सूरत
यह तो ज़ाहिर है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी व्यापार की डगर सरल नहीं, लेकिन कपड़ा व्यापारियों के लिए आगे का सफ़र बड़ा ही मुश्किल नज़र आ रहे हैं । क्योंकि एक ओर जहाँ रिटर्न गुड्स बढ़ने की संभावना है ।वहीं दूसरी ओर पेमेंट पाना भी टेढ़ी खीर साबित होगा।
लग्नसरा और रमज़ान को ध्यान में रख की थी तैयारी
कपड़ा व्यापारियों ने लग्नसरा और रमज़ान आदि को ध्यान में रख के तैयारियां की थी । रिटेल व्यापारियों ने भी उनसे इन्हीं दिनों के लिए माल ख़रीदे थे लेकिन , लॉकडाउन के कारण लग्नलरा और रमज़ान का व्यापार चौपट हो चुका है ।वैसे में रिटेल व्यापारी जिन्होंने की माल ख़रीदा था। वह नहीं बिकने के कारण माल वापस भेज देंगे ऐसे चिंता व्यापारियों को सताने लगी है। क्योंकि कपड़ा व्यापार का दस्तूर पहले से ही ऐसा रहा है कि अन्य राज्यों के व्यापारी कपड़ा तो ख़रीद कर जाते हैं। लेकिन जब नहीं बिकता तो उसने वापस लौटा देते हैं ।
लग्नसरा तक ही है इन कपड़ों की डिमांड
कोरोना यदि जून तक समाप्त भी हो जाए तो भी उस समय इन कपड़ों की डिमांड कम हो जाती है ।ऐसे में अन्य राज्यों के व्यापारी नहीं ख़रीदा हुआ माल वापस न लौटा दें यह व्यापारियों की चिंता का विषय बना है । देश के हर मंडी में होलसेल कपड़ा व्यापारियों को यही चिंता सता रही है।
व्यापारी पर कई तरह के खर्च
इसके अलावा सबसे बड़ी चिंता पेमेंट को लेकर कपड़ा व्यापारी व्यक्त कर रहे हैं ।कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि लगनसरा का व्यापार पूरा ख़त्म हो गया है ।दूसरी ओर व्यापारियों पर कई ख़र्च पर लगे हुए हैं । बैंकों का व्याज, श्रमिकों का वेतन, बिजली ख़र्च आदि तमाम ख़र्च लगे हुए हैं ।ऐसे में मध्यम व्यापारी तो पतली हो गई है। लॉक डाउन खुलने के बाद भी तुरंत ही व्यापार नहीं शुरू जाएगा ।कम से कम 2 या तीन महीने का वक़्त लग जाएगा ।तब तक पेमेंट मिलना मुश्किल है ।
पेमेंट में हो सकती है दिक्कत!
मुज़फ़्फ़रपुर के कपड़ा व्यापारी रिषी कुमार ने बताया कि रिटेल व्यापार चौपट हो चुका है और कोरोना के कारण लग्नसरा और रमज़ान का व्यापार निकल चुका है। अब जिन व्यापारियों ने लग्नसरा और रमज़ान के लिए कपड़े ख़रीदे थे ।वह कपड़े भी वार्य भेज सकते है । क्योंकि उनकी डिमांड कम रह जाएगी ।इसके अलावा व्यापारियों के पार आमदनी नहीं है ।व्यापार शुरू होने के बाद व्यापारी अपने ज़रूरी काम करेंगे इसके बाद पैमेंट देने की सोचेंगे। इस कारण पेमेंट पर सवालिया निशान लग गया है।
पेमेंट मे होगा विलंब
फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री चंपालाल बोथरा ने कहा कि कोरोना के कारण चौपट व्यापार संभवत: दिवाली में शुरू होगा। इसके बाद जनवरी तक पेमेंट मिले ऐसी संभावना दिख रही है।
होना चाहिए नियम
लाखों का नुक़सान कर रहे कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह से हर चीज किसी नियम से जुड़ी है। वैसे ही कपड़ा व्यापार में रिटर्न गुड्स और पेमेंट के लिए भी नियम होना चाहिए। नहीं तो कपड़ा व्यापारियों को रिटर्न गुड्स का नुक़सान ही भारी पड़ेगा। साथ ही पेमेंट को लेकर भी नियम बनाना चाहिए। इसलिए कपड़ा बाज़ार से जुड़े संगठनों को आगे आ कर ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए।