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कोरोना के लॉकडाउन के दौरान सूरत के हीरा उद्योगपतियों के लिए अच्छी खबर है। जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल की कड़ी मेहनत के कारण, हीरे का निर्यात सूरत के इच्छापोर स्थित हीराबर्स से शुरू हुआ है। बुधवार को पहली बार 10 शिपमेंट का निर्यात किया गया था।
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल के सूत्रों के अनुसार, सूरत में हीराबर्स से हीरे का निर्यात शुरू करने के लिएजेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल द्वारा 20 अप्रैल से प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को इसमे सफलता मिली।
मुंबई तक सडक मार्ग के लिए भी प्रयास शुरू
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवाडिया ने कहा कि जीजेईपीसी सूरत से हांगकांग के लिए उड़ानों के कार्यक्रम के अनुसार सप्ताह में एक या दो बार निर्यात पार्सल स्थानांतरित करने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक शुल्क की कोशिश कर रहा था। जीजेईपीसी सूरत से मुंबई तक हीरे के पार्सल के अंतर-राज्य परिवहन के लिए जिला अधिकारी के साथ भी समन्वय कर रहा है।
सूरत के हीरा उधमियों को मिली राहत
उल्लेखनयीय है कि सूरत के हीरा उद्योगपतियों को सूरत हीराबर्स से हीरे का निर्यात शुरू किए जाने पर बड़ी राहत मिलेगी। अब तक, सूरत के हीरा उद्योगपतियों को हीरे के निर्यात के लिए मुंबई पर आधार रखना पड़ता था। कुछ हीरा उद्योगपतियों ने विशेष निर्यात के लिए भी वहां ऑफिस बनाइ है। आने वाले दिनों में सूरत से निर्यात बढ़ने की संभावना है।
– एसईजेड में छह इकाइयाँ शुरू
जीजेईपीसी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवाडिया ने कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्र की छह इकाइयां लॉकडाउन के समय शुरू की गई हैं और वहां हीरा उत्पादन शुरू हो गया है
लॉकडाउन ने कई हीरा श्रमिकों की नौकरी छीनी
एक ओर भले ही हीरा बूर्स से निर्यात शुरू हो जाने से ख़ुशी की खबर है लेकिन लॉकडाउन के कारण शहर में हीरा कारोबार बंद हो जाने से लाखों हीरा श्रमिक बेरोज़गार बन गए हैं। हीरा श्रमिकों के लिए यह बुरा दौर माना जा रहा है।