हीरा श्रमिकों का पलायन जारी, आर्थिक पैकेज की मांग

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हीरा उद्योग में कोरोना के कारण कुछ दिनों तक बंद रहने के बाद शुक्रवार से फिर से हीरा ऑफिस खुल गए, लेकिन जिस तरह से कतारगाम और वराछा में कोरोना के केस बढ रहे हैं उसे देखते हुए हीरा श्रमिकों को ड़र लग रहा है कि हीरा उद्योग शायद फिर से बंद हो सकता है। इसलिए हीरा उद्योग में से श्रमिकों का पलायन अभी भी जारी है।

इस बीच डायमंड वर्कर युनियन ने हीरा उद्योग में फैले कोरोना के लिए राज्य सरकार पर आरोप लगाए है। युनियन का कहना है कि उन्होने फरवरी महीने में ही सरकार को ज्ञापन देकर कोरोना की गंभीरता समझाने का प्रयास किया था, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई।

इसके बाद 18 मार्च को हमने हीरा श्रमिकों को एक महीने का वेतन देकर हीरा उद्योग में वेकेशन की मांग की थी, तब भी हमारी बात नहीं सुनी गई। हीरा उद्योग में हीरा श्रमिक पास पास बैठकर काम करते हैं इसलिए संक्रमण का भय ज्यादा है। अब कतारगाम और वराछा में कोरोना के केस बढ जाने के कारण हीरा श्रमिक परेशान हैं।

बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक वतन पलायन कर रहे हैं। एक तो पहले से ही कई हीरा उद्यमियों ने लॉकडाउन का वेतन नहीं देने से हीरा श्रमिक परेशान हैं। ऐसे में डायमंड वर्कर युनियन ने हीरा उद्योग में और गंभीर परिस्थिति का निर्माण हो इससे पहले हीरा श्रमिको के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि सूरत में शुक्रवार को एक बार फिर से हीरा कारोबार के ऑफिस तो खुल गए, लेकिन कोरोना के भय के कारण पहले दिन सिर्फ पचास प्रतिशत ऑफिस ही खुल सकी।

इसके अलावा बड़ी संख्या में हीरा श्रमिकों के पलायन के कारण भी हीरा श्रमिकों को आगामी दिनों में दिक्कत का सामना करना पडेगा। हीरा उदयोग में काम करने वाले श्रमिकों का पलायन अभी भी जारी है।

एक हीरा उद्यमी चंदू शेटा ने बताया कि लोगों के पास पैसे नहीं होने के कारण और कोरोना तेज़ी से बढ़ने के कारण वह डर गए है। उन्हें लगता है कि क्या पता फिर तब कारख़ाने बंद हो जाए इसलिए अभी भी बड़ी संख्या में श्रमिकों का पलायन जारी है।