यदि आपकी किसी पार्टी ने आपको कुरियर के माध्यम से चैक या कुछ डोक्यूमेंट आदि भेजा है जो कि आप को नहीं मिला और आप उसके लिए कुरियर कंपनी का संपर्क करना चाह रहे हैं तो आप को ध्यान से काम करना होगा। क्योंकि कपड़ा बाज़ार में इन दिनों ऑनलाइन चीटिंग करने वालों को नया आइडिया हाथ लग गया है।
ठग कंपनी के नम्बर पर फोन करने वाले ग्राहकों को पुरानी अटकी पड़ी डाक पहुंचाने की एवज में ऑनलाइन बैंक डिटेल्स मांगते हैं और बाद में उनके खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
कपड़ा बाज़ार में बीते दिनों कई व्यापारी इसके शिकार बन चुके हैं। लॉकडाउन के बाद चीटिंग का यह कारोबार धड़ल्ले से चल निकला है। चीटिंग के बाद व्यापारियों में अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस शिकायत की गई है।
सूरत के कपड़ा बाजार से रोजाना देश के हर राज्यों के लिए बड़े पैमाने पर कुरियर नीजि कंपनियों के माध्यम से और डाक से भेजी जाती है। लॉकडाउन घोषित होने से पहले की डाक बड़ी संख्या में रास्ते में ही अटक गई है।
व्यापारी डाक की जांच-पड़ताल के लिए लोग ऑनलाइन या कई हैल्पलाइन पर सम्पर्क नम्बर सर्च करते हैं और फिर यहीं पर वे जाने-अनजाने ठगों के सम्पर्क में आ जाते हैं।
यहीं से उन्हें ग़लत जानकारी मिलने लगती है। व्यापारी किसी बड़ी कंपनी का नाम सर्च करे तो उस पर जो संपर्क नंबर मिलते हैं वह भी कई बार भ्रामक होते है। बताए गए फ़ोन नंबर पर फ़ोन करने के बाद कई चीटिंग की घटना सामने आई है।
बताया जाता है कि ऑनलाइन चीटिंग करने वाले बदमाश तत्व ऐसी कंपनियों के कुछ लोगों के साथ मिलीभगत रखते हैं जो उन्हें दर्ज कंपनी के नाम पर लोगों से ठगी का मौका देते हैं। लॉकडाउन से पहले की पुरानी डाक की इन्क्वायरी का मामला ध्यान में आने से ठगों ने इसे ऑनलाइन का नया फंडा बनाने का तय कर इसकी शुरुआत की है।
अपनी पुरानी डाक का पता लगाने के लिए रिंकु शराफ नाम के एक व्यापारी में एक मोबाइल नंबर बतानेवाली हेल्पलाइन से जानकारी लेकर फोन लगाया । ठग ने फोन उठाया और बताया कि पुरानी डाक तत्काल पहुंचा दी जाएगी, लेकिन उसके लिए ऑनलाइन एक रुपया जमा कराना होगा।
उसकी वजह में ठग ने बताया कि पुरानी डाक है न, इसलिए यह जरूरी है और फिर वो एक लिंक भेजता है, जिस पर ऑनलाइन केवल पाँच रुपया भेजने की मांग करता है। इसके बाद लिंक मे जानकारी देने पर व्यापारी के खाते से पैसे पार हो गए।