सूरत
मेडिकल साइंस में ऐसे मामले कभी कभी ही सामने आते है। सोमवार एक ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में से पौने चार किलों की गाँठ निकली। इतनी बड़ी गाँठ देखकर खुद डाक्टर भी आश्चर्यचकित रह गए।
मिली जानकारी के अनुसार वराछा के सूरत डायमंड एसोसिएशन संचालित आरएसवीपी डायमंड होस्पिटल में सोमवार को पेट दर्द की शिकायत के कारण एक महिला दाखिल हुई। डॉक्टर्स ने उसकी जाँच की। मामले की गंभीरता को देखते हुए डाक्टर में इस महिला की सोनोग्राफी करवाई। सोनोग्राफी का रिपोर्ट देखकर डाक्टरों ने दांतों तले अंगुली दबा ली।
रिपोर्ट में महिला के पेट मे पौने चार किलों की गाँठ होने का खुलासा हुआ। इस पर डाक्टर्स ने तुरंत ही सर्जरी करने का फ़ैसला किया। सोमवार को महिला पर सर्जरी की गई। उसके पेट ले पौने चार किलों की गाँठ निकाली गई।गायनेक विभाग की डॉ.कृपाली जसानी तथा एनेस्थेटिक डॉ.आकाश त्रिवेदी सहित अन्य डॉक्टर्स की टीम ने सर्जरी की। मंगलवार को इस महिला को डिस्चार्ज किया गया। बताया जा रहा है कि इस गाँठ की साइज़ 20*22 थी।
देशवासियों को आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनना होगा। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनने की राह में हमें लोकल प्रोडक्ट्स को अपनाना होगा।लॉकडाउन के बारे मे उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का चौथा फेज नए रंग-रूप और नए नियमों वाला होगा।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में लोगों को कहा कि भारत के विकास में विश्व का विकास है। भारत का आत्मनिर्भर बनना सिर्फ़ भारत नहीं दुनिया के लिए भी विकास के लिए ज़रूरी है। भारत में होनेवाले परिवर्तन से दुनिया पर असर पड़ता है। भाषण के शुरू में उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा समय बीत गया है। इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दु:खद मृत्यु हुई है। भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं। मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
आज जब दुनिया संकट में है तो हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा, हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। साथियो! हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमने कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को देखने समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है, आत्मनिर्भर भारत। हमारे यहां शास्त्रों में भी यही कहा गया है। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है।मोदी ने कहा कहा कि भारत के लोग मुसीबत को मौक़े मे बदल लेते हैं।जब कोरोना आया तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति यह है कि भारत में ही हर रोज दो लाख पीपीई और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।