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कोरोना रोग शायद ही किसी देश में नहीं हो। दुनिया के ज़्यादातर देश कोरोना के शिकार बन चुके है। ऐसे में कोरोना से रोकथाम के लिए कई देशो ने खोज शूरू कर दी है।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रेस ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि वैक्सीन के लिए प्रयास तो कई देश कर रहे है लेकिन लगभग 7-8 बड़े हैं, जिनसे उम्मीद की जा रही है। यह देश वैक्सीन बनाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं।
जिस तरह से वैक्सिन की जटिलता के बारे में पता चला था उसके कारण वैक्सीन की उपलब्धता का अनुमान दो महीने पहले 12 से 18 महीने था। लेकिन इसके बाद भी कोरोना की महामारी के इन कठिन समय में भी, तेजी से काम किया गया है। उम्मीद है की जल्दी परिणाम आएगा।
कई बड़े बड़े देश के नेताओं, संगठनों और बैंकों ने वायरस की खोज के लिए एक सप्ताह में लगभग 60,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है,” टोड्रो ने कहा। हालांकि, उन्होंने कहा कि टीकों की लागत को देखते हुए, राशि पर्याप्त नहीं है।
टेडरोस ने कहा कि वैक्सीन पर तेजी से काम करने के लिए अधिक धन की आवश्यकता होगी। एक बार टीका विकसित होने के बाद, इसे बड़े पैमाने पर उत्पादित करना होगा ताकि दुनिया के किसी भी हिस्से में कोई भी इससे वंचित न रहे।
उन्होंने कहा कि दुनिया का हर देश कोरोना से राहत पाना चाहता है इसलिए छोटे से बड़े देश अनुसंधान में जुट गए है।हमारे पास लगभग 100 वैक्सीन उम्मीदवार हैं, जिनमें से 7 या 8 से बेहतर परिणाम की उम्मीद की जा सकती है,” उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा।
हालांकि, टेड्रोस ने यह नहीं बताया कि शीर्ष वैक्सीन में कौन से देश शामिल थे। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ दुनिया भर के हजारों शोधकर्ताओं के साथ मिलकर मॉडल विकसित कर रहा है और परीक्षण तैयार कर रहा है।
टेड्रोस ने कहा कि वैक्सीन की खोज और डायग्नोस्टिक्स में 400 से अधिक वैज्ञानिकों की एक टीम भी सक्रिय है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि कोरोना एक बहुत खतरनाक वायरस है। 4 मिलियन से अधिक लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं और 275,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
टेड्रोस ने कहा कि महामारी ने पूरी दुनिया को एक दर्दनाक सबक सिखाया है। हमें एक मजबूत राष्ट्र के साथ अपनी स्वयं की स्वास्थ्य प्रणाली को ठीक करने की कितनी आवश्यकता है। इसके बारे में पता चला था।
अभी पिछले हफ्ते, इज़राइल और इटली ने कोरोना वायरस के लिए एक टीका विकसित करने में अपनी सफलता की बात की थी। अभी भी अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन को आने में कितना समय लगेगा।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण अब तक सबसे अधिक नुक़सान अमरीका को हुआ है। अमरीका में बड़ी संख्या में लोग मर चुके है। लाखो लोग संक्रमित है और वहा आर्थिक नुक़सान भी बड़ा हुआ है।