श्रमिकों की ट्रेन को कांग्रेसियों ने दिखाई झंडी, गिरफ्तार हुए

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सूरत
कोरोना में सूरत से परप्रांतियों को उनके वतन भेजने का मामला अब राजकीय रंग ले रहा है। ट्रेन चलने के पहले दिन सांसद सीआर पाटिल ने झंडा दिखाया था , जिसका कॉंग्रेस ने विरोध किया। इसके बाद आज कांग्रेस ने १२०० परप्रांतियों की टिकिट का खर्च चुकाया और उन्हें ट्रेन में बिठाने सूरत रेलवे स्टेशन पर पहुँच गए। इस पर विवाद शुरू हो गया। पुलिस ने इस बारे में कुछ कांग्रेसी नेताओं की धरपकड़ भी की।
लॉकडाउन में फँसे श्रमिकों को डेढ महीने बाद ट्रेन से घर जाने की अनुमति दी गई है। उसमें भी श्रमिकों से किराया वसूला जा रहा है। इसके बाद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने श्रमिकों लिए ट्रेन टिकट का खर्च देने की घोषणा की थी। इसलिए आज शहर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश जाने वाले लोगों की सूची बनाकर कलेक्टर को दिया और किराया भी दिया।

आज यूपी जाने वाली एक ट्रेन को कांग्रेस ने 1200 मजदूरों को एक टिकट के 710 के हिसाब से 8.52 लाख कुल किराया देकर भेजा है। इस दौरान दोपहर को कांग्रेसी नेता रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ट्रेन में बिठाने एकत्र हुए उस दौरान रेलवे पुलिस ने नियम का उल्लंघन करने के कारण उन्हें हटाने की कोशिश की। इस दौरान बातचीत बढ गई। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने हस्तक्षेप कर स्थिति को शांत किया है।

सूरत रेलवे स्टेशन से अब तक 10 हजार परप्रांतिय श्रमिक अपने वतन जा चुके हैं। अभी भी एसएमसी की शहर और बीआरटीएस बसों द्वारा सूरत रेलवे स्टेशन लाया जा रहा है।अब तक 33 ट्रेनों में 33 हजार यात्री सफर कर चुके हैं। जिसमें

बाबू राइका ,सूरत शहर कांग्रेस, अध्यक्ष ने कहा कि वह सूरत रेलवे स्टेशन पर कार्यकर्ताओं को ट्रेन में बैठाने आए थे। किसी ने कानून नहीं तोड़ा। कानून के दायरे में काम किया है। हम कोरोना के खिलाफ योद्धा हैं।

रेलवे पुलिस का कहना है कि सूरत कांग्रेस अध्यक्ष सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। घोषणाओं का उल्लंघन और महामारी अधिनियम का उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।