैं जो कि अब दिवाली के पहले लौटने की संभावना नहीं है।

यूपी, बिहार वालों को इंतज़ार ओडिशा के लिए शनिवार से ट्रेन शुरू होने की उम्मीद
सूरत में बसनेवाले ओडिशावासियों के लिए बड़ी ख़बर है ।लॉकडाउन में फँसे ओडिशा वासियों को ले जाने के लिए सूरत से रेलवे विशेष ट्रेन चलाएगी शनिवार को 4 बजे पर पहली ट्रेन रवाना होने की उम्मीद है। हालाँकि अभी तक यूपी, बिहारवासियों के लिए ट्रेन की कोई घोषणा नही की जाने से वहाँ के लाखों श्रमिक निराश हैं।

मिली जानकारी के अनुसार शहर में रहने वाले ओड़िशावासी लॉकडाउन के कारण शहर में फँस गए है। सूरत में टेक्सटाइल, एम्ब्रॉयडरी और हीरा उद्योग बंद हो चुका है ऐसे में लगभग सात लाख उड़ीसा के प्रेमी बेरोज़गार हो गए हैं ।शुरू में तो कुछ दिनों उन्होंने काट लिए लेकिन , अब उनके पास नक़द जमा पर जाने के कारण जीवन यापन मुश्किल हो गया है।