शंकास्पद कोरोना से मौत, सिविल होस्पिटल में लाश आठ घंटे तक पड़ी रही

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सूरत
कोरोना के कारण शंकास्पद मरीजों को भी परेशान होना पड़ रहा है। सर्दी, खांसी से पीडित अधेड की लाश के लिए आठ घंटे तक सिविल अस्पताल में प्रशासनिक तालमेल के अभाव में परिवारजनों को परेशान होना पड़ा।


सिविल अस्पाताल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमरोली क्षेत्र में रहने वाल पचास वर्षीय अधेड को पेट में दर्द होने पर उनके परिवारजन सिविल अस्पताल लेकर गए। डॉक्टर्स को बुजुर्ग में शंकास्पद कोरना के लक्षण दिखने के कारण उन्होने कोविड होस्पिटल में भेज दिया।जहां पर उनकी मौत हो गई। इसके बाद बुजुर्ग को सिविल के ट्रोमा सेन्टर में लाया गया।

उन्हें अभी तक मृत भी नहीं घोषित किया गया था। वहां के डॉक्टर्स का कहना थी कि डेथ बॉडी की सारी जिम्मेदारी डेथ मैनेजमेन्ट को दी गई है। अंतत: दो घंटे के बाद ट्रोमा के डॉक्टर्स की ओर से उन्हें मृत घोषित किया गया।देर रात लाश को पोस्टमार्टम रूम में रखा गया। इस दौरान सिविल होस्पिटल के डॉक्टर्स का कहना था कि लाश के अंतिमविधी के लिए एकता ट्रस्ट को कहा गया है। जबकि एकता ट्रस्ट के अब्दुल मलबारी ने मीडिया को अमरोली के किसी अधेड की लाश के लिए कोई जानकारी मिले होने से इनकार किया।

एक ओर मृतक के परिवार लाशकी अंतिमविधी के लिए लाश ले जाने का इंतजार कर रहे थे लेकिन कोरोना के लक्षण के कारण वह ले नहीं जा सकते थे और दूसरी ओर एकता ट्रस्ट से भी कोई नहीं आने के कारण आठ घंटे तक लाश प़ड़ी रही। इस दौरान परिवारजनों ने हंगामा किया तो निजी शबवाहिनी का इंतजाम कर लाश ले जाई गई। सिविल होस्पिटल में डॉक्टर्स के बीच तालमेल नहीं होने से परिवारजनों को परेशान होना पड़ा।

अरिहंत टैक्सटाइल मार्केट से धोखाधडी
रिंगरोड पर अरिहंत मार्केट के व्यापारी से मेट्रो टावर के दो व्यापारियों ने दो साल पहले 92610 रुपए का माल खरीदा था। बाद में पेमेन्ट दिए बिना फरार हो गए।


भटार रोड पर आशिर्वाद पैलेस में रहने वाले दिलीप कुमार जुगलकिशोर गाडोदिया की दुकान रिंगरोड पर अरिहंत टैक्सटाइल मार्केट मे दुकान नंबर 103-104 में राजश्री सिल्क मिल्स नाम की दुकान है। 2018 में मई महीने में दो व्यापारी धनंजय करशन राठोड(नेचरवेली होम्स, सारोली) तथा अंकित पवन कुमार काबरा(सुमन सागर, वेसु) उनकी दुकान पर आए। उन्होनें एक दलाल का परिचय देते हए कहा कि हम रिसेल में कपडा खरीदकर उस पर डाइड, एम्ब्रायडरी वर्क कराकर कोलकाता, अहमदाबद और मुबंई में बेचते हैं।

हमारा रिंगरोड पर किन्नरी सिनेमा के सामने मेट्रो टॉवर में यु 33-34 में तुलसीमंत्रा प्रा.लि. नाम से बड़ा काम है। हमारे साथ व्यापार करोगे को लाभ में रहोगे ऐसा लालच दिया। इसके बाद दिलीप कुमार ने 90 दिन की उधारी की शर्त पर इनसे ब्याज शुरू किया था। दिलीप कुमार ने2 मई को 92610 रूपए की 600 प्लैन साडी उनके दुकान पर भेज दिया। 90 दिन बीत जाने पर जब पेमेन्ट मांगा तो दोनों ने 50 हजार रुपए का चेक भेज दिया। जो कि बैलेंस नहीं होने से बाउन्स हो गया।

इसकी शिकायत जब दिलीप भाई ने की तो धनंजय भाई ने फिर से तीन महीने का समय मांगा। इसके बाद भी रुपए नहीं दिए और एक साल का समय मांगा। यह समय बीत जाने पर दिलीप भाई ने जब पेमेन्ट मांगा तो दोनो ने पेमेन्ट देने से इनकार कर अपना मोबाइल भी बंद कर दिया। जब दिलीपभाई उनकी दुकान पर गए तो दुकान बंद थी। दिलीप कुमार ने दोनो व्यापारियों के खिलाफ सलाबतपुरा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है