तेज़ी से बढ रहे मरीज, अस्पतालों में बढ़ाने पड सकते है बैड!

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तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज अस्पतालों में भी जगह घट सकती है। शहर में रोज इतनी बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज आ रहे हैं कि आगामी दिनों में परिस्थिति नहीं सुधरी तो अस्पतालों में भी मरीजों के लिए उपचार किस तरह दिया जाए यह सोचना पड़ सकता है।

मिली जानकारी के अनुसार सूरत शहर में बीते 2 सप्ताह से कोरोना ने खूब तेज गति पकड़ी है। प्रतिदिन दौ सौ के करीब औसतन मरीज दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में मरीजों को उपचार दे पाना प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती साबित हो रहा है। परिस्थिति यही रही तो आने वाले दिनों में समस्या और जटिल हो सकती है।

प्रशासन को मरीजों के लिए और बेड की व्यवस्था का इंतजाम करना पड़ सकता है।जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम तक सूरत में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 7319 इनमें से 2784 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। सहारा दरवाजा की मेडिकल कॉलेज और सिविल हॉस्पिटल तथा मनपा ने जिन प्राइवेट अस्पतालों के साथ समझौता किया है वह तमाम मिलकर भी देखा जाए तो 1 सप्ताह बाद मरीजों के लिए दाखिल कर पाना वहां मुश्किल साबित हो सकता है।

सूरत महानगर पालिका के पास अभी तक 2315 बेड की व्यवस्था है इसमें से फिलहाल 691 ही खाली हैं। वर्तमान गिनती के अनुसार प्रतिदिन 200 से अधिक मरीज हो रहे हैं ऐसे में 3 या 4 दिनों में ही यह पूरी बैठक बेड भर जाएंगे। मतलब कि आगामी 1 सप्ताह में सारे बेड भरा जाए ऐसी आशंका है। मनपा ने 45 से अधिक निजी हॉस्पिटलों के साथ एमओयू किया है।

निजी हॉस्पिटल में भी ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा की गई है। फिलहाल सिविल हॉस्पिटल सहारा दरवाजा की मेडिकल कॉलेज तथा आइसोलेशन सेंटरों में मिलाकर 2315 बेड पर 1601 मरीज उपचाराधीन है। जबकि 714 बैड खाली हैं। बताया जा रहा है कि ऐसी विषम परिस्थिति में अब मनपा के पास सिर्फ एक ही विकल्प रह जाता है। अलग-अलग समाज के भवनों में कोविड हॉस्पिटल तैयार किए जा रहे हैं । जिसमें कि शहर के 5 समाज और दो संस्थाओं की ओर से व्यवस्था की जा रही है।

वहां 580 बेड की व्यवस्था तैयार की गई है। उल्लेखनीय है कि मनपा ने कोरोना के उपचार के लिए कई अस्पतालों के साथ टाइ अप किया है।जिसमें की कोरोना के मरीजों को निर्धारित कीमत पर उपचार मिलेगा। दूसरी ओर कई अस्पताल ऐसे भी हैं जो कि मनपा से समझौते के बाहर हैं वह अस्पताल तो पहले से ही फुल हो चुके हैं।

(दोनो तस्वीर: प्रतिकात्मक)