सूरत में रविवार को कोरोनावायरस 79 नए केस मिले। इसके अलावा दो लोगों की मौत हो गई। सूरत में अब तक कोरोनावायरस से मृतकों की संख्या 82 पर पहुंच चुकी है। अब तक 1337 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। मनपा कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने आज कोरोना की परिस्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सबसे ज्यादा मरीज कतारगाम क्षेत्र से आए हैं। जिनकी संख्या 17 है।
इसके बाद लिंबायत जॉन से 12 सेंट्रल जोन 9 और वराछा-बी जॉन से दो कोरोना के मरीज दर्ज हुए हैं। कमिश्नर ने बताया कि शहर में क्ल्स्टर जॉन में से सबसे अधिक कोरोना के मरीज आते हैं। कमिश्नर ने कहा कि लिंबायत जोन के सुभाष नगर, पर्वत पाटिया और मगोब में से बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज आ रहे हैं।
जबकि कतारगाम जोन में से कोसाड और अमरोली में से बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेंट्रल जोन में सलाबातपुरा और बेगमपुरा में से 1 महीने में से बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज आ रहे हैं। यहां पर कोरोनावायरस ट्रांसमिशन बहुत लोगों में जाने के कारण अभी भी बड़ी संख्या में लोग दर्ज हो रहे हैं।
कमिश्नर ने कहा कि यदि लोग मास्क पहन के और हांथ को बार-बार सैनिटाइजर करके रखें तो कोरोना लगने का भय घट जाता है। उन्होंने कहा कि क्ल्स्टर जोन से आने वाले लोगों से सावधानी रखनी चाहिए। अन्य राज्यों से आने वाले लोगों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग अन्य राज्यों से आते हैं उन्हें 14 दिन क्वारंटाइन में रखना चाहिए।
उपचार का बिल नहीं होने पर वृध्द को बेड से बांध दिया!
कहते है कि डॉक्टर भगवान का रूप होते है, लेकिन कभी कभी ऐसी घटनाएँ सामने आ जाती है कि मानवता शर्मसार हो जाती है। ऐसी ही एक धटना मध्यप्रदेश से सामने आ रही है।मध्यप्रदेश के एक होस्पिटल में बिल नहीं चुकाने वाले एक मरीज को होस्पिटल के स्टाफ ने बैंड के साथ बाँध दिया।
मध्यप्रदेश के शाहजहाँपुर में एक वृध्द को शारीरिक तकलीफ के चलते कुछ दिन पहले अस्पताल में दाखिल किया गया था।उसका उपचार हो जाने के बाद उसके पास बिल के रूपए नहीं थे। परिवारजनों ने डॉक्टर्स से समय माँगा।
इस दौरान पता नहीं किन्ही कारणों से होस्पिटल के स्टाफ ने वृध्द को बैड से बांध दिया। वृद्ध के परिवारजनों का आरोप है कि उनके बार-बार रोकने पर भी होस्पिटल का स्टाफ उनकी बात सुनने को तैयार नही था।
यह घटना देख रहे आसपास के मरीज़ों के परिवारजनों ने भी होस्पिटल के स्टाफ को समझाने का प्रयास किया। घटना पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी है। मध्यप्रदेश सरकार ने इस मामले की जाँच के आदेश दिए है।