कपड़ा उद्योग में बढ़ा कोरोना, बुधवार को मनपा और उद्यमियों की मीटिंग!

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सूरत के कपड़ा उद्योग में कोरोना के केस आने के बाद मनपा प्रशासन चिंतित हो गया है। बुधवार को एक ही दिन में एक साथ फिर से 27 कोरोना पॉज़िटिव केस आने के कारण मनपा कमिश्नर से कपड़ा उद्योग के अग्रणियों की मीटिंग बुलाई है।


इसके पहले मनपा प्रशासन ने हीराउद्यमियो की मीटिंग सोमवार को बुलाकर हीरा उद्योग में बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कई शर्तों के साथ हीरा उद्योग खुले रखने की छूट दी है। बुधवार को कपड़ा उद्यमियों के साथ मीटिंग के कारण कपड़ा उद्यमी चिंतित है। कपड़ा उद्यमी कह रहे है कि जैसे-तैसे कपड़ा उद्योग शुरू ह रहा है ।

अभी भी सिर्फ़ 30 प्रतिशत श्रमिक ही कारख़ानों मे आ सके है। ऐसे मे यदि फिर से कई प्रतिबंध लग जाता है तो कपड़ा उद्योग के लिए चिंता बढ सकती है।
एक ओर कई कपड़ा उद्यमी श्रमिकों को लाने के लिए यूपी बिहार आदि राज्य के दौरे पर है ऐसे में कपड़ा उद्योग पर प्रतिबंध लगने से दिक़्क़त हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि सूरत मे कपड़ा उद्योग में 12 लाख से अधिक श्रमिक काम करते है। कपड़ा उद्योग बंद हो जाने के कारण उनकी दिक्क्तें बढ गई है।

सूरत में मंगलवार को 172 नए कोरोना के केस

सूरत शहर और जिले में मंगलावर की शाम सात बजे तक कोरोना के 178 नए मरीज दर्ज हुए। इसमें शहर क 152 और ज़िले के 26 मरीज है।अब तक शहर में कुल 3529 संक्रमित मामले आ चुके है, जबकि ज़िले में 267 मामले दर्ज हुए है।कुल मिलाकर शहर और ज़िले में 3896 संक्रमण के मामले दर्ज हुए है।

शहर और ज़िले में कुल पाँच लोगों की मौत के साथ मौत का आँकड़ा 147 पर पहुँच गया है। इनमें से 141 सूरत शहर और 6 ज़िले के है।बताया जा रहा है कि मंगलावर को शहर में 57 और जिले में 11 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। अब तक कुल 2507 लोगों ठीक हो चुके है। इसमें 220 ज़िले से है।कोरोना पर काबू पाने के लिए प्रशासन की ओर से एआरएक्स पद्धति के तहत काम किया जाएगा।

इस पद्धति में डोर टू डोर सर्वे करके सर्दी खांसी और बुखार जैसे लक्षण वालों के घर के बाहर ए लिख दिया जाएगा। जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हो और बुजुर्गों उनके घर के बाहर पी और दोनों में से एक भी ना हो तो उनके घर के आगे एक्स लिख दिया जाएगा। अभी तक इस पद्धति का अमल लिंबायत जॉन में किया गया। अब पूरे शहर में किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य जो लोग पहले से ही बीमारी से पीड़ित हैं। बुजुर्ग हैं ऐसे लोगों की पहचान करना है। ताकि उनका इलाज जल्दी हो सके।